गुरु गोविंद जयंती

  1. गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?
  2. गुरु गोविंद सिंग जयंती 2023: इतिहास, महत्त्व आणि तारीख
  3. Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : Prakash Parv Messages, Quotes, Shayari, Greetings, Sms, Wishes, Images, Whats App Status In Hindi
  4. Guru Gobind Singh Vaani Guru Gobind Singh Quotes Principles And Teachings In Hindi
  5. गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022: प्रकाश पर्व पर अपनों और दोस्तों को इन संदेशों के जरिए दें बधाई
  6. गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में
  7. Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : Prakash Parv Messages, Quotes, Shayari, Greetings, Sms, Wishes, Images, Whats App Status In Hindi
  8. गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022: प्रकाश पर्व पर अपनों और दोस्तों को इन संदेशों के जरिए दें बधाई
  9. गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में
  10. गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?


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गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?

वर्ष 2023 में 5 जून, सोमवार को सिख समुदाय में छठवे गुरु, गुरु हर गोविंद साहिब (Guru Hargobind Singh Ji) जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। सिख धर्म में यह दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वे सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन सिंह के पुत्र थे। गुरु हर गोविंद सिंह जी का जन्म भारत के बडाली/ अमृतसर में हुआ था। उनकी माता का नाम गंगा था। गुरु हर गोविंद एक परोपकारी एवं क्रांतिकारी योद्धा थे। उनका जीवन-दर्शन जन-साधारण के कल्याण से जुड़ा हुआ था। उन्होंने सिखों को युद्ध कलाएं सिखाने तथा सैन्य परीक्षण के लिए भी प्रेरित किया था। हर गोविंद जी ने मुगलों के अत्याचारों से पीड़ित अनुयायियों में इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास पैदा किया। मुगलों के विरोध में गुरु हर गोविंद सिंह ने अपनी सेना संगठित की और अपने शहरों की किलेबंदी की। उन्होंने 'अकाल बुंगे' की स्थापना की। 'बुंगे' का अर्थ होता है एक बड़ा भवन जिसके ऊपर गुंबज हो। उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के सम्मुख अकाल तख्त अर्थात् ईश्वर का सिंहासन का निर्माण किया। इसी भवन में अकालियों की गुप्त गोष्ठियां होने लगीं। इनमें जो निर्णय होते थे उन्हें 'गुरुमतां' अर्थात् 'गुरु का आदेश' नाम दिया गया। इस कालावधि में उन्होंने अमृतसर के निकट एक किला बनवाया तथा उसका नाम लौहगढ़ रखा। दिनोंदिन सिखों की मजबूत होती स्थिति को खतरा मानकर मुगल बादशाह जहांगीर ने उनको ग्वालियर में कैद कर लिया। गुरु हर गोविंद 12 वर्षों तक कैद में रहे, इस दौरान उनके प्रति सिखों की आस्था और अधिक मजबूत होती गई। वे लगातार मुगलों से लोहा लेते रहे। रिहा होने पर उन्होंने शाहजहां के खिलाफ बगावत कर दी और संग्राम में शाही फौज को हरा दिया। अंत में उन्होंने कश्मीर के पहाड़ों में शरण ली, जहां सन् 1644 ई. ...

गुरु गोविंद सिंग जयंती 2023: इतिहास, महत्त्व आणि तारीख

ही 20 जानेवारी ही तुमच्या कॅलेंडरवरील आणखी एक सुट्टी नाही, तर ती प्रत्यक्षात दहावे शीख गुरु, गुरु गोविंद सिंग यांचा वाढदिवस आहे. लोक भक्तीगीते गात एकमेकांना मिठाई आणि थंड पेय - शरबत वाटून हा दिवस साजरा करतात. गुरुद्वारा म्हणून ओळखल्या जाणार्‍या प्रार्थनास्थळांवर प्रार्थना केली जाते. ऐतिहासिक महत्त्व गुरु गोविंद सिंग हे 10 वे आणि अंतिम मानवी शीख गुरु होते. त्यांचे वडील गुरु तेग बहादूर यांना औरंगजेबाने मृत्युदंड दिल्यानंतर वयाच्या 9 व्या वर्षी ते शिखांचे नेते म्हणून त्यांच्या वडिलांच्या गादीवर आले. गुरु गोविंद सिंग हे एक प्रसिद्ध योद्धा, कवी, अध्यात्मिक गुरु आणि तत्त्वज्ञ होते. त्यांनी शीख धर्मात काही उल्लेखनीय योगदान दिले जसे की खालसा म्हणून ओळखल्या जाणार्‍या शीख सैन्याची स्थापना करणे आणि खालसा शीख नेहमी घालतात/वाहतात असे पाच Ks, विश्वासाचे पाच लेख सादर करणे. भारतात साजऱ्या केल्या जाणाऱ्या इतर सणांप्रमाणेच या प्रसंगी अनोखे असलेले अनेक पदार्थ जसे की पुल्लीगोर नावाचा चिंचेचा तांदूळ, होलीज - उगदी पचडीसह गोड भाकरी - गोड आणि आंबट चटणी उत्सवादरम्यान तयार केली जाते आणि दिली जाते. काव्य सत्रे आयोजित केली जातात ज्यात स्वतः गुरु गोविंद सिंग यांनी लिहिलेल्या कवितांचे पठण केले जाते. कोणत्याही धर्म, जात, पंथाची पर्वा न करता या शुभ प्रसंगी गुरू गोविंद सिंग यांना आदरांजली वाहणाऱ्या सर्व लोकांना गुरुद्वारा लंगर देतात परंतु याआधी सर्व भक्त गुरु ग्रंथ साहिबचे पठण करतात. या भव्य उत्सवाचे साक्षीदार होण्यासाठी आणि स्वतःला रमवण्यासाठी गुरुद्वारा ही सर्वोत्तम ठिकाणे आहेत. गुरुद्वारा दिवे आणि दिव्यांनी उजळून निघतात. गुरुद्वारापासून मोठ्या मिरवणुका रस्त्यावरून काढल्या जातात. आणि, जर तुम्ही गुरु गोव...

Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : Prakash Parv Messages, Quotes, Shayari, Greetings, Sms, Wishes, Images, Whats App Status In Hindi

Guru Gobind Singh Jayanti quotes​ : सिखों के 10वें गुरु यानी गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है. उन्होंने ही खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" दी. गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. इसी के साथ वह खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों और उनके सहयोगियों से 14 बार लड़े. इसी वजह से उनकी जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. गुरुद्वारों में कीर्तन और लंगर आयोजित किए जाते हैं. इसी के साथ ही उनके अनमोल वचन पढ़े जाते हैं. आप भी इस बार गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti 2022) की खुशी सबसे बांटें और यहां दिए गए मैसेजेस (Guru Gobind Singh Messages) से बधाई दें. यह भी पढ़ें • Guru Gobind Singh Jayanti 2022: गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर मैसेज और फोटो भेजकर सभी को दें लख-लख बधाई • Happy Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु पर्व पर इन Wishes, Messages और Quotes के जरिए अपनों को भेजें गुरु नानक जयंती की बधाई • Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : कौन थे गुरु गोबिंद सिंह ? उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जान लें

Guru Gobind Singh Vaani Guru Gobind Singh Quotes Principles And Teachings In Hindi

नई दिल्ली: गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) सिख धर्म के 10वें गुरु, दार्शनिक और कवि हैं. उन्‍होंने खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" दी. बैसाखी के दिन 1699 में उन्‍होंने खालसा पंथ (Khalsa Panth) की स्‍थापना की थी. यही नहीं उन्‍होंने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया था. उन्‍होंने खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों और उनके सहयोगियों से 14 युद्ध लड़े थे. गुरु गोबिंद सिंह की गिनती महान लेखकों और रचनाकारों में होती है. उन्‍होंने 'जाप' साहिब, 'अकाल उस्‍तत', 'बिचित्र नाटक', 'चंडी चरित्र', 'शास्‍त्र नाम माला', 'अथ पख्‍यां चरित्र लिख्‍यते', 'ज़फ़रनामा' और 'खालसा महिमा' जैसी रचनाएं लिखीं. 'बिचित्र नाटक' को उनकी आत्‍मकथा माना जाता है, जोकि 'दसम ग्रन्थ' का एक भाग है. आपको बता दें कि गुरु गोबिन्द सिंह की कृतियों के संकलन का नाम 'दसम ग्रंथ' है. गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत दिए थे, जिन्‍हें 'पांच ककार' कहा जाता है. पांच ककार का मतलब 'क' शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- 'केश', 'कड़ा', 'कृपाण', 'कंघा' और 'कच्छा'. इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता. इनमें केश सबसे पहले आते हैं. इस बार 13 जनवारी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर हम आपको उनके 10 प्रेरणादायी विचारों (Guru Gobind Singh Quotes) के बारे में बता रहे हैं: यह भी पढ़ें • खुद को उपराज्यपाल बताकर वाइस चांसलर को फोन लगाकर सिफारिश करने वाला असिस्टेंट प्रोफेसर गिरफ्तार • Gur...

गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022: प्रकाश पर्व पर अपनों और दोस्तों को इन संदेशों के जरिए दें बधाई

नई दिल्ली, 09 जनवरी: गुरु गोविंद सिंह की जयंती आज 9 जनवरी को धूमधाम से मनाई जा रही है। गुरु गोविंद सिंह जयंती के दिन को ''प्रकाश पर्व'' के नाम से भी जानते हैं। गुरु गोविंद सिंह की जयंती की तारीख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार तय की जाती है और दिसंबर और जनवरी के बीच में आती है। इस साल गुरु गोविंद सिंह की जयंती 9 जनवरी 2022 को मनाई जा ही है। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गोविंद राय, गुरु गोविंद सिंह मानव रूप में सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। 22 दिसंबर 1666 को पटना में गुरु गोविंद सिंह का जन्म सोढ़ी खत्री परिवार में हुआ था। गुरु गोविंद सिंह अपने पिता और सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद सिर्फ 9 साल की उम्र में गुरु गोविंद सिंह को 'गुरु गद्दी' में विराजमान किया गया था। गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा, कवि और लेखक के रूप में जाने जाते हैं। गुरु गोविंद सिंह खालसा के नाम से जाने जाने वाले सिख योद्धा समुदाय के संस्थापक भी थे। उन्होंने सिख पहनावे में आस्था के पांच लेख भी पेश किए। उन्हें दशम ग्रंथ भजनों की रचना करने वाले के रूप में भी जाना जाता है, जिसे सिखों का एक प्रमुख ग्रंथ माना जाता है। भक्त गुरु गोविंद सिंह जयंती को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग उनकी जयंती पर जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े भी बांटते हैं। इस दिन लोग अपनों और परिवार वालों को गुरु गोविंद सिंह जयंती और प्रकाश पर्व की बधाई देते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे संदेश बता रहे हैं, जिसके जरिए आप अपनों को बधाई दे सकते हैं...। -मनुष्य का मनुष्य से प्रेम ही ईश्वर की भक्ति है, जरूरतमंद लोगों की मदद करें, गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022 की बधाई। -आशीर्वाद मिले आपको गुरु का, जिंदगी बने आपकी निराली, आप पर गोविंद स...

गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में

गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध गुरु गोविंद सिंह जयंती को सिक्ख अनुयायी प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इसे एक जन्म उत्सव के रूप में मनाते हैं। पटना साहिब में इसे धूमधाम एवं भव्य तरीकों से मनाते हैं। देश के कोने कोने से लोग यहां आकर गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाना पसंद करते हैं। ढेर सारी खुशियां आती है। उनके जन्मदिन के उत्सव के आने के साथ-साथ सिखों के फैमिली में इस पर्व को लेकर उत्सुकता रहती है। चेहरे पर रौनक से खुशियां ही खुशियां मिलती है। गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में तथा गुरु गोविंद सिंह जी एस्से इन हिंदी 10 लाइन के माध्यम से पढ़ सकते हैं। गुरु गोविंद सिंह प्रकाश पर्व के आने से पहले पटना साहिब को सजाया जाता है। रोड के किनारे रंग बिरंगे लाइट को लगाया जाता है। इसमें अनेक प्रकार की तैयारियाँ की जाती है। गुरुद्वारे को सुंदर ढंग से सजाया जाता है। जिस तरह से गुरु नानक जयंती या सिख धर्म के गुरु की जयंतियों मनाते हैं। उसी प्रकार से ये जयंतिया भी मनाया जाता है। तो चलिए गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में इसे देख सकते हैं। गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध 700 शब्दों में। Guru Gobind Singh Jayanti Essay in Hindi गुरु गोविंद सिंह जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में जनवरी के महीने में मनाया जाता है। सिख धर्म में इस जयंती का विशेष महत्व माना गया है। सिखों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में गिना जाता है। इन्हें सिख धर्म के दसवें गुरु के रूप में जाना जाता है। बिहार राज्य के पटना साहिब में इसका जन्म हुआ था। यहीं पर धूमधाम से भी गुरु गोविंद सिंह के अनुयाई द्वारा मनाया जाता है। इनकी जन्म जयंती को मनाने के लिए विभिन्न राज्य से अनुयाई दर्शन करने आते हैं। उन्होंने खालसा पंथ की ...

Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : Prakash Parv Messages, Quotes, Shayari, Greetings, Sms, Wishes, Images, Whats App Status In Hindi

Guru Gobind Singh Jayanti quotes​ : सिखों के 10वें गुरु यानी गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है. उन्होंने ही खालसा वाणी - "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह" दी. गुरु गोविंद सिंह जी ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. इसी के साथ वह खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों और उनके सहयोगियों से 14 बार लड़े. इसी वजह से उनकी जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. गुरुद्वारों में कीर्तन और लंगर आयोजित किए जाते हैं. इसी के साथ ही उनके अनमोल वचन पढ़े जाते हैं. आप भी इस बार गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti 2022) की खुशी सबसे बांटें और यहां दिए गए मैसेजेस (Guru Gobind Singh Messages) से बधाई दें. यह भी पढ़ें • Guru Gobind Singh Jayanti 2022: गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती पर मैसेज और फोटो भेजकर सभी को दें लख-लख बधाई • Happy Guru Nanak Jayanti 2022: गुरु पर्व पर इन Wishes, Messages और Quotes के जरिए अपनों को भेजें गुरु नानक जयंती की बधाई • Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : कौन थे गुरु गोबिंद सिंह ? उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जान लें

गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022: प्रकाश पर्व पर अपनों और दोस्तों को इन संदेशों के जरिए दें बधाई

नई दिल्ली, 09 जनवरी: गुरु गोविंद सिंह की जयंती आज 9 जनवरी को धूमधाम से मनाई जा रही है। गुरु गोविंद सिंह जयंती के दिन को ''प्रकाश पर्व'' के नाम से भी जानते हैं। गुरु गोविंद सिंह की जयंती की तारीख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार तय की जाती है और दिसंबर और जनवरी के बीच में आती है। इस साल गुरु गोविंद सिंह की जयंती 9 जनवरी 2022 को मनाई जा ही है। बिहार के पटना साहिब में जन्मे गोविंद राय, गुरु गोविंद सिंह मानव रूप में सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे। 22 दिसंबर 1666 को पटना में गुरु गोविंद सिंह का जन्म सोढ़ी खत्री परिवार में हुआ था। गुरु गोविंद सिंह अपने पिता और सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के बाद सिर्फ 9 साल की उम्र में गुरु गोविंद सिंह को 'गुरु गद्दी' में विराजमान किया गया था। गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा, कवि और लेखक के रूप में जाने जाते हैं। गुरु गोविंद सिंह खालसा के नाम से जाने जाने वाले सिख योद्धा समुदाय के संस्थापक भी थे। उन्होंने सिख पहनावे में आस्था के पांच लेख भी पेश किए। उन्हें दशम ग्रंथ भजनों की रचना करने वाले के रूप में भी जाना जाता है, जिसे सिखों का एक प्रमुख ग्रंथ माना जाता है। भक्त गुरु गोविंद सिंह जयंती को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। लोग उनकी जयंती पर जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े भी बांटते हैं। इस दिन लोग अपनों और परिवार वालों को गुरु गोविंद सिंह जयंती और प्रकाश पर्व की बधाई देते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे संदेश बता रहे हैं, जिसके जरिए आप अपनों को बधाई दे सकते हैं...। -मनुष्य का मनुष्य से प्रेम ही ईश्वर की भक्ति है, जरूरतमंद लोगों की मदद करें, गुरु गोविंद सिंह जयंती 2022 की बधाई। -आशीर्वाद मिले आपको गुरु का, जिंदगी बने आपकी निराली, आप पर गोविंद स...

गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में

गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध गुरु गोविंद सिंह जयंती को सिक्ख अनुयायी प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इसे एक जन्म उत्सव के रूप में मनाते हैं। पटना साहिब में इसे धूमधाम एवं भव्य तरीकों से मनाते हैं। देश के कोने कोने से लोग यहां आकर गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाना पसंद करते हैं। ढेर सारी खुशियां आती है। उनके जन्मदिन के उत्सव के आने के साथ-साथ सिखों के फैमिली में इस पर्व को लेकर उत्सुकता रहती है। चेहरे पर रौनक से खुशियां ही खुशियां मिलती है। गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में तथा गुरु गोविंद सिंह जी एस्से इन हिंदी 10 लाइन के माध्यम से पढ़ सकते हैं। गुरु गोविंद सिंह प्रकाश पर्व के आने से पहले पटना साहिब को सजाया जाता है। रोड के किनारे रंग बिरंगे लाइट को लगाया जाता है। इसमें अनेक प्रकार की तैयारियाँ की जाती है। गुरुद्वारे को सुंदर ढंग से सजाया जाता है। जिस तरह से गुरु नानक जयंती या सिख धर्म के गुरु की जयंतियों मनाते हैं। उसी प्रकार से ये जयंतिया भी मनाया जाता है। तो चलिए गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध हिंदी में इसे देख सकते हैं। गुरु गोविंद सिंह जयंती पर निबंध 700 शब्दों में। Guru Gobind Singh Jayanti Essay in Hindi गुरु गोविंद सिंह जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में जनवरी के महीने में मनाया जाता है। सिख धर्म में इस जयंती का विशेष महत्व माना गया है। सिखों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में गिना जाता है। इन्हें सिख धर्म के दसवें गुरु के रूप में जाना जाता है। बिहार राज्य के पटना साहिब में इसका जन्म हुआ था। यहीं पर धूमधाम से भी गुरु गोविंद सिंह के अनुयाई द्वारा मनाया जाता है। इनकी जन्म जयंती को मनाने के लिए विभिन्न राज्य से अनुयाई दर्शन करने आते हैं। उन्होंने खालसा पंथ की ...

गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?

वर्ष 2023 में 5 जून, सोमवार को सिख समुदाय में छठवे गुरु, गुरु हर गोविंद साहिब (Guru Hargobind Singh Ji) जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। सिख धर्म में यह दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वे सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन सिंह के पुत्र थे। गुरु हर गोविंद सिंह जी का जन्म भारत के बडाली/ अमृतसर में हुआ था। उनकी माता का नाम गंगा था। गुरु हर गोविंद एक परोपकारी एवं क्रांतिकारी योद्धा थे। उनका जीवन-दर्शन जन-साधारण के कल्याण से जुड़ा हुआ था। उन्होंने सिखों को युद्ध कलाएं सिखाने तथा सैन्य परीक्षण के लिए भी प्रेरित किया था। हर गोविंद जी ने मुगलों के अत्याचारों से पीड़ित अनुयायियों में इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास पैदा किया। मुगलों के विरोध में गुरु हर गोविंद सिंह ने अपनी सेना संगठित की और अपने शहरों की किलेबंदी की। उन्होंने 'अकाल बुंगे' की स्थापना की। 'बुंगे' का अर्थ होता है एक बड़ा भवन जिसके ऊपर गुंबज हो। उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के सम्मुख अकाल तख्त अर्थात् ईश्वर का सिंहासन का निर्माण किया। इसी भवन में अकालियों की गुप्त गोष्ठियां होने लगीं। इनमें जो निर्णय होते थे उन्हें 'गुरुमतां' अर्थात् 'गुरु का आदेश' नाम दिया गया। इस कालावधि में उन्होंने अमृतसर के निकट एक किला बनवाया तथा उसका नाम लौहगढ़ रखा। दिनोंदिन सिखों की मजबूत होती स्थिति को खतरा मानकर मुगल बादशाह जहांगीर ने उनको ग्वालियर में कैद कर लिया। गुरु हर गोविंद 12 वर्षों तक कैद में रहे, इस दौरान उनके प्रति सिखों की आस्था और अधिक मजबूत होती गई। वे लगातार मुगलों से लोहा लेते रहे। रिहा होने पर उन्होंने शाहजहां के खिलाफ बगावत कर दी और संग्राम में शाही फौज को हरा दिया। अंत में उन्होंने कश्मीर के पहाड़ों में शरण ली, जहां सन् 1644 ई. ...