वलीमा क्या होता है

  1. Walima Importance after Niqah, Quran, hadees, Prophet Muhammad
  2. शब्द और पद क्या होते हैं?
  3. हिंदू लड़की ने मुस्लिम से शादी की, वलीमा का कार्ड देखने के बाद मां
  4. जानिये क्या है वात
  5. जानिए अनुस्वार क्या है और अनुनासिक शब्द कौन कौन से हैं
  6. पैरोल क्या होती है


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Walima Importance after Niqah, Quran, hadees, Prophet Muhammad

Niqah In Islam: इस्लाम (Islam) में निकाह (Niqah) करने को सुन्नत माना गया है. इसके अलावा वलीमा (Walima) करना भी सुन्नत है. वलीमे का अर्थ शादी के दिन रिश्तेदारों और करीबियों को दावत देना, उन्हें खाना खिलाना है. वलीमा अरबी का शब्द है. इस्लाम मजहब में शादी की दो अहम अरकान हैं. इसमें पहला निकाह और दूसरा वलीमा है. अल्लाह के रसूल (सल्ल0) ने भी अपनी शादी के अवसर पर वलीमा किया था. जान लें कि वलीमे का मकसद खास है. वलीमा करने से शादी के बारे में दूसरें लोगों को जानकारी मिलती है. दोस्त-रिश्तेदार आपके साथ इस खुशी में शामिल होते हैं. ऐसा करने लोगों के आपसी रिश्ते अच्छे होते हैं. वलीमे के मौके पर आपके दोस्त-रिश्तेदार एक पास जमा होते हैं. ऐसे में दूसरों की शादियों के भी मौके बनते हैं. आइए जानते हैं कि हदीस में वालीमा के बारे में क्या बताया गया है. इस्लाम मजहब के मुताबिक, आपको जब भी वलीमे की दावत मिले तो उसको जरूर कबूल करें. वलीमे में शामिल होने की कोशिश करें. अगर आप किसी के वलीमे में जाते हैं तो उसको भी अपने वलीमे बुलाना चाहिए. ऐसा करने से रिश्तेदारों से संबंध अच्छे होंगे. वलीमे पर क्या है हदीस? अल्लाह के रसूल (सल्ल0) को जब मालूम हुआ कि हजरत अब्दुल्लाह-बिन-औफ (रजि0) ने निकाह किया है तो आप (सल्ल0) ने फरमाया कि अल्लाह तुम्हें बरकत दे, एक बकरे ही से सही, लेकिन तुम वलीमा जरूर करो. (हदीस-मुस्लिम) वलीमे में ऐसी दुआ देना है सुन्नत

शब्द और पद क्या होते हैं?

एक से अधिक वर्णों के मिलने से बने सार्थक वर्ण-समूह जो बनता है वह शब्द कहलाता हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाता है कि शब्द वर्णों के मेल से बनते हैं। Shabd Aur Pad के बारे में छोटी कक्षा से ही पढ़ाया जाता है क्योंकि यह हिन्दी व्याकरणका महत्वपूर्ण टॉपिक है। तो आइए जानते हैं शब्द और पद के बारे में विस्तार से इस ब्लॉग में। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • शब्द किसे कहते हैं? शब्द मात्राओं और वर्णों के मेल से बनते हैं। शब्द सार्थक वर्ण-समूह या अक्षर-समूह होते हैं। शब्द स्वतन्त्र रूप में प्रयुक्त होते हैं। वर्णों का वही समूह शब्द कहलाता है, जिसका प्रयोग स्वतन्त्र रूप से होता है। • क + ल + म = कलम • क + म + ल = कमल • ब + ा + ल + क = बालक • म + ा + त + ा = माता जब आप एक से अधिक वर्णों को मिलाकर कोई शब्द बनाते हैं, तो आवश्यक नहीं कि उसे शब्द कहा जाए वह एक सार्थक अर्थात् अर्थपूर्ण शब्द होना चाहिए तभी उसे शब्द की परिभाषा दी जा सकती है। पद किसे कहते हैं? जब किसी सार्थक शब्द का प्रयोग वाक्य में होता है तो उसे पद कहते हैं। सरल भाषा में समझे तो काल, वचन और लिंग आदि के वर्णो को पद कहा जाता है। कारक, वचन, लिंग, पुरुष इत्यादि में बँधकर शब्द ‘पद’ बन जाता है। • राम आम खाता है – इस वाक्य में तीन अलग-अलग पद है , जैसे – राम, आम और खाता • सीता गाती है। • ईश्वर रक्षा करें। ऊपर दिए गए उदाहरण में ‘सीता’ और ‘ईश्वर’ शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर पद में परिवर्तन हो जाते हैं। शब्दों के भेद हिंदी में जिन शब्दों का प्रयोग होता है उनके स्रोत अलग अलग हैं, • संस्कृत • उर्दू • अंग्रेज़ी आदि से आए शब्दों के वजह से रूप बदल गया है। शब्दों के भेद निम्नलिखित आधार पर किए जाते हैं- • उत्पत्ति के आधार पर शब्दो...

हिंदू लड़की ने मुस्लिम से शादी की, वलीमा का कार्ड देखने के बाद मां

मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक लड़की के घर वालों ने जिंदा रहते उसका पिंडदान कर दिया. (Jabalpur girl last rites after marriage) उसके नाम पर मृत्यु-भोज भी करवाया. लड़की के माता-पिता का कहना है कि लड़की ने मुस्लिम लड़के से शादी करके उनके साथ धोखा किया है. लड़का-लड़की ने कानूनी तौर पर शादी की. बाद में लड़के के घर वालों ने मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार निकाह और फिर वलीमा की दावत दी. वलीमा के इनविटेशन कार्ड में लड़की का नाम बदलकर उजमा फातिमा रखा गया है. कार्ड की तस्वीर वायरल होने के बाद लड़की के परिवार और हिंदू संगठनों ने धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी थी. हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि दोनों परिवारों की जानकारी में ही शादी हुई है. क्या है पूरा मामला? बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर तीन कागज घूम रहे हैं. पहला है- जबलपुर के मैरिज ऑफिसर की तरफ से जारी किया गया एक मैरिज सर्टिफिकेट. दूसरा कागज है- दावते-वलीमा का इनविटेशन कार्ड. और तीसरा है- एक शोक संदेश. जिसमें मृत्युभोज और पिंडदान की बात लिखी है. ये तीनों कागज इंडिया टुडे को भी मिले हैं. क्रोनोलॉजी के हिसाब से सारा मामला समझिए. जबलपुर के विवाह अधिकारी विमलेश सिंह की तरफ से जारी मैरिज सर्टिफिकेट के मुताबिक, 4 जनवरी, 2023 को 22 साल की अनामिका दुबे की शादी, स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मोहम्मद अयाज से हुई. अयाज की उम्र 25 साल है. अनामिका जबलपुर में कुदवारी कॉलोनी के रहने वाले चंद्रिका प्रसाद दुबे की बेटी हैं. जबकि अयाज के पिता का नाम अब्दुल अब्बास है. वो ग्वालियर के मक्कानगर इलाके के रहने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनामिका ने बीकॉम किया है. जबकि अयाज ने हाईस्कूल के बाद इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में ITI का डिप्लोमा लिया ह...

जानिये क्या है वात

जब भी आप बीमार पड़ते हैं तो कुछ दवाइयां खाकर जल्दी से राहत पा लेते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद आप फिर उसी बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं। असल में कई ऐसे रोग होते हैं जिन्हें अगर जड़ से खत्म ना किया जाए तो वे बार-बार आपको परेशान करते हैं। आज की हमारी चिकित्सा प्रणाली रोग को जड़ से खत्म करने की बजाय उसके लक्षणों से तुरंत आराम दिलाने में ज्यादा कारगर है। यही वजह है कि अब लोगों का रुझान आयुर्वेद की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है। आयुर्वेद की मदद से आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। प्राचीन काल से ही मनुष्य रोगों को दूर करने की कोशिशें करता रहा है। उस समय ऋषि मुनियों ने जड़ी बूटी और सही जीवनशैली के आधार पर चिकित्सा प्रणाली विकसित की जिसे आयुर्वेद का नाम दिया गया। आयुर्वेद शब्द का मतलब है : आयुष + वेद, अर्थात इस शब्द का अर्थ हुआ : जीवन का विज्ञान। साधारण शब्दों में कहें तो जीवन को ठीक तरह से जीने का विज्ञान ही आयुर्वेद है। आयुर्वेद की मूल रचना संस्कृत में होने के कारण लोगों को आयुर्वेद के मूल नियमों को समझने में काफी मुश्किलें आती हैं। आयुर्वेदिक पद्धति से जुड़े दोष, गुण, रस और प्रकृति जैसे शब्दों को लोग जानते तो हैं लेकिन असल में इन शब्दों के सही मायने समझ नहीं पाते हैं। इसलिए हमारा यह प्रयास है कि हम आपको अपने लेखों के जरिये आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों को ठीक से समझा सकें और इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकें। आयुर्वेदिक पद्धति में इलाज के दौरान चिकित्सक सिर्फ़ रोग के लक्षणों को ही नहीं देखता बल्कि आपके मन, प्रकृति, दोषों (वात-पित्त-कफ) और धातुओं की स्थिति को भी ध्यान में रखता है। यही वजह है कि एक ही रोग से पीड़ित होने के बावजूद भी अलग-अलग मरीजों की प्रकृति और दोष के अनुसार उनकी दवाइय...

जानिए अनुस्वार क्या है और अनुनासिक शब्द कौन कौन से हैं

This Blog Includes: • • • • • • • • • • • अनुस्वार की परिभाषा अनुस्वार का अर्थ होता है, स्वर के बाद आने वाला। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो स्वर के बाद आने वाला व्यंजन अनुस्वार कहलाता है। अनुस्वार की ध्वनि नाक से निकलती है। हिंदी भाषा के अनुसार अनुस्वार का प्रयोग चिन्ह बिंदु (ं)के रूप में अलग-अलग जगह पर प्रयोग किया जाता है। अन्य शब्दों में समझें तो अनुस्वारएक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इसको कभी-कभी ‘म’ अक्षर द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। अनुस्वार के उदाहरण Anuswar in Hindi के उदाहरण इस प्रकार हैं: • पंख • गंदा • तिरंगा • अंदर • मंत्र • बांग्ला • चंदन • लंबे • पंजाब • भंडारा • पलंग • अंडा • पंडित • संजय • संगीता • संतरा • संतोष • संदेश • अंगूर • मंगल • मंजन • फिरंगी • मनोरंजन • नारंगी • घंटी अनुस्वार का प्रयोग अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म ये पंचाक्षर कहलाए जाते हैं) के जगह पर किया जाता है। • गङ्गा = गंगा • चञ्चल = चंचल • डण्डा = डंडा • गन्दा = गंदा • कम्पन = कंपन अब हम यह बात तो जान गए हैं कि अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म) के स्थान पर किया जाता है। • परन्तु ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि प्रत्येक पंचाक्षर के स्थान पर (ं) अनुस्वार का प्रयोग एक समान है। • ऐसे में हमें इस बात का कैसे पता चले कि कौन सा अनुस्वार (ं) किस पंचाक्षर का उच्चारण कर रहा है? यह भी पढ़ें : संपूर्ण हिंदी व्याकरण सीखें अनुस्वार को पंचाक्षर में बदलने का नियम Anuswar in Hindi के चिह्न के प्रयोग के बाद आने वाला वर्ण जिस वर्ग का होगा अनुस्वार का चिह्न उसी वर्ग के पंचम-वर्ण का स्थान लगे...

पैरोल क्या होती है

पैरोल क्या होती है ? पैरोल का अर्थ है, किसी अपराधी द्वारा खुद के द्वारा किये गए किसी गुनाह की सजा का जेल में एक बड़ा भाग काटने के बाद, अच्छे आचरण की वजह उसे जेल से अस्थायी रूप से लिए मुक्त किया जाना। यह समय एक निश्चित अवधि के लिए होता है, जिसे कुछ समय के लिए कोर्ट में एक एप्लीकेशन दे कर इसकी अवधि को आगे और लम्बा भी किया जा सकता है, पैरोल किसी भी तरह के अपराधी को मिल सकती है, अगर कोर्ट में केस चल रहा है, तो सिर्फ वह कोर्ट में अपील करने पर ऊपर की कोर्ट ही पैरोल दे सकती है, लेकिन अगर अभियुकत को सजा मिल चुकि है, तो प्रशासन व जेल अध्यछ भी पेरोल दे सकते हैं। पैरोल मिलन जितना कठिन है, उससे कहीं ज्यादा कठिन है, पैरोल और इसके नियम व शर्तों का पालन करना। अपनी कानूनी समस्या के लिए वकील से बात करें पैरोल कितने प्रकार की होती है? भारत की न्याय व्यवस्था में मुख्य रूप से दो प्रकार की पैरोल का वर्णन किया गया है • कस्टडी पैरोल • रेगुलर पैरोल कस्टडी पैरोल क्या होती है? कस्टडी पैरोल वह होती है, जिसके अंतर्गत दोषी अथवा अपराधी को किसी विशेष स्थिति में जेल से बाहर लाया जाता है, और उस समय वह पुलिस कस्टडी में ही रहता है। पुलिस का सुरक्षा घेरा उसके साथ होता है, जिससे कि वह फरार ना हो सकेI इस प्रकार की पैरोल अपराधी को तब दी जाती है, जब किसी ख़ास रिश्तेदार की उसके परिवार में मौत हो जाती है, या फिर उसके परिवार में किसी विशेष व्यक्ति की शादी होती है। उसके परिवार में यदि कोई बीमार होता है, या फिर कोई भी ऐसी परिस्थिति जो कि अपराधी के लिए बहुत आवश्यक है, तो उस अपराधी को पैरोल पर कुछ घंटों के लिए बाहर लाया जाता हैI कस्टडी पैरोल अधिकतम 6 घंटों के लिए होती हैI कस्टडी पैरोल के लिए जेल सुपरिंटेंडेंट के पास आवे...