लिवर किस साइड होता है लेफ्ट या राइट in english

  1. Before you continue
  2. गाल ब्लैडर किस साइड होता है
  3. लिवर क्या है?
  4. liver fibrosis: लिवर फाइब्रोसिस क्या होता है?
  5. लिवर किस साइड होता है
  6. लिवर क्या है?
  7. गाल ब्लैडर किस साइड होता है
  8. लिवर किस साइड होता है
  9. liver fibrosis: लिवर फाइब्रोसिस क्या होता है?


Download: लिवर किस साइड होता है लेफ्ट या राइट in english
Size: 53.52 MB

Before you continue

We use • Deliver and maintain Google services • Track outages and protect against spam, fraud, and abuse • Measure audience engagement and site statistics to understand how our services are used and enhance the quality of those services If you choose to “Accept all,” we will also use cookies and data to • Develop and improve new services • Deliver and measure the effectiveness of ads • Show personalized content, depending on your settings • Show personalized ads, depending on your settings Non-personalized content is influenced by things like the content you’re currently viewing, activity in your active Search session, and your location. Non-personalized ads are influenced by the content you’re currently viewing and your general location. Personalized content and ads can also include more relevant results, recommendations, and tailored ads based on past activity from this browser, like previous Google searches. We also use cookies and data to tailor the experience to be age-appropriate, if relevant. Select “More options” to see additional information, including details about managing your privacy settings. You can also visit g.co/privacytools/co_in at any time.

गाल ब्लैडर किस साइड होता है

वियाग्रा का असर कितनी देर तक रहता है – वियाग्रा क्या होता है गाल ब्लैडर क्या होता है गाल ब्लैडर हमारे शरीर का आंतरिक अंग हैं. जिसे पित्ताशय की थैली के नाम से जाना जाता हैं. यह पेट में दाहिनी तरफ मौजूद होता हैं. और इसका आकार नाशपति जैसा होता हैं. इस अंग का मुख्य काम खाना डाइजेशन करने का हैं. इसके अलावा यह अंग पित्त को गाढ़ा करने का काम भी करता हैं. टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण कुछ डॉक्टर और एक्सपर्ट का मानना है की गाल ब्लैडर में स्टोन होने पर कई बार लक्षण नही दिखाई देते हैं. ऐसा जरूरी नहीं है की गाल ब्लैडर स्टोन होने पर आपको कुछ संकेत मिले. लेकिन फिर भी गाल ब्लैडर स्टोन होने पर नीचे दिए गए कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर आपको अपच और पेट से जुडी कुछ छोटी-मोटी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर कई बार मरीज को अधिक उलटी आना शुरू हो जाता हैं. अगर दिन में तीन से चार बार उलटी आती हैं. तो इस समस्या को इग्नोर नही करना चाहिए. यह गाल ब्लैडर होने का संकेत भी हो सकता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर कई बार खाना खाने के बाद खट्टी डकार आना शुरू हो जाता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन की समस्या उत्पन्न होने पर मरीज को ज्यादा पसीना आना शुरू हो जाता हैं. • कई बार एसिडिट की समस्या भी गाल ब्लैडर स्टोन होने का संकेत माना जाता हैं. • पेट में भारीपन और बदहजमी की समस्या भी गाल ब्लैडर स्टोन होने का मुख्य लक्षण माना जाता हैं. मौसमी का जूस कब पीना चाहिए – सम्पूर्ण जानकारी गाल ब्लैडर स्टोन ऑपरेशन कैसे होता है गाल ब्लैडर स्टोन ऑपरेशन करने का पूरा तरीका हमने नीचे बताया हैं. • जैसे ही आप गाल ब्लैडर स्टोन के ऑप...

लिवर क्या है?

लिवरमानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है। पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में स्थित यह कई महत्वपूर्ण कार्य करती है। यह ग्रंथि प्रोटीन और हार्मोन बनाती है जिसकी शरीर के अन्य भागों को आवश्यकता होती है। यह एकमात्र अंग है जिसमें पुन: उत्पन्न करने की क्षमता है। परंतु कुछ बीमारियाँ और जीवनशैली लिवर को नुकसान पहुँचा सकती हैं, लेकिन इसकी सुरक्षा के कई तरीके हैं। आइए लिवर के बारे में और पढ़ें। लिवर (यकृत) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में डायफ्राम के नीचे, दाहिनी किडनी और छोटी आंत के ऊपर स्थित होता है। शंकु आकार का यह अंग लाल भूरे रंग का होता है जिसका वज़न लगभग १.३ से १.५ कि.ग्रा. तक होता है। इसका प्रमुख कार्य शरीर के मेटाबोलिज़्म को सुचारु रखना है। साथ ही प्रोटीन को संश्लेषित करना और पाचन के लिये आवश्यक रसायन बनाना है। यह पित्त बनाने का काम भी करता है जो यहां से पित्त की थैली में जाकर शरीर के काम आता है। लिवर की संरचना यकृत के दो बड़े खंड होते हैं, जिन्हें दायां और बायां लोब कहा जाता है। लोब में हजारों लोब्यूल (छोटे लोब) भी होते हैं। ये लोब्यूल्स कई पित्त नलिकाओं, ट्यूबों से जुड़ते हैं जो पित्त को यकृत से छोटी आंत में ले जाते हैं। अग्न्याशय और आंतों के कुछ हिस्सों के साथ, यकृत के नीचे पित्ताशय स्थित होता है। यकृत और ये अंग भोजन को पचाने, अवशोषित करने और संसाधित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। पेट और आंतों से निकलने वाला सारा खून लिवर से होकर गुजरता है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है।रक्त में अधिकांश रासायनिक स्तरों कोभी नियंत्रित करता है। कुछ निम्नलिखित • विषहरण : लिवर रक्त से विषाक्त पदार्थों, जैसे शराब और नशीली दवाओं को शरीर से निकालता है। • उपापचय : रक्त शर्करा...

liver fibrosis: लिवर फाइब्रोसिस क्या होता है?

[mc4wp_form id=”183492″] लिवर फाइब्रोसिस की स्टेज (stages of liver fibrosis) लिवर फाइब्रोसिस की अलग-अलग स्टेजेज हैं। डॉक्टर लिवर डैमेज के आधार पर डिग्री निर्धारित करता है। इसकी स्टेज व्यक्ति पर निर्भर करती है। किसी का लिवर दूसरे के लिवर से ज्यादा डैमेज हो सकता है। हालांकि डॉक्टर लिवर फाइब्रोसिस के लिए स्टेज जरूर निर्धारित करते हैं क्योंकि इससे मरीज और दूसरे डॉक्टर्स भी समझ पाते हैं कि लिवर कितना प्रभावित हुआ है। लिवर फाइब्रोसिस के लिए जिस स्कोर सिस्टम का सबसे ज्यादा यूज किया जाता है वो है एमईटीएवीआईआर स्कोरिंग सिस्टम (METAVIR scoring system)। इस सिस्टम में एक्टिविटी “Activity” के लिए एक स्कोर दिया जाता है। जिसमें यह अनुमान लगाया जाता है कि फाइब्रोसिस (fibrosis) कितना बढ़ रहा है। डॉक्टर लिवर की बायोप्सी या टिशू सेंपल लेने के बाद ही स्कोर असाइन करता है। एक्टिविटी ग्रेड की रेंज A0 से A3 तक होती है। और पढ़ें: A0- नो एक्टिविटी (no activity) A1- माइल्ड एक्टिविटी (mild activity) A2- मॉडरेट एक्टिविटी (moderate activity) A3- सीवियर एक्टिविटी (severe activity) फाइब्रोसिस की स्टेज F0-F4 A3, F4 MERAVIR Score को गंभीर बीमारी का संकेत माना जाता है। दूसरे स्कोरिंग सिस्टम में बैट्स (Batts) और ल्यूडविग (Ludwig) है। जिसमें फाइब्रोसिस के लिए 1 से 4 तक ग्रेड दिया जाता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ द स्टडी ऑफ द लिवर (IASL) भी चार कैटेगरी में स्कोर देता है जिसमें मिनिमल क्रोनिक हेपेटाइटिस (minimal chronic hepatitis) से सीवियर क्रोनिक हेपेटाइटिस (Severe Chronic hepatitis) की रेंज तक स्कोर दिया जाता है। लिवर फाइब्रोसिस के लक्षण क्या हैं? डॉक्टर लिवर फाइब्रोसिस के बारे में इसकी माइल्ड से मॉडरेट स्टेज ...

लिवर किस साइड होता है

क्या जानते है कि लिवर किस साइड होता है? अगर नही तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़े। लिवर किस साइड होता है? यकृत (liver) उदर गुहा के ऊपरी दाहिने हिस्से में, डायाफ्राम के नीचे, एवं पेट के ऊपर, दाहिनी किडनी और आंतों में स्थित एक अंग है जो कशेरुकी प्राणियों यानिकी रीढ़ की हड्डि वाले जानवरों में पाया जाता है, इस अंग का काम शरीर में प्रोटीन को संश्लेषित करना है तथा यह पाचन के लिए भी जरुरी अंग है क्योकि यही पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाता है, यह हमारे शरीर में विटामिन A का निर्माण करता है, रक्त स्कन्दन में फाइब्रिनोजन तथा प्रोथ्रोम्बिन का संश्लेषण करना करता है एवं इसे RBC का कब्रिस्तान भी कहा गया है क्योकि यह पुरानी RBC को हटाने का काम भी करता है, इसका भार शरीर के भार का 1/50 भाग के आस पास होता है। लीवर खराब होने का कारण कई कारणों से लीवर खराब भी हो सकता है जैसे शराब पीना, असंतुलित भोजन, वजन की अधिकता, डायबिटीज आदि। लीवर खराब होने के लक्षण • कमजोरी आना, • वजन घटना, • उल्टी, • घबराहट होते रहना, • भूख में कमी, • पैरों या एड़ियों में सूजन • शरीर पर खुजली चलना आदि। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • Editor’s Picks • Do You Love Me Ka Reply Kya Hoga – डु यु लव मी का रिप्लाई क्या होगा? • लौकी को इंग्लिश में क्या कहते हैं – Lauki Ko English Mein Kya Kahate Hain? • यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक का अर्थ हिंदी में • गायत्री मंत्र का अर्थ, लाभ तथा सावधानियां • लैंडमार्क क्या होता है – Landmark Kya Hota Hai, Meaning in Hindi • आसमान नीला क्यों होता है? यह है इसके पीछे की वजह! • बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं? 100% करेगी काम! – Bageshwardham Sarkar • चाँद धरती से कितना दूर है? Follow Us • Faceb...

लिवर क्या है?

लिवरमानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है। पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में स्थित यह कई महत्वपूर्ण कार्य करती है। यह ग्रंथि प्रोटीन और हार्मोन बनाती है जिसकी शरीर के अन्य भागों को आवश्यकता होती है। यह एकमात्र अंग है जिसमें पुन: उत्पन्न करने की क्षमता है। परंतु कुछ बीमारियाँ और जीवनशैली लिवर को नुकसान पहुँचा सकती हैं, लेकिन इसकी सुरक्षा के कई तरीके हैं। आइए लिवर के बारे में और पढ़ें। लिवर (यकृत) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में डायफ्राम के नीचे, दाहिनी किडनी और छोटी आंत के ऊपर स्थित होता है। शंकु आकार का यह अंग लाल भूरे रंग का होता है जिसका वज़न लगभग १.३ से १.५ कि.ग्रा. तक होता है। इसका प्रमुख कार्य शरीर के मेटाबोलिज़्म को सुचारु रखना है। साथ ही प्रोटीन को संश्लेषित करना और पाचन के लिये आवश्यक रसायन बनाना है। यह पित्त बनाने का काम भी करता है जो यहां से पित्त की थैली में जाकर शरीर के काम आता है। लिवर की संरचना यकृत के दो बड़े खंड होते हैं, जिन्हें दायां और बायां लोब कहा जाता है। लोब में हजारों लोब्यूल (छोटे लोब) भी होते हैं। ये लोब्यूल्स कई पित्त नलिकाओं, ट्यूबों से जुड़ते हैं जो पित्त को यकृत से छोटी आंत में ले जाते हैं। अग्न्याशय और आंतों के कुछ हिस्सों के साथ, यकृत के नीचे पित्ताशय स्थित होता है। यकृत और ये अंग भोजन को पचाने, अवशोषित करने और संसाधित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। पेट और आंतों से निकलने वाला सारा खून लिवर से होकर गुजरता है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है।रक्त में अधिकांश रासायनिक स्तरों कोभी नियंत्रित करता है। कुछ निम्नलिखित • विषहरण : लिवर रक्त से विषाक्त पदार्थों, जैसे शराब और नशीली दवाओं को शरीर से निकालता है। • उपापचय : रक्त शर्करा...

गाल ब्लैडर किस साइड होता है

वियाग्रा का असर कितनी देर तक रहता है – वियाग्रा क्या होता है गाल ब्लैडर क्या होता है गाल ब्लैडर हमारे शरीर का आंतरिक अंग हैं. जिसे पित्ताशय की थैली के नाम से जाना जाता हैं. यह पेट में दाहिनी तरफ मौजूद होता हैं. और इसका आकार नाशपति जैसा होता हैं. इस अंग का मुख्य काम खाना डाइजेशन करने का हैं. इसके अलावा यह अंग पित्त को गाढ़ा करने का काम भी करता हैं. टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता गाल ब्लैडर स्टोन के लक्षण कुछ डॉक्टर और एक्सपर्ट का मानना है की गाल ब्लैडर में स्टोन होने पर कई बार लक्षण नही दिखाई देते हैं. ऐसा जरूरी नहीं है की गाल ब्लैडर स्टोन होने पर आपको कुछ संकेत मिले. लेकिन फिर भी गाल ब्लैडर स्टोन होने पर नीचे दिए गए कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर आपको अपच और पेट से जुडी कुछ छोटी-मोटी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर कई बार मरीज को अधिक उलटी आना शुरू हो जाता हैं. अगर दिन में तीन से चार बार उलटी आती हैं. तो इस समस्या को इग्नोर नही करना चाहिए. यह गाल ब्लैडर होने का संकेत भी हो सकता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन होने पर कई बार खाना खाने के बाद खट्टी डकार आना शुरू हो जाता हैं. • गाल ब्लैडर स्टोन की समस्या उत्पन्न होने पर मरीज को ज्यादा पसीना आना शुरू हो जाता हैं. • कई बार एसिडिट की समस्या भी गाल ब्लैडर स्टोन होने का संकेत माना जाता हैं. • पेट में भारीपन और बदहजमी की समस्या भी गाल ब्लैडर स्टोन होने का मुख्य लक्षण माना जाता हैं. मौसमी का जूस कब पीना चाहिए – सम्पूर्ण जानकारी गाल ब्लैडर स्टोन ऑपरेशन कैसे होता है गाल ब्लैडर स्टोन ऑपरेशन करने का पूरा तरीका हमने नीचे बताया हैं. • जैसे ही आप गाल ब्लैडर स्टोन के ऑप...

लिवर किस साइड होता है

क्या जानते है कि लिवर किस साइड होता है? अगर नही तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़े। लिवर किस साइड होता है? यकृत (liver) उदर गुहा के ऊपरी दाहिने हिस्से में, डायाफ्राम के नीचे, एवं पेट के ऊपर, दाहिनी किडनी और आंतों में स्थित एक अंग है जो कशेरुकी प्राणियों यानिकी रीढ़ की हड्डि वाले जानवरों में पाया जाता है, इस अंग का काम शरीर में प्रोटीन को संश्लेषित करना है तथा यह पाचन के लिए भी जरुरी अंग है क्योकि यही पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाता है, यह हमारे शरीर में विटामिन A का निर्माण करता है, रक्त स्कन्दन में फाइब्रिनोजन तथा प्रोथ्रोम्बिन का संश्लेषण करना करता है एवं इसे RBC का कब्रिस्तान भी कहा गया है क्योकि यह पुरानी RBC को हटाने का काम भी करता है, इसका भार शरीर के भार का 1/50 भाग के आस पास होता है। लीवर खराब होने का कारण कई कारणों से लीवर खराब भी हो सकता है जैसे शराब पीना, असंतुलित भोजन, वजन की अधिकता, डायबिटीज आदि। लीवर खराब होने के लक्षण • कमजोरी आना, • वजन घटना, • उल्टी, • घबराहट होते रहना, • भूख में कमी, • पैरों या एड़ियों में सूजन • शरीर पर खुजली चलना आदि। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • • Editor’s Picks • Do You Love Me Ka Reply Kya Hoga – डु यु लव मी का रिप्लाई क्या होगा? • लौकी को इंग्लिश में क्या कहते हैं – Lauki Ko English Mein Kya Kahate Hain? • यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक का अर्थ हिंदी में • गायत्री मंत्र का अर्थ, लाभ तथा सावधानियां • लैंडमार्क क्या होता है – Landmark Kya Hota Hai, Meaning in Hindi • आसमान नीला क्यों होता है? यह है इसके पीछे की वजह! • बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं? 100% करेगी काम! – Bageshwardham Sarkar • चाँद धरती से कितना दूर है? Follow Us • Faceb...

liver fibrosis: लिवर फाइब्रोसिस क्या होता है?

[mc4wp_form id=”183492″] लिवर फाइब्रोसिस की स्टेज (stages of liver fibrosis) लिवर फाइब्रोसिस की अलग-अलग स्टेजेज हैं। डॉक्टर लिवर डैमेज के आधार पर डिग्री निर्धारित करता है। इसकी स्टेज व्यक्ति पर निर्भर करती है। किसी का लिवर दूसरे के लिवर से ज्यादा डैमेज हो सकता है। हालांकि डॉक्टर लिवर फाइब्रोसिस के लिए स्टेज जरूर निर्धारित करते हैं क्योंकि इससे मरीज और दूसरे डॉक्टर्स भी समझ पाते हैं कि लिवर कितना प्रभावित हुआ है। लिवर फाइब्रोसिस के लिए जिस स्कोर सिस्टम का सबसे ज्यादा यूज किया जाता है वो है एमईटीएवीआईआर स्कोरिंग सिस्टम (METAVIR scoring system)। इस सिस्टम में एक्टिविटी “Activity” के लिए एक स्कोर दिया जाता है। जिसमें यह अनुमान लगाया जाता है कि फाइब्रोसिस (fibrosis) कितना बढ़ रहा है। डॉक्टर लिवर की बायोप्सी या टिशू सेंपल लेने के बाद ही स्कोर असाइन करता है। एक्टिविटी ग्रेड की रेंज A0 से A3 तक होती है। और पढ़ें: A0- नो एक्टिविटी (no activity) A1- माइल्ड एक्टिविटी (mild activity) A2- मॉडरेट एक्टिविटी (moderate activity) A3- सीवियर एक्टिविटी (severe activity) फाइब्रोसिस की स्टेज F0-F4 A3, F4 MERAVIR Score को गंभीर बीमारी का संकेत माना जाता है। दूसरे स्कोरिंग सिस्टम में बैट्स (Batts) और ल्यूडविग (Ludwig) है। जिसमें फाइब्रोसिस के लिए 1 से 4 तक ग्रेड दिया जाता है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ द स्टडी ऑफ द लिवर (IASL) भी चार कैटेगरी में स्कोर देता है जिसमें मिनिमल क्रोनिक हेपेटाइटिस (minimal chronic hepatitis) से सीवियर क्रोनिक हेपेटाइटिस (Severe Chronic hepatitis) की रेंज तक स्कोर दिया जाता है। लिवर फाइब्रोसिस के लक्षण क्या हैं? डॉक्टर लिवर फाइब्रोसिस के बारे में इसकी माइल्ड से मॉडरेट स्टेज ...