Vriddhi sandhi kise kahate hain

  1. संधि किसे कहते हैं, संधि के भेद, स्वर संधि, विसर्ग संधि, व्यंजन संधि
  2. संधि की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  3. वृद्धि संधि


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संधि किसे कहते हैं, संधि के भेद, स्वर संधि, विसर्ग संधि, व्यंजन संधि

आज हम संधि किसे कहते हैं यह कितने प्रकार की होता है इसके बारे में जानेंगे. गुण संधि किसे कहते हैं. संधि किसे कहते हैं class 8. संधि किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए. विसर्ग संधि किसे कहते हैं. good sandhi kise kahate hain. swar sandhi kise kahate hain. vriddhi sandhi kise kahate hain इन सभी सभी सवालों के जवाब आपको यहाँ दिए गए हैं तो कृपया अंत तक पढ़े. हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करें ताकि उन्हें भी कुछ सिखने को मिले. संधि किसे कहते हैं संधि –“दो या दो से अधिक अक्षरों के एक-दूसरे के निकट आने (मेल) की क्रिया से जो विकार होता है, उसे संधि कहते हैं।” दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है “निकटतम ध्वनियों के मध्य होने वाले मेल तथा उससे जो विकार होता है, वही संधि है।” • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि किसे कहते हैं जब एक शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर दूसरे शब्द अथवा रूपिम् के अन्य स्वर से मिलते हैं, तब स्वर संधि होती है। स्वर सन्धि के 5 भेद होते हैं – • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्ध संधि • यण् संधि • अयादि संधि व्यंजन संधि किसे कहते हैं परिभाषा– व्यंजन के स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पन्न मिलावट को व्यंजन संधि कहते हैं। व्यंजन सन्धि की एक अन्य परिभाषा यह भी हो सकती है कि “ व्यंजन के बाद यदि किसी व्यंजन सन्धि कहते हैं।” विसर्ग संधि किसे कहते हैं परिभाषा– व्यंजन वर्ण के स्वर अथवा व्यंजन’ वर्ण से मेल के कारण होने वाले विकार को विसर्ग संधि कहते हैं।” विसर्ग सन्धि को इस तरह भी परिभाषित किया जा सकता है, “विसर्ग के बाद किसी स्वर अथवा व्यंजन के आने से विसर्ग में जो परिवर्तन होता है वह विसर्ग सन्धि कहलाता है। • जीन क्या होते हैं (Gene mea...

संधि की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

Image: Sandhi Kise Kahate Hain आगे इस लेख में हम आपको संधि किसे कहते हैं, संधि की परिभाषा (sandhi ki paribhasha), संधि कितने प्रकार के होती हैं (sandhi ke bhed) एवं संधि के उदाहरण बताने वाले हैं। यदि आप आगे चलकर हिंदी भाषा में साहित्यकार बनना चाहते हैं या हिंदी भाषा में माहिर होना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है। इसीलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sandhi Kise Kahate Hain संधि का अर्थ मेल होता है। जब दो वर्ण या दो अक्षर एक दूसरे से मिलते हैं तो उनके रूप एवं उच्चारण में होने वाले परिवर्तन को ही संधि कहा जाता है। जब दो वर्ण एक दूसरे से मिलते हैं तो होने वाले विकार ही संधि कहलाती हैं और इससे बनने वाले शब्द का उच्चारण भी बदल जाता है। इस तरह एक ही वाग्धारा में उच्चारित दो समीपस्थ ध्वनियों के परस्पर सन्धि कहलाता है। संधि के उदाहरण • चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय • कृपा + आकांक्षी = कृपाकांक्षी • सूर्य + उदय = सूर्योदय • लोक + कल्याण = लोकल्याण • देव + ऋषि = देवर्षि • वधू + आगमन = वध्वागमन • महा + देव = महादेव • मान + चित्र = मानचित्र • सौभाग्य + आकांक्षिणी = सौभाग्याकांक्षिणी • परम + ईश्वर = परमेश्वर • ज्ञान + उदय = ज्ञानोदय • आत्मा + आनंद = आत्मानंद • छाया + चित्र = छायाचित्र • स + अवधान = सावधान उपरोक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि प्रत्येक उदाहरण में प्रथम शब्द का अंतिम उच्चारण एवं दूसरे शब्द का प्रथम उच्चारण जब एक दूसरे से मिलते हैं तो बनने वाले संपूर्ण शब्द के उच्चारण में थोड़ा सा परिवर्तन आ जाता है। जैसे चिकित्सा का अर्थ होता है इलाज करना और आलय का अर्थ होता है घर या जगह। लेकिन जब यह दो शब्...

वृद्धि संधि

वृद्धि संधि वृद्धि संधि का सूत्र ब्रध्दिरेचि होता है। यह संधि स्वर संधि के भागो में से एक है। संस्कृत में स्वर संधियां आठ प्रकार की होती है। दीर्घ संधि, गुण संधि, वृद्धि संधि, यण् संधि, अयादि संधि, पूर्वरूप संधि, पररूप संधि, प्रकृति भाव संधि। इस पृष्ठ पर हम वृद्धि संधि का अध्ययन करेंगे ! वृद्धि संधि के दो नियम होते हैं! अ, आ का ए, ऐ से मेल होने पर ऐ तथा अ, आ का ओ, औ से मेल होने पर औ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं। जैसे – नियम 1. • अ + ए = ऐ –> एक + एक = एकैक ; • अ + ऐ = ऐ –> मत + ऐक्य = मतैक्य • आ + ए = ऐ –> सदा + एव = सदैव • आ + ऐ = ऐ –> महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य नियम 2. • अ + ओ = औ –> वन + औषधि = वनौषधि ; • आ + ओ = औ –> महा + औषधि = महौषधि ; • अ + औ = औ –> परम + औषध = परमौषध ; • आ + औ = औ –> महा + औषध = महौषध महत्वपूर्ण संधि • स्वर संधि – अच् संधि • दीर्घ संधि – अक: सवर्णे दीर्घ: • गुण संधि – आद्गुण: • वृद्धि संधि – ब्रध्दिरेचि • यण् संधि – इकोऽयणचि • अयादि संधि – एचोऽयवायाव: • पूर्वरूप संधि – एडः पदान्तादति • पररूप संधि – एडि पररूपम् • प्रकृति भाव संधि – ईदूद्विवचनम् प्रग्रह्यम् • व्यंजन संधि – हल् संधि • विसर्ग संधि • Home • Study • संस्कृत • संधि • स्वर संधि • वृद्धि संधि • Share • Tweet • Pin • Share • Send Older अयादि संधि – एचोऽयवायावः – Ayadi Sandhi, Sanskrit Vyakaran Newer दीर्घ संधि – अकः सवर्णे दीर्घः – Deergh Sandhi, Sanskrit Vyakaran You may like these posts Sanskrit translation – Learn, how to translate a sentence from Hindi to Sanskrit? Translation of simple sentences of Sanskrit language into Hindi अनुवाद हेतु भाषा, शब्द तथा व्याकरण के ज्ञान की आवश्य...