हरि कीर्तन भजन

  1. yogini ekadashi 2023 date know how to impress lord vishnu vrat puja vidhi
  2. Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी कब है? इस दिन ये 3 खास उपाय करने से दूर होगी हर समस्या
  3. आना पवन कुमार हमारे हरि कीर्तन में हनुमान भजन Aana Pawan Kumar Hamare Hari Kirtan Mein Hanuman Hindi Bhajan Lyrics
  4. Organizing Harinam Kirtan and Hari Katha on Yogini Ekadashi
  5. भीलवाड़ा के श्मशान में भजन


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yogini ekadashi 2023 date know how to impress lord vishnu vrat puja vidhi

Importance of Yogini Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. साल 2023 में यह तिथि 14 जून को पड़ रही है. योगिनी एकादशी पर जगत के पालनकर्ता श्री हरि की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना फलदायी माना गया है. शुभ मुहूर्त (Panchang 14 june 2023) एकादशी तिथि प्रारंभ 13 जून सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर होगा. और एकादशी तिथि समाप्त 14 जून सुबह 08 बजकर 28 मिनट पर होगा. उदायातिथि के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून, 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा. योगिनी एकादशी पारण मुहूर्त 15 जून , गुरुवार सुबह 05 बजकर 22 मिनट पर होगा. योगिनी एकादशी पर करें ये काम - शास्त्रों में बताया गया है कि योगिनी एकादशी के दिन श्री हरि के भजन करें और नाम का जाप करें. साथ ही, इस दिन भजन- कीर्तन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. जो लोग व्रत रखते हैं उनकी सभी समस्याओं का अंत होता है.इस दिन जलीय आहार ग्रहण करें. अपने गुस्से पर काबू रखें. किसी को अपशब्द बिल्कुल भी न करें.जितना ज्यादा संभव हो विष्णु जी के साथ शिव जी की भी उपासना करें. योगिनी एकादशी के दिन ''ओम भगवते वासुदेवाय नम:'' मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही आप विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ कर सकते हैं. इस दिन योगिनी एकादशी व्रत कथा अवश्य सुनें या पढ़ें. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी कब है? इस दिन ये 3 खास उपाय करने से दूर होगी हर समस्या

Yogini Ekadashi 2023: आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. ये एकादशी पापों के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन श्री हरि, भगवान शिव के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. योगिनी एकादशी के दिन उपवास रखने और साधना करने से समस्याओं का अंत हो जाता है. इस बार योगनी एकादशी 14 जून को मनाई जाएगी. योगिनी एकादशी व्रत का नियम योगिनी एकादशी पर स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें. श्रीहरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. श्री हरि और मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें. किसी निर्धन व्यक्ति को जल, अनाज, कपड़े, जूते और छाते का दान करें. इस दिन केवल जल और फल ग्रहण करके ही उपवास रखें. सुबह और शाम दो वेला पूजन किया जाता है. मानसिक समस्याओं से मुक्ति का उपाय योगिनी एकादशी का उपवास रखें. पूरे दिन और रात केवल जलीय आहार ग्रहण करें. जितना संभव हो शिव जी की उपासना करें. कम से कम बोलें और गुस्सा न करें. शीघ्र नौकरी पाने के उपाय इस दिन लाल रंग का एक आसन लें, इसके चारों कोनों के पास एकमुखी दीपक जलाएं. आसन पर बैठकर संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें. हनुमान जी से नौकरी पाने की प्रार्थना करें कैसे करें पापों का प्रायश्चित? योगिनी एकादशी का उपवास रखें. सुबह और शाम श्री हरि की उपासना करें. इस एकादशी पर गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करना सबसे उत्तम होगा. भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ भी कर सकते हैं. योगिनी एकादशी के दिन पीपल का पौधा लगाएं और निर्धनों को अनाज, कपड़े या पैसों का दान करें.

आना पवन कुमार हमारे हरि कीर्तन में हनुमान भजन Aana Pawan Kumar Hamare Hari Kirtan Mein Hanuman Hindi Bhajan Lyrics

भरत जी को लाना, लक्ष्मण जी को लाना, लाना सब परिवार, हमारे हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल, हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. कृष्ण जी को लाना, राधा जी को लाना, लाना लखदातार, हमारे हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल, हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. शिव जी को लाना, मैया जी को लाना, लाना मदन मुरार, हमारे हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल, हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. सुमति को लाना, कुमति को हटाना, करना बेड़ा पार, हमारे हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल, हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. बजरंग मण्डल पे कृपा कर के, सुन लो मेरी पुकार, हमारे हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में, कीर्तन में हरि कीर्तन में, आना अंजनी के लाल हमारे हरि कीर्तन में, आना पवन कुमार, हमारे हरि कीर्तन में……. Aana Pawan Kumar Hamare Hari Kirtan Mein Hanuman Hindi Bhajan Lyrics -HD Video

Organizing Harinam Kirtan and Hari Katha on Yogini Ekadashi

गायत्री नगर लाइनपार में योगिनी एकादशी पर हरिनाम कीर्तन एवं हरि कथा का आयोजन किया गया। इसमें आचार्य अखिलेश ने कहा कलियुग में हरिनाम संकीर्तन प्रभु प्राप्ति का प्रमुख आधार है। इससे भक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है, जो आवागमन के चक्र से मुक्ति का आधार भी है। हरिनाम संकीर्तन का अधिकार केवल मानव योनि में ही प्राप्त है। यह योनि लाखों योनियों ने सत्कर्म करता है, तब प्रभु प्रसन्न होकर यह जन्म देते हैं। ताकि, मनुष्य उनकी भक्ति कर मुक्ति का मार्ग पा सके। मगर मनुष्य यहां भौतिकवाद में फंस कर जीवन का लक्ष्य भूल जाता है। यही उसके दुखों का कारण है और मुक्ति के स्थान पर आवागमन के चक्र में फंसा रहता है। महाराज ने हरिकथा को सर्व कल्याणकारी बताया। उन्होंने कहा हरि भजन, हरि कथा और हरि कीर्तन सभी प्रभु की भक्ति की ओर अग्रसर करते हैं। व्यवस्था में अतुल जौहरी, प्रवीण कुमार, सुशील वर्मा, गौरव गुप्ता, राजीव शर्मा, राजीव सक्सेना व पुनीत सक्सेना आदि शामिल रहे।

भीलवाड़ा के श्मशान में भजन

रवि पायक/भीलवाड़ा. हिंदू धर्म में शमशान किसी भी व्यक्ति के जीवन का अंतिम पड़ाव है. यहां पर मृत शरीर को मुक्ति मिलती है, परंतु कई बार व्यक्ति की आत्मा जीवन-मरण के बीच में उलझी हुई रहती है. प्रियजनों को मुखाग्नि देने के बाद वापस हम कभी श्मशान में नहीं जाते. राजस्थान के भीलवाड़ा में एक ऐसी महिला है जो ना केवल श्मशान में जाती है, बल्कि यहां मृत व्यक्तियों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए भजन-कीर्तन करती है. इस महिला के साथ निरंतर लोग जुड़ते जा रहे हैं. शहर के सुभाष नगर की रहने वाली राजविंदर कौर उर्फ कारला दीदी बताती हैं कि कुछ साल पहले किसी कारण से मैं हताश हो गई थी. मन बहुत विचलित हो गया था जिसके चलते में श्मशान में गई थी. वहां मैंने देखा कि एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए कुछ लोग आए थे. मगर पूरा अंतिम संस्कार किए बिना ही चले गए. तब मेरे मन में विचार आया कि कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनको मरने के बाद भी मुक्ति नसीब नहीं होती. तो वहीं, कुछ के लिए उनके परिजन सत्संग जैसे कई कार्यक्रम करते हैं. उन्होंने बताया कि तब मैंने सोचा कि क्यों ना शमशान में जाकर सभी धर्म के लोगों की आत्मा को शांति के लिए सत्संग किया जाए. मैंने यह बात अपनी मंडली के समक्ष (सामने) रखी. पहले तो सबने मेरा मजाक उड़ाया, लेकिन बाद में शांति प्रकाश मेहता ने मेरी बात के मर्म को समझा और उसे अमल में लाने की कोशिश की. 5 जनवरी, 2019 को भीलवाड़ा शहर के पंचमुखी मोक्ष धाम में हमारा पहला हरि कीर्तन आयोजित किया गया. बीते चार वर्षों से लगातार मोक्ष धाम में हम हरि कीर्तन कर रहे हैं. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है कि मौत के बाद जिन लोगों को परिवार नसीब नहीं होता है, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए हरि कीर्तन व भजन-कीर्तन करते हैं ...