भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?

  1. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न हैं ? Answer... MP Board Class
  2. भोलनाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?
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  4. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?
  5. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचल


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भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न हैं ? Answer... MP Board Class

Answer: भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री और हमारे खेल और खेलने की सामग्री में बहुत ज्यादा भिन्नता है। भोलानाथ और उसके साथी प्रकृति के सान्निध्य में रहकर स्वतंत्र वातावरण में गली-मुहल्ले, खेत-खलिहान, बगीचे, नदियों, तालाबों में प्राकृतिक व अनुपयोगी वस्तुओं को ही खिलौनों का स्वरूप देकर खेलते थे। खेल के माध्यम से ही व्यवहार कुशलता और संस्कृति को आत्मसात कर लेते थे। ऐसे खेल सुरक्षित और जीवनोपयोगी साबित होते थे। वर्तमान में जमाना बदल जाने से खिलौने, लकड़ी, प्लास्टिक, धातु की होती है। कालांतर में इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और इंटरनेट के खेल आ गए जो बालकों को हिंसात्मक गतिविधियों की ओर ले जा रहा है। असुरक्षित खेल और खिलौनों से कई बार बच्चों को जख्मी होना पड़ता है। कभी जान से भी हाथ धोना पड़ता है।

भोलनाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?

भोलानाथ व उसके साथी खेल के लिए आँगन व खेतों पर पड़ी चीजों को ही अपने खेल का आधार बनाते हैं। उनके लिए मिट्टी के बर्तन, पत्थर, पेड़ों के पत्ते, गीली मिट्टी, घर के समान आदि वस्तुएँ होती थी जिनसे वह खेलते व खुश होते। आज जमाना बदल चुका है। आज माता-पिता अपने बच्चों का बहुत ध्यान रखते हैं। वे बच्चों को बेफिक्र खेलने-घूमने की अनुमति नहीं देते। हमारे खेलने के लिए आज क्रिकेट का सामान, भिन्न-भिन्न तरह के वीडियो गेम व कम्प्यूटर गेम आदि बहुत सी चीज़ें हैं जो इनकी तुलना में बहुत अलग हैं। भोलानाथ जैसे बच्चों की खेलने की सामग्री आसानी से व सुलभता से बिना मूल्य खर्च किये ही प्राप्त हो जाती हैं जबकी आज के बच्चों की खेल सामग्री बाज़ार से खरीदना पड़ता है ।

Mata ka Anchal class 10 Question Answer

Here we have provided Mata ka Anchal class 10 Question Answer. These solutions will help you in understanding the chapter better & will make you with the types of questions that can be framed for your exam. Mata ka Anchal class 10 Question Answer प्रश्न 1. प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है? उत्तर-यह बात सच है कि लेखक जो कि अभी बाल अवस्था में है, अपने पिता से अधिक लगाव था। उसके पिता उसके लालन-पालन के साथ साथ उसके संग दोस्तों की तरह बरताव भी करते थे। परंतु जब विपदा का समय आता था आौर उसे लाड़ की जरूरत होती थी तब अत्यधिक ममता और माँ की गोदी की जरूरत थी। जितनी कोमलता उसे अपनी माँ से मिल सकती थी, उतनी अपने पिता से नहीं। यही कारण है कि संकट में बच्चे को माँ या नानी याद आती है, कयोकि माँ के आँचल में बच्चे को सुरक्षा का आभास होता है। प्रश्न 2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है? उत्तर: पल में रोना पल में हँसना शिशु कि आदत ही है वह अपनी आदत अनुसार अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुचि रखता है। उसे उनके साथ खेलना कूदना अच्छा लगता है। जिस रुचि से अपनी उम्र के साथ वह खेलता है उसी रुचि बड़ों के साथ नहीं होती है। दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक है-बच्चे को अपने साथियों के बीच हंसने, सिसकने अथवा रोने में हीनता का अनुभव होता है। यही कारण के वजह से भोलानाथ अपने साथियों को सामने सिसकना भूल जाता है। प्रश्न 4. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है? उत्तर–...

भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?

भोलानाथ के खेल और खेलने की सामग्री तथा आज के समय के हमारे खेल और खेलने की सामग्री में बहुत बड़ा अंतर आ चुका है। भोलानाथ और उसके साथी साधारण सी वस्तुओं को ही अपने खेल सामग्री बना लेते थे। यह वस्तुएं उन्हें आंगन व खेतों में पड़ी मिल जाया करती थी। उनके पास तरह-तरह के मिट्टी के बर्तन, पत्थर, घर के कबाड़, वस्तुएं, पेड़ों के पत्ते, गीली मिट्टी आदि साधारण वस्तुएं थीं, जो दूसरों के लिए अनुपयोगी थी, लेकिन उन बच्चों के लिए खेल सामग्री के रूप में उपयोगी हो जाती थी। वह गाँव का सादा सरल जीवन था। आज के समय में बहुत अंतर आ चुका है आज हमें एक से आधुनिक खेल की वस्तुएं प्राप्त हैं। आज हमारे पास टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल, वीडियो गेम, कंप्यूटर गेम आदि के रूप अत्याधुनिक चीजें हैं, जो कि महंगी आती है। जबकि भोलानाथ और उसके साथी फ्री में ही सारी वस्तुएं जुटा लेते थे, लेकिन उनसे भी जो अपनापन था, जो गाँव की मिट्टी की महक थी, आज की आधुनिक वस्तुओं में नहीं है। पाठ के बारे में… ‘माता का आँचल’ पाठ शिवपूजन सहाय द्वारा लिखा गया पाठ है, जिसमें उन्होंने भोलानाथ के बचपन के प्रसंग का वर्णन किया है। इस पाठ में भोलानाथ एक बच्चा है जिसका अपने पिता से बेहद लगाव था और वह हर समय अपने पिता के साथ ही रहता था। उसके पिता भी उसे हर समय अपने साथ रखते और उसे घुमाने ले जाते। उसे साथ बिठा कर पूजा करते, लेकिन जब भी कोई दुखद स्थिति आती तो वह अपने माँ के पास ही जाता था। माँ के आँचल की शरण ही लेता था। इसी कारण इस पाठ को ‘माता का आँचल’ भी कहा जाता है । शिवपूजन सहाय हिंदी के जाने-माने लेखक रहे हैं, जिन्होंने अनेक हिंदी कहानियों की रचना की। उनका जन्म अगस्त 1893 में बिहार के शाहाबाद में हुआ था। उनका निधन 21 जनवरी 1963 को पटना में हुआ...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचल

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचल यहाँ सरल शब्दों में दिया जा रहा है. NCERT Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 Question Answer को आसानी से समझ में आने के लिए हमने प्रश्नों के उत्तरों को इस प्रकार लिखा है की कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कही जा सके. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 माता का आँचल प्रश्न – अभ्यास 1.प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर मां की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है? उत्तर :- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मां दिनभर घर के कामों में उलझी रहती है और उसके पास बच्चों के साथ खेलने-कूदने, उनसे बातें करने व उनका मन बहलाने के लिए समय नहीं होता; जबकि पिता बच्चों के साथ एक अच्छे मित्र की तरह रहते हैं और समय-समय पर उनके लिए मिठाइयां लाकर उन्हें खुश कर देते हैं। कई बाहर बच्चों की भलाई के लिए मां को उन्हें डांटना व मारना भी पड़ता है, इसलिए बच्चे पिता के साथ रहना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन विपदा के समय उन्हें सिर्फ मां की ममता, स्नेह, लाड-प्यार और दुलार की आवश्यकता होती है क्योंकि केवल मां ही उनकी भावनाओं को समझती है। 2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर से सिसकना क्यों भूल जाता है? उत्तर :- बच्चे बहुत भोले और मासूम होते हैं। उनका ध्यान भटकाना और मन बहलाना बहुत आसान होता है। छोटी-छोटी चीजों से रोते हुए बच्चों का मन बहलाया जा सकता है। इसी प्रकार भोलानाथ भी अपने साथियों को देखकर उनके साथ विभिन्न प्रकार के खेल खेलने के लिए उत्सुक हो उठता है और उनके साथ खेलने-कूदने की खुशी में अपना रोना और सिसकना भूल जाता ह...