बजरंग दल में शामिल कैसे हो

  1. बजरंग दल का इतिहास, शुरुआत, संस्थापक, कार्य पद्धति, कार्य और जुड़े विवाद
  2. बजरंग दल
  3. बजरंग दल का इतिहास Bajrang dal history in hindi
  4. विदेश में शेखी बघारते हैं राहुल, इंदिरा और राजीव के दुखद अनुभव से कुछ नहीं सीखा : हिंदू राइट प्रेस
  5. देश की खबरें
  6. Kamal Nath fast moving steps towards Hindutva What has been the history of Bajrang Sena joining Congress know
  7. कर्नाटक रिजल्‍ट: बजरंग दल बैन के नाम पर कांग्रेस ने कैसे पाया बंपर मुस्लिम वोट?IFrom


Download: बजरंग दल में शामिल कैसे हो
Size: 35.2 MB

बजरंग दल का इतिहास, शुरुआत, संस्थापक, कार्य पद्धति, कार्य और जुड़े विवाद

बीते कुछ दिनों से हिंदूवादी संगठन बजरंग दल काफी चर्चाओं में है। दरअसल साल 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुछ दिन पहले भाजपा ने घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने वादा किया कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे इस धार्मिक संगठन पर रोक लगाएगी। इसके बाद भाजपा ने हिंदू वोट बैंक को एकजुट बनाने की कोशिश में इस विषय को एक गंभीर मुद्दे के रूप में लेते हुए कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तभी से ही बजरंग दल काफी ज्यादा चर्चा का विषय बन चुका है। ऐसे में बहुत से लोगों का प्रश्न है कि आखिर बजरंग दल क्या है। अगर आप भी बजरंग दल के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें। क्योंकि इस लेख में बजरंग दल क्या है, बजरंग दल की स्थापना कैसे हुई, बजरंग दल का इतिहास (Bajrang Dal History in Hindi) इसके उद्देश्य क्या है, इससे जुड़े कौन-कौन से विवाद है इसके साथ ही यह भी बताया है कि आखिर कांग्रेस क्यों हमेशा बजरंग दल के खिलाफ रहती हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • बजरंग दल क्या है? बजरंग दल एक मजबूत धार्मिक संगठन है, जो देश भर में हिंदू सभ्यता और संस्कृति को प्रचारित और प्रसारित करते हैं। यह संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बजरंग दल देशभर में मुस्लिम जनसंख्या विकास, साम्यवाद, ईसाई पंथ परिवर्तन जैसे कई सामाजिक कार्यों पर ध्यान देते आ रहा है। इसके अतिरिक्त आपातकाल में भी यह विशेष सेवा देने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। जीवों पर यह विशेष ध्यान रखती है। गाय के वध को रोकने के लिए इन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। “सेवा, सुरक्षा और संस्कृति” इस संगठन का नारा है। बजरंग दल की स्थापना किसने की थी? बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार हैं। यह हिंदू ...

बजरंग दल

अनुक्रम • 1 विचारधारा और एजेण्डा • 2 सोशल मीडिया की मौजूदगी • 3 विवाद • 4 आलोचना • 5 प्रतिबन्ध की माँग • 6 सन्दर्भ • 7 बाहरी कड़ियाँ विचारधारा और एजेण्डा [ ] बजरंग दल के विरुद्ध विहिप की गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए प्रस्तावों का समर्थन किया है। सोशल मीडिया की मौजूदगी [ ] बजरंग दल विवाद [ ] • 1992 में • • एचआरडब्ल्यू के अनुसार, बजरंग दल • अप्रैल 2006 में, बम बनाने की प्रक्रिया में • विहिप नेता • बजरंग दल पर आरोप लगाया गया है कि वह गुजरात के कुछ हिस्सों में मुस्लिमों को जमीन बेचने की अनुमति नहीं देता, व्यापारियों पर हमला करता है जो मुस्लिमों को बेचते हैं, मुस्लिम घरों पर हमला करते हैं और घर या फ्लैट की बिक्री को मजबूर करते हैं। यह • कई अवसरों पर, "सोशल पुलिस" के रूप में अभिनय करते हुए, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने • सितंबर 2008 में, कर्नाटक में बजरंग दल द्वारा न्यूलाइफ • 14 फरवरी 2011 से, आलोचना [ ] यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेण्ट ऑफ़ स्टेट की वार्षिक रिपोर्ट में अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतन्त्रता पर 2000 और विश्व रिपोर्ट (2000) के लिए बजरंग दल को अन्य प्रतिबन्ध की माँग [ ] • हालाँकि हाल तक प्रतिबन्ध की कोई माँग नहीं थी,सत्तारूढ़ कांग्रेस से प्रतिबन्ध लगाने की बहुत माँग है जो अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के विरोध में आरोपित है, और विभिन्न अल्पसंख्यक समूहों से भी है जिसमें सरकार के स्वामित्व वाले • सितम्बर 2008 में, • नागरिक अधिकार कार्यकर्ता सांप्रदायिकता का मुकाबला अगस्त 2008 में बजरंग दल पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाने की माँग की थी। • • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, केन्द्रीय मन्त्री • 5 अक्टूबर 2008 को, NCM ने कर्नाटक में ईसाई संस्थानों पर हमलों में कथित भूमिका के लिए बजरंग दल और विहि...

बजरंग दल का इतिहास Bajrang dal history in hindi

Bajrang dal history in hindi दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बजरंग दल के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर बजरंग दल के इतिहास को जानते हैं की बजरंग दल की स्थापना कब हुई थी , क्यों हुई थी ? bajrang dal history in hindi बजरंग दल – बजरंग दल एक तरह का राष्ट्रीय दल है जो हिंदू युवाओं को राष्ट्रभक्ति सिखाने का काम करता है । यह दल बहुत सक्रिय दल है । इसमें लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं । यह बजरंग दल राष्ट्रीय सेवा निष्पक्ष भाव से करते है । जब देश को युवा वर्ग की आवश्यकता होती है तब बजरंग दल के युवा कार्यकर्ता निष्पक्ष भाव से अपना योगदान देते हैं । बजरंग दल के सभी युवा कार्यकर्ता हिंदू महिलाओं , लड़कियों एवं गौ माता पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं और हिंदू संगठन को मजबूत करने का काम करते हैं । बजरंग दल कभी भी हिंदू समुदाय के लड़के पर अत्याचार होते हुए नहीं देख पाता है । जब किसी अन्य समुदाय या धर्म के व्यक्ति के द्वारा यदि हिंदू धर्म के व्यक्ति पर अत्याचार किया जाता है तब बजरंग दल उस व्यक्ति की मदद करता है । बजरंग दल हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति को बचाए रखने का काम करता है । बजरंग दल अपने कार्यकर्ताओं को सजग रहने के लिए कहता है । बजरंग दल का यह मानना है कि जिस तरह से देश के बॉर्डर पर आतंकियों का खतरा है और उस खतरे से निपटने के लिए बॉर्डर पर सैनिक तैनात किए गए है, उसी तरह से देश के अंदर भी हमारा देश सुरक्षित नहीं है । यहां पर यदि हिंदू धर्म की संस्कृति को नष्ट किया जाता है , हिंदू धर्म के व्यक्ति पर अत्याचार किया जाता है तो इन सभी को रोकने के लिए बजरंग दल का चुनाव किया गया है । हमें हमारे राष्ट्र की स...

विदेश में शेखी बघारते हैं राहुल, इंदिरा और राजीव के दुखद अनुभव से कुछ नहीं सीखा : हिंदू राइट प्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस महीने की शुरुआत में हुई अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा और वहां उनके द्वारा दिए गए राहुल गांधी की यात्रा के दौरान ही ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी थी. ऑपरेशन ब्लू स्टार में भारतीय सशस्त्र बलों ने सिख चरमपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके अनुयायियों को बाहर निकालने के लिए 1984 में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर धावा बोला था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन का आदेश दिया था और बाद में उसी साल उनके सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी थी. इंदिरा की हत्या के कारण 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे. पिछले बुधवार को वनइंडिया के लिए ‘राहुल रिफ्यूज टू लर्न फ्रॉम हिस्ट्री’ शीर्षक वाले एक लेख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पूर्व सांसद बलबीर पुंज ने जी.बी.एस सिद्धू की किताब ‘द खालिस्तान कॉन्सपिरेसी: ए फॉर्मर रॉ ऑफिसर अनरावेल्स द पाथ टू’ का हवाला देते हुए दंगों में कांग्रेस की भूमिका की ओर इशारा किया. पुंज ने लिखा, “क्या हमने ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ की ओर ले जाने वाली घटनाओं की सीरीज़ और उसके दुर्भाग्यपूर्ण परिणामों से कोई सबक सीखा है?” अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. अभी सब्सक्राइब करें सिखों के लिए एक अलग राज्य खालिस्तान की मांग का ज़िक्र करते हुए, उन्होंने पूछा, “जनवरी 1980 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ही पंजाब और विदेशों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में अचानक तेज़ी क्यों आई?” पुंज ने आगे कहा, “असली कारण कुछ वरि...

देश की खबरें

देश की खबरें | कांग्रेस बजरंग बली की भक्‍त, धर्म के नाम पर टकराव के खिलाफ : राजस्थान सरकार के मंत्री Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस द्वारा अपने कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल पर 'प्रतिबंध' लगाने का वादा क‍िए जाने को लेकर ऊपजे विवाद के बीच राजस्‍थान सरकार के एक मंत्री ने पार्टी को बजरंग बली का भक्त बताते हुए बुधवार को कहा क‍ि वह (कांग्रेस) सिर्फ धर्म के नाम पर टकराव करने वालों पर प्रतिबंध लगाती है। वहीं एक अन्य मंत्री ने आरोप लगाया कि‍ ‘बजरंग दल में आपराधिक पृष्‍ठभूम‍ि वाले लोगों को शाम‍िल क‍िया जा रहा है।’ जयपुर, तीन मई कांग्रेस द्वारा अपने कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल पर 'प्रतिबंध' लगाने का वादा क‍िए जाने को लेकर ऊपजे विवाद के बीच राजस्‍थान सरकार के एक मंत्री ने पार्टी को बजरंग बली का भक्त बताते हुए बुधवार को कहा क‍ि वह (कांग्रेस) सिर्फ धर्म के नाम पर टकराव करने वालों पर प्रतिबंध लगाती है। वहीं एक अन्य मंत्री ने आरोप लगाया कि‍ ‘बजरंग दल में आपराधिक पृष्‍ठभूम‍ि वाले लोगों को शाम‍िल क‍िया जा रहा है।’ हालांकि, अलवर से भाजपा सांसद बाबा बालक नाथ ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने भगवान राम को नहीं माना और उनके लोग भगवान राम को काल्पनिक कहते हैं। उल्‍लेखनीय है क‍ि कांग्रेस ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच 'नफरत फैलाने' वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है और कार्रवाइयों ...

Kamal Nath fast moving steps towards Hindutva What has been the history of Bajrang Sena joining Congress know

Madhya Pradesh : इस साल के आखिर में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सियासी सरगर्मी तेज़ हो गयी है। इसका एक उदाहरण 6 जून को तब सामने आया जब हिंदूवादी संगठन बजरंग सेना ने ढ़ोल-नगाड़ों की आवाज़ के बीच इंदिरा भवन स्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस के राज्य कार्यालय पहुंच कर ये ऐलान किया कि अब वह कांग्रेस के साथ हैं।इस दौरान प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ भी वहां मौजूद थे। बजरंग सेना के सदस्यों ने कमलनाथ को गदा व स्मृति चिह् भेंट किया और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस खबर के सामने आने के बाद कई तरह की चर्चाएं और सवाल खड़े हुए। कहा गया कि क्या कमलनाथ कांग्रेस के नेतृत्व में वैचारिक तौर पर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है? क्या है यह सॉफ्ट हिन्दुत्व की एक झलक है और शुरुआत है? कमलनाथ के हिन्दुत्व कार्ड ऐसा पहली बार नहीं है कि कलानाथ ने इस दिशा में पहली बार कदम बढ़ाए हैं बल्कि इससे पहले भी वह कई मौकों पर खुद को हनुमान भक्त के रूप में दिखाते रहे हैं। उन्होने भगवान राम के भक्तों के लिए कई बड़े आयोजन करवाए हैं। अपने राजनीतिक क्षेत्र छिंदवाड़ा में एक विशाल हनुमान मूर्ति की स्थापना कारवाई है।6 जून को बजरंग सेना का विलय अब तक का सबसे बड़ा उदाहरण है यह समझने के लिए कि कमलनाथ के ज़हन में क्या चल रहा है। बजरंग सेना नाम के इस हिंदुत्व संगठन का लक्ष्य गायों और हिंदू संतों की सुरक्षा, गौशालाओं का निर्माण और मंदिर के पुजारियों को मासिक वजीफा देना रहा है।कांग्रेस में संगठन का प्रवेश बीजेपी से कांग्रेस नेता बने दीपक जोशी द्वारा किया गया है, जिनके पिता दिवंगत कैलाश जोशी ने एक बार मप्र में बीजेपी सरकार का नेतृत्व किया था। दीपक मई में कांग्रेस में शामिल हो गए थे, उन्होंने कहा कि राज्य भाजपा नेतृत...

कर्नाटक रिजल्‍ट: बजरंग दल बैन के नाम पर कांग्रेस ने कैसे पाया बंपर मुस्लिम वोट?IFrom

Bajrang Dal Issue In Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने जा रही है. शनिवार (13 मई) के शाम 7:20 बजे के चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 218 सीटों पर जीत-हार तय हो चुकी है. इनमें से 132 सीटें कांग्रेस ने जीत ली हैं, जोकि बहुमत के 113 के आंकड़े से ज्यादा हैं. राज्य में बजरंग दल का मुद्दा कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएएफआई जैसे संगठनों को बैन करने की बात कही थी. बीजेपी ने इसके जवाब में ‘बजरंग बली’ कैंपेन चलाया. बजरंग दल बैन के नाम पर कांग्रेस को मुस्लिमों का बंपर वोट मिला. हालांकि, मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए और भी कई फैक्टर रहे. बजरंग दल बैन के नाम पर कांग्रेस को मिला बंपर मुस्लिम वोट कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि घोषणापत्र में बजरंग दल का जिक्र करना और पीएफआई से उसकी तुलना करना नजरअंदाज करने लायक था लेकिन पार्टी ने पीछे नहीं हटने का फैसला किया. एम वीरप्पा मोइली ने बजरंग दल के मुद्दे को उछालने पर असहमति जताई थी लेकिन पार्टी ने लगातार अपनी स्थिति डटी रही. कई नेताओं ने कहा कि बजरंग दल के नाम का जिक्र करना प्लान में नहीं था लेकन जल्द ही पार्टी को अहसास हुआ कि मुस्लिमों के बीच इस मुद्दे ने काउंटर पोलराइजेशन (ध्रुवीकरण की काट) का काम किया, खासकर उन सीटों पर, जहां जेडीएस का दबदबा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक नेता ने बताया, ”यह उद्देश्यपूर्ण तरीके नहीं किया गया. बीजेपी हमें पीएफआई के मुद्दे निशाना बना रही थी. गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह कहते हुए हम पर हमला कर रहे थे ...