Vyavharvad ke janak kaun hai

  1. व्यवहारवाद का अर्थ, परिभाषा, कार्यक्षेत्र, आलोचना
  2. मनोविज्ञान के सिद्धान्त व प्रतिपादक/जनक
  3. भारत में श्वेत क्रांति के जनक कौन है?
  4. इंटरनेट का जनक किसे माना जाता है? Internet ka Janak
  5. मनोविज्ञान के जनक कौन है
  6. जीव विज्ञान के जनक कौन है?


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व्यवहारवाद का अर्थ, परिभाषा, कार्यक्षेत्र, आलोचना

व्यवहारवाद एक ऐसी विचारधारा, आन्दोलन, क्रान्ति या दृष्टिकोण है जिसने राजनीति शास्त्र को राजनीति का विज्ञान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक ऐसा प्रतिरोध आन्दोलन है जिसका जन्म परम्परागत राजनीति शास्त्र की उपलब्धियों के प्रति असंतोष का परिणाम है और राजनीति शास्त्र को आनुभाविक (Empirical) बनाने के लिए प्रयासरत् है। इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी कहा जा सकता है क्योंकि इसके जन्म के साथ ही राजनीति शास्त्र में वैज्ञानिक विधियों का विकास हुआ है और राजनीति का अध्ययन वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होने लगा है। इसका अध्ययन केन्द्र राजनीतिक व्यवहार हैं इसने राजनीति विज्ञान के लक्ष्य, स्वरूप, विषय क्षेत्र, पद्धति आदि सभी को बदल डाला है। अत: व्यवहारवाद राजनीति-शास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रान्ति है। व्यवहारवाद का अर्थव्यवहारवाद का ऐसी समग्र क्रान्ति है जो राजनीति शास्त्र को तथा इसकी अन्य शाखाओं को व्यवहारवादी चश्मे से देखती है। व्यवहार से मिलते-जुलते शब्दों-आचरण, कार्य, क्रिया आदि को व्यवहारवाद नहीं कहा जा सकता। ये शब्द मूल्यों पर आधारित हैं। व्यवहारवाद एक मूल्य रहित या मूल्य-निरपेक्ष अवधारणा हैं। कई बार व्यवहारवाद तथा व्यवहारिकतावाद (Behaviourism) को भी समान समझ लिया जाता है। व्यवहारिकतावाद एक मनोविज्ञान की अवधारणा है। उस शब्द का प्रयोग 1925 में श्रण्ण् वाटसन ने मानव’-व्यवहार की शारीरिक तथा भौतिक व्याख्या करने के लिए किया था। इसका उद्देश्य प्रयोजनों, भावनाओं, इच्छाओं या विचारों के आधार पर शोद्य सामग्री एकत्रित करना था। यह एक मनोस्थिति का परिचायक था। इसके द्वारा प्रयोगशालाओं में मानव के व्यवहार की परीक्षा होती थी। व्यावहारिकतावादियों ने सिद्ध किया कि व्यक्ति का व्यवहार पर्...

मनोविज्ञान के सिद्धान्त व प्रतिपादक/जनक

मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स आधुनिक मनोविज्ञान के जनक || विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट | आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा || विलियम जेम्स |- | शिक्षा-मनोविज्ञान के जनक || एडवर्ड थार्नडाइक |- | प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत || थार्नडाइक |- | प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत || थार्नडाइक |- | संयोजनवाद का सिद्धांत || थार्नडाइक |- | उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत || थार्नडाइक |- |S-R थ्योरी के जन्मदाता || थार्नडाइक |- | अधिगम का बन्ध सिद्धांत || थार्नडाइक |- | संबंधवाद का सिद्धांत || थार्नडाइक |- | प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत || थार्नडाइक |- | बहुखंड या बहुतत्व बुद्धि का सिद्धांत || थार्नडाइक |- | बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक || अल्फ्रेडबिने एवं साइमन |- | बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता || अल्फ्रेडबिने |- | एकखण्ड बुद्धि का सिद्धांत || अल्फ्रेडबिने |- | दो खंड बुद्धि का सिद्धांत || स्पीयरमैन |- | तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत || स्पीयरमैन |- | सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक || स्पीयरमैन |- | बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत || स्पयरमैन |- | त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत || गिलफोर्ड |- | बुद्धि संरचना का सिद्धांत || गिलफोर्ड |- | समूह खंडबुद्धि का सिद्धांत || थर्स्टन |- |युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक || थर्स्टन |- | क्रमबद्ध अन्तराल विधि के प्रतिपादक || थर्स्टन |- | समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक || थर्स्टन व चेव |- | न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत || थॉमसन |- | पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत || बर्ट एवं वर्नन |- | तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत || आर. बी.केटल |- | प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धान्त के प्रतिपादक || आर. ...

भारत में श्वेत क्रांति के जनक कौन है?

Explanation : भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन है। वर्गीज कुरियन को भारत में श्वेत क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है। इन्होंने ऑपरेशन फ्लड के रूप में भारत में विश्व के सबसे बड़े कृषि विकास योजना को कार्यान्वित किया था। इस कार्यक्रम ने भारत को निम्न दुग्ध उत्पादक देश से उच्च दुग्ध-उत्पादक देश के रूप में परिवर्तित कर दिया। वर्ष 1998 में इस क्षेत्र में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया था। कुरियन को 'भारत का दुग्ध पुरुष के रूप में जाना जाता है। बता दे​ कि इस प्रश्न से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न रेलवे की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे है। जो छात्र भारतीय रेलवे की वि​भिन्न जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों में गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों जैसे कनिष्ठ सह टंकक, लेखा लिपिक सह टंकक, ट्रेन लिपिक, वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, यातायात सहायक, गुड्स गार्ड, वरिष्ठ वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, वरिष्ठ लिपिक सह टंकक, कनिष्ठ लेखा सहायक सह टंकक, वरिष्ठ समयपाल कमर्शियल अपरेंटिस और स्टेशन मास्टर के पदों के लिए तैयारी कर रहे है। उन्हें इन प्रश्नों को विशेषतौर पर याद कर लेना चाहिए। Tags :

इंटरनेट का जनक किसे माना जाता है? Internet ka Janak

नमस्कार दोस्तों, आज के समय हर चीज इंटरनेट के माध्यम से होती है। हर एक छोटी से छोटी चीज जुदा बड़ी से बड़ी चीज आज इंटरनेट के माध्यम से होती है आज के समय यह दुनिया इंटरनेट के बिना एक अधूरी दुनिया लगती है। एक बार सोच कर देखिए अगर इस दुनिया से कुछ टाइम के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया जाए तो इस दुनिया का क्या हाल होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट का जनक किसे कहा जाता है आखिरकार किसने इसे इंटरनेट की खोज की थी तथा किस को सबसे पहली बार दुनिया के सामने दिखाया था, यह सारी जानकारी हम आपको इस पोस्ट में देने वाले हैं हम आपको बताने वाले हैं कि इंटरनेट का जनक किसे कहा जाता है तथा किसने इस इंटरनेट की खोज की थी जिसको आज पूरी दुनिया इस्तेमाल कर रही है तथा जिसके बिना आज के समय कुछ भी संभव नहीं है। तो चलिए दोस्तों जानते हैं कि इंटरनेट का जनक या फादर ऑफ इंटरनेट किसे कहा जाता है। इंटरनेट का जनक (internet ka Janak) दोस्तों हमारे द्वारा हमेशा इस्तेमाल किया जाने वाले इंटरनेट के जनक सर टिम बर्नर्स ली को कहा जाता हैं।सर टिम बर्नर्स ली ने ही www की खोज की थी तथा उन्होंने NeXT नाम की एक वेबसाइट को 30 दिसंबर 1990 को पहली बार इंटरनेट पर लाइव किया था।सर टिम बर्नर्स ली का इंटरनेट के क्षेत्र में काफी बड़ा योगदान है, अगर यह नहीं होते तो पता नहीं आज के समय इंटरनेट होता है या फिर नहीं होता। सर टिम बर्नर्स ली के जीवन के बारे में सर टिम बर्नर्स ली के सम्मान सर टिम बर्नर्स ली का Also Read: • • • हमने क्या सीखा हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताया कि द्वारा दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट की खोज किसने की थी तथा हमने आपको उसके जीवन के बारे में बताया कि उनका जन्म कहां पर हुआ था तथा उन्होंने कौन सी शि...

मनोविज्ञान के जनक कौन है

सिद्धान्त प्रतिपादक/जनक आधुनिक मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स प्रकार्यवाद सम्प्रदाय के जनक विलियम जेम्स आत्म सम्प्रत्यय की अवधारणा विलियम जेम्स शिक्षा-मनोविज्ञान के जनक एडवर्ड थार्नडाइक प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत थार्नडाइक प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत थार्नडाइक संयोजनवाद का सिद्धांत थार्नडाइक सुख दुःख का सिद्धान्त thorndik उद्दीपन-अनुक्रिया का सिद्धांत थार्नडाइक S-R थ्योरी के जन्मदाता थार्नडाइक अधिगम का बन्ध सिद्धांत थार्नडाइक संबंधवाद का सिद्धांत थार्नडाइक प्रशिक्षण अंतरण का सर्वसम अवयव का सिद्धांत थार्नडाइक बहुखंड या बहुतत्व बुद्धि का सिद्धांत थार्नडाइक बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक अल्फ्रेडबिने एवं साइमन बुद्धि परीक्षणों के जन्मदाता अल्फ्रेडबिने एकखण्ड बुद्धि का सिद्धांत अल्फ्रेडबिने दो खंड बुद्धि का सिद्धांत स्पीयरमैनhttps://tetforum.com/child-psychology-theories/ तीन खंड बुद्धि का सिद्धांत स्पीयरमैन सामान्य व विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक स्पीयरमैन बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत स्पीयरमैन त्रि-आयाम बुद्धि का सिद्धांत गिलफोर्ड बुद्धि संरचना का सिद्धांत गिलफोर्ड समूह खंडबुद्धि का सिद्धांत थर्स्टन युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक थर्स्टन क्रमबद्ध अन्तराल विधि के प्रतिपादक थर्स्टन समदृष्टि अन्तर विधि के प्रतिपादक थर्स्टन व चेव न्यादर्श या प्रतिदर्श(वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत थॉमसन पदानुक्रमिक(क्रमिक महत्व) बुद्धि का सिद्धांत बर्ट एवं वर्नन तरल-ठोस बुद्धि का सिद्धांत आर. बी.केटल प्रतिकारक (विशेषक) सिद्धान्त के प्रतिपादक आर. बी.केटल बुद्धि ‘क’ और बुद्धि ‘ख’ का सिद्धांत हैब बुद्धि इकाई का सिद्धांत स्टर्न एवं जॉनसन बुद्धिलब्धि ज्ञात करने के सुत्र...

जीव विज्ञान के जनक कौन है?

क्याआप जीवविज्ञानकेजनककौनहैयानीजीवविज्ञानकापिताकिसेकहाजाताहैकेनामजानतेहैं. जीवविज्ञानजोप्राकृतिकविज्ञानकीएकशाखाहैऔरजिसकामतलबजीवोंकाअध्ययनकरनाहोताहै. इसविज्ञानमें, आपकोंजीवनऔरजीवनकेप्रक्रियाओंसेसंबंधितबातोंकेबारेमेंजानकारीमिलतीहैं. वैसेआपकेजानकारीकेलिएबतादें : ‘जीवविज्ञान’ (Biology) शब्दकाप्रयोगसर्वप्रथमलैमार्कतथाट्रेविरेनसकेद्वाराकियागयाथा. वैसेतोजीवविज्ञानकोविकसितकरनेकेपीछेबहुतसेमहानवैज्ञानिक,तर्कशास्त्र,आदिलोगोंकायोगदानहै. लेकिनजबसवालआताहैजीवविज्ञानकेजनकयानीरसायनविज्ञानकेपिताकौनहैतोबहुतसेलोगअसमंजसमेंपड़जातेहैं. इसलिएयहलेखआपकोंबताएगाकिजीवविज्ञानकेजनककौनहै (Who is the Father of Biology in Hindi ) औरसाथहीइसकेवैज्ञानिकसेसंबंधितकुछजरूरीजानकारियां. इसलेखमें, जीवविज्ञानकेजनककौनहै? अरस्तू Aristole कोजीवविज्ञानकेजनककहाजाताहैजिन्होंनेसर्वप्रथमपौधोंएवंजन्तुओकेजीवनकेविभिन्नपक्षोंकेविषयमेंदुनियाकेबीचअपनेविचारप्रकटकियेथे. इसकेअलावाउन्हेंजीवविज्ञानकीशाखाप्राणीविज्ञानकाजनकभीकहतेहैं. वेप्लेटोकेशिष्यवसिकंदरकेगुरुभीथे. अरस्तू (Aristotle) जन्म : 384 BC मृत्यु : 322 BC पूरानाम: राष्ट्रीयता:यूनानी क्षेत्र :जीवविज्ञान, भौतिकी, कविता, नाटक, संगीत, आध्यात्म, तर्कशास्त्र, नीतिशास्त्र, राजनीतिशास्त्र चौथीशताब्दीईसापूर्वमें, अरस्तूनेवन्यजीवोंसेभरेलेसवोसकीयात्राकी, उन्होनेंवहांजोपायाऔरदेखाउसकेबदौलतविज्ञानकेएकनईशाखा (Biology) काजन्महुआ. अरस्तूकोजीवविज्ञानकाजनकक्योंकहतेहैं? अरस्तूको“जीवविज्ञानकेपिता”इसलिएकहाजाताहैक्योंकिउन्होंनेव्यापकरूपसेप्राकृतिकदुनिया (Natural World) काअध्ययनकियाथाऔरइसकीउत्पत्तिकोदिव्यहस्तक्षेपसेजोड़नेकेबजायवैज्ञानिकअंतर्दृष्टिऔरव्यवस्थितटिप्पणियोंकाउपयोगकरकेजांचकीथी. वहपहलेऐसेव्यक...