वट सावित्री पूजा सामग्री लिस्ट

  1. वट सावित्री व्रत कब है? नोट कर लें डेट, पूजा
  2. वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन कैसे करें बरगद की पूजा, क्या है पूजा का मुहूर्त, जानिए
  3. Vat Savitri Vrat 2021 Know 5 Important Thing For Vat Savitri Vrat Puja Vidhi Katha
  4. vat savitri vrat 2022 date do vat savitri puja in this auspicious time note down method of worship list of puja samagri tvi
  5. Vat Savitri Puja 2021: वट सावित्री व्रत की कथा, पूजा विधि, नियम, सामग्री, मुहूर्त सबकुछ यहां जानिए


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वट सावित्री व्रत कब है? नोट कर लें डेट, पूजा

हिंदू धर्म में वट सावित्री का व्रत बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। हर साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन ये व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल 19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत महत्व, पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट… मुहूर्त- • अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 18, 2023 को 09:42 पी एम बजे • अमावस्या तिथि समाप्त – मई 19, 2023 को 09:22 पी एम बजे पूजा- विधि • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। • इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। • वट वृक्ष के नीचे सावित्रि और सत्यवान की मूर्ति को रखें। • इसके बाद मूर्ति और वृक्ष पर जल अर्पित करें। • इसके बाद सभी पूजन सामग्री अर्पित करें। • लाल कलावा को वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें। • इस दिन व्रत कथा भी सुनें। • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। वट सावित्रि पूजा सामग्री की लिस्ट • सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां • बांस का पंखा • लाल कलावा • धूप • दीप • घी • फल • पुष्प • रोली • सुहाग का सामान • पूडियां • बरगद का फल • जल से भरा कलश वट सावित्री व्रत का महत्व • इस दिन व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। • यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। • इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन कैसे करें बरगद की पूजा, क्या है पूजा का मुहूर्त, जानिए

Vat Savitri Vrat Pooja Vidhi And Muhurta : स्कन्द व भविष्य पुराण के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को किया जाता है, लेकिन निर्णयामृतादि के अनुसार यह व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भी किया जाता है। भारत में अमानता व पूर्णिमानता ये दो मुख्य कैलेंडर प्रचलित हैं। पूर्णिमानता कैलेंडर के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है जबकि अमानता कैलेंडर के अनुसार इसे ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाते हैं, जिसे वट पूर्णिमा व्रत भी कहते हैं। 14 जून 2022 मंगलवार को यह व्रत रखा जाएगा। आओ जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और कथा।

Vat Savitri Vrat 2021 Know 5 Important Thing For Vat Savitri Vrat Puja Vidhi Katha

Vat Savitri Vrat 2021: कल है वट सावित्री व्रत, इन 5 चीजों के बिना अधूरी रहेगी पूजा, जानें उत्तम पूजा मुहूर्त एवं विधि Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत कल यानी 10 जून को है. यह व्रत सुहागिन महिलायें अखंड सौभाग्य वती होने और पति की लंबी आयु के लिए रखती है. इस पूजा में ये 5 चीजें बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है जिनके बिना व्रत और पूजा अधूरी रहती है. आइये जानें. Vat Savitri Vrat 2021 important Puja List: हिंदू धर्म में वाट सावित्री व्रत का ख़ास महत्त्व है. इस व्रत को महिलाएं बहुत श्रद्धा से रखती हैं. यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. वट सावित्री व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं. इस व्रत का संबंध सावित्री देवी से है, पौराणिक कथा के अनुसार सावित्री देवी ने अपने पति सत्यवान की आत्मा को अपने तपोबल से यमराज से वापस ले लिया था. यह घटना ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हुई थी. इस तिथि को ही शनि जयंती भी मनाई जाती है. वट सावित्री व्रत की पूजा बहुत ही विधि विधान से की जाती है. इस पूजा के लिए इन चीजों की जरूरत होती है इसके बिना पूजा अधूरी रहती है. आइये जानें इन चीजों के बारे में. Vat Savitri Vrat 2021: वट सावित्री व्रत आज या कल, जानें पूजा सामग्री की लिस्ट वट वृक्ष : वट सावित्री वृक्ष पूजा के लिए बरगद का वृक्ष बहुत जरूरी है. पौराणिक कथाओं के अनुसार वट वृक्ष ने अपनी जटाओं से सावित्री के पति सत्यवान की मृत शरीर को घेर रखा था. ताकि जंगली जानवर उनके शरीर को कोई नुकसान न पहुंचा पायें. इसी लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है. चना : पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज ने सावित्री को उनके पति की आत्मा को चने के रूप में लौटाया था. इस लिए इस व्...

vat savitri vrat 2022 date do vat savitri puja in this auspicious time note down method of worship list of puja samagri tvi

Vat Savitri Vrat 2022 Date:इस शुभ मुहूर्त में करें वट सावित्री पूजा, नोट कर लें पूजा विधि, सामग्री लिस्ट वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है. सोमवार का दिन पड़ने की वजह से इस व्रत का महत्व इस बार कई गुना अधिक बढ़ गया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं. Vat Savitri Vrat 2022 Date: वट सावित्री व्रत 30 मई 2022 दिन सोमवार (Vat Savitri Vrat 2022 Date) को है. इसी दिन साल की अंतिम सोमवती अमावस्या (somvati amavasya) भी है. वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत मनाया जाता है. सोमवार का दिन पड़ने की वजह से इस व्रत का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करकेअपने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं. वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति और बच्चों की भलाई और लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है. हिंदू किंवदंतियों के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन, देवी सावित्री ने मृत्यु के देवता भगवान यमराज को अपने पति सत्यवान के जीवन को वापस करने के लिए मजबूर किया था. भगवान यमराज उनकी भक्ति से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने उनके मृत पति को वापस दे दिया. तब से, विवाहित महिलाएं 'वट' (बरगद) के पेड़ की पूजा करती हैं और इस दिन सावित्री की 'देवी सावित्री' के रूप में भी पूजा की जाती है. वट सावित्री का व्रत 30 मई 2022, दिन सोमवार को रखा जाएगा. • वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठें. • 'गिंगली' (तिल के बीज) और 'आंवला' (भारतीय आंवले) से स्नान करें. • स्नान के बाद महिलाएं नए कपड़...

Vat Savitri Puja 2021: वट सावित्री व्रत की कथा, पूजा विधि, नियम, सामग्री, मुहूर्त सबकुछ यहां जानिए

Vat Savitri 2021, Puja Vidhi, Vrat Katha, Samagri: इस व्रत को उत्तर भारत के कई इलाकों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उड़ीसा में भी मनाया जाता है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारतीय राज्यों में इसके 15 दिन बाद यानी ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। Vat Savitri Vrat Katha, Puja Vidhi, Samagri, Muhurat: पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत 10 जून को है। हर साल ये व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन आता है। कहा जाता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को विवश कर दिया था। इस व्रत वाले दिन वट वृक्ष का पूजन कर सावित्री-सत्यवान की कथा को याद किया जाता है। जानिए व्रत सावित्री व्रत की पूजा विधि, कथा, महत्व और मुहूर्त… वट सावित्री व्रत कहां मनाते हैं? इस व्रत को उत्तर भारत के कई इलाकों जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उड़ीसा में भी मनाया जाता है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारतीय राज्यों में इसके 15 दिन बाद यानी ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। पूजा की विधि: इस दिन शादीशुदा महिलाएं सुबह जल्दी उठें और स्नान कर स्वच्छ हो जाएं। इसके बाद लाल या पीली रंग की साड़ी पहनकर तैयार हो जाएं। इसके बाद पूजा का सारा सामान एक जगह रख लें। वट (बरगद) के पेड़ के नीचे के स्थान को अच्छे से साफ कर वहां सावित्री-सत्यवान की मूर्ति स्थापित कर दें। इसके बाद बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाएं। इसके बाद पुष्प, अक्षत, फूल, भीगा चना, गुड़ और मिठाई चढ़ाएं। फिर वट वृक्ष के तने के चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर तीन या सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद हाथ में काला चन...