विवेकानंद रॉक मेमोरियल

  1. विवेकानन्द रॉक मेमोरियल
  2. कन्याकुमारी
  3. Vivekanand Rock Memorial Kanyakumari Hindi
  4. Vivekananda Rock Memorial In Hindi
  5. विवेकानंद रॉक मेमोरियल, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
  6. कन्याकुमारी का रॉक मेमोरियल, यहां स्वामी विवेकानंद ने की थी साधना
  7. विवेकानंद स्मारक के शिल्पी एकनाथ रानाडे
  8. know about vivekanand rock memorial kanyaumari
  9. विवेकानंद रॉक मेमोरियल से जुड़ी संपूर्ण जानकारी


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विवेकानन्द रॉक मेमोरियल

विवेकानन्द रॉक मेमोरियल • विवेकानंद के उस अनुभव का लाभ पूरे विश्व को हुआ, क्योंकि इसके कुछ समय बाद ही वे शिकागो सम्मेलन में भाग लेने गए थे। इस सम्मेलन में भाग लेकर उन्होंने • स्वामी विवेकानंद के अमर संदेशों को साकार रूप देने के लिए ही • स्मारक भवन का मुख्य द्वार अत्यंत सुंदर है। इसका वास्तुशिल्प • • भवन के अंदर चार फुट से ऊंचे प्लेटफॉर्म पर परिव्राजक संत पन्ने की प्रगति अवस्था वीथिका •

कन्याकुमारी

विवरण राज्य ज़िला भौगोलिक स्थिति 8° 4′ 40.8″ उत्तर, 77° 32′ 27.6″ पूर्व कब जाएँ यह एक समुद्र तटीय शहर है इसलिए तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन बस, टैक्सी, कार आदि क्या देखें कहाँ ठहरें होटल एवं धर्मशालाओं में ठहरा जा सकता है। एस.टी.डी. कोड 91-4651 और 91-4652 ए.टी.एम लगभग सभी पिन कोड 629 वाहन पंजीयन संख्या TN 74 और TN 75 अन्य जानकारी इस पवित्र स्थान को 'एलेक्जेंड्रिया ऑफ़ ईस्ट' की उपमा से विदेशी सैलानियों ने नवाज़ा है। बाहरी कड़ियाँ कन्याकुमारी ( अद्वितीय शहर कन्याकुमारी पौराणिक कथा कन्याकुमारी कुमारी की याद में ही दक्षिण भारत के इस स्थान को कन्याकुमारी कहा जाता है। माना जाता है कि शिव और कुमारी के विवाह की तैयारी का सामान आगे चलकर रंग बिरंगी रेत में परिवर्तित हो गया। प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल कुमारी अम्मन मंदिर सागर तट से कुछ दूरी पर मध्य में दो चट्टानें नज़र आती हैं। दक्षिण पूर्व में स्थित इन चट्टानों में से एक चट्टान पर विशाल प्रतिमा पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करती है। वह प्रतिमा प्रसिद्ध तमिल संत कवि नागराज मंदिर सुचिंद्रम से 8 किलोमीटर दूरी पर नागरकोविल शहर है। यह शहर नागराज मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का वैशिष्ट्य देखते ही बनता है। देखने में यह मंदिर सुचिन्द्रम यह त्रिमूर्ति वहां एक लिंग के रूप में विराजमान है। मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है। उस काल के कुछ शंकराचार्य मंदिर कन्याकुमारी में तीन समुद्रों- सूर्योदय और सूर्यास्त कन्याकुमारी अपने सूर्योदय के दृश्य के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है। सुबह हर होटल की छत पर पर्यटकों की भारी भीड़ सूरज की अगवानी के लिए जमा हो जाती है। शाम को सेंट जेवियर चर्च माना जाता है कि सर्कुलर फ़ोर्ट कन्याकुमारी...

Vivekanand Rock Memorial Kanyakumari Hindi

Vivekanand Rock Memorial Kanyakumari Hindi : विवेकानंद रॉक मेमोरियल हिन्द महासागर में कन्याकुमारी के मुख्य भूमि के अंतिम पॉइंट से लगभग 500 मीटर के दूरी पर समुद्र के अंदर स्वामी विवेकानंद को समर्पित मेमोरियल है जो भारत के सबसे प्रसिद्द टूरिस्ट प्लेसेस में से एक है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नमूना है। यह मेमोरियल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से भी एक बेजोड़ आकर्षण है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल आधुनिक वास्तु का भी एक उदहारण है। इसे चमत्कार ही कहा जाये तो कुछ ज्यादा न होगा ! महान संत, महान वक्ता, महान ज्ञानी और देशभक्त स्वामी विवेकानंद को समर्पित यह रॉक मेमोरियल उसी चट्टान पर बना है जहाँ पर खुद स्वामी विवेकानंद ने कुछ दिन बिताये थे और ध्यान लगाया था। Table of Contents • • • • • • • • • • विवेकानंद रॉक मेमोरियल कब बना ? Vivekanand Rock Memorial Kanyakumari Hindi विवेकानंद रॉक मेमोरियल का उद्घाटन सन 1970 में किया गया था। दरअसल इस मेमोरियल के निर्माण के लिए सबसे पहले सन 1962 में प्रस्ताव किया गया था। राजनीतिक और क्षेत्रीय अवरोधों को पार करने के बाद वास्तुकला का यह अद्भुत उदहारण 1970 में एक मेमोरियल के रूप में स्थापित हुआ। स्वामी विवेकानंद को समर्पित विवेकानंद रॉक मेमोरियल | Vivekanand Rock Memorial Kanyakumari Hindi स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन 1863 को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनका परिवार कोलकाता का समृद्ध परिवार था और वह अपने नौ भाई बहनों में सबसे बड़े थे। बचपन में उनका नाम नरेंद्र दत्त था। बचपन से ही नरेन्द्रदत्त प्रतिभाशाली और तार्किक रहे। सामाजिक नियमों को ज्यों का त्यों मान लेना उन्हें स्वीकार नहीं था। वह हर सामाजिक नियम के पीछे छिपे ...

Vivekananda Rock Memorial In Hindi

नमस्कार दोस्तों Vivekananda Rock Memorial In Hindi में आपका स्वागत है। आज हम कन्याकुमारी का मुख्य पर्यटन स्थल विवेकानन्द स्मारक शिला यानि विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की जानकारी बताने वाले है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल वैसे तो कन्याकुमारी का एक छोटा सा द्वीप है। उसकी पृष्ठभूमि में सुरम्य हिंद महासागर है। यह लक्षद्वीप सागर से निकलने वाली दो आसन्न चट्टानों में से एक पर स्थित है। उसमे श्रीपाद मंडपम और विवेकानंद मंडपम शामिल हैं। विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी में वावथुरई की भूमि के पूर्व में 500 मीटर दूर स्थित है। वहाँ जाने के लिए कुछ घाटों का उपयोग किया जाता है। विवेकानंद को ज्ञान की प्राप्ति हुई वही स्थान पर प्रतिमा का निर्माण 1970 में वावथुरई में किया गया था। श्रीपाद मंडपम में एक अध्ययन कक्ष और एक संग्रहालय है। जहां आप विवेकानंद के जीवन और कार्यों को गहराई से देख सकते हैं। ध्यान करने के लिए आगंतुकों के लिए ध्यान कक्ष के रूप में कार्य करता है। और यहां की वास्तुकला की शैली विशिष्ट है। किंवदंतियों के मुताबिक देवी कुमारी ने यह चट्टान पर तपस्या की थी। 1962 के जनवरी में यहाँ स्वामीजी को समर्पित एक स्मारक उनकी जन्म शताब्दी के लक्ष्य में बनाया गया था। हिंदेव सेवा संघ के अध्यक्ष श्री वेलुयुधन ने उसका नेतृत्व किया और उसी के लिए एक समिति बनाई गई थी। श्री राम कृष्ण मिशन की अध्यक्षता में एक बैठक हुई और सभी ने स्मारक बनाने की पुष्टि की थी। कुछ शुरुआती कमियों पर काबू करने के पश्यात यहाँ स्मारक की अद्भुत प्रतिमा बनाने की आखिरकार मंजूरी दे दी गई थी। उसके अलावा स्थानीय लोगों के लिए विवेकानंद की चट्टान का धार्मिक महत्व भी है। मान्यता के मुताबिक यहाँ देवी कुमारी ने तपस्या करते हुए चट्टान को आशीर्व...

विवेकानंद रॉक मेमोरियल, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

विवेकानंद जी में ज्ञान की साधना बेहद गहरी थी। वे रामकृष्ण परमहंस के सच्चे भक्त थे। उन्होनें अपनी रचनाओं का प्रभाव पूरे देश में डाला, उनके महान कामों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है, वह हमारे दिल में हमेशा जिंदा रहे, इसलिए उनकी याद में विवेकानंद रॉक मेमोरियल की स्थापना की गई है। जो कि तमिलनाडु के कन्यापुरी शहर में वावाथुरई में स्थित मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां का मुख्य आर्कषण का केन्द्र है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। विवेकानन्द रॉक मेमोरियल परिसर के अन्दर विवेकानन्द की प्रतिमा बनी हुई हैं, जो कि यहां आने वाले पर्यटकों को ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती है। यह भव्य स्मृति स्थल कन्याकुमारी के समुद्र में जिस चट्टान पर स्थित है उससे भी विवेकानंद जी का गहरा नाता है जिसके बारे में हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताएंगे तो आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद पर समर्पित विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में – विवेकानंद रॉक मेमोरियल, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Vivekananda Rock Memorial विवेकानंद रॉक मेमोरियल की बनावट और निर्माण – Vivekananda Rock Memorial Architecture यह भव्य स्मृति भवन समुद्रतल से 17 मीटर की ऊंचाई पर एक पत्थर के टापू की चोटी पर स्थित है। इसके साथ ही लाल रंग के पत्थर से निर्मित स्मारक पर 70 फुट ऊंचा गुम्बद है, जो कि समुद्र के अंदर दूर से ही दिखाई देता है। वहीं सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यह बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। आपको बता दें कि यह स्थान 6 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह स्मारक 2 पत्थरों के शीर्ष पर स्थित है और मुख्य द्वीप से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। आपको बता दें कि इस भव्य स्मारक की स्थापना में एकनाथ रामकृष्ण रानाडे की भूमिका काफी...

कन्याकुमारी का रॉक मेमोरियल, यहां स्वामी विवेकानंद ने की थी साधना

जीवन मंत्र डेस्क. विवेकानंद रॉक मेमोरियल तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर में स्थित प्रसिद्ध स्थल है। सन 1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आए थे। एक दिन वे तैरकर इस विशाल शिला पर पहुंच गए। इस सुनसान स्थान पर साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन मिला था। यहां बहुत ही सुंदर मंदिर के रूप में विवेकानंद स्मारक भवन बनाया गया है। विवेकानंद जयंती पर बहुत से लोग यहां आते हैं। इस बार स्वामी विवेकानंद जयंती रविवार 12 जनवरी को है। जानते हैं स्वामी विवेकानंद से जुड़ी इस जगह की खास बातें। शिला पर मिला जीवन लक्ष्य और मार्गदर्शन वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि 1893 में विश्व धर्म सभा में शामिल होने से पहले विवेकानंद कन्याकुमारी आए थे। एक दिन वे तैरकर इस विशाल शिला पर पहुंच गए। इस निर्जन स्थान पर साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति हेतु मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ था। सूर्य और चंद्रमा दिखाई देते हैं आमने-सामने स्वामी विवेकानंद के संदेशों को साकार रूप देने के लिए ही 1970 में उस विशाल शिला पर एक भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया। भारत ही नहीं पूरी दुनिया से लोग समुद्र की लहरों से घिरी इस विरासत को देखने के लिए अाते हैं। अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एकसाथ एक ही क्षितिज पर आमने-सामने दिखाई देते हैं। इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजन्ता तथा एलोरा गुफा मन्दिरों के समान है जबकि इसका मण्डपम बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मन्दिर के समान है। 70 फीट ऊंचा गुंबद यह विवेकानंद स्मारक भवन बहुत ही सुंदर मंदिर के रूप में बनाया गया है...

विवेकानंद स्मारक के शिल्पी एकनाथ रानाडे

राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।। विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।। प्रभु श्रीराम के कृतित्व हेतु हनुमान जी का जो महत्त्व था वही महत्त्व स्वामी विवेकानंद के कृतित्व को प्रस्तुत करने हेतु एकनाथ जी रानाडे का रहा है. यद्दपि भगवान् श्रीराम व राम भक्त हनुमान जी समकालिक रहे हैं व एकनाथ जी का जन्म ही स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु के बारह वर्षों पश्चात हुआ था, तथापि, यह अकाट्य सत्य है कि जिस भांति भक्त हनुमान के बिना श्रीराम को सिद्ध नहीं किया जा सकता उसी भांति एकनाथ जी रानाडे के बिना स्वामी विवेकानंद जी को सिद्ध नहीं किया जा सकता. श्रीराम भक्त हनुमान से एकनाथ जी की तुलना का एक कारण यह भी है कि इन दोनों के ही जीवन के सर्वश्रेष्ठ कृतित्व का केंद्र सुदूर दक्षिण भारत स्थित समुद्र तट ही रहा. इस समुद्र तट पर जहां श्रीराम भक्त हनुमान ने समुद्र पार कर माँ सीता को श्रीराम की अंगूठी दिखाकर आश्वस्त किया और फिर रामसेतु बनाया वहीं एकनाथ जी रानाडे ने इसी समुद्र के मध्य विवेकानंद शिला के असंभव कार्य को संभव करके स्वामी विवेकानंद के विचार, कृतित्व, व जीवन चरित्र को विश्व के सम्मुख प्रस्तुत किया. यूं तो एकनाथ जी ने विवेकानंद स्मारक का भौतिक, स्थूल व साकार निर्माण कार्य कराया है किंतु जो लोग विवेकानंद शिला पर गयें हैं व वहां जाकर जिन्होंने कुछ समय ध्यान लगाया है केवल वे ही व्यक्त कर सकते हैं कि इस विशालकाय स्थूल निर्माण की पृष्ठभूमि में आध्यात्मिकता का सम्पूर्ण समुद्र अपनी लहरों से ध्यानस्थ व्यक्ति को स्वर्गिक अनुभव करा देता है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्पित, मूर्धन्य, एकनिष्ठ व श्रमसाध्य कार्यकर्ता एकनाथ जी का जन्म 19 नवम्बर 1914 को महाराष्ट्र के अमरावती में ह...

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स्वामी विवेकानंद बेलूर मठ के पुजारी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. जहां स्वामी विवेकानंद मूर्ति पूजा का विरोध करते थे. वहीं रामकृष्ण परमहंस मां काली के उपासक थे. रामकृष्णजी ने विवेकानंद के जीवन पर काफी गहरा प्रभाव डाला था. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी स्वामी विवेकानंद के विचारों का काफी प्रभाव रहा है.

विवेकानंद रॉक मेमोरियल से जुड़ी संपूर्ण जानकारी

हेलो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। विवेकानंद रॉक मेमोरियल भारत के सबसे दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी के एक मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। वैसे तो कन्याकुमारी एक छोटा सा दीप है, लेकिन यहां से दिखने वाला दृश्य इतना आकर्षक होता है कि लोग यहां पर काफी अधिक संख्या में भारत के अलग – अलग क्षेत्रों से घूमने के लिए आया करते हैं। अगर आप भी विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आपको विवेकानंद रॉक मेमोरियल से सभी जुड़ी जानकारी प्राप्त हो सके – विषय - सूची • • • • • • • विवेकानंद रॉक मेमोरियल के बारे में – About Vivekananda Rock Memorial in Hindi. विवेकानंद रॉक मेमोरियल भारत देश के सबसे दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी में समुद्री तट से घिरा हुआ है। रॉक मेमोरियल के बारे में बताया जाता है यहीं पर स्वामी विवेकानंद 1892 ईसवी में आए थे और यहां पर उन्होंने साधना भी किया था जिसके उपरांत उन्हें लक्ष्य की प्राप्ति हुई थी। इस विवेकानंद रॉक मेमोरियल को विजिट करने लोग काफी अधिक संख्या में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से आया करते हैं। इस रॉक मेमोरियल से जुड़ी पूरी जानकारी स्टेप बाय स्टेप नीचे दी गई है कृपया आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको रॉक मेमोरियल से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त हो सके। तो चलिए अब हम अपने आर्टिकल में आगे जानकारी की ओर बढ़ते हैं – विवेकानंद रॉक मेमोरियल का इतिहास – History of Vivekananda Rock Memorial in Hindi. विवेकानंद रॉक मेमोरियल भारत के सबसे दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी में एक स्मारक और लोकप्रिय पर्यटन स्थल के ...