डिप्रेशन से नुकसान

  1. एकोनाइट 200 के फायदे एवं नुकसान
  2. हर भारतीय की मेंटल हेल्थ पर सालाना 4 रु. का खर्च; दुनियाभर में 26 करोड़ लोग डिप्रेशन में, इससे वर्ल्ड इकोनॉमी को हर साल 75 लाख करोड़ का नुकसान


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एकोनाइट 200 के फायदे एवं नुकसान

एकोनाइट 200 के फायदे एवं नुकसान | Aconite 200 uses in Hindi आज के इस पोस्ट “ Aconite 200 uses in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि Aconite 200 क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. एकोनाइट के कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं. साथ ही आप जानेंगे कि Aconite 200 का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए. इसके अलावा Aconite 200 से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. Table Of Contents एकोनाइट 200 क्या है? (What is Aconite 200 in Hindi) – Aconite 200 एक होमियोपैथी दवा है जो SBL और Dr Rickweg दोनो ही कम्पनी द्वारा बनाया जाता है. जिसका उपयोग खासकर दमा, खांसी, कमर दर्द, बुखार और डेंगू बुखार जैसी अन्य समस्याओं में भी किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग फ्लू और डिप्रेशन से जुड़ी समस्या में भी इस दवा के उपयोग किया जाता है। एकोनाइट 200 की संरचना (Aconite 200 composition in Hindi) – Aconite 200 में मुख्य रूप से Aconitum napellus होता है. इसे Aconite 200 CH dilution के नाम से भी जाना जाता है. एकोनाइट 200 के फायदे एवं उपयोग (Aconite 200 uses & benefits in Hindi) – Aconite 200 का उपयोग मर्दाना कमजोरी सहित अन्य कई समस्याओं में भी किया जाता है जैसे – • खांसी • कमर दर्द • बुखार • चिंता • फ्लू • हैजा • बवासीर • गला बैठना • फोबिया • आँख आना • गलसुआ • मलेरिया • खसरा • डेंगू बुखार • पेचिश • पलकों की सूजन • चिकन पॉक्स • मेनिनजाइटिस • पाचन तंत्र के रोग इसके अलावा भी इसका उपयोग अन्य कई समस्याओं के लिए भी किया जाता है. एकोनाइट 200 का उपयोग कैसे करते हैं? एकोनाइट की 5-6 बून्द को आधे कप पानी के साथ 3-4 बार लिया सकता है या फिर च...

हर भारतीय की मेंटल हेल्थ पर सालाना 4 रु. का खर्च; दुनियाभर में 26 करोड़ लोग डिप्रेशन में, इससे वर्ल्ड इकोनॉमी को हर साल 75 लाख करोड़ का नुकसान

सुशांत की आत्महत्या की खबर आने के बाद सोशल मीडिया पर मेंटल हेल्थ को लेकर चर्चा भी होने लगी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि, सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन में थे और अपना इलाज करवा रहे थे। भारत में 19 करोड़ लोग मानसिक बीमारी से जूझ रहे हमेशा से ही मेंटल हेल्थ बहुत गंभीर विषय रहा है, लेकिन इस पर कभी उतना खास ध्यान नहीं दिया गया। पिछले साल दिसंबर में साइंस जर्नल द लैंसेट की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2017 तक 19.73 करोड़ लोग (कुल आबादी का 15%) किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। यानी, हर 7 में से 1 भारतीय बीमार है। इनमें से भी 4.57 करोड़ डिप्रेशन और 4.49 करोड़ एंजाइटी का शिकार हैं। मानसिक बीमारी से तंग आकर हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि हर साल 8 लाख लोग मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर लेते हैं। इसके अलावा हजारों लोग ऐसे भी होते हैं, जो आत्महत्या की कोशिश करते हैं। आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन और एंजाइटी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन ही है। भारत में इसके आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल एक लाख लोगों में से 16.3 लोग मानसिक बीमारी से लड़ते-लड़ते आत्महत्या कर लेते हैं। इस मामले में भारत, रूस के बाद दूसरे नंबर पर है। रूस में हर 1 लाख लोगों में से 26.5 लोग सुसाइड करते हैं। वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से ...