होली कितनी तारीख को चलेगी

  1. होली कितनी तारीख को है 2022 की
  2. 2023 में होली कब है_Holi kab hai 2023_होली कितनी तारीख को है 2023
  3. 2022 में होली कब खेली जाएगी? – Expert
  4. Janmashtmi 2023: कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त 2023


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होली कितनी तारीख को है 2022 की

Explanation: होली 2022 में: होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को और अगले दिन शुक्रवार को रंगवाली होली 18 मार्च की है। जबकि 10 मार्च दिन गुरुवार को होलाष्टक है और 11 मार्च दिन शुक्रवार को बरसाना की लट्टमार होली है। 13 मार्च रविवार को नंदगाँव में लट्ठमार होली खेली जायेगी। मथुरा की लट्टमार होली 14 मार्च दिन सोमवार को खेली जायेगी। होली हमारे देश का प्रसिद्ध त्योहार है। यह प्रत्येक वर्ष फाल्गुन के महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। प्रत्येक हिन्दू इस त्योहार के आने की प्रतीक्षा करता है। पुराणों में एक कथा है कि इस दिन भक्त प्रहलाद की बुआ होलिका अपने भाई के आदेशानुसार प्रहलाद को गोदी में लेकर आग में बैठ गई। इसी खुशी में हिंदू लोग इस दिन को होली के रूप में मनाते हैं। विश्वकर्मा जयंती 2023 में 17 सितंबर दिन रविवार को है। हर साल माघ महीने में भारत (Vishwakarma Jayanti in India) के उत्तर तथा पश्चिमी हिस्सों में भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। विश्‍वकर्मा को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। हिंदू धर्म के अ • महाशिवरात्रि व्रत कब है 2024, 2025, 2026, 2027, 2028 महाशिवरात्रि व्रत 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को है। भगवान शिव और मां शक्ति के मिलन का महापर्व ही शिवरात्रि (Maha Shivratri) है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जानेवाला यह महापर्व शिवरात्रि साधकों को इच्छित फल, धन, सौभाग • षटतिला एकादशी कब है 2024, 2025, 2026, 2027, 2028 षटतिला एकादशी 2024 में 6 फरवरी 2024 दिन मंगलवार को है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। षटतिला एकादशी की कथा धार्मिक मान्यता के अनुसार इस प्रकार है कि, प्राचीन काल में पृथ्वी पर एक ब्राहमण की पत्न...

2023 में होली कब है_Holi kab hai 2023_होली कितनी तारीख को है 2023

2023 में होली कब है_Holi kab hai 2023_होली कितनी तारीख को है 2023 हेलो दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि होली कब है 2023 में आइए जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पूरी जानकारी मिलने वाली है होली कब है 2023 में Holi Kab Hai 2023 mein सनातन धर्म का प्रमुख पर्व होली फाल्गुन माह में मनाया जाता है। इस साल होली 08 मार्च 2023, बुधवार को मनाई जाएगी। होली भारतीय लोगों के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली Holi 2023 से एक दिन पहले होलिका दहन Holika Dahan होता है। जिसके दूसरे दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाकर पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। चलिए अब जानते है की 2023 में होली कब है Holi Kab Hai 2023 Mein होली कितनी तारीख को है 2022 2023 mein Holi Kab Hai सनातन पंचांग के अनुसार होली का त्यौहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. साल 2023 में होली 08 मार्च, बुधवार के दिन मनाई जाएगी, इसे भारतीय लोग धुलैंडी और बड़ी होली के नाम से जानते हैं। वर्ष 2023 की होली के लिए होलिका दहन 07 मार्च को किया जायेगा, जिसे बहुत सी जगह पर छोटी होली भी बोला जाता है। होली क्यों मनाई जाती है होली क्यों मनाई जाती है होली की दर्जनों लोक कथाएं प्रचलित है। इसकी मुख्य कथा के अनुसार एक नगर में हिरण्यकश्यप नाम का दानव राजा हुआ करते थे. जो लोगों से भगवान की पूजा छोड़कर उनकी था। जिसके चलते राजा से प्रजा बेहद ही दुखी थी. राजा का एक पुत्र प्रह्लाद था। जो कि भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था।हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को बुलाकर राम का नाम न जपने को कहा तो प्रहलाद ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं नहीं लूंगा। यह बात सुनकर अहंकारी हिरण्यकश्यप क्रोधित हो उठा और उसने सिपाहियों से बोला कि इसको ले जाओ मेरी आँखों के सामने से और जं...

2022 में होली कब खेली जाएगी? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 2022 में होली कब खेली जाएगी? Holi 2022 kab hai: रंगों के पर्व होली का विशेष महत्व है. इस पर्व की तैयारियां बसंत पंचमी से शुरू हो जाती हैं. इस बार 18 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी. होली वाली भाई दूज कब है 2022? 20 मार्च 2022, रविवार को है होली भाई दूज का पर्व। 2022 का होली का दहन कितने बजे है? Happy Holi 2022 Shubh Yog: होलिका दहन भद्रा पूंछ काल या प्रदोष काल में करना श्रेष्ठ होता है। इस साल होलिका दहन के लिए १७ मार्च को 1 घंटा 10 मिनट का समय शुभ है। आइए यहां जानें किस शहर में क्या है होली जलने का समय… होली कब है २०२3? होली 8 मार्च को दिन बुधवार। होली किसकी बहन थी? होलिका हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप नामक योद्धा की बहन और प्रह्लाद, अनुह्लाद, सह्लाद और ह्लाद की बुआ थी। साथ ही ये महर्षि कश्यप और दिति की कन्या थी। इसका जन्म जनपद- कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र नामक पवित्र स्थान पर हुआ था। रंग कब खेला जाएगा? जिस रात होलिका दहन किया जाता है उसकी अगली सुबह रंगों का त्योहार मनाया जाता है. ऐसे में इस साल होली 18 मार्च 2022 के दिन खेली जाएगी. होली कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. दोज कब की है 2022 June? July माह में कृष्ण पक्ष की दूज 15 जुलाई 2022 को है. 2023 में होली कितने मार्च की है? 7 मार्च 2023 – छोटी होली / होलिका दहन 2029 की होली कब है? होली का त्योहार इस बार 21 मार्च को मनाया जाएगा। होली के पति का नाम क्या है? कथा के अनुसार होलिका इलोजी नाम के राजकुमार से प्रेम करती थी। इन दोनों ने विवाह की योजना भी बना ली थी। फाल्गुन पूर्णिमा...

Janmashtmi 2023: कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त 2023

जन्माष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म के सबसे लोकप्रिय एवं प्रमुख भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है जो समूचे विश्व में अपने नटखट और चंचल स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी (Janmashtami) को हर साल देशभर में मनाया जाता है और समस्त कृष्ण भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) को प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा नगरी में दुष्ट राजा कंस के कारागृह में देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। कृष्ण जी का जन्म अर्धरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जन्माष्टमी 2023 की तिथि एवं मुहूर्त जन्माष्टमी व्रत की पूजा विधि • जन्माष्टमी के दिन अष्टमी के व्रत से पूजा और नवमी के पारणा से व्रत की समाप्ति होती है। • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करने वाले भक्त को व्रत से एक दिन पूर्व अर्थात सप्तमी तिथि पर हल्का एवं सात्विक भोजन करना चाहिए। रात्रि को ब्रह्मचर्य का पालन करें, साथ ही मन और इंद्रियों को नियंत्रण में रखें। • जन्माष्टमी व्रत वाले दिन प्रातःकाल स्नानादि कार्यों से निवृत होकर समस्त देवी-देवताओं को नमस्कार करने के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाना चाहिए। • अब हाथ में जल, फल और फूल लेकर संकल्प करें और मध्यान्ह काल में काले तिल के जल से स्नान या अपने ऊपर छिड़काव करने के बाद कर देवकी जी के लिए "प्रसूतिगृह" का निर्माण करें। • अब इस सूतिका गृह में सुन्दर और कोमल बिछौना बिछाएं तथा उस पर शुभ कलश की स्थापना करें। • इसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती माँ देवकी की प्रतिमा य...