कुरुक्षेत्र में कितने सर्ग हैं

  1. [Solved] "कुरुक्षेत्र" में क�
  2. कामायनी में कितने सर्ग हैं?
  3. कुरुक्षेत्र
  4. कुरुक्षेत्र (टीकासहित)


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[Solved] "कुरुक्षेत्र" में क�

"कुरुक्षेत्र" में कुल 'सात'सर्ग है। Key Points • कुरुक्षेत्र (1946) रामधारी सिंह दिनकर का प्रबंधकाव्य हैं। • कुरुक्षेत्र मानव धर्म और कर्म की विचारात्मक गाथा है। • इसका विषयः- • महाभारत के शांति पर्व से प्रभावित है। • यह रचना मूलतः महाभारत के भीष्म युधिष्ठिर संवाद पर आधारित है। Additional Information दिनकर की अन्य प्रमुख रचनाएँः- • रेणुका (1935), हुंकार (1939) , रसवंती (1940) , कुरुक्षेत्र (प्रबंंध काव्य) , उर्वशी (1961 गीतिकाव्य) आदि। • दिनकर की प्रमुख पंक्तियाँः- • ओ द्विधाग्रस्त शार्दूल बोल। • श्वानों को मिलता दूध भात बच्चे भूखे अकुलाते है। • हटो व्योम के मेघ, पंथ से, स्वर्ग लूटने हम आते है। • रे रोक युधिष्ठिरको न यहाँ ,जाने दे उनको स्वर्ग धीर। Important Points • दिनकर का समय (1908 - 1974) • दिनकर को समय - सूर्य तथा अधैर्य का कवि कहा जाता है। • दिनकर को उर्वशी काव्य के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार (1972 ई.)दिया गया है।

कामायनी में कितने सर्ग हैं?

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कुरुक्षेत्र

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 नामकरण • 3 इतिहास • 4 भूगोल • 5 पौराणिक महत्व • 6 पौराणिक कथा • 7 कुरुक्षेत्र के प्रमुख तीर्थ स्थान • 8 कुरुक्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक व पर्यटन स्थल • 9 आवागमन • 10 अन्य जानकारी • 11 इन्हें भी देखें • 12 बाहरी कड़ियाँ • 13 सन्दर्भ विवरण [ ] कुरुक्षेत्र हरियाणा के उत्तर में स्थित है तथा नामकरण [ ] कहा जाता है कि यहाँ स्थित विशाल इतिहास [ ] कुरुक्षेत्र ब्राह्मणकाल में वैदिक संस्कृति का केन्द्र था और वहाँ विस्तार के साथ यज्ञ अवश्य सम्पादित होते रहे होंगे। इसी से इसे धर्मक्षेत्र कहा गया और देवों को देवकीर्ति इसी से प्राप्त हुई कि उन्होंने धर्म (यज्ञ, तप आदि) का पालन किया था और कुरुक्षेत्र में सत्रों का सम्पादन किया था। कुछ ब्राह्मण-ग्रन्थों में आया है कि बह्लिक प्रातिपीय नामक एक कौरव्य राजा था। तैत्तिरीय ब्राह्मण यह ज्ञातव्य है कि यद्यपि वनपर्व ने 83वें अध्याय में सरस्वती तट पर एवं कुरुक्षेत्र में कतिपय तीर्थों का उल्लेख किया है, किन्तु ब्राह्मणों एवं श्रौतसूत्रों में उल्लिखित तीर्थों से उनका मेल नहीं खाता, केवल 'विनशन' भूगोल [ ] कुरुक्षेत्र जिला एक मैदानी क्षेत्र है, जिसके 88 प्रतिशत हिस्से पर खेती की जाती है और अधिकांश क्षेत्र पर दो फसलें उगाई जाती है। लगभग समूचा कृषि क्षेत्र नलकूपों द्वारा सिंचित है। कृषि में जगाधरी इंदरी, कुरुक्षेत्र नीलोखेड़ी, तरावड़ी, पौराणिक महत्व [ ] कुरुक्षेत्र का पौराणिक महत्त्व अधिक माना जाता है। इसका इसका कुरुक्षेत्र अम्बाला से 25 मील पूर्व में है। यह एक अति पुनीत स्थल है। इसका इतिहास पुरातन गाथाओं में समा-सा गया है। ऋग्वेद पौराणिक कथा [ ] कुरू ने जिस क्षेत्र को बार-बार जोता था, उसका नाम कुरूक्षेत्र पड़ा। कहते हैं कि जब कुरू बहु...

कुरुक्षेत्र (टीकासहित)

पुस्तककाविवरण (Description of Book of कुरुक्षेत्र PDF | Kurukshetra PDF Download) :- नाम📖 कुरुक्षेत्र PDF | Kurukshetra PDF Download लेखक🖊️ रामधारीसिंह 'दिनकर' / Ramdhari Singh Dinkar आकार 19.8 MB कुलपृष्ठ 141 भाषा Hindi श्रेणी Download Link 📥 Working कुरुक्षेत्रएकहिंदीक्लासिकहै।यहमहाभारतमेंवर्णितकुरुक्षेत्रयुद्धकाएकअसाधारणविवरणदेताहै।यहपांडवोंऔरकौरवोंकेबीचहुएसशस्त्रटकरावकाविशदविवरणदेताहै।यहखूनीयुद्धअठारहदिनोंतकचला। युद्धपरलेखककेअपनेविचारइसकाममेंदिखाएगएहैं।वहयुद्धकीआलोचनाकरताहैलेकिनयहभीस्वीकारकरताहैकियहएकआवश्यकबुराईहै।यहयुद्धकेअवगुणोंऔरकविताकेमाध्यमसेमानवजातिकोहोनेवालेनुकसानकावर्णनकरताहै। ऐसीस्थितिमेंजहांकिसीकीदेशकीस्वतंत्रताकोखतराहो, किसीकोयुद्धकासहारालेनापड़ताहै, भलेहीउसेखुदकाबचावकरनापड़े।शक्तिकेमहत्वपरभीबलदियाजाताहै।युद्धकेनकारात्मकपरिणामोंकोभीष्मऔरयुधिष्ठिरकेसंवादोंऔरअपनेस्वयंकेकार्योंपरबादकेपछतावेकेमाध्यमसेउजागरकियागयाहै। कुरुक्षेत्रएकसुंदरलिखितकृतिहैऔरइसमेंएककालातीतअपीलहै। [adinserter block="1"] पुस्तककाकुछअंश प्रथमसर्ग वहकौनरोताहैवहाँइतिहासकेअध्यायपर, जिसमेंलिखाहै, नौजवानोंकेलहूकामोलहै प्रत्ययकिसीबूढ़े, कुटिलनीतिज्ञकेव्याहारका; जिसकाहृदयउतनागलिनजितनाकिशीर्षवलक्षहै; जोआपतोलड़तानहीं, कटवाकिशोरोंकोमगर, आश्वस्तहोकरसोचता, शोणितबहा, लेकिन, गयीबवलाजसारेदेशकी? औरतबसम्मानसेजातेगिने नामउनके, देश-मुखकीलालिमा हैबवीजिनकेलुटेसिन्दूरसे; देशकीइज्जतबचानेकेलिए याचढ़ाजिननेदियेनिजलालहैं। ईशजानें, देशकालज्जाविषय तत्त्वहैकोईकिकेवलआवरण उसहलाहल-सीकुटिलद्रोहाग्निका जोकिजलतीआरहीचिरकालसे स्वार्थ-लोलुपसभ्यताकेअग्रणी नायकोंकेपेटमेंजठराग्नि-सी। डाउनलोडलिंक (कुरुक्षेत्र PDF | Kurukshetra PDF Down...