Beat plastic pollution meaning in hindi

  1. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi
  2. प्लास्टिक प्रदूषण पर कविता
  3. प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण
  4. प्लास्टिक प्रदूषण के कारण, प्रभाव और समाधान
  5. प्लास्टिक प्रदूषण का बढ़ता संजाल
  6. मंत्रियों ने विश्व पर्यावरण दिवस 2023 को वृक्षारोपण के साथ मनाया, प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने का आह्वान किया


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प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध: Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi

प्लास्टिक प्रदूषण निबंध हिंदी में: प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण हमारे पर्यावरण भारी नुकसान पहुंचा रहा है। आपको बता दें कि प्लास्टिक से निकलने वाले अपशिष्ट को खत्म करना मुश्किल है और यह हमारे धरती को प्रदूषित करने में बड़ा योगदान देता है। आज प्लास्टिक प्रदुषण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। प्लास्टिक की थैलियों, बर्तनों और फर्नीचर का इस्तेमाल बढ़ जाने से प्लास्टिक कचरे की मात्रा रोज बढती जा रही है। अगर इस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो आगे चलकर यह मानव जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है। अब हर व्यक्ति को प्लास्टिक प्रदूषण बहुत ही गंभीरता से लेना चाहिए और सभी को इससे निपटने के लिए योगदान देना चाहिए। Contents • 1 हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध-Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi • 1.1 हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध 1 (200 शब्द) • 1.2 प्लास्टिक प्रदुषण को कैसे हराएं पर निबंध- BEAT PLASTIC POLLUTION ESSAY in Hindi (300 WORDS) • 1.3 प्लास्टिक प्रदूषण के कारणों और प्रभावों पर निबंध – निबंध 3 (400 शब्द) • 1.4 प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर निबंध – Essay on Plastic Pollution in Hindi (500, 600 WORDS) • 1.5 प्लास्टिक प्रदूषण पर लंबे निबंध – निबंध 5 (700, 800 1000-शब्द)-Plastic Pollution Essay in Hindi 700, 800, 1000 words हिंदी में प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध-Long And Short Essay On Plastic Pollution In Hindi अगर आप स्कूल या कॉलेज में हैं और अपने असाइनमेंट या परीक्षा के लिए प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध की तलाश कर रहें हैं तो आप एक दम सही जगह पर हैं। इस पेज पर हमने आपकी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न 100 200 300 400 500 600 800 1000 शब्दों में प्ला...

प्लास्टिक प्रदूषण पर कविता

विषय-सूची 1 • • • Best Poem on Poem on Plastic Pollution in Hindi जल, थल, वायु, आकाश, सब हो रहा है धीरे – धीरे प्रदूषित। पर्यावरण में घोल रहा है जहर प्लास्टिक, जीवन की सांसो को रोक रहा है प्लास्टिक।। अब तो आ रहा है प्लास्टिक यूज़ करने में मजा, कहीं बन न जाए ये जिंदगी भर की सजा। बन बैठा है ये पृथ्वी का राजा, पृथ्वी का घुट रहा है ये गला।। खाने में, प्लास्टिक पानी में प्लास्टिक, हर वस्तु का नया रूप हो गया है प्लास्टिक। बीमारियों की नई फैक्ट्री है प्लास्टिक, मौत का सुंदर समान है प्लास्टिक।। अब तो जागो करो बहिष्कार, करो पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त। नहीं तो प्लास्टिक से होगा जीना दुश्वार, अब करना होगा इसका संहार।। – नरेन्द्र वर्मा Short Poem on Plastic Pollution चहरों पर मुस्कान प्लास्टिक, पैसो का नया रूप प्लास्टिक। काँच ही हर बोतल हुई प्लास्टिक, कुर्सी, मेज, बर्तन सब प्लास्टिक।। खिड़की, दरवाजे, रोशनदान भी प्लास्टिक, कचरे का नया राजा प्लास्टिक। दीर्घ आयु का वरदान प्लास्टिक, आत्मा का नया रूप प्लास्टिक।। नश्वर संसार में अमर है प्लास्टिक, तरक्की की रफ्तार है प्लास्टिक। आविष्कार बना अभिशाप प्लास्टिक, रक्षक हुआ भक्षक प्लास्टिक।। पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन प्लास्टिक, हर जीव को खतरा प्लास्टिक। करें प्रदूषित जल, थल, आकाश प्लास्टिक, ढूंढो विकल्प छोड़ो प्लास्टिक।। छेड़ो अभियान करो बहिष्कार प्लास्टिक, जीवन तब भी था जब नहीं था प्लास्टिक। जीवन तभी रहेगा यदि नहीं रहेगा प्लास्टिक, लेकर प्रण सब त्यागों प्लास्टिक।। धरा को करे रहित प्लास्टिक, धरा को करे रहित प्लास्टिक। – रवि वेद Plastic Pradushan Par Kavita सुनो सुनो तुम्हें प्लास्टिक कहानी सुनाओ, पृथ्वी पर आया ये विज्ञान का आविष्कार बनके। दिखन...

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण

Plastic Pollution Essay in Hindi प्लास्टिक यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों का त्यों पड़ा रहता है अन्य पदार्थों की तरह विघटित नहीं होता है. जब से विज्ञान ने तरक्की की है मानव ने Plastic का निर्माण बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ा दिया है. मानव ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सुविधा के लिए किया था लेकिन अब यही प्लास्टिक मानव के जीवन के साथ – साथ पृथ्वी के वातावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है. हमारे भारत देश में 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 15000 टन प्लास्टिक अपशिष्ट निकलता है. जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक हो गया है कि इस प्लास्टिक से पृथ्वी को 5 बार लपेटा जा सकता है. विषय-सूची 1 • • • • Essay on Plastic Pollution in Hindi प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते है जिसके कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियो और प्रदूषण को जन्म देता है. प्लास्टिक मानव की दिनचर्या में इस तरह से शामिल हो चुका है कि जब सुबह की शुरुआत ही प्लास्टिक के टूथ ब्रशसे होती है और जिस बाल्टी से नहाता है वह भी प्लास्टिक की होती है जिस चम्मच से खाता है वह भी प्लास्टिक की होती है और जब वह ऑफिस के लिए निकलता है तो अपना खाना भी प्लास्टिक के डिब्बे में लेकर जाता है और पानी भी प्लास्टिक की बोतल में ही लेकर जाता है. इसका मतलब प्लास्टिक मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. यह भी पढ़ें – लेकिन प्लास्टिक मानव को जितनी सहूलियत प्रदान करता है उतनी ही बीमारियां भी फैलाता है. एक अध्ययन में सामने आया है कि एक ही प्लास्टिक की बोतल को बार-बार पीने के पानी में काम में...

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण, प्रभाव और समाधान

वर्तमान में प्लास्टिक यह गहरी चिंता का विषय है कि फिलहाल 1500 मिलियन टन का प्लास्टिक पूरे ग्रह पर एकत्र हो गया है जो लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। आज प्रति व्यक्ति के प्लास्टिक का उपयोग 18 किलोग्राम है जबकि इसकी रीसाइक्लिंग (Recycling) केवल 15.2 प्रतिशत है। इसके अलावा प्लास्टिक रीसाइक्लिंग इतना सुरक्षित नहीं माना जाता है क्योंकि प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग के माध्यम से अधिक प्रदूषण फैलता है। आज हर जगह प्लास्टिक दिखता है जो पर्यावरण को दूषित कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में लगभग 10 से 15 हजार यूनिट पॉलीथीन (Polyethylene) का उत्पादन हो रहा है। 1990 के आंकड़ों के मुताबिक देश में इसà¤...

प्लास्टिक प्रदूषण का बढ़ता संजाल

प्लास्टिक प्रदूषण का बढ़ता संजाल • 21 Jun 2018 • 11 min read चर्चा में क्यों? • हमारे समुद्र तटों, जलमार्गों, वनों और यहाँ तक कि पहाड़ों पर भी पाए जाने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट की भारी मात्रा पर ध्यान केंद्रित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के लिये “प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ"(beat plastic pollution) विषय को चुना। • भारत में भी एकल उपयोग वाले प्लास्टिक अपशिष्ट की समस्या बढ़ती जा रही है जिसे देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ मिलकर 'प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के अवसर और चुनौतियाँ' नामक एक चर्चा-पत्र जारी किया गया। महत्त्वपूर्ण बिंदु • यूरोपीय संघ ने पर्यावरण दिवस के अवसर को चम्मच, कॉटन बड्स और ड्रिंकिंग स्ट्रॉ जैसे एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के बारे में चर्चा के लिये चुना। जब संबंधित कानून पारित होगा तो अपशिष्ट को इकट्ठा करने और निस्तारित करने का दायित्व इन उत्पादों के निर्माताओं पर होगा। • इसके सदस्य देशों को 'उपयोग करो और फेंको' की संस्कृति को हतोत्साहित करने के लिये 2025 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक पेय की बोतलों का 90 प्रतिशत इकट्ठा करने और निर्माताओं को टिकाऊ सामग्रियों में बदलने की भी आवश्यकता होगी। भारत में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिये संगठित तंत्र का अभाव • TERI द्वारा जारी किये गए पत्र ने कुछ चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है। भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक खपत लगभग 11 किलोग्राम है, जो 28 किलोग्राम के वैश्विक औसत से काफी कम है, लेकिन इसमें से केवल 60 प्रतिशत का ही पुनर्चक्रण हो पाता है। • चिंता का प्रमुख कारण प्रति दिन...

मंत्रियों ने विश्व पर्यावरण दिवस 2023 को वृक्षारोपण के साथ मनाया, प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने का आह्वान किया

नई दिल्ली: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. ये लाखों लोगों को एक साथ लाने और उन्हें पृथ्वी की रक्षा और पुनर्स्थापना के प्रयास में शामिल करने का दिन है. इस साल आयोजन की 50वीं वर्षगांठ है. विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ है. यह याद दिलाता है कि प्लास्टिक प्रदूषण को लेकर लोगों का एक्शन मायने रखता है. समारोह के भाग में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर जोर देने के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय बजट 2023-24 में घोषित दो योजनाएं – ‘अमृत धरोहर’ और ‘मिष्टी’ शुरू की गईं. On World Environment Day, launched Amrit Dharohar and MISHTI (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats & Tangible Incomes). The schemes, announced in the Union Budget 2023-24, are part of PM Shri — Bhupender Yadav (@byadavbjp) अमृत धरोहर का उद्देश्य कंजर्वेशन थ्रू कम्युनिटी पार्टिसिपेशन एंड प्रोस्पेरिटी थ्रू कंजर्वेशन यानी की फिलोसफी के जरिए रामसर साइट्स के कंजर्वेशन वैल्यूज को प्रमोट करना है. दूसरी ओर MISHTI का उद्देश्य हमारे कोस्टल इकोसिस्टम के इकोलॉजिकल और सोश्यो-इकॉनॉमिक रेजिलेंस को बढ़ावा देना है. Amrit Dharohar aims to promote conservation values of Ramsar sites with the philosophy of conservation through community participation & prosperity through conservation. MISHTI, on the other hand, aims to promote ecological & socio-economic resilience of our coastal ecosystems. — Bhupender Yadav (@byadavbjp) इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा ...