हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे

  1. हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ?
  2. NCERT Solutions Class 10th Hindi क्षितिज New Syllabus Chapter
  3. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाडी रोकने के लिए मना किया था
  4. नेताजी का चश्मा 10th Class Hindi क्षितिज भाग 2 Chapter 10
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हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ?

> वार्षिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्न उनके आदर्श उतर > हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले... हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाडी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ? लिखित उत्तर Solution:हालदार साहब के लिए सुभाष की मूर्ति पर चश्मा लगाना .इतनी-सी. बात नहीं थी। यह उनके लिए बहुत बड़ी बात थी। यह बात उनके मन में आशा जगाती थी कि कस्बे-कस्बे में देशभक्ति जीवित है। देश की पीढ़ी में देशप्रेम जीवित है। इस खुशी और आशा से वे भी भावुक हो उठे। Add a public comment... Question हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा -(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे? Open in App Solution (क) कैप्टन एक देश प्रेमी था, नेताजी जैसे देशभक्त के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। उसके मर जाने के बाद हालदार साहब को लगा कि अब समाज में किसी के भी मन में नेताजी या देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना नहीं है। इसलिए वे मायूस हो गए।(ख) मूर्ति पर लगे सरकंडे का चश्मा इस बात का प्रतीक है कि आज भी देश की आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना है। भले ही उनके पास साधन न हो परन्तु फिर भी सच्चे हृदय से बना वह सरकंडे का चश्मा भी भावनात्मक दृष्टिकोण से मूल्यवान है।(ग) उचित साधन न होते हुए भी किसी बच्चे ने अपनी क्षमता के अनुसार नेताजी को सरकंडे का चश्मा पहनाया। बड़े लोगों के मन में जिस देशभक्ति का अभाव है वही देशभक्ति सरकंडे के चश्मे के माध्यम से एक बच्चे के मन में...

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Last Doubt NCERT Solutions Class 10th Hindi क्षितिज New Syllabus Chapter – 7 नेताजी का चश्मा Textbook NCERT Class 10th Subject Hindi Chapter 10 th Chapter Name नेताजी का चश्मा Category Class 10th Hindi Question & Answer Medium Hindi Source NCERT Solutions Class 10th Hindi क्षितिज New Syllabus Chapter – 7 नेताजी का चश्मा Question & Answer जिसमे हम नेता जी का चश्मा पाठ की विधा क्या है?, नेताजी का चश्मा कहानी का मूल भाव है क्या है?, नेताजी का चश्मा कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?, प्रतिमा बनाने वाले का नाम क्या था?, चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते हैं?, कप्तान कौन था?, नेताजी का चश्मा कहानी के मुख्य पात्र कौन है?, हालदार साहब कौन थे?, नेताजी का चश्मा क्यों नहीं बन पाया?, नेताजी की मूर्ति में क्या कमी रह गई थी?, नेताजी का चश्मा पाठ में ड्राइंग मास्टर का नाम क्या था? आदि के बारे में पढ़ेंगे NCERT Solutions Class 10th Hindi क्षितिज New Syllabus Chapter – 7 ने ताजी का चश्मा Chapter – 7 नेताजी का चश्मा प्रश्न – उत्तर प्रश्न – अभ्यास प्रश्न 1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे? उत्तर –सेनानी न होते हुए भी लोग चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहते थे, क्योंकि ● कैप्टन चश्मेवाले में नेताजी के प्रति अगाध लगाव एवं श्रद्धा भाव था। ● वह शहीदों एवं देशभक्तों के अलावा अपने देश से उसी तरह लगाव रखता था जैसा कि फ़ौजी व्यक्ति रखते हैं। ●उसमें देश प्रेम एवं देशभक्ति का भाव कूट-कूटकर भरा था। ●वह नेताजी की मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर दुखी होता था। प्रश्न 2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा (क) हालदा...

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाडी रोकने के लिए मना किया था

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नेताजी का चश्मा 10th Class Hindi क्षितिज भाग 2 Chapter 10

प्रश्न: सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे? उत्तर: सेनानी न होते हुए भी लोग चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहते थे, क्योंकि • कैप्टन चश्मेवाले में नेताजी के प्रति अगाध लगाव एवं श्रद्धा भाव था। • वह शहीदों एवं देशभक्तों के अलावा अपने देश से उसी तरह लगाव रखता था जैसा कि फ़ौजी व्यक्ति रखते हैं। • उसमें देश प्रेम एवं देशभक्ति का भाव कूट-कूटकर भरा था। • वह नेताजी की मूर्ति को बिना चश्मे के देखकर दुखी होता था। प्रश्न: हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा • हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे? • मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है? • हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे? उत्तर: • हालदार साहब इसलिए मायूस हो गए थे। क्योंकि वे सोचते थे कि कस्बे के चौराहे पर मूर्ति तो होगी पर उसकी आँखों पर चश्मा न होगा। अब कैप्टन तो जिंदा है नहीं, जो मूर्ति पर चश्मा लगाए। देशभक्त हालदार साहब को नेताजी की चश्माविहीन मूर्ति उदास कर देती थी। • मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि देश में देशप्रेम एवं देशभक्ति समाप्त नहीं हुई है। बच्चों द्वारा किया गया कार्य स्वस्थ भविष्य का संकेत है। उनमें राष्ट्र प्रेम के बीज अंकुरित हो रहे हैं। • हालदार साहब सोच रहे थे कि कैप्टन के न रहने से नेताजी की मूर्ति चश्माविहीन होगी परंतु जब यह देखा कि मूर्ति की आँखों पर सरकंडे का चश्मा लगा हुआ है तो उनकी निराशा आशा में बदल गई। उन्होंने समझ लिया कि युवा पीढ़ी में देशप्रेम और देशभक्ति की भावना है जो देश के लिए शुभ संकेत है। यह बात सोचकर वे भावुक हो गए। प्रश्न: आशय स्पष्ट कीजिए “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम ...

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प्रश्न 10-2: हालदार साहब ने ड्राईवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा - (क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे? (ख) मूर्ती पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है? (ग) हालदार साहब इतनी - सी बात पर भावुक क्यों हो उठे? उत्तर 10-2: (क) हालदार साहब पहले इसलिए मायूस हो गए थे क्योंकि वे सोच रहे थे कस्बे के चौराहे पर सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा तो अवश्य मिलेगी, परंतु उनकी आँखों पर चश्मा लगा नहीं मिलेगा। चश्मा लगानेवाला देशभक्त कैप्टेन तो मर चुका है और वहाँ अब किसी में वैसी देशप्रेम की भावना नहीं है। (ख) मूर्ती पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि अभी लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना मरी नहीं है। भावी पीढ़ी इस धरोहर को संभाले हुए हैं। बच्चों के अंदर देशप्रेम का जज्बा है, अतः देश का भविष्य सुरक्षित है। (ग) जब उन्होंने नेताजी के प्रतिमा की आँखों पर चश्मा लगा देखा तो हालदार साहब के मन की निराशा की भावना अचानक ही आशा के रूप में परिवर्तित हो गयी और उनके ह्रदय की प्रसन्नता आँखों से आँसू बनकर छलक उठी। उन्हें यह विश्वास हो गया कि देशभक्ति की भावना भावी पीढ़ी के मन में भी पूरी तरह भरी हुई है। प्रश्न 10-3: आशय स्पष्ट कीजिए - "बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने केमौके ढूँढ़ती है।" उत्तर 10-3: हालदार साहब बार-बार सोचते रहे कि उस कौम का भविष्य कैसा होगा जो उन लोगों की हँसी उड़ाती है जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ त्याग कर देते हैं। साथ ही वह ऐसे अवसर तलाशती रहती है, जिसमें उसकी स्वार्थ की पूर्ती हो सके, चाहे उसके लिए उन्हें अपन...

NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz II Hindi Chapter 10

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