बादली के लेखक

  1. गोरा बादल की कथा के लेखक
  2. बंगाली साहित्य


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गोरा बादल की कथा के लेखक

गोरा और बादल पौराणिक योद्धा हैं, जिनकी कहानी गोरा बादल पद्मिनी चौपाई (1589 सीई) और इसके बाद के अनुकूलन में दिखाई देती है। मुहन्नत नैनी के ऐतिहासिक दस्तावेजों मारवाड़ आरआर परगना री विगेट और अन्य दस्तावेजों सहित मारवार और मेवार की किंवदंतियों के मुताबिक वे एक चाचा-भतीजे जोड़ी थे जो जलोरे के शासक परिवार से आए थे। [उद्धरण वांछित] गोरा और बादल ने रतन सेन की सेवा की, चित्तौड़गढ़ के शासक। उन्होंने अपनी रानी महारानी पद्मिनी गुहिला के अनुरोध पर रतन सेन के बचाव के लिए दिल्ली सल्तनत शासक अलाउद्दीन खलजी से लड़े। [1]

बंगाली साहित्य

अनुक्रम • 1 प्राचीन बँगला साहित्य (950 से 1200 ई. तक) • 2 मध्यकालीन बँगला साहित्य (1200 से 1800 ई. तक) • 2.1 संक्रमणकालीन साहित्य (१२००-१३५०) • 2.2 प्रारम्भ का मध्यकालीन साहित्य (1350 से 1607 तक) • 2.3 उत्तरकालीन माध्यमिक बांगला साहित्य (1600-1800) • 3 आधुनिक बँगला साहित्य (1800 से 1950 तक) • 4 आधुनिक युग के बाद • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ प्राचीन बँगला साहित्य (950 से 1200 ई. तक) [ ] भारत के अन्य विद्वानों की तरह बंगाल के भी विद्वान् पुरातन बँगला की उपलब्ध रचनाओं में 47 12वीं शताब्दी के अन्त तक पुरातन बँगला में यथेष्ट साहित्य तैयार हो चुका था जिससे उस समय के एक बंगाली कवि ने यह गर्वोक्ति की थी "लोग जैसा गंगा में स्नान करने से पवित्र हो जाते हैं, वैसे ही वे 'बंगाल वाणी' में स्नात होकर पवित्र हो सकते हैं।" किन्तु दुर्भाग्यवश उक्त 47 चर्यापदों तथा थोड़े से गीतों या पदों के सिवा उस काल की अन्य बहुत ही कम रचनाएँ आज उपलब्ध हैं। मध्यकालीन बँगला साहित्य (1200 से 1800 ई. तक) [ ] पुरानी बँगला में कोई बड़ा प्रबंध काव्य रचा गया हो, इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। उस समय ऐसी रचनाएँ बंगाल में भी प्राय: अपभ्रंश में ही होती थीं। जो हो, मिथिला (बिहार) के प्रसिद्ध कवि संक्रमणकालीन साहित्य (१२००-१३५०) [ ] इस समय की साहित्यिक रचनाओं के कोई विशिष्ट प्रामाणिक ग्रंथ नहीं बताए जा सकते। पुराने गायकों और लोकगीतकारों में बिहुला आदि की जो कथाएँ प्रचलित थीं, उन्हीं के आधार पर कुछ अज्ञात कवियों ने रचनाएँ प्रस्तुत की जिन्हें बँगला के प्रारंभिक प्रबंध काव्य की संज्ञा दी जा सकती है। इसी अवधि में बँगला भाषी मुसलिम आबादी का उद्भव हुआ और उसमें क्रमश: वृद्धि होती गई। तुर्क आक्रमणकारियों में से बहुतों न...