जीवाश्म ईंधन से कितनी ऊर्जा उत्पन्न होती है

  1. क्या जीवाश्म ईंधन एक भूतापीय ऊर्जा है? 5 तथ्य जो आपको जानना चाहिए
  2. 16: जीवाश्म ईंधन
  3. जीवाश्म ईंधन और सूर्य में क्या अंतर है? – ElegantAnswer.com
  4. जीवाश्म ईंधन कौन सी ऊर्जा के स्रोत हैं?
  5. विश्व के ऊर्जा संसाधन
  6. जीवाश्म
  7. परमाणु ऊर्जा: दिशा और दशा
  8. जीवाश्म ईंधन
  9. 'अक्षय ऊर्जा की जीवन रेखा, विश्व को निकाल सकती है जलवायु संकट से बाहर'
  10. जीवाश्म ईंधन के जलने से कौन से गैसों का उत्सर्जन होता है? – ElegantAnswer.com


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क्या जीवाश्म ईंधन एक भूतापीय ऊर्जा है? 5 तथ्य जो आपको जानना चाहिए

जीवाश्म ईंधन जानवरों और पौधों के सड़न से बनते हैं। आइए चर्चा करें कि जीवाश्म ईंधन भूतापीय ऊर्जा है या नहीं। जीवाश्म ईंधन को भूतापीय ऊर्जा नहीं माना जा सकता है। हाइड्रोजन और कार्बन ये दो रासायनिक तत्व हैं जो जीवाश्म ईंधन में मौजूद होते हैं जिन्हें ऊर्जा पैदा करने के लिए जलाया जाता है। प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और कोयला जीवाश्म ईंधन के सामान्य उदाहरण हैं। भूतापीय ऊर्जा एक अक्षय और स्वच्छ निर्माण है जिसका उपयोग बिजली संयंत्र में गर्मी और बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता है। आइए हम इसके बारे में मिनट विवरण पर विस्तार से जानकारी दें जीवाश्म ईंधन भूतापीय ऊर्जा क्यों नहीं है? फ्लैश स्टीम, ड्राई स्टीम और बाइनरी थीसिस भूतापीय ऊर्जा के तीन पावर प्लांट उदाहरण हैं। आइए हम विस्तार से बताते हैं कि जीवाश्म ईंधन को कभी भी भूतापीय ऊर्जा क्यों नहीं कहा जा सकता है। जीवाश्म ईंधन भूतापीय ऊर्जा नहीं है क्योंकि भूतापीय ऊर्जा का एक स्रोत है जो लगातार पृथ्वी के अंदर बना रहता है लेकिन जीवाश्म के मामले में यह उत्तेजना दिखाई नहीं दे रही है। जीवाश्म ईंधन गैर-नवीकरणीय ऊर्जा है जबकि भूतापीय ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है। पृथ्वी की पपड़ी में जीवाश्म ईंधन मौजूद है। भूतापीय ऊर्जा का मुख्य स्रोत पृथ्वी में गर्मी है। आधुनिक दिनों में भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग बड़े पैमाने पर अपार्टमेंट को गर्म करने, स्नान करने और घरों में बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है। भूतापीय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन के बीच अंतर भूतापीय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन दोनों अलग-अलग ऊर्जा स्रोत हैं। आइए देखें कि भूतापीय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं। लक्षण Geothermal ऊर्जा जीवाश्म ईंधन 1। परिभाषा भूतापीय ऊर्जा ऊर्जा का एक स्रोत है जो ग्रह...

16: जीवाश्म ईंधन

https://query.libretexts.org/@app/auth/3/login?returnto=https%3A%2F%2Fquery.libretexts.org%2F%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A6%25E0%25A5%2580_%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25BE%2F%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A3_%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%259E%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A8_(%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE_%25E0%25A4%2594%25E0%25A4%25B0_%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B2%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2597%25E0%25A4%25B0)%2F05%253A_%25E0%25A4%258A%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%259C%25E0%25A4%25BE%2F5.01%253A_%25E0%25A4%259C%25E0%25A5%2580%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B6%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AE_%25E0%25A4%2588%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A7%25E0%25A4%25A8 चैप्टरहुक कोयलेकामानवउपयोगहजारोंसालपहलेकाहै, औरपुरातत्वविदोंकोदुनियाभरमेंइसकेउपयोगऔरउत्खननकेसबूतमिलगएहैं।इसप्रकार, यहजाननाअसंभवहैकिकोयलेकीउपयोगिताकैसेखोजीगई।अमेरिकामें, एज़्टेकनेईंधनऔरसजावटकेलिएकोयलेकाइस्तेमालकिया।यूरोपमें, रोमनोंकोदूसरीशताब्दीईस्वीकेअंतमेंकोयलानिकालनेऔरलौहअयस्ककोगलानेऔरअपनेप्रसिद्धसार्वजनिकस्नानागारकोगर्मकरनेकेलिएइसकाउपयोगकरनेकेलिएजानाजाताथा।कोयलेकासबसेपहलासंदर्भग्रीकवैज्ञानिकथियोफ्रेस्टस (c.371-267 ईसापूर्व) नेधातुकेकाममेंइसकेउपयोगकेबारेमेंलिखाथा।एशियामें, चीनी 3490 ईसापूर्वतककोयलेकाखननऔरउपयोगकरनेकेलिएजानेजातेहैं।कुलमिलाकर, कोयलेकेमानवउपयोगकाएकगहराइतिहासहै।चूंकिसीमितआपूर्तिहोती...

जीवाश्म ईंधन और सूर्य में क्या अंतर है? – ElegantAnswer.com

जीवाश्म ईंधन और सूर्य में क्या अंतर है? (i) जीवाश्म ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत हैं जो कि सीमित हैं।…ऊर्जा के स्त्रोत जीवाश्म ईंधन सूर्य 1. यह ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है। 1. यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है। 2. इसके ज्वलन से बहुत अधिक प्रदूषण होता है। 2. यह प्रदूषण नहीं फैलता। 3. जीवाश्म का आसानी से दोहन किया जा सकता है। 3. इसका दोहन संभव नहीं। स्वच्छ ईंधन कौन कौन से हैं? इसे सुनेंरोकें(Definition in Hindi) गैसोलिन ईंधनों के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले सम्मिश्रण अथवा अन्य विकल्प जैसे सम्पीडित प्राकृतिक गैस, मेथेनॉल, इथेनॉल और द्रवित पेट्रोलियम गैस आदि। फ्यूल का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकेंfuel – हिन्दी में अर्थ ईधंन (Fuel) ऐसे पदार्थ हैं, जो आक्सीजन के साथ संयोग कर काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। ‘ईंधन’ संस्कृत की इन्ध्‌ धातु से निकला है जिसका अर्थ है –‘जलाना’। ठोस ईंधनों में काष्ठ (लकड़ी), पीट, लिग्नाइट एवं कोयला प्रमुख हैं। पेट्रोलियम, मिट्टी का तेल तथा गैसोलीन द्रव ईधंन हैं। सौर ऊर्जा क्या है इन हिंदी? इसे सुनेंरोकेंधरती पर पड़ने वाली सूरज की रौशनी और उसमे मौजूद गर्मी ही सौर ऊर्जा कहलाती है। धरती पर सौर ऊर्जा ही एकमात्र ऐसा ऊर्जा स्रोत है जो अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध है। सूर्य से पृथ्वी पर अधिक मात्रा में ऊर्जा पहुँचती है तथा पृथ्वी पर इसका इस्तेमाल विद्युत् उत्पन्न करने में भी किया जाता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत क्या है वर्णन कीजिए? इसे सुनेंरोकेंसूर्य की ऊर्जा का स्रोत उसमें होने वाली नाभिकीय संलयन की क्रिया है। सूर्य के वायुमंडल में हाइड्रोजन गैस के परमाणु ऊर्जा का मुख्य श्रोत है है । हाइड्रोजन गैस के चार परमाणु संलयन क्रिया करके हीलियम का ए...

जीवाश्म ईंधन कौन सी ऊर्जा के स्रोत हैं?

विषयसूची Show • • • • • • • • • • • कोल, एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है। जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है। उत्पत्ति[संपादित करें] पेट्रोल और प्राकृतिक गैस करोड़ों वर्ष पूर्व बने थे। यह मुख्यतः नदी या झील के बहुत नीचे होते हैं। जहाँ यह बहुत उच्च ताप और दाब के कारण ईंधन बन जाते हैं। जिसमें यह अलग अलग परत के रूप में होते हैं। जिसमें पेट्रोल, प्राकृतिक गैस आदि के अलग अलग परत होते हैं। अलग अलग गहराई में अलग अलग ताप और दाब मिलने के कारण यह असमानता आती है। महत्त्व[संपादित करें] एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात इसे दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके निर्माण के लिए बहुत अधिक तापमान और दाब की आवश्यकता होती है। जिसे मानव द्वारा बना पाना वर्तमान में असंभव है। क्योंकि यह ईंधन प्राकृतिक रूप से ही बनी है। साथ ही इसके निर्माण में लाखों वर्षों का समय भी लग गया था। इस कारण इसका पुनः निर्माण और उतने बड़े क्षेत्र का लाखों वर्षों तक अधिक तापमान और दाब में रखने में अधिक पैसे लगेंगे। इसके स्थान पर यदि अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो उसमें इससे कम लागत में ऊर्जा मिल जाती है। लेकिन इस ऊर्जा का उपयोग वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इस कारण इसका संरक्षण करना अधिक आवश्यक है।[1] पर्यावरणीय प्रभाव[संपादित करें] निजी वाहनों और अन्य यातायात के साधन में इसी ईंधन का उपयोग किया जाता है। लेकिन यह एक सीमित मात्रा में ही पृथ्वी में उपस्थित है। साथ ही इ...

विश्व के ऊर्जा संसाधन

अनुक्रम • 1 जीवाश्म ईंधन • 1.1 कोयला • 1.2 प्राकृतिक गैस • 1.3 तेल • 1.4 स्थिरता • 2 परमाणु ईंधन • 2.1 परमाणु ऊर्जा • 2.2 परमाणु संलयन • 3 अक्षय संसाधन • 3.1 सौर ऊर्जा • 3.2 पवन ऊर्जा • 3.3 लहर और ज्वार की शक्ति • 3.4 भूतापीय (जियोथर्मल) • 3.5 बायोमास • 3.6 पनबिजली (हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर) • 4 संदर्भ जीवाश्म ईंधन [ ] ईंधन कोयला 19.8 गैस 36.4 तेल 8.9 ये सिद्ध ऊर्जा भंडार हैं; वास्तविक भंडार 10,000 गुणा तक अधिक हो सकता है। इन संख्याओं में अनिश्चितता है। ग्रह पर शेष जीवाश्म ईंधन का अनुमान लगाना पृथ्वी की पपड़ी की विस्तृत समझ पर निर्भर करता है।आज आधुनिक ड्रिलिंग तकनीक से पानी में 3 किमी तक गहराई वाले कुओं को ड्रिल करना संभव है, जिससे हम भूगर्भ की सटीक संरचना को सत्यापित कर सकते हैं। लेकिन कोयला [ ] कोयला उपयोग में सबसे तेजी से बढ़ता जीवाश्म ईंधन है और (ग्लोबल वार्मिंग और अन्य प्रदूषकों से सम्बंधित समस्याओं को यदि दरकिनार किया जाए, तो) इसके बड़े भंडार इसे वैश्विक समुदाय की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए एक लोकप्रिय उम्मीदवार बना देंगे। प्राकृतिक गैस [ ] प्राकृतिक गैस अनुमानित 850 000 km³ शोषण-योग्य भंडार के साथ एक व्यापक रूप से उपलब्ध जीवाश्म ईंधन है। इसके अलावा भी कम से कम इतनी और प्राकृतिक गैस निकाली जा सकती है, यदि शेल गैस उत्पादन के बेहतर तरीकों का उपयोग किया जाए। प्रौद्योगिकी में सुधार और व्यापक अन्वेषण से प्राप्त करने योग्य प्राकृतिक गैस भंडार में एक बड़ी वृद्धि हुई है, क्योंकि शेल फ्रैकिंग विधियों का विकास हुआ है। वर्तमान उपयोग दरों पर, प्राकृतिक गैस 100 से 250 वर्षों तक दुनिया की अधिकांश ऊर्जा जरूरतों की आपूर्ति कर सकती है। यह गणना समय के साथ खपत में वृद्धि पर निर्भर कर...

जीवाश्म

जीवाश्म (जीव + अश्म = पत्थर) कहते हैं। जीवाश्म को अंग्रेजी में फ़ॉसिल कहते हैं। इस शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द "फ़ॉसिलस" से है, जिसका अर्थ "खोदकर प्राप्त की गई वस्तु" होता है। सामान्य: जीवाश्म शब्द से अतीत काल के भौमिकीय युगों के उन जैव अवशेषों से तात्पर्य है जो भूपर्पटी के अवसादी शैलों में पाए जाते हैं। ये जीवाश्म यह बतलाते हैं कि वे जैव उद्गम के हैं तथा अपने में जैविक प्रमाण रखते हैं। अनुक्रम • 1 जीवाश्म बनने के लिये आवश्यक शर्तें • 2 जीवाश्म के प्रकार • 3 जीवाश्मों के उपयोग • 4 जीवाश्म संग्रह का उद्देश्य • 5 जीवाश्म के स्तरित शैलविज्ञानीय स्थान का महत्व • 6 जीवाश्मसंग्रह के विषय में कुछ प्रमुख बातें • 7 शैल आधार से जीवाश्म के पृथक्करण की विधि • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ जीवाश्म बनने के लिये आवश्यक शर्तें [ ] प्राणियों और पादपों के जीवाश्म बनने के लिए दो बातों की आवश्यकता होती है। पहली आवश्यक बात यह है कि उनमें विभिन्न वर्गों के जीवों और पादपों के कठोर भागों के आकार और रचना में बहुत भेद होता है। कीटों तथा जीवाश्म के प्रकार [ ] (1) संपूर्ण परिरक्षित प्राणी - ऐसा बहुत विरल होता है कि बिना किसी प्रकार के विघटन के किसी प्राणी का जीवाश्म प्राप्त हो, किंतु ऐसे परिरक्षित जीवाश्म के उदाहरण मैमथ और राइनोसिरस के जीवाश्म हैं, जो टुंड्रा के हिम में जमे हुए पाए गए हैं। (2) प्राय: अपरिवर्तित दशा में परिरक्षित पाए जानेवाले कंकाल - कभी-कभी जब शैलों में केवल (3) कार्बनीकरण - कुछ पादपों और कुछ प्राणियों में, जैसे ग्रैप्टोलाइट (graptolite), जिनमें कंकाल काइटिन का बना होता है, मूल द्रव्य कार्बनीकृत हो जाता है। जीव में अघटन होता है, जिसके फलस्वरूप ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का लोप हो जात...

परमाणु ऊर्जा: दिशा और दशा

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जीवाश्म ईंधन

अनुक्रम • 1 उत्पत्ति • 2 महत्त्व • 3 पर्यावरणीय प्रभाव • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरीकड़ियाँ उत्पत्ति [ ] पेट्रोल और महत्त्व [ ] एक बार इसका उपयोग करने के पश्चात इसे दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके निर्माण के लिए बहुत अधिक तापमान और दाब की आवश्यकता होती है। जिसे मानव द्वारा बना पाना वर्तमान में असंभव है। क्योंकि यह ईंधन प्राकृतिक रूप से ही बनी है। साथ ही इसके निर्माण में लाखों वर्षों का समय भी लग गया था। इस कारण इसका पुनः निर्माण और उतने बड़े क्षेत्र का लाखों वर्षों तक अधिक तापमान और दाब में रखने में अधिक पैसे लगेंगे। इसके स्थान पर यदि अक्षय ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो उसमें इससे कम लागत में ऊर्जा मिल जाती है। लेकिन इस ऊर्जा का उपयोग वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है। इस कारण इसका संरक्षण करना अधिक आवश्यक है। पर्यावरणीय प्रभाव [ ] निजी वाहनों और अन्य यातायात के साधन में इसी ईंधन का उपयोग किया जाता है। लेकिन यह एक सीमित मात्रा में ही पृथ्वी में उपस्थित है। साथ ही इसके उपयोग से वायु प्रदूषण के साथ ही पृथ्वी का तापमान भी बढ्ने लगता है। इस कारण कई स्थानों के बर्फ पिघलते हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है और कुछ स्थानों पर अधिक बारिश होती है और कुछ स्थानों पर सूखे की स्थिति बन जाती है। सन्दर्भ [ ] • Afrikaans • Alemannisch • Aragonés • العربية • Asturianu • Azərbaycanca • Башҡортса • Žemaitėška • Bikol Central • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • বাংলা • Brezhoneg • Bosanski • Буряад • Català • کوردی • Čeština • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Gae...

'अक्षय ऊर्जा की जीवन रेखा, विश्व को निकाल सकती है जलवायु संकट से बाहर'

WMO बुधवार को जारी की गई ‘ बदलती जलवायु का प्रत्यक्ष रूप, रोज़मर्रा के जीवन में चरम मौसम की घटनाओं में देखने को मिलता है, जिनकी वजह से सैकड़ों अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है और मानव जीवन व कल्याण को भी भीषण क्षति पहुँची है. साथ ही, खाद्य व जल सुरक्षा के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न हुई है और विस्थापन बढ़ा है – 2022 में इसमें वृद्धि हुई है. वर्ष 2021 के आरम्भ औक अन्त में ला नीन्या प्रभाव के कारण, 2021 सात सबसे गर्म सालों में से ‘केवल’ एक ही साबित हुआ. ला नीन्या की वजह से शीतलन प्रभाव देखा गया, मगर बढ़ते तापमान के रुझान में बदलाव नहीं आया है. 2021 में औसत वैश्विक तापमान में पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में लगभग 1.11 °C अधिक देखा गया है. इस क्रम में, ऊर्जा प्रणालियों की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को समाप्त करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया है. नवीकरणीय ऊर्जा के लिये योजना यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि पवन और सौर ऊर्जा जैसी अक्षय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी एकदम तैयार हैं, और अधिकांश मामलों में कोयला व अन्य जीवाश्म ईंधनों की तुलना में सस्ती हैं. यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ऊर्जा स्रोतों में बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिये पाँच महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिन्हें उन्होंने 21वीं सदी की शान्ति परियोजना क़रार दिया है. वायु चालित संयंत्रों से नवीनीकृत ऊर्जा निर्मित होने से कोयला आधारित बिजली पर निर्भरता कम होती है. - नवीकरणीय ऊर्जा टैक्नॉलॉजी को वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के रूप में देखा जाना इसका अर्थ है कि ज्ञान के आदान-प्रदान और टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण के रास्ते में अवरोधों को दूर करना, जिनमें बौद्धिक सम्पदा के विषय में रुकावटें भी हैं. उन्होंने बैट्री भण्डारण के लिये सरकारों के नेतृ...

जीवाश्म ईंधन के जलने से कौन से गैसों का उत्सर्जन होता है? – ElegantAnswer.com

जीवाश्म ईंधन के जलने से कौन से गैसों का उत्सर्जन होता है? इसे सुनेंरोकेंजीवाश्म ईंधन के जलने से भूमण्डलीय तापक्रम वृद्धि होती है और ध्रुवीय बर्फ पिघलती हैं। कार्बन (CO2 या कार्बन डाइऑक्साइड) और अन्य ऊष्मा-प्रग्रहण उत्सर्जन हवा में निर्मुक्‍त हो जाते हैं, वे एक कंबल की तरह काम करते हैं और हमारे वातावरण में गर्मी रखते हैं और ग्रह को गर्म करते हैं। हमारे देश में सर्वाधिक उपयुक्त होने वाला जीवाश्म ईंधन क्या है? इसे सुनेंरोकेंहमारे देश में सबसे ज्यादा सर्वाधिक उपयोग होने वाला जीवाश्म ईंधन पेट्रोलियम है। पेट्रोलियम अपने विभिन्न स्वरूपों जैसे कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, स्नेहक तेल आदि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। जीवाश्म ईंधन जलने पर कौन सी गैस मुक्त होती है? इसे सुनेंरोकेंजीवाश्म ईंधन को जलाते समय कार्बन, नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड अम्लीय ऑक्साइड होते हैं। लकड़ी एवं जीवाश्म ईंधन के जलने से कौन सी गैस मुक्त होती है? इसे सुनेंरोकेंलकड़ी तथा कोयले के जलने में सबसे पहले उनमें से वाष्पशील पदार्थ निकलते हैं, जिनमें कुछ गैसों का मिश्रण होता है। इसके बाद बचा हुआ कोयला ऑक्सीजन की सहायता से जलता है और इसकी दहन गति सतह पर ऑक्सीजन के पहुँचने पर निर्भर है। अपूर्ण दहन होने पर कार्बन मोनोक्साइड नामक एक विषैली गैस बनती है। जीवम इंधन के कितने रूप है? इसे सुनेंरोकेंजीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। जीवाश्म ईंधन के दहन से हमारे पर्यावरण पर क्या असर हो रहा है? इसे सुनेंरोकेंजीवाश्म एवं जैव ईंधन का प्रयोग, कृषि, और औद्योगिक गतिवि...