विस्मयादिबोधक वाक्य के 20 उदाहरण

  1. विस्मयादिवाचक वाक्य
  2. विस्मयादिबोधक की परिभाषा, विस्मयादिबोधक के प्रकार और उदाहरण
  3. Mishr Vakya
  4. विस्मयादिबोधक की परिभाषा
  5. वाक्य और वाक्य के भेद
  6. विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण


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विस्मयादिवाचक वाक्य

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (फ़रवरी 2018) स्रोत खोजें: · · · · जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हो, उन्हें विस्मय बोधक वाक्य कहते हैं। उदाहरण [ ] • अरे! इतनी लम्बी रेलगाड़ी! • ओह! बड़ा जुल्म हुआ। • छिः! कितना गन्दा दृश्य। • शाबाश! बहुत अच्छे। व्याख्या उक्त वाक्यों में आश्चर्य (अरे), दुःख (ओह), घृणा (छिः), हर्ष (शाबाश) आदि भाव व्यक्त किए गए हैं अतः ये विस्मयादिबोधक वाक्य हैँ। विस्मय बोधक शब्द [ ] विस्म्यादिवाचक वाक्यों में किसी तीव्र भावना को जताने के लिए जो शब्द इस्तेमाल किये जाते हैं उन्हें विस्मय बोधक शब्द कहते हैं। उदाहरण:- • अरे! • अरे यार! • ओह! • छिः! • शाबाश! • ये क्या! • हाय! • हे भगवान! • काश! • अच्छा! • क्या! ठीक

विस्मयादिबोधक की परिभाषा, विस्मयादिबोधक के प्रकार और उदाहरण

दूसरे शब्दों में जो विस्मयादिबोधक शब्द के उदाहरण • अरे! • हाय! • शाबास! • शांत! • क्या! • वाह! वाह! • छी! छी! • बहुत अच्छा! • हा! हा! – आश्चर्य • बाय! विस्मयादिबोधक के प्रकार भावना व्यक्त करने के आधार पर विस्मयादिबोधक को मुख्यतः चार भागों में बांटा गया हैं। • शोक बोधक • तिरस्कार बोधक • स्वीकृति बोधक • विस्मयादिबोधक • संबोधन बोधक • हर्ष बोधक • भय बोधक • आशीर्वाद बोधक • अनुमोदन बोधक • विदास बोधक • विवशता बोधक 1. शोक बोधक ऐसे विस्मयादिबोधक शब्द जो शोक व्यक्त करें, उसे शोक बोधक विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। जहां जैसे :- हाय! यह क्या हो गया? उदाहरण :- • हे राम! ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता है! • बाप रे बाप! अब मेरा क्या होगा! • हाय! नाना जी चल बसे! • ओह! मैं ये सब नहीं कर सकता! 2. तिरस्कार बोधक जब वाक्यों मेंछि: ! , थू-थू , धिक्कार ! , हट ! , धिक् ! , धत ! , चुप ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो वे उदाहरण :- • छि:!कितनी गन्दी जगह है ये! • अगर तुम यह भी नहीं कर सके तो धिक्कार!है तुम पे! • चुप!लगता है कोई आ रहा है! 3. स्वीकृति बोधक जबअच्छा ! , ठीक ! , हाँ ! , जी हाँ ! , बहुत अच्छा ! , जी ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है , तो ये स्वीकृति बोधक के अंतर्गत आते हैं। इनसे हमें स्वीकृति की भावना का बोध होता है। अतः ये स्वीकृति बोधक कहलाते हैं। उदाहरण :- • अच्छा !फिर ठीक है। • तुम यही चाहते हो तो फिर ठीक! • जी हाँ!मैं ही वह बन्दा हूँ। 4. संबोधन बोधक जबहो !, अजी !, ओ !, रे !, री !, अरे !, अरी !, हैलो !, ऐ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे संबोधन बोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम किसी का संबोधन करते हैं। उदाहरण :- • अजी! सुनते हो। • अरे!ज़रा रुको तो सही। • हैलो !आप...

Mishr Vakya

Table of Contents • • • • • • • Mishr Vakya प्रयोग और संरचना के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं, जिनमें से एक मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) होता है. इस लेख में हम मिश्र वाक्य के बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे। अतः मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) को परीक्षा के दृष्टिकोण से समझने के लिए सम्पूर्ण लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें। Mishr Vakya मिश्र वाक्य की परिभाषा (Mishr Vakya Ki Paribhasha) जिस मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) कहते हैं। यदि मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होंगे। सभी मुहावरे एवं जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो / वह आदि योजक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। मिश्र वाक्य के उदाहरण (Mishr Vakya Ke Udaharan) • गांधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो, हिंसा मत करो। • रवि ने कहा कि वह मुंबई जा रहा है। • जिसकी लाठी उसकी भैंस। • यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे। • जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह सफल होता है। • महेंद्र ने कहा कि वह उदयपुर जा रहा है। • जैसी करनी वैसी भरनी। • नौकर ने कहा कि जिस दुकान में गया था, उसमें सामान नहीं मिला। • मैं चाहता हूँ कि वह निरोग रहे और विद्वान रहे। उपरोक्त मिश्र वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य है और दो आश्रित उपवाक्य हैं। इस वाक्य में ‘मैं चाहता हूँ’ प्रधान उपवाक्य है और ‘वह निरोग रहे’ और ‘विद्वान रहे’ आश्रित उपवाक्य हैं। अतः मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) में दो या दो से अधिक आश्रित उपवाक्य भी हो सकते हैं। • रवि ने कहा कि वह मुंबई जा रहा है। उपरोक्त वाक्य में ‘रवि ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है और ‘वह मुंबई जा र...

विस्मयादिबोधक की परिभाषा

जब किसी वाक्य में ह्रदय संबंधी भावों जैसे, आश्चर्य़, सुख, दुख, घृणा आदि को प्रधानता दी जाती है, तो वहां विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग होता है। इन वाक्यों के अंत में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग होता है। यह ह्रदय से निकले भावों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं। विस्मयादिबोधक के उदाहरण – Vismayadibodhak ke Udaharan • अरे! यहां से हट जाओ। • वाह! तुमने आज मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। • हाय! वह युद्ध में मारा गया। • हे राम! यह कैसे हो गया? • धिक्कार है मुझे तुम जैसे लोगों पर! विस्मयादिबोधक के भेद – Vismayadibodhak ke Bhed • शोकबोधक– जिन वाक्यों में शोक और दुख का बोध होता है, वहां शोकबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण- हे राम, बाप रे बाप, उफ, आह आदि। • हे राम! उसके साथ बहुत बुरा हुआ। • ओह! तुम्हें कितनी चोट आई है। • तिरस्कारबोधक– जब वाक्यों में तिरस्कार संबंधी भाव का बोध होता है। तब वहां तिरस्कारबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण- धिक्कार, छी-छी, चुप, थू-थू आदि। • धिक्कार है! मुझे तुम्हारी समझदारी पर। • छी-छी! कितनी गंदी जगह है। • स्वीकृतिबोधक– जब वाक्य में किसी प्रकार की स्वीकृति का बोध होता है, तब वहां स्वीकृतिबोधक शब्द होते हैं। उदाहरण – हां, ठीक है, अच्छा है, जी हां, बहुत अच्छा आदि। • बहुत अच्छे! तुमने प्रतियोगिता जीत ली है। • हां! राम ने बिल्कुल ठीक किया है। • विस्मयादिबोधक– जब वाक्य में विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग होता है, तो वह विस्मयादिबोधक शब्द कहलाते हैं। उदाहरण- ऐ, ओहो, वाह, क्या, अरे आदि। • ओह! तुम कितनी सुंदर हो। • क्या! वह परीक्षा में पास हो गया। • संबोधनबोधक – जब किसी वाक्य में संबोधनबोधक शब्द जैसे, अजी, ओ, रे, अरी आदि का प्रयोग होता है, तो वहां संबोधनबोधक शब...

वाक्य और वाक्य के भेद

Contents • 1 वाक्य • 2 वाक्य के भेद • 3 अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद • 3.1 १) विधान वाचक वाक्य • 3.2 २) निषेधवाचक वाक्य • 3.3 ३) प्रश्नवाचक वाक्य • 3.4 ४) विस्म्यादिवाचक वाक्य • 3.5 ५) आज्ञावाचक वाक्य • 3.6 ६) इच्छावाचक वाक्य • 3.7 ७) संकेतवाचक वाक्य • 3.8 ८) संदेहवाचक वाक्य • 4 रचना के आधार पर वाकय के भेद • 4.1 १) सरल वाक्य • 4.2 २) सयुंक्त वाक्य • 4.3 ३) मिश्रित वाक्य वाक्य शब्दों के एक सार्थक समूह जिससे वक्ता का भाव स्पष्ट हो जाए, उसे वाक्य कहते हैं। वाक्य के भेद १) अर्थ के आधार पर २) रचना के आधार पर अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते है – १) विधान वाचक वाक्य २) निषेधवाचक वाक्य ३) प्रश्नवाचक वाक्य ४) विस्म्यादिवाचक वाक्य ५) आज्ञावाचक वाक्य ६) इच्छावाचक वाक्य ७) संकेतवाचक वाक्य ८) संदेहवाचक वाक्य १) विधान वाचक वाक्य वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह वि‌‌धानवाचक वाक्य कहलाता है। १) राधा पढ़ती है। २) मेरा काम खत्म हो गया है। ३) मेरे पिता का नाम राजेश है। ४) सोहन की माता जी बीमार है। ५) भारत आज़ाद देश है। ६) राधिका खाना खा रही है। ७) मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है ८) आज बहुत ठंड है। ९) माता जी ने पूजा कर ली है। १०) गीता के पास पाँच रुपये है। २) निषेधवाचक वाक्य जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। १) मैं आज खाना नहीं खाऊंगा। २) वह आज स्कुल नहीं जायेगा। ३) रोहन मेरे साथ नहीं चलोगे। ४) मैंने दूध नहीं पिया। ५) उसने आज गृह कार्य नहीं किया। ६) पिता जी आज ऑफिस नहीं गए। ७) मोहन दीदी का कहना नहीं मानता है। ८) माली ने आज पौधों को पानी नहीं दिया। ९) पापा कल बाजार नहीं जायेंगे। १०) म...

विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर आप विस्मयादिबोधक अव्यय की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने संज्ञाकी पोस्ट शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े। चलिए आज हम विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं। विस्मयादिबोधक अव्यय क्या हैं वह उदाहरण :- • अरे!, • हाय!, • शाबाश!, • बहुत अच्छा!, • वाह! वाह!, • ओह!, • छी! छी!, • क्या! इत्यादि। विस्मयादि बोधक अव्यय के प्रकार विस्मयादिबोधक के कुल दस प्रकार होते हैं। • शोक बोधक • तिरस्कार बोधक • स्वीकृति बोधक • संबोधन बोधक • हर्ष बोधक • भय बोधक • आशीर्वाद बोधक • अनुमोदन बोधक • विदास बोधक • विवशता बोधक 1. शोक बोधक शोक बोधक से हमें शोक अर्थात दुख के प्रकट होने का बोध होता है। शोक बोधक अव्यय का प्रयोग दुख प्रकट करने के लिए किया जाता है। जैसे :- • हे राम! • बाप रे बाप! • ओह! • उफ़! • हां! इत्यादि। उदाहरण :- • हे राम! उनकी आत्मा को शांति देना! • बाप रे बाप! मैं तो मर ही जाऊंगा! • हाय! यह क्या हो गया! • ओह! मुझे अफसोस है! 2. तिरस्कार बोधक तिरस्कार बोधक से हमें तिरस्कार अर्थात किसी भी कार्य के लिए मना करने का बोध होता है। इनका प्रयोग वहां किया जाता है जहां तिरस्कार की भावना को प्रकट करना हो। जैसे :- • छि: ! • थू-थू • धिक्कार ! • हट ! • धिक् ! • धत ! • चुप ! उदाहरण :- • छि:! यह बहुत गंदा है! • अगर तुम यह भी नहीं कर सके तो धिक्कार! है तुम पर! • चुप! लगता है कोई आ रहा है! 3. स्वीकृति बोधक तिरस्कार बोधक के विपरीत स्वीकृति बोधक का उपयोग वहां किया जाता है जहां किसी भी चीज को स्वीकार करना हो अर्थात स्वीकृति बोधक स्वीकार की भावना प्रकट करते हैं। जैसे :- • अच्छा ! • ठीक ! • हाँ ! • जी हाँ ! •...