जीबी रोड दिल्ली की हालत

  1. दिल्ली का जीबी रोड: नहीं आ रहे जिस्म के खरीदार
  2. देह धंधे पर दोहरी मार, फिर भी कालेधन के खिलाफ हैं जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स
  3. जीबी रोड की महिलाएं सियासी सरगर्मियों से बेखबर; कहा
  4. Delhi Crime News बदमाशों ने जीबी रोड पर दो युवकों को मारा चाकू एक की मौत
  5. where is gb road in delhi how to reach kotha no 64 red light area in delhi gb road Garstin Bastion Road
  6. दिल्ली का जीबी रोड : जिस सड़क का अंत नहीं..


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दिल्ली का जीबी रोड: नहीं आ रहे जिस्म के खरीदार

दिल्ली के अजमेरी गेट से ले कर लाहौरी गेट तक लगभग 1 किलोमीटर दूर तक फैले जीबी रोड यानी गास्ट्रिन बैस्टियन रोड की गिनती भारत के बड़े रैडलाइट एरिया में होती है. कभी मुगलों के समय यहां 5 रैडलाइट एरिया हुआ करता था लेकिन अंगरेजों ने अपने शासनकाल में इन सभी को मिला दिया और तभी से यह जीबी रोड के नाम से जाना जाने लगा. हालांकि 1965 में इस मार्ग का नाम बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग जरूर कर दिया गया मगर आज भी यह जीबी रोड के नाम से ही मशहूर है. मुजरों से गुलजार रातें मुगलकाल में यहां रातें रंगीन हुआ करती थीं और नृत्य के बहाने मुजरा देखने और शारीरिक भूख शांत करने यहां सेठसाहुकार बङी संख्या में आते थे. घुंघरू की झनकार और तबले की थापों के बीच मदिरा यानी शराब का दौर भी चलता था. यहां आमतौर पर रईस लोग आते थे जिन्हें भोगविलास और नारी देह में डूबे रहना बेहद पसंद था. समय बदला तो इस बदलाव का असर यहां भी हुआ. अब यहां जिस्मानी सुख की तलाश में लोग आने लगे, फिर चाहे दिन हो या रात. अलबत्ता मुजरे का दौर आज भी यहां बदस्तूर जरूर चलता है पर 1-2 जगहों पर ही, लेकिन ज्यादातर वही ग्राहक आते हैं जिन्हें मुजरे से अधिक दिलचस्पी शारीरिक सुख लेना होता है. लेकिन दिनरात चलने वाले इस धंधे में आजकल सन्नाटा पसरा है. विश्वव्यापी कोरोना वायरस महामारी के बाद देश में लागू लौकडाउन से यह पूरा इलाका आजकल वीरान है. जहां पहले यहां 3 हजार से अधिक सैक्स वर्कर थीं, वहीं फिलहाल 1 डेढ़ हजार ही बची हुई हैं.

देह धंधे पर दोहरी मार, फिर भी कालेधन के खिलाफ हैं जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स

केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिए जाने का असर देह व्यापार पर भी देखा जा रहा है. नोट बंदी के एक सप्ताह बीतने तक पुरानी दिल्ली के रेड लाइट एरिया जीबी रोड में ग्राहकों की आवक बुरी तरह घटी है. सेक्स वर्कर्स की रोजाना की जिंदगी मुश्किलों से घिरी है. लेकिन वे सभी सरकार के इस फैसले के सकारात्मक असर की उम्मीद कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सेक्स वर्कर्स को ग्राहकों को रिझाने के लिए अतिरिक्त कोशिश करनी पड़ रही है. इसके बावजूद इस इलाके में पहले की तरह आवाजाही नहीं देखी जा रही. एक सेक्स वर्कर ने बताया कि बीते हफ्ते से धंधा मंदा पड़ता जा रहा है. लोग 500-1000 रुपए के पुराने नोटों के साथ आ रहे हैं और उन्हें लौटाना पड़ रहा है. वहीं इस धंधे में उधार की कोई जगह नहीं है. पुराने ग्राहक भी कतराने लगे हैं जीबी रोड में दशक भर से काम कर रही एक दूसरी सेक्स वर्कर के मुताबिक यहां दिन-रात लगातार चलने वाले इस धंधे पर अचानक मंदी की मार पड़ी है. नए ग्राहक तो आ नहीं रहे, वहीं पुराने लोगों के आने का सिलसिला भी थम गया है. उसने बताया कि अजमेरी गेट के नजदीक स्थित इस इलाके में गहरे लाल और गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाए खड़ी सेक्स वर्कर्स में से एक ने किसी को हाथ पकड़ कर रोका और पूछा कि जाना है, और भी हैं ऊपर. लेकिन सोमवार की रात उस आदमी ने सेक्स वर्कर को मना कर दिया और आगे बढ़ गया. बख्शीशों पर चलती है जिंदगी इस इलाके में रहने वाली अधिकतर सेक्स वर्कर हरेक ग्राहक से 200-300 रुपए चार्ज करती है. लंबे समय से धंधे से जुड़ी एक सेक्स वर्कर ने बताया कि इस रकम में से आधा हिस्सा तो दीदी (सुपरवाइजर) रख लेती है. कुछ हिस्सा तो एजेंट को देना पड़ता है. लड़कियों को ...

जीबी रोड की महिलाएं सियासी सरगर्मियों से बेखबर; कहा

नई दिल्ली. गारस्टिन बास्टिन रोड। मुमकिन है दिल्ली में ही लंबा वक्त गुजार चुके कई लोग आज भी इस नाम से वाकिफ न हों। पर, जैसे ही जीबी रोड कहेंगे, वो समझ जाएंगे कि आप किस इलाके की बात कर रहे हैं। अजमेरी गेट से लाहौरी गेट के बीच स्थित दो-ढाई किमी लंबे इस रोड का नाम 1965 में बदलकर श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया था। लेकिन सिर्फ नाम ही बदला, पहचान नहीं। और शायद नाम भी नहीं। यह दिल्ली का रेड लाइट एरिया है। छोटी-बड़ी और जर्जर सी इमारतें। ग्राउंड फ्लोर पर करीबन 90 फीसदी दुकानें ऑटो पार्ट्स की हैं। इन्हीं के ऊपर कुछ कोठे या कहें बेहद छोटे फ्लैट्स हैं। यहां कई दशकों से देह व्यापार किया जाता रहा है। दिल्ली में चुनाव है और यह इलाका मटिया महल विधानसभा क्षेत्र में आता है। हम इस इलाके में पहुंचे और जानना चाहा कि सेक्स वर्कर्स की नजरों में सियासत और सरकार के क्या मायने हैं। साथ ही इनकी अपेक्षाएं क्या हैं... क्या सरकारों ने इनकी बेहतरी के लिए कुछ किया है? ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशती यह रिपोर्ट... कोठी नंबर: 64 जीबी रोड पर हम रिक्शे से उतरे तो फौरन एक शख्स करीब आया। बेझिझक अंदाज में पूछा- क्या ऊपर जाना है? जाहिर है ये उसका रोज का काम होगा। हमने उसे बताया- हम पत्रकार हैं। दिल्ली चुनाव और यहां के हालात पर रिपोर्ट तैयार करने आए हैं। उसने बेमन से कहा- कोठी नंबर 64 में जाओ, सब जानकारी मिल जाएगी। दरकती सीढ़ियां हमें वहां पहुंचाती हैं। एक महिला सामने आती है, जिसे हम अपना मकसद बताते हैं। यहां वीडियो बनाने की इजाजत किसी सूरत में नहीं मिलती, चेहरा छुपाकर भी नहीं। वजह? महिला कहती है- आवाज से गांव वाले पहचान लेंगे। हमने पूछा- बीते 5 साल में आपकी जिंदगी कितनी बदली। महिला ने कहा, ‘हमारी जिंदगी जैसी थी, वैसी ...

Delhi Crime News बदमाशों ने जीबी रोड पर दो युवकों को मारा चाकू एक की मौत

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रेड लाइट एरिया जीबी रोड की तरफ मौजमस्ती करने गए सिविल डिफेंस वालंटियर व उसके दोस्त को बदमाशों ने लूटपाट का विरोध करने पर चाकू से मार घायल कर दिया। दोनों खुद ही आरएमएल अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने सिविल डिफेंस वालंटियर को मृत घोषित कर दिया। दूसरे की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। कमला मार्केट थाना पुलिस सीसीटीवी फुटेज व रेड लाइट इलाके के बदमाशों से पूछताछ कर आरोपितों के बारे में पता लगा रही है। पुलिस ने बताया कि रविवार रात करीब 1:54 बजे आरएमएल अस्पताल से सूचना मिली कि जीबी रोड पर दो युवकों को चाकू मारा गया। दोनों अस्पताल पहुंचे हैं। अमन के कमर पर कई वार किए गए थ, उनकी मौत भी हो गई। वहीं अनिरुद्ध घायल हैं। वह नोएडा का रहने वाले हैं और गंगा जल प्रोजेक्ट में पंप ऑपरेटर हैं। आरएमएल पहुंचे पुलिस अधिकारी को अनिरुद्ध ने बताया कि वह अमन, हरिओम और राजू के साथ मौज-मस्ती करने जीबी रोड आया था। हरिओम और राजू सिगरेट लेने चले गए। वह और अमन दोनों कोठा नंबर 64 में जाने के लिए सड़क पर खड़े थे, तभी एक बदमाश ने अमन का मोबाइल छीन लिया। अमन ने उसे दबोच लिया और पिटाई शुरू कर दी। अनिरुद्ध ने भी बदमाश को पीटा। तभी बदमाश के साथी ने पीछे से आकर अमन की पीठ पर चाकू से वार करना शुरू कर दिया। अनिरुद्ध कुछ समझ पाता, उससे पहले बदमाश ने उसपर भी हमला कर दिया। इसके बाद दोनों फरार हो गए। अनिरुद्ध अमन को ऑटो में डालकर अस्पताल लेकर पहुंचा। इकलौता बेटा था अमन वह इकलौता बेटा था। अमन के पिता न्यू अशोक नगर में एक अपार्टमेंट के बाहर कपड़ों पर प्रेस करते हैं। उसके परिवार में मां व पिता के अलावा छोटी बहन है। देर रात परिजनों को अमन की हत्या की सूचना मिली। पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम के ...

where is gb road in delhi how to reach kotha no 64 red light area in delhi gb road Garstin Bastion Road

where is gb road in delhi how to reach kotha no 64 red light area in delhi gb road Garstin Bastion Road | GB Road में कदम रखने से पहले, देख लें इन 'बदनाम गलियों' का दूसरा चेहरा; वरना हो जाएंगे बर्बाद | Hindi News, देश GB Road में कदम रखने से पहले देख लें इन 'बदनाम गलियों' का दूसरा चेहरा; वरना हो जाएंगे बर्बाद GB Road Trending News: दिल्ली में रहने वाले ज्यादातर लोग जीबी रोड (GB Road) के नाम से बहुत अच्छे से परिचित होंगे, जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि दिल्ली का जीबी रोड सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) का पता है लेकिन सेक्स वर्कर्स के अलावा यहां की गलियों का एक दूसरा चेहरा भी है जिसके बारे हर किसी जानना चाहिए. Largest Red Light Area: दिल्ली के मशहूर जीबी रोड के बारे में हम में से ज्यादातर लोगों ने जरूर सुना होगा. जीबी रोड को दिल्ली का रेड लाइट एरिया ( Red Light Area Delhi) भी कहा जाता है. कई लोग यहां की गलियों को दिल्ली की 'बदनाम गलियों' के नाम से भी बुलाते हैं. एक वक्त था जब यहां रात भर घुंघरू की छन-छन गूंजती थी. अगर आपको लग रहा है कि जीबी रोड को यहां काम करने वाली सेक्स वर्कर्स की वजह से ‘बदनाम’ बोला जा रहा है तो शायद आप गलत हैं. आपको बता दें कि यहां की तंग गलियों में चोरी और लूटपाट समेत कई अपराधों को अंजाम दिया जाता है. इन खौफनाक अपराधों में सेक्स वर्कर्स का नहीं बल्कि यहां के पेशेवर दलालों और बदमाशों का हाथ होता है. दिल्ली के इतिहास (History of Delhi) पर जब आप नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि दिल्ली में मुख्य रूप से पांच वेश्यालय (brothel) हुआ करते थे जहां पर अक्सर अंग्रेज पहुंचा करते थे. ब्रिटिश कमिश्नर गारस्टिन ने इन पांचों वैश्यालय को एक जगह स्थानांतरित कर दिया. इसके बाद इस ...

दिल्ली का जीबी रोड : जिस सड़क का अंत नहीं..

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली की एक सड़क है, जिसका नाम सुनते ही लोगों की भौंहें तन जाती हैं और वे दबी जुबान में फुसफुसाना शुरू कर देते हैं। स्कूल में जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना था, तो कौतूहल था कि आखिर कैसी होगी यह सड़क? फिल्मों में अक्सर देखे गए कोठे याद आने लगते थे। याद आती थी मर्दो को लुभाने वाली सेक्स वर्कर्स, जिस्म की मंडी चलाने वाली कोठे की मालकिन और न जाने क्या-क्या। यही कौतूहल इतने सालों बाद मुझे जी.बी. रोड खींच लाया। बीते रविवार सुबह आठ बजे जब मैं जी.बी.रोड पहुंची, तो यह सड़क दिल्ली की अन्य सड़कों की तरह आम ही लगी। सड़क के दोनों ओर दुकानों के शटर लगे हुए थे। इन दुकानों के बीच से ही सीढ़ी ऊपर की ओर जाती हैं और सीढ़ियों की दीवारों पर लिखे नंबर कोठे की पहचान कराते हैं। कुछ लोग सड़कों पर ही चहलकदमी कर रहे हैं और हमें हैरानी भरी नजरों से घूर रहे हैं। हमने तय किया कि कोठा नंबर 60 में चला जाए। एनजीओ में काम करने वाले अपने एक मित्र के साथ फटाफट सीढ़ियां चढ़ते हुए मैं ऊपर पहुंची, चारों तरफ सन्नाटा था। शायद सब सो रहे थे, आवाज दी तो पता चला, सब सो ही रहे हैं कि तभी अचरज भरी नजरों से हमें घूरता एक शख्स बाहर निकला। बड़े मान-मनौव्वल के बाद बताने को तैयार हुआ कि वह राजू (बदला हुआ नाम) है, जो बीते नौ सालों से यहां रह रहा है और लड़कियों (सेक्स वर्कर्स) का रेट तय करता है। सुष्मिता की उम्र 23 साल है और उसे तीन साल पहले नौकरी का झांसा देकर पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाकर यहां बेच दिया गया था। सुष्मिता ठीक से हिंदी नहीं बोल पाती, वह कहती है, मैं पश्चिम बंगाल से हूं, मेरा परिवार बहुत गरीब है। एक पड़ोसी का हमारे घर आना-जाना था। उसने कहा, दिल्ली चलो। वहां बहुत नौकरियां हैं त...