Yan sandhi kise kehte hain

  1. संज्ञा किसे कहते हैं
  2. Sandhi Kise Kahate Hain
  3. Sandhi kise kehte hain
  4. संधि किसे कहते हैं भेद, परिभाषा, उदाहरण – Best Hindi Blog in India


Download: Yan sandhi kise kehte hain
Size: 60.68 MB

संज्ञा किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • संज्ञा (Sangya) संज्ञा (Sangya) हिंदी व्याकरण का अति महत्वपूर्ण अध्याय है, क्योंकि हिंदी व्याकरण के लगभग प्रत्येक अध्याय में संज्ञा की भूमिका रहती है। संज्ञा विशेष रूप से एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ नाम होता है। इस संसार की प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का नाम संज्ञा होता है। इस लेख में हम संज्ञा के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। अतः लेख को ध्यान पूर्वक पढ़ें। संज्ञा के प्रकार संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya Kise Kahate Hain) संज्ञा की परिभाषा (Sangya Definition in Hindi): किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम के घोतक शब्द को संज्ञा (Sangya) कहते हैं। संज्ञा (Sangya) का अर्थ नाम होता है, क्योंकि संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम को दर्शाती है। संज्ञा एक विकारी शब्द है। संज्ञा शब्द का उपयोग किसी वस्तु, प्राणी, व्यक्ति, गुण, भाव या स्थान के लिए नहीं किया जाता, बल्कि किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के “नाम” के लिए किया जाता है। जैसे:- मोहन जाता है। इसमें मोहन नामक व्यक्ति संज्ञा नहीं है, बल्कि उस व्यक्ति का नाम “मोहन” संज्ञा है। संज्ञा के उदाहरण (Sangya Ke Udahran) • व्यक्ति का नाम –रमेश, अजय, विराट कोहली, नवदीप, राकेश, शंकर • वस्तु का नाम –कलम, डंडा, चारपाई, कंघा • गुण का नाम –सुन्दरता, ईमानदारी, बेईमानी, चालाकी • भाव का नाम –प्रेम, ग़ुस्सा, आश्चर्य, दया, करूणा, क्रोध • स्थान का नाम –आगरा, दिल्ली, जयपुर संज्ञा शब्द (Sangya Shabd) किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी के नाम को दर्शाने वाले शब्द को संज्ञा शब्द कहते हैं. संज्ञा शब्द के उदाहरण • मोहन • कलम ...

Sandhi Kise Kahate Hain

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Sandhi Kise Kahate Hain हिंदी भाषा में संधि का इस्तेमाल करके पूरे शब्दों को लिखा नहीं जाता है। लेकिन संस्कृत भाषा की बात करें तो इसमें बिना संधि के इस्तेमाल के कोई भी शब्द नहीं लिखा जाता।संस्कृत की व्याकरणकी परंपरा बहुत प्राचीन है। संस्कृत भाषा को अच्छी तरीका से पढ़ने के लिए व्याकरण को पढ़ना बहुत जरूरी होता है। शब्द रचना जैसे कार्य में भी संध्या का उपयोग किया जाता है। निकटवर्ती स्थित शब्दों के पदों के समीप विद्यमान वर्णों के परस्पर में से जो भी परिवर्तन होता है, वह संधि कहलाता है। संधि की परिभाषा – Sandhi Ki Paribhasha दो वर्णों (स्वर या व्यंजन) के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। अथवा संधि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। अथवा संधि का सामान्य अर्थ है मेल। इसमें दो अक्षर मिलने से तीसरे शब्द की रचना होती है, इसी को संधि कहते हैै। अथवा दो शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर उनके निकटवर्ती वर्णों में होने वाले परिवर्तन या विकार को संधि कहते हैं। यह भी पढ़े: संधि के उदाहरण – Sandhi Examples • पुस्तक + आलय = पुस्तकालय • विद्या + अर्थी = विद्यार्थी • रवि + इंद्र = रविन्द्र • ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश • भारत + इंदु = भारतेन्दु • देव + ऋषि = देवर्षि • धन + एषणा = धनैषणा • सदा + एव = सदैव • अनु + अय = अन्वय • सु + आगत = स्वागत • उत्+हार = उद्धार त्+ह =द्ध • सत्+धर्म = सद्धर्म त्+ध =द्ध • षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र • षड्दर्शन = षट् + दर्शन • षड्विकार = षट् + विकार • किम् + चित् = किंचित • सम् + जीवन = संजीवन • उत् + झट...

Sandhi kise kehte hain

संधि के उदाहरण : 1 – देव + आलय = देवालय 2 – जगत् + नाथ = जगन्नाथ 3 – मनः + योग = मनोयोग » संधि के नियमों द्वारा मिले वर्गों को फिर मूल अवस्था में ले आने को संधि-विच्छेद कहते हैं। उदाहरण : 1 – परीक्षार्थी = परीक्षा + अर्थी 2 – वागीश = वाक् + ईश 3 – अंतःकरण = अंतः + करण संधि कितने प्रकार की होती है संधि के पहले वर्ण के आधार पर संधि के तीन भेद किये जाते हैं- 1 – स्वर-संधि 2 – व्यंजन-संधि 3 – विसर्ग-संधि । संधि का पहला वर्ण यदि स्वर वर्ण हो तो ‘स्वर संधि’ (जैसे—नव + आगत = नवागत; संधि का पहला वर्ण ‘व’-अ-स्वरवाला है), संधि का पहला वर्ण यदि व्यंजन वर्ण हो तो ‘व्यंजन संधि’ (जैसेवाक् + ईश = वागीश, संधि का पहला वर्ण ‘क’ व्यंजन वर्ण है) एवं संधि का पहला वर्ण यदि विसर्गयुक्त हो तो ‘विसर्ग संधि’ (जैसे-मनः + रथ = मनोरथ, संधि का पहला वर्ण ‘नः’ विसर्गयुक्त है) होता है। Swar sandhi kise kehte hain | स्वर संधि किसे कहते हैं स्वर संधि : स्वर के बाद स्वर अर्थात् दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, स्वर-संधि कहलाता है; जैसे- • सूर्य + अस्त = सूर्यास्त • महा + आत्मा = महात्मा स्वर संधि के निम्नलिखित पाँच भेद हैं 1 – दीर्घ-संधि 2 – गुण-संधि 3 – वृद्धि-संधि 4 – यण-संधि 5 – अयादि-संधि नोट : आ ई ऊ को ‘दीर्घ’, अ ए ओ को ‘गुण’, ऐ औ को ‘वृद्धि’, य र ल व को ‘यण’ एवं अय आय अव आव….को ‘अयादि’ (अय + आदि) कहते हैं। दीर्घ संधि किसे कहते हैं | Dirgh sandhi kise kehte hain 1 – दीर्घ-संधि : ह्रस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘इ’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘इ’, ‘उ’ स्वर आएँ तो दोनों को मिलाकर दीर्घ ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’ हो जाते हैं; जैसे – अ + अ = आ धर्म + अर्थ = धर्मार्थ स्व + अर्थी = स्वार्थी देव + अर्च...

संधि किसे कहते हैं भेद, परिभाषा, उदाहरण – Best Hindi Blog in India

अतः हिन्दी व्याकरण में जब दो वर्णों या दो ध्वनियों का योग किया जाता है, तो शब्दों के वास्तविक रूप में परिवर्तन हो जाता है, इस परिवर्तन को ही संधि कहा जाता है। संधि का शाब्दिक अर्थ होता है मेल अर्थात जब दो या दो से अधिक वर्ण मिलते है और एक शब्द बनाते है तो इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को संधि कहा जाता है। उदाहरण के लिए, · मनः + बल = मनोबल · यथा + उचित =यथोचित · सूर्य + उदय = सूर्योदय · लोक + कल्याण = लोकल्याण · महा + देव = महादेव · मान + चित्र = मानचित्र · छाया + चित्र = छायाचित्र उपरोक्त उदाहरणों से आप समझ सकते हैं कि किस तरह जब दो शब्दों को मिलाया जाता है, तो पहले शब्द के आखिरी अक्षर और दूसरे शब्द के पहले अक्षर में किस तरह परिवर्तन आता है। उपयुक्त दिए गए सभी उधारणों में जब दो शब्द मिल रहे है तो एक नया शब्द बन रहा है, शब्दों के मिलने से इनके अर्थ में थोड़ा बहुत परिवर्तन आ जाता है, जैसे – मान + चित्र के मिलने से मानचित्र शब्द बना जिसका अर्थ होता है किसी चित्र का मान ज्ञात करना परन्तु जब ये दो शब्द मिल जाते है का इसका अर्थ हो जाता है किसी स्थान के नक़्शे का मान ज्ञात करना। दोनों वर्णों की संधि होने पर ध्वनियों में बदलाव आता है, साथ ही शाब्दिक अर्थ भी बदल जाता है। संधि की परिभाषा क्या है दो वर्णों के योग से उत्पन्न हुए परिवर्तन ही संधि है। इससे दो निर्दिष्ट वर्णों के रूप में विकार होता है और मिलने वाले शब्दों के योग से शाब्दिक अर्थ बदल जाता है। शब्दों के मेल से होने वाले रूपांतर को व्याकरण में संधि के रूप में अध्ययन किया जाता है। संधि – विच्छेद किसे कहते हैं दो या दो अधिक शब्दों के योग से बने नये शब्द के रूप, अर्थ और ध्वनियों में परिवर्तन आ जाता है। फलस्वरूप शब्द के उच्चारण और लेखन,...