मानहानि का केस कब कर सकते हैं

  1. किन परिस्थितियों में मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते है?
  2. Court summons to many leaders including Rahul Gandhi, Siddaramaiah, BJP leader has filed defamation case
  3. कैसे होती है किसी की मानहानि, 500, 1000 करोड़ का केस कैसे बन जाता है?
  4. मानहानि कानून क्या है: पनिशमेंट अथवा सजा
  5. Court summons Congress leaders Rahul Gandhi and Siddaramaiah in defamation case filed by BJP
  6. Explainer: क्‍या राहुल गांधी मानहानि मामले में सजा और संसद सदस्‍यता रद्द होने से 8 साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव?
  7. Rahul Gandhi Arguments In Surat Court Only Narendra Modi Can File Defamation Case


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किन परिस्थितियों में मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते है?

विधि द्वारा एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को संरक्षित किया जाता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 11 के अनुसार जहां इंजरी को परिभाषित किया गया है वहाँ पर भी ” शरीर, दिमा मानहानि को भारतीय दंड संहिता द्वारा धारा 499 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध घोषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है तो ऐसी स्थिति में आप उस व्यक्ति पर मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं। मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिये पहले मानहानि के लिए अनिवार्यता क्या होती हैं कि समझ लेना चाहिए। आइये जानते हैं कि मानहानि के लिए अनिवार्यता क्या है? मानहानि साबित करने के लिए जरूरी बातें मानहानि सिद्ध करने के लिए कुछ बातें अनिवार्य होनी चाहिए। यदि बयान या कृत्य इस अनिवार्यता की श्रेणी में नहीं आता है तो वह मानहानि के मुकदमे के योग्य नहीं रहेगा। कही गयी बात अपमानजनक हो किसी व्यक्ति के लिए या उसे कही (लिखित या मौखिक) गयी बात से यदि व्यक्ति का अपमान होता हो तो इस स्थिति में उस कही हुई बात को मानहानि के लिए एक कारक मान लिया जाएगा। इस बात को बेहतर समझने के लिए एक केस के बारे में जानते है। रामजेठमलानी बनाम सुब्रमण्यम स्वामी, 2006 के मामले में प्रतिवादी द्वारा लिखित में यह कहा गया कि वाद पेश कर रहे व्यक्ति को प्रतिबंधित संगठन लिट्टे द्वारा पैसे प्राप्त हुए थे। यह बयान मानहानि कारक माना गया और इस के लिए प्रतिवादी को उत्तरदायी माना गया। इसे भी पढ़ें: क्या मजिस्ट्रेट इन्वेस्टीगेशन आर्डर दे सकते हैं? कथन प्रतिवादी द्वारा वादी को सम्बोधित किया हुआ हो मानहानि को साबित करने के लिए दूसरी सबसे ज़्यादा ज़रूरी बात यह है कि दिया गया बयान चाहे वह लिखित हो या मौखिक प्रतिवादी द्वारा वादी को सम्बोधित कर दिया गया हो। यानि कि जिस...

Court summons to many leaders including Rahul Gandhi, Siddaramaiah, BJP leader has filed defamation case

कर्नाटक के बीजेपी नेता की शिकायत पर MP/MLA कोर्ट ने आईपीसी की धारा 499 (मानहानि) व 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध का संज्ञान लिया है। मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख तय की है। कोर्ट के समन के मुताबिक सभी आरोपियों को तय तिथि पर कोर्ट में पेश होना होगा। बीजेपी नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस ने विज्ञापन में आरोप लगाया था- बीजेपी ने लूटे डेढ़ लाख करोड़ शिकायत के मुताबिक केपीसीसी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले पांच मई को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में दावा किया था कि राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त थी और उसने पिछले चार वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये लूटे हैं।

कैसे होती है किसी की मानहानि, 500, 1000 करोड़ का केस कैसे बन जाता है?

Subscribe to Notifications ख़बर 1 –कथित फिल्म क्रिटिक KRK ने सलमान खान की हालिया रिलीज़ फिल्म ‘राधे-योर मोस्ट वांटेड भाई’ का रिव्यू किया. बहुत मज़ाक उड़ाया, भद्दी बातें भी कहीं. वो अक्सर इसी तरह से फिल्मों के 'रिव्यू' करते हैं. सलमान खान ने KRK के ख़िलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया. इस संबंध में KRK को नोटिस भी भेजा गया है. ख़बर 2 -उत्तराखंड IMA यानी इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने योगगुरु बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है कि योगगुरु रामदेव एलोपैथी पर दिए अपने विवादित बयान के खंडन का वीडियो जारी करें और IMA से 15 दिनों में लिखित माफी मांगे. ऐसा नहीं करने पर एक हजार करोड़ की मानहानि का केस किया जाएगा.बात इन दोनों में से किसी ख़बर की नहीं होनी है. बात होनी है दोनों ख़बरों के एक कॉमन पॉइंट पर. मानहानि पर. क्या होती है मानहानि?दुनिया के सबसे विशाल साम्राज्य में से एक हुआ है- रोमन साम्राज्य. 27 ईसा पूर्व से शुरू होकर पांचवी सदी तक रोमन साम्राज्य कायम रहा. रोमन साम्राज्य में एक नियम निकाला गया, जो उस वक्त बड़ा अनूठा था. कहा गया कि साब, कोई जना एक-दूसरे पर सबूत के बिना अनर्गल आरोप नहीं लगाएगा, बिना सबूत के बेइज्जती करने वाली बातें नहीं करेगा. वरना मिलेगी सज़ा. ऐसा इसलिए ताकि लोग सिर्फ बोलने के लिए न बोल दें. जब किसी के बारे में बोलें तो पूरे पूछ-परख करके.बाद में रोमन साम्राज्य का पतन हुआ. धीरे-धीरे दुनिया में अंग्रेजी शासन ने पांव पसारे. कई नियम-कायदे बदले, लेकिन ये वाला नियम लेकर आगे बढ़े. धीरे-धीरे अंग्रेजी शासन भी भूतकाल की बात हुई. भारत सहित तमाम देशों ने अपना संविधान बनाया, लेकिन ये नियम 'शर्माइन के सोफे' की तरह कायम रहा, बल्कि कानून की शक्ल ले ली. न...

मानहानि कानून क्या है: पनिशमेंट अथवा सजा

बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जो भारत के संविधान द्वारा प्रत्येक भारतीय नागरिक को दिया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत यह मौलिक अधिकार हमें अन्य व्यक्तियों के समक्ष अपने विचार और राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता देता है। यह मौलिक अधिकार, दूसरे अधिकारों की तरह एकपक्षीय नहीं हो सकता है, इसीलिए यह कुछ प्रतिबंधों से घिरा हुआ है, जो संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के तहत उल्लिखित हैं। इस तरह के प्रतिबंध उन मामलों में लगाए जाते हैं, जहां कोई भी स्टेटमेंट देश के लिए हानिकारक या किसी की मानहानि की प्रकृति के होते हैं। मानहानि का कानून लगाने के लिए यह सुनिश्चित किया जाता है, कि दूसरों की प्रतिष्ठा को नष्ट करने के लिए गलत स्टेटमेंट नहीं दिए गए हैं। मानहानि का मतलब क्या है ? मानहानि किसी व्यक्ति के चरित्र, प्रतिष्ठा या ख्याति को गलत या दुर्भावनापूर्ण स्टेटमेंट प्रकाशित करके ठेस पहुंचाने की क्रिया है। भारत में, मानहानि एक नागरिक गलत के साथ-साथ एक आपराधिक रूप से अनुचित भी है। दूसरे शब्दों में, वह व्यक्ति जिसकी मानहानि हुई है, वह मानहानि करने वाले व्यक्ति पर या तो मुआवजे के लिए मुकदमा कर सकता है, या उस पर इस तरह के कृत्यों के लिए आपराधिक मुकदमा कर सकता है। आम तौर पर मानहानि में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसके बारे में कुछ गलत प्रकाशन होने की आवश्यकता होती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने से मानहानि नहीं हो सकती बल्कि किसी झूठे स्टेटमेंट के कारण उसकी प्रतिष्ठा का नुकसान होना चाहिए। मानहानि के प्रकार क्या हैं ? मानहानि के दो प्रकार होते हैं • लिबेल (अभियोग पत्र) • स्लेंडर(बदनामी) लिबेल - यह स्थायी रूपों में किसी झूठे स्टेटमेंट क...

Court summons Congress leaders Rahul Gandhi and Siddaramaiah in defamation case filed by BJP

राहुल गांधी पर फिर मानहानि का केस दर्ज, भाजपा की शिकायत पर सिद्धारमैया सहित कई कांग्रेसियों को कोर्ट का नोटिस पूर्व एवं मौजूदा सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली इस अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) व 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध का संज्ञान लिया है। पूर्व एवं मौजूदा सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली इस अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) व 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध का संज्ञान लिया है तथा मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख निर्धारित की है। विशेष अदालत ने मंगलवार को इस संबंध में सभी प्रतिवादियों को समन जारी करने का निर्देश दिया। भाजपा के राज्य सचिव एस केशव प्रसाद ने विज्ञापनों में झूठे दावे कर पार्टी की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाने वाली यह निजी शिकायत नौ मई को दायर की थी। शिकायत के मुताबिक, केपीसीसी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले पांच मई को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में दावा किया था कि राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार 'भ्रष्टाचार में लिप्त थी' और उसने पिछले चार वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये लूटे हैं। शिकायत के अनुसार, विज्ञापन में केपीसीसी की ओर से किए गए दावे 'पूरी तरह से बेबुनियाद, पूर्वाग्रह से ग्रसित और मानहानिकारक थे।'

Explainer: क्‍या राहुल गांधी मानहानि मामले में सजा और संसद सदस्‍यता रद्द होने से 8 साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव?

Defamation Case: केरल के वायनाड से संसद सदस्‍य और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मामले में पहले सूरत की अदालत ने दोषी मानते हुए 2 साल जेल की सजा सुनाई. इसके बाद अब उनकी संसद सदस्‍यता भी खत्‍म कर दी गई है. हालांकि, अदालत ने सजा सुनाने के बाद जमानत देते हुए फैसले के अमल पर 30 दिन तक की रोक लगा दी थी ताकि राहुल गांधी उसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें. सवाल ये उठता है कि राहुल गांधी को किस कानून के तहत 2 साल जेल की सजा सुनाई गई और अब उनके पास क्‍या विकल्‍प उपलब्‍‍‍‍ध हैं? राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कर्नाटक के कोलार में हुई एक जनसभा में 13 अप्रैल को टिप्‍पणी की थी, ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी ही कैसे है?’ इसके बाद भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. लंबी सुनवाई के बाद सूरत की अदालत ने उन्‍हें ‘मोदी उपनाम’ वाले सभी लोगों की भावनाएं आहत करने का दोषी पाया और 2 साल की सजा का फैसला सुनाया. उन पर 2019 से आपराधिक मानहानि का मुकदमा चल रहा था. क्‍या आप जानते हैं कि मानहानि के मुकदमे कितनी तरह के होते हैं और उनमें कितनी सजा या जुर्माना लगाया जाता है? ये भी पढ़ें – Ramadan: सबसे लंबे रोजे कहां हैं, हर दिन कितने घंटे बिना खाना-पानी रह रहे रोजेदार, कैसे तय होता है समय मानहानि क्‍या है, कौन दर्ज कराता है केस? राहुल गांधी के मामले से पहले जावेद अख्‍त और कंगना रनौट मामले में भी आपने मानहानि के मुकदमे के बारे में सुना होगा. दरअसल, जब कोई व्‍यक्ति किसी दूसरे व्‍यक्ति के बारे में कुछ ऐसा बोलता, लिखता या आरोप लगाता है, जिसका इरादा उसे किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना हो तो इसके खिलाफ दर्ज मामला मान...

Rahul Gandhi Arguments In Surat Court Only Narendra Modi Can File Defamation Case

Rahul Gandhi Appeal: राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट में अपनी सजा को चैलेंज करते हुए कहा कि केवल मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल सजा सुनाई थी. 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में कहा था कि "ललित मोदी, नीरव मोदी, नरेंद्र मोदी, कैसे सभी चोरों के कॉमन सरनेम मोदी होते हैं." इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज की थी. इसी मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई. 3 अप्रैल को राहुल गांधी ने सजा पर रोक और जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी. इसी दौरान राहुल गांधी की लीगल टीम ने कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले में केवल नरेंद्र मोदी ही अपील कर सकते हैं. राहुल गांधी की लीगल टीम ने सजा को चुनौती देते हुए 7 प्रमुख तर्क दिए हैं. दिया कानून का हवाला राहुल गांधी ने तर्क दिया कि इस मामले में पूर्णेश मोदी पीड़ित व्यक्ति नहीं थे और उन्हें शिकायत दर्ज करने का कोई अधिकार नहीं था. कोर्ट में इस बात की तरफ ध्यान दिलाया गया कि आपराधिक कानून के तहत कोई भी केस कर सकता है लेकिन जहां तक धारा 499 औऱ 500 के तहत आपराधिक मानहानि का संबंध है, इस मामले में केवल पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है. 'केवल नरेंद्र मोदी ही...' राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा, "व्यक्तिगत रूप से श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कथित लांछन के लगाया गया है, उसके लिए केवल नरेंद्र मोदी को मानहानि के अपराध से पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है और केवल नरेंद्र मोदी ही इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. पूर्णेश मोदी प्रतिवादी/शिकायतकर्ता को कोई अधिकार नहीं है उसकी ओर ...