जब किस्मत और हालात दोनों खराब हो तब सबकी सुननी पड़ती है जनाब

  1. बेटा हो या बेटी जब नियत खराब हो तो दोनों दगा दे जाते..!
  2. हालात पर शायरी
  3. जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी
  4. जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी
  5. हालात पर शायरी
  6. बेटा हो या बेटी जब नियत खराब हो तो दोनों दगा दे जाते..!
  7. जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी
  8. हालात पर शायरी
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  10. जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी


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बेटा हो या बेटी जब नियत खराब हो तो दोनों दगा दे जाते..!

"भाग्यवान क्यों अपनी किस्मत को दोष दे रही हो.। अरे कितने मां-बाप हैं जिनके साथ उनके बच्चों ने ऐसा व्यवहार किया कि वे दर दर की ठोकर खा रहे हैं..! और तुम हो कि बच्चों के लिए रो रही हो, भगवान ने हमें औलाद नहीं दी तो कुछ सोच कर हमारा नसीब लिखा होगा।क्यों उसके लिखे फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगा रही हो..।" कैलाश बाबू अपनी पत्नी उमा से कहते हैं। उमा जी रोते हुए बोलीं "काली स्याही से मेरी ही किस्मत लिखने की क्या जरूरत थी? किसी के घर में चार पांच बच्चे और मेरी गोद सूनी, क्यों भगवान ऐसी नाइंसाफी करते हैं...?? जब रास्ते पर चलते भूखे बच्चों को देखती हूं तो खुद को पूछती हूं कि क्या मैं औरत हूं, सब कुछ होते हुए भी मैं मां नहीं बन सकी और जिसके पास बच्चों का पेट भरने के लिए भी पैसा नहीं उसे भगवान ने मां बनने का सुख दिया .!" कैलाश बाबू बोले "10 साल हो गए हैं तुम्हें एक ही बात को समझाते समझाते अब मेरे में हिम्मत नहीं कि तुम्हें और समझा सकूं। अब रोना चाहती हो तो मैं क्या कर सकता हूं, जब मन हल्का हो जाए तो खाना खा लेना मैं दुकान से होकर आता हूं।" इतना कहकर वो अपनी दुकान पर चले गए। कैलाश बाबू की चौराहे पर एक कपड़े की बड़ी सी दुकान थी उसी से उनका घर बार चलता था। उनकी कोई औलाद नहीं थी जिसके कारण उनकी पत्नी उमा हमेशा दुखी रहती थी, दोनों पति-पत्नी ने बहुत इलाज करवाया पर उसका कोई नतीजा नहीं निकला। एक रोज उमा की कोई दूर की रिश्तेदार घूमते फिरते उनके घर आई बातों बातों में उसने कहा कि "मेरी ननद को बस दो लड़की थी बेटा नहीं था और संपत्ति अपार है। वहीं उसकी बहन को चार चार बेटे हुए पर खाने पर आफत, उसने अपनी बहन से कहा कि तुम मुझसे ही एक बेटा ले लो बच्चे का भी भला हो जाएगा और मेरा बोझ भी हल्का हो जाएगा।" उमा जी...

हालात पर शायरी

जिस प्रकार दिन और रात होती हे सुख और दुःख होता हे वैसे ही अगर हमारे हालात आज बुरे तो कल अच्छे होंगे इसलिए कभी भी अपने हालात को देखकर निराश मत होता बस खुदा पर भरोसा और मेहनत करते रहना। हालात कभी भी मुसीबत नहीं बनते हालात मुसीबत तभी बनते हे जब हमें उनसे निपटना नहीं आता। तो दोस्तों आज हम हालात पर शायरी, स्टेटस और कोट्स लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये जरूर पसंद आएंगे। मर रहा था मगर फिर भी नाम मोहब्बत का ले रहा था उसके हालात बता रहे थे अंजान मोहब्बत का था अभी तो हमें हालातो ने अपने पिंजरे में कैद कर के रखा हे वरना उड़ना तो हमें भी आता हे कभी खुद पर तो कभी अपने हालातो पर रोना आया जब बात निकली मोहब्बत की तो हर किसी के आंखे में आंसू नजर आया वादा करो आज मुझसे की कभी रुलाओगे नहीं हालात चाहे कैसे भी क्यों न हो मुझे भुलाओंगे नहीं तुम अपनी आँखों में छुपाके रखोंगे हमें और दुनिया में किसी और को दिखाओंगे नहीं ज़िन्दगी तुझे जी – जी कर मर रहा हु में खुद को खुद से दूर कर रहा हु में सुना हे हालात मजबूर करते हे इंसान को यहाँ तो हालात को मजबूर कर रह हु में हालात से मजबूर शायरी मेरे जज़्बात मेरे हालातों से जुदा थे वरना तुम तो मेरे लिए खुदा थे अपने हालात बताये तो कैसे बताये भला एक पसंद आई थी उसे भी कोई और पसंद हे बुरे वक्त ने चुप रहना सीखा दिया और बुरे हालातो ने मुझे सब कुछ सहना सीखा दिया पूरा दिन देना पड़ता हे पूरी रात काम करना पड़ता हे सफलता पाने की ख़ातिर अपने हालातो को मात देना पड़ता हे क्या तुम भी मेरे हालात पूछते हो तुम्हे तो मालूम होना चाहिए मेरे इस हालात की वजह पूछते हो तुम पास होते तो मेरे ये हाल न होता अब हमारी हालत कुछ ऐसी हो गई हे की उम्र जीने की हे लेकिन चाहत मरने की हो गई हे वहाँ तक ...

जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी

बुद्ध की कहानियां Buddha Stories जीवन से जुड़ी हुई कहानी हैं और आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यही कारण है कि हिंदी में बुद्ध की कहानियां Gautam Buddha Story in Hindi बेहद लोकप्रिय हैं। इसी मकसद से हम आपके लिए एक बुद्ध की एक लोकप्रिय कहानी Gautam Buddha Story लेकर आए हैं, जिसका शीर्षक है- जब किस्मत खराब हो! यह हम सबके जीवन से जुड़ी हुई कहानी है। हमें उम्मीद है कि गौतम बुद्ध की ये एक बार की बात है। महात्मा बुद्ध के शिष्य आनंद कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अधेड़ व्यक्ति एक चट्टान पर बैठा रो रहा है। वे उसके पास गए और बोले, 'क्या बात है वत्स, तुम कौन हो और क्यों रो रहे हो?' आनंद की बात सुनकर उस व्यक्ति की सिसकियां थम गयीं। वह अपने आंसूं पोंछता हुआ बोला, 'मैं पास के गांव का रहने वाला एक बदनसीब व्यापारी हूं। मैं जो भी काम करता हूं, वह बिगड़ जाता है। व्यापार के चक्कर में मैंने अपनी पत्नी के गहने गंवा दिये, मैंने अपने परिवार को भी खो दिया। यहां तक कि मेरा घर भी गिरवी पड़ा है। मुझे तो लगता है कि मैं किसी काम का नहीं हूं। मेरी किस्मत ही खराब है।' उसकी बात सुनकर आनंद बोले, 'तुमसे किसने कहा वत्स कि तुम्हारी किस्मत खराब है? जरा मैं भी तो जानूं कि तुम्हारी किस्मत में क्या खराबी है? वह व्यक्ति बोला, 'पहले मैं खेती करता था। पर हर साल उसमें घाटा होता था। कभी सूखा पड़ जाता, तो कभी ज्यादा बारिश के कारण फसल बर्बाद हो जाती। इससे परेशान होकर मैंने व्यापार करने का निश्चय किया। मैंने पत्नी के गहने बेच कर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन मेरा व्यापार नहीं चला। शुरू शुरू में परिवार वालों ने मेरा साथ दिया, लेकिन जैसे जैसे मुझे नुकसान होने लगा, मेरे परिवार वाले भी मुझसे दूर हो गये। मै...

जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी

बुद्ध की कहानियां Buddha Stories जीवन से जुड़ी हुई कहानी हैं और आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यही कारण है कि हिंदी में बुद्ध की कहानियां Gautam Buddha Story in Hindi बेहद लोकप्रिय हैं। इसी मकसद से हम आपके लिए एक बुद्ध की एक लोकप्रिय कहानी Gautam Buddha Story लेकर आए हैं, जिसका शीर्षक है- जब किस्मत खराब हो! यह हम सबके जीवन से जुड़ी हुई कहानी है। हमें उम्मीद है कि गौतम बुद्ध की ये एक बार की बात है। महात्मा बुद्ध के शिष्य आनंद कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अधेड़ व्यक्ति एक चट्टान पर बैठा रो रहा है। वे उसके पास गए और बोले, 'क्या बात है वत्स, तुम कौन हो और क्यों रो रहे हो?' आनंद की बात सुनकर उस व्यक्ति की सिसकियां थम गयीं। वह अपने आंसूं पोंछता हुआ बोला, 'मैं पास के गांव का रहने वाला एक बदनसीब व्यापारी हूं। मैं जो भी काम करता हूं, वह बिगड़ जाता है। व्यापार के चक्कर में मैंने अपनी पत्नी के गहने गंवा दिये, मैंने अपने परिवार को भी खो दिया। यहां तक कि मेरा घर भी गिरवी पड़ा है। मुझे तो लगता है कि मैं किसी काम का नहीं हूं। मेरी किस्मत ही खराब है।' उसकी बात सुनकर आनंद बोले, 'तुमसे किसने कहा वत्स कि तुम्हारी किस्मत खराब है? जरा मैं भी तो जानूं कि तुम्हारी किस्मत में क्या खराबी है? वह व्यक्ति बोला, 'पहले मैं खेती करता था। पर हर साल उसमें घाटा होता था। कभी सूखा पड़ जाता, तो कभी ज्यादा बारिश के कारण फसल बर्बाद हो जाती। इससे परेशान होकर मैंने व्यापार करने का निश्चय किया। मैंने पत्नी के गहने बेच कर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन मेरा व्यापार नहीं चला। शुरू शुरू में परिवार वालों ने मेरा साथ दिया, लेकिन जैसे जैसे मुझे नुकसान होने लगा, मेरे परिवार वाले भी मुझसे दूर हो गये। मै...

हालात पर शायरी

जिस प्रकार दिन और रात होती हे सुख और दुःख होता हे वैसे ही अगर हमारे हालात आज बुरे तो कल अच्छे होंगे इसलिए कभी भी अपने हालात को देखकर निराश मत होता बस खुदा पर भरोसा और मेहनत करते रहना। हालात कभी भी मुसीबत नहीं बनते हालात मुसीबत तभी बनते हे जब हमें उनसे निपटना नहीं आता। तो दोस्तों आज हम हालात पर शायरी, स्टेटस और कोट्स लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये जरूर पसंद आएंगे। मर रहा था मगर फिर भी नाम मोहब्बत का ले रहा था उसके हालात बता रहे थे अंजान मोहब्बत का था अभी तो हमें हालातो ने अपने पिंजरे में कैद कर के रखा हे वरना उड़ना तो हमें भी आता हे कभी खुद पर तो कभी अपने हालातो पर रोना आया जब बात निकली मोहब्बत की तो हर किसी के आंखे में आंसू नजर आया वादा करो आज मुझसे की कभी रुलाओगे नहीं हालात चाहे कैसे भी क्यों न हो मुझे भुलाओंगे नहीं तुम अपनी आँखों में छुपाके रखोंगे हमें और दुनिया में किसी और को दिखाओंगे नहीं ज़िन्दगी तुझे जी – जी कर मर रहा हु में खुद को खुद से दूर कर रहा हु में सुना हे हालात मजबूर करते हे इंसान को यहाँ तो हालात को मजबूर कर रह हु में हालात से मजबूर शायरी मेरे जज़्बात मेरे हालातों से जुदा थे वरना तुम तो मेरे लिए खुदा थे अपने हालात बताये तो कैसे बताये भला एक पसंद आई थी उसे भी कोई और पसंद हे बुरे वक्त ने चुप रहना सीखा दिया और बुरे हालातो ने मुझे सब कुछ सहना सीखा दिया पूरा दिन देना पड़ता हे पूरी रात काम करना पड़ता हे सफलता पाने की ख़ातिर अपने हालातो को मात देना पड़ता हे क्या तुम भी मेरे हालात पूछते हो तुम्हे तो मालूम होना चाहिए मेरे इस हालात की वजह पूछते हो तुम पास होते तो मेरे ये हाल न होता अब हमारी हालत कुछ ऐसी हो गई हे की उम्र जीने की हे लेकिन चाहत मरने की हो गई हे वहाँ तक ...

बेटा हो या बेटी जब नियत खराब हो तो दोनों दगा दे जाते..!

"भाग्यवान क्यों अपनी किस्मत को दोष दे रही हो.। अरे कितने मां-बाप हैं जिनके साथ उनके बच्चों ने ऐसा व्यवहार किया कि वे दर दर की ठोकर खा रहे हैं..! और तुम हो कि बच्चों के लिए रो रही हो, भगवान ने हमें औलाद नहीं दी तो कुछ सोच कर हमारा नसीब लिखा होगा।क्यों उसके लिखे फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगा रही हो..।" कैलाश बाबू अपनी पत्नी उमा से कहते हैं। उमा जी रोते हुए बोलीं "काली स्याही से मेरी ही किस्मत लिखने की क्या जरूरत थी? किसी के घर में चार पांच बच्चे और मेरी गोद सूनी, क्यों भगवान ऐसी नाइंसाफी करते हैं...?? जब रास्ते पर चलते भूखे बच्चों को देखती हूं तो खुद को पूछती हूं कि क्या मैं औरत हूं, सब कुछ होते हुए भी मैं मां नहीं बन सकी और जिसके पास बच्चों का पेट भरने के लिए भी पैसा नहीं उसे भगवान ने मां बनने का सुख दिया .!" कैलाश बाबू बोले "10 साल हो गए हैं तुम्हें एक ही बात को समझाते समझाते अब मेरे में हिम्मत नहीं कि तुम्हें और समझा सकूं। अब रोना चाहती हो तो मैं क्या कर सकता हूं, जब मन हल्का हो जाए तो खाना खा लेना मैं दुकान से होकर आता हूं।" इतना कहकर वो अपनी दुकान पर चले गए। कैलाश बाबू की चौराहे पर एक कपड़े की बड़ी सी दुकान थी उसी से उनका घर बार चलता था। उनकी कोई औलाद नहीं थी जिसके कारण उनकी पत्नी उमा हमेशा दुखी रहती थी, दोनों पति-पत्नी ने बहुत इलाज करवाया पर उसका कोई नतीजा नहीं निकला। एक रोज उमा की कोई दूर की रिश्तेदार घूमते फिरते उनके घर आई बातों बातों में उसने कहा कि "मेरी ननद को बस दो लड़की थी बेटा नहीं था और संपत्ति अपार है। वहीं उसकी बहन को चार चार बेटे हुए पर खाने पर आफत, उसने अपनी बहन से कहा कि तुम मुझसे ही एक बेटा ले लो बच्चे का भी भला हो जाएगा और मेरा बोझ भी हल्का हो जाएगा।" उमा जी...

जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी

बुद्ध की कहानियां Buddha Stories जीवन से जुड़ी हुई कहानी हैं और आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यही कारण है कि हिंदी में बुद्ध की कहानियां Gautam Buddha Story in Hindi बेहद लोकप्रिय हैं। इसी मकसद से हम आपके लिए एक बुद्ध की एक लोकप्रिय कहानी Gautam Buddha Story लेकर आए हैं, जिसका शीर्षक है- जब किस्मत खराब हो! यह हम सबके जीवन से जुड़ी हुई कहानी है। हमें उम्मीद है कि गौतम बुद्ध की ये एक बार की बात है। महात्मा बुद्ध के शिष्य आनंद कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अधेड़ व्यक्ति एक चट्टान पर बैठा रो रहा है। वे उसके पास गए और बोले, 'क्या बात है वत्स, तुम कौन हो और क्यों रो रहे हो?' आनंद की बात सुनकर उस व्यक्ति की सिसकियां थम गयीं। वह अपने आंसूं पोंछता हुआ बोला, 'मैं पास के गांव का रहने वाला एक बदनसीब व्यापारी हूं। मैं जो भी काम करता हूं, वह बिगड़ जाता है। व्यापार के चक्कर में मैंने अपनी पत्नी के गहने गंवा दिये, मैंने अपने परिवार को भी खो दिया। यहां तक कि मेरा घर भी गिरवी पड़ा है। मुझे तो लगता है कि मैं किसी काम का नहीं हूं। मेरी किस्मत ही खराब है।' उसकी बात सुनकर आनंद बोले, 'तुमसे किसने कहा वत्स कि तुम्हारी किस्मत खराब है? जरा मैं भी तो जानूं कि तुम्हारी किस्मत में क्या खराबी है? वह व्यक्ति बोला, 'पहले मैं खेती करता था। पर हर साल उसमें घाटा होता था। कभी सूखा पड़ जाता, तो कभी ज्यादा बारिश के कारण फसल बर्बाद हो जाती। इससे परेशान होकर मैंने व्यापार करने का निश्चय किया। मैंने पत्नी के गहने बेच कर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन मेरा व्यापार नहीं चला। शुरू शुरू में परिवार वालों ने मेरा साथ दिया, लेकिन जैसे जैसे मुझे नुकसान होने लगा, मेरे परिवार वाले भी मुझसे दूर हो गये। मै...

हालात पर शायरी

जिस प्रकार दिन और रात होती हे सुख और दुःख होता हे वैसे ही अगर हमारे हालात आज बुरे तो कल अच्छे होंगे इसलिए कभी भी अपने हालात को देखकर निराश मत होता बस खुदा पर भरोसा और मेहनत करते रहना। हालात कभी भी मुसीबत नहीं बनते हालात मुसीबत तभी बनते हे जब हमें उनसे निपटना नहीं आता। तो दोस्तों आज हम हालात पर शायरी, स्टेटस और कोट्स लेकर आये हे हमें उम्मीद हे की आपको ये जरूर पसंद आएंगे। मर रहा था मगर फिर भी नाम मोहब्बत का ले रहा था उसके हालात बता रहे थे अंजान मोहब्बत का था अभी तो हमें हालातो ने अपने पिंजरे में कैद कर के रखा हे वरना उड़ना तो हमें भी आता हे कभी खुद पर तो कभी अपने हालातो पर रोना आया जब बात निकली मोहब्बत की तो हर किसी के आंखे में आंसू नजर आया वादा करो आज मुझसे की कभी रुलाओगे नहीं हालात चाहे कैसे भी क्यों न हो मुझे भुलाओंगे नहीं तुम अपनी आँखों में छुपाके रखोंगे हमें और दुनिया में किसी और को दिखाओंगे नहीं ज़िन्दगी तुझे जी – जी कर मर रहा हु में खुद को खुद से दूर कर रहा हु में सुना हे हालात मजबूर करते हे इंसान को यहाँ तो हालात को मजबूर कर रह हु में हालात से मजबूर शायरी मेरे जज़्बात मेरे हालातों से जुदा थे वरना तुम तो मेरे लिए खुदा थे अपने हालात बताये तो कैसे बताये भला एक पसंद आई थी उसे भी कोई और पसंद हे बुरे वक्त ने चुप रहना सीखा दिया और बुरे हालातो ने मुझे सब कुछ सहना सीखा दिया पूरा दिन देना पड़ता हे पूरी रात काम करना पड़ता हे सफलता पाने की ख़ातिर अपने हालातो को मात देना पड़ता हे क्या तुम भी मेरे हालात पूछते हो तुम्हे तो मालूम होना चाहिए मेरे इस हालात की वजह पूछते हो तुम पास होते तो मेरे ये हाल न होता अब हमारी हालत कुछ ऐसी हो गई हे की उम्र जीने की हे लेकिन चाहत मरने की हो गई हे वहाँ तक ...

बेटा हो या बेटी जब नियत खराब हो तो दोनों दगा दे जाते..!

"भाग्यवान क्यों अपनी किस्मत को दोष दे रही हो.। अरे कितने मां-बाप हैं जिनके साथ उनके बच्चों ने ऐसा व्यवहार किया कि वे दर दर की ठोकर खा रहे हैं..! और तुम हो कि बच्चों के लिए रो रही हो, भगवान ने हमें औलाद नहीं दी तो कुछ सोच कर हमारा नसीब लिखा होगा।क्यों उसके लिखे फैसले पर प्रश्नचिन्ह लगा रही हो..।" कैलाश बाबू अपनी पत्नी उमा से कहते हैं। उमा जी रोते हुए बोलीं "काली स्याही से मेरी ही किस्मत लिखने की क्या जरूरत थी? किसी के घर में चार पांच बच्चे और मेरी गोद सूनी, क्यों भगवान ऐसी नाइंसाफी करते हैं...?? जब रास्ते पर चलते भूखे बच्चों को देखती हूं तो खुद को पूछती हूं कि क्या मैं औरत हूं, सब कुछ होते हुए भी मैं मां नहीं बन सकी और जिसके पास बच्चों का पेट भरने के लिए भी पैसा नहीं उसे भगवान ने मां बनने का सुख दिया .!" कैलाश बाबू बोले "10 साल हो गए हैं तुम्हें एक ही बात को समझाते समझाते अब मेरे में हिम्मत नहीं कि तुम्हें और समझा सकूं। अब रोना चाहती हो तो मैं क्या कर सकता हूं, जब मन हल्का हो जाए तो खाना खा लेना मैं दुकान से होकर आता हूं।" इतना कहकर वो अपनी दुकान पर चले गए। कैलाश बाबू की चौराहे पर एक कपड़े की बड़ी सी दुकान थी उसी से उनका घर बार चलता था। उनकी कोई औलाद नहीं थी जिसके कारण उनकी पत्नी उमा हमेशा दुखी रहती थी, दोनों पति-पत्नी ने बहुत इलाज करवाया पर उसका कोई नतीजा नहीं निकला। एक रोज उमा की कोई दूर की रिश्तेदार घूमते फिरते उनके घर आई बातों बातों में उसने कहा कि "मेरी ननद को बस दो लड़की थी बेटा नहीं था और संपत्ति अपार है। वहीं उसकी बहन को चार चार बेटे हुए पर खाने पर आफत, उसने अपनी बहन से कहा कि तुम मुझसे ही एक बेटा ले लो बच्चे का भी भला हो जाएगा और मेरा बोझ भी हल्का हो जाएगा।" उमा जी...

जब किस्मत खराब हो : गौतम बुद्ध की कहानी

बुद्ध की कहानियां Buddha Stories जीवन से जुड़ी हुई कहानी हैं और आज भी हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यही कारण है कि हिंदी में बुद्ध की कहानियां Gautam Buddha Story in Hindi बेहद लोकप्रिय हैं। इसी मकसद से हम आपके लिए एक बुद्ध की एक लोकप्रिय कहानी Gautam Buddha Story लेकर आए हैं, जिसका शीर्षक है- जब किस्मत खराब हो! यह हम सबके जीवन से जुड़ी हुई कहानी है। हमें उम्मीद है कि गौतम बुद्ध की ये एक बार की बात है। महात्मा बुद्ध के शिष्य आनंद कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक अधेड़ व्यक्ति एक चट्टान पर बैठा रो रहा है। वे उसके पास गए और बोले, 'क्या बात है वत्स, तुम कौन हो और क्यों रो रहे हो?' आनंद की बात सुनकर उस व्यक्ति की सिसकियां थम गयीं। वह अपने आंसूं पोंछता हुआ बोला, 'मैं पास के गांव का रहने वाला एक बदनसीब व्यापारी हूं। मैं जो भी काम करता हूं, वह बिगड़ जाता है। व्यापार के चक्कर में मैंने अपनी पत्नी के गहने गंवा दिये, मैंने अपने परिवार को भी खो दिया। यहां तक कि मेरा घर भी गिरवी पड़ा है। मुझे तो लगता है कि मैं किसी काम का नहीं हूं। मेरी किस्मत ही खराब है।' उसकी बात सुनकर आनंद बोले, 'तुमसे किसने कहा वत्स कि तुम्हारी किस्मत खराब है? जरा मैं भी तो जानूं कि तुम्हारी किस्मत में क्या खराबी है? वह व्यक्ति बोला, 'पहले मैं खेती करता था। पर हर साल उसमें घाटा होता था। कभी सूखा पड़ जाता, तो कभी ज्यादा बारिश के कारण फसल बर्बाद हो जाती। इससे परेशान होकर मैंने व्यापार करने का निश्चय किया। मैंने पत्नी के गहने बेच कर अपना व्यापार शुरू किया। लेकिन मेरा व्यापार नहीं चला। शुरू शुरू में परिवार वालों ने मेरा साथ दिया, लेकिन जैसे जैसे मुझे नुकसान होने लगा, मेरे परिवार वाले भी मुझसे दूर हो गये। मै...