घुटनों में लेकर मां बच्चे को क्या करती है

  1. छोटे बच्चों में बोड लेग्स (पैरों का टेढ़ा होना)
  2. शिशु का घुटनों के बल चलना (क्रॉलिंग): एक विकासात्मक उपलब्धि
  3. Are you suffering from knee and joint pain in your 30s then check these 5 reasons
  4. स्तनपान कराना कब और कैसे बंद करना चाहिए
  5. आपके 8 महीने के शिशु का विकास


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छोटे बच्चों में बोड लेग्स (पैरों का टेढ़ा होना)

जब शिशु खड़े होना और चलना शुरू करते हैं, तो यह उनके डेवलपमेंट का एक माइलस्टोन होता है। हालांकि कभी-कभी बच्चों में बोड लेग्स या नॉक्ड घुटनों (बोड लेग्स का उल्टा) की समस्या होती है। अगर आपके बच्चे में यह हेल्थ प्रॉब्लम दिखती है, तो यहां पर बच्चों के पैरों के झुके या मुड़े होने जिसे टेढ़ी टांगें भी कह सकते हैं, के बारे में हर वह जानकारी दी गई है, जो आपको पता होनी चाहिए। क्या छोटे बच्चों में बोड लेग्स सामान्य है? बच्चों में बोड लेग्स बिल्कुल सामान्य है, विशेषकर जब वे चलना सीख रहे हों। लेकिन, समय के साथ यह चिंता का एक कारण बन सकता है। ज्यादातर बच्चों के बोड लेग्स गर्भावस्था के दौरान उनकी पोजीशन के कारण होते हैं। लेकिन समय के साथ ये अपने आप ठीक हो जाते हैं। जब बच्चे के पैरों की मांसपेशियों का बेहतर विकास होने लगता है और वह खड़े होना और चलना सीखने लगते हैं, तो उनके पैर सीधे हो जाते हैं। • चलने में असुविधा (जैसे; सीधा या सामने की ओर नहीं)। उनके पैरों की उंगलियां या तो अंदर की ओर होती हैं या बाहर की ओर होती हैं। चलने या दौड़ने के दौरान उनके पैर सीधे होने के बजाय, अंदर की ओर हो सकते हैं या फिर उनका घुमाव बाहर की ओर हो सकता है। • एक्टिविटी में तालमेल की कमी • मध्यम स्तर का दर्द या तकलीफ होना कारण जैसा कि ऊपर बताया गया है, गर्भ में रहने के दौरान बच्चों की जो पोजीशन होती है, उसके कारण बच्चों में पैरों का मुड़ा होना सामान्य होता है। उनके पैरों को सीधा होने का समय नहीं मिलता है। बच्चों में बोड लेग्स के अन्य कारण नीचे दिए गए हैं: • मोटापे के शिकार होते हैं • कम उम्र में चलना शुरू कर देते हैं • जिनके परिवार में बोड लेग्स का इतिहास होता है यह स्थिति कितने लंबे समय तक रहती है? आमतौर पर बोड लेग्...

शिशु का घुटनों के बल चलना (क्रॉलिंग): एक विकासात्मक उपलब्धि

जीवन के पहले वर्ष में घुटनों के बल चलना ( क्रॉलिंग) शिशुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण विकासक्रमों में से एक है, और चलने की तरफ उनका पहला कदम है। घुटनों के बल चलने से शिशु न सिर्फ़ चलना– फिरना सीखता है, बल्कि इससे वह संतुलन और आगे बढ़ने का कौशल भी सीखता है। इससे शिशु की मांसपेशियों में शक्ति भी विकसित होती है। शिशु घुटनों के बल चलना कब शुरू करते हैं? ज़्यादातर शिशु 7 से 10 माह की आयु में घुटनों के बल चलना शुरू करते हैं, हालांकि कुछ शिशु 9 या 10 महीने की आयु के आस– पास भी घुटनों के बल चलना शुरू करते हैं। हाल ही के कुछ वर्षों में देखा गया है, अनेक शिशु घुटनों के बल चलना देर से सीख रहे हैं या फिर उसके बजाए सीधे चलना शुरू कर रहे हैं। ( वैसे, यह बहुत दुर्लभ तथ्य है) । आपका शिशु घुटनों के बल चलने के लिए तैयार है, इसके कुछ संकेत इस प्रकार है घुटनों के बल चलने के कई चरण हैं, यद्यपि प्रत्येक शिशु का अनुभव अलग है किन्तु यह महत्वपूर्ण है कि आपका शिशु घुटनों के बल चलना सीखे। बहुत से शिशु विभिन्न तरीकों से सीखेंगे, जैसे ‘ निचले हिस्से को ज़मीन पर घसीटना‘, पेट के बल पलटना या आगे बढ़ना, परन्तु कुछ शिशु अलग तरीके से सीखेंगे। इसी तरह, प्रत्येक शिशु अलग– अलग समय पर घुटनों के बल चलने के लिए तैयार होता है हालांकि इसके कुछ सामान्य संकेत हैं। • बिना सहारे के सरलता से बैठने में सक्षम होना। • सिर को ऊपर करके चारों ओर देखने में सक्षम होना । • पैर, हाथ और कमर की मांसपेशियाँ काफी मज़बूत होना। • आगे– पीछे हिलने में सक्षम होना । जैसे ही आपका शिशु यह संकेत देना शुरू करता है कि वह तैयार है, उन्हें ऐसे कार्यों में संलग्न करें जो उनकी इन क्षमताओं को आगे विकसित करने में मदद करते हैं, जैसे उन्हें खिलौनों के साथ खेलने...

Are you suffering from knee and joint pain in your 30s then check these 5 reasons

अभी तक घुटनों व जोडों के दर्द की समस्या को बढ़ती उम्र का संकेत समझा जाता था। पर क्‍या हो अगर आपकी उम्र के 30 के दशक में ही आप घुटनों के दर्द से कराहने लगें। ये असल में कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के खिलाफ आपके शरीर की पुकार हो सकती है। आइए हम बताते हैं आपको ऐसे पांच कारण जो कम उम्र में भी आपको घुटनों और जोड़ों में दर्द की समस्‍या दे सकते हैं। क्या हैं घुटनों व जोडों में दर्द के कारण घुटनों व जोड़ों के दर्द के पीछे चोट लगना या कोई चिकित्सीय कारण भी हो सकता है। जैसे- अति संवेदनशीलता, तनाव या जोड़ो पर सीधा आघात ( जैसे. बार-बार घुटने टेकना), फ्रैक्चर्स जिन्हें ठीक तरह से सुधारा न गया हो, एक जोड़ से जुडी हुए टेंडोनिटिस (सूजन और जलन), साथ ही इसके अलावा कोई रोग जिसका उपचार चल रहा हो। ये हो सकते हैं गंभीर बीमारियों के संकेत गठिया की समस्या होना गठिया की समस्या होने पर आपके घुटनों व जोडों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के कारण आपके घुटने और जोड़ों में दर्द, अकड़न की समस्या होती है, साथ ही फुलाव भी आता है। इस समस्या के ज्यादा बढ़ने पर आपको चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होती है। यह भी पढें: शरीर में पोषण की कमी होना आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने खानपान पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते। जिसके चलते हमारे शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। शरीर में विटामिन-सी, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होना घुटनों और जोडों में दर्द का मुख्य कारण है। समय रहते इस पर ध्यान न देने पर यह समस्या काफी बढ़ सकती है। यह भी पढें: जोड़ों के बीच ग्रीस खत्म होना घुटनों में और जोड़ों में दर्द का एक कारण जोड़ों के बीच ग्रीस का खत्म होना भी है। जोडों के बीच का ग्रीस जोडों की कार्...

स्तनपान कराना कब और कैसे बंद करना चाहिए

Stop Breastfeeding a baby in Hindi: हर महिला मां बनने के बाद बच्चे को स्तनपान यानि ब्रेस्टफीडिंग कराना शुरू कर देती है। लेकिन हर माँ के मन में ये सवाल होता है, कि बच्चे को कब तक ब्रेस्टफीड कराएं। दरअसल, नयी माँ को कोई नहीं बताता कि बच्चे को स्तनपान कराना कब बंद करना है या स्तनपान कब तक कराना है। क्योंकि ये हर महिला की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन आपकी मदद के लिए हम यहां आपको स्तनपान रोकने से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। जिसमे आप जान पायेंगीं की स्तनपान कराना कब और कैसे बंद करना चाहिए। बच्चे और मां के स्वास्थ्य के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत जरूरी है। स्तन का दूध आपके शिशु के लिए सबसे जरूरी स्त्रोतों में से एक है। लेकिन जब आपका बच्चा छह महीने का हो जाता है, तो स्तन का दूध आपके बच्चे के पोषण की आपूर्ति करने के लिए काफी नहीं होता। पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा के लिए उसे अब अन्य चीजों को देने की जरूरत होती है। लेकिन कुछ स्थितियों में महिलाएं समझ नहीं पातीं, कि शिशु को ब्रेस्टफीड कब तक कराना है। ये उलझन उनके मन में बनी रहती है, यही वजह है कि कई बार तो मां बच्चे को दो से तीन साल तक दूध पिलाती रहती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे, कि किस उम्र तक बच्चों को मां का दूध पिलाना सही है या कितने महीने तक मां बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकती है। स्तन का दूध आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वहीं यह आपके लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह उचित अनुपात में बच्चे में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। वहीं एक मां को (और पढ़े – ब्रेस्टफीडिंग रोकने के कारण – What causes women to stop Breastfeeding in Hindi स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग आपके बच्चे के लिए एक वरदान की तरह है। लेकिन...

आपके 8 महीने के शिशु का विकास

In this article • • • • • • • • आठ माह की उम्र में शिशु क्या कर सकता है?शिशु के लिए नई-नई चीजों को खोजने व देखने की एक अलग दुनिया का आगाज़ हो रहा है। बहुत से बच्चे इस उम्र में शिशु घर में सुरक्षित ढंग से घूम-फिर सके, इसके लिए आपको ऐसी सभी चीजें हटाकर रखनी होंगी, जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। आपका शिशु नए लोगों से शर्माना शुरु कर सकता है या फिर उसे परिवार के किसी सदस्य या आया के पास छोड़कर जाने पर वह रोना शुरु कर सकता है। यह जुदाई की चिंता (सैपरेशन एंग्जायटी) की शुरुआत है। जल्द ही शिशु यह समझ जाएगा, कि आप उसे छोड़ कर जाती हैं, तो दोबारा वापिस भी आएंगी। क्या मेरा शिशु इस महीने घुटनों के बल चलना शुरु करेगा?अब जब शिशु आठ महीने का हो गया है, वह आराम से घुटनों के बल चल रहा होगा। या फिर हो सकता है वह नितंबों के बल हिलना-डुलना, पेट के बल सरकना (कमांडो क्रॉलिंग) या आपका शिशु फर्नीचर को पकड़कर खुद खड़ा होने का प्रयास भी कर सकता है। अगर आप शिशु को सोफे के साथ खड़ा करती हैं, तो वह शायद खड़े होने के लिए इसका सहारा ले सकता है। शिशु गिर न जाए, इसके लिए आपको उसके पीछे ही रहना होगा। चलने-फिरने की इस नई क्षमता का मतलब है कि अब आपका शिशु काफी बार गिरेगा व टकराएगा। यह सब बचपन का एक अभिन्न हिस्सा है। हो सकता है आपकी सांस अटकी हो कि कहीं शिशु चलते-चलते गिर न जाए। मगर शिशु को आसपास की चीजों को देखने-समझने दें और आप भी इसका आनंद लेने का प्रयास करें। इससे शिशु के शारीरिक कौशल का विकास हो रहा है। निस्संदेह, आप शिशु को गिरने से बचाने के लिए सुरक्षा प्रदान करना चाहती हैं, मगर शिशु को खुद प्रयास करने देने से आप उसे सीखने और आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं। आपका शिशु अब घुटनों के बल चलने लग...