Namami shamishan nirvan roopam lyrics

  1. नमामि शमीशान निर्वाण रूपं : शिव रुद्राष्टकम
  2. [Lyrics & PDF] श्री विष्णु स्तुति
  3. Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics


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नमामि शमीशान निर्वाण रूपं : शिव रुद्राष्टकम

रुद्राष्टकम भगवान शिव की अभिव्यक्ति को समर्पित एक अष्टकम या अष्टक (आठ छंदों वाली प्रार्थना) है. इस महान मंत्र की रचना स्वामी तुलसीदास द्वारा 15वीं शताब्दी में की गई थी. रुद्र को भगवान शिव की भयावह अभिव्यक्ति के रूप में पूजा जाता है, जिनसे हमेशा भयभीत रहना चाहिए. भगवान महाकाल को प्रसन्न करने के लिए स्तुति का यह आठ गुना भजन गाया गया था. जो भी इसका पाठ करेगा, उस पर भगवान शिव अति प्रसन्न होंगे. रुद्राष्टकम की उत्पत्ति भगवान शिव के पवित्र शहर वाराणसी में गोस्वामी तुलसीदास (16 वीं शताब्दी ई.) द्वारा लिखित महान संस्कृत महाकाव्य रामायण में हुई है. तुलसीदासजी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में रामचरितमानस लिख रहे थे, जब शिव की महिमा गाते इस भजन की रचना भगवान शिव की कृपा से हो सकी. शिव रुद्राष्टकम (Shiv Rudrashtakam Mantra) नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं॥1॥ अर्थ – मैं ब्रह्मांड के राजा को नमन करता हूं, जिसका स्वरूप मुक्ति, सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी ब्रह्म है, जो वेदों के रूप में प्रकट होता है. मैं भगवान शंकर की पूजा करता हूं, अपनी महिमा में चमकते हुए, बिना भौतिक गुणों के, अविभाज्य, इच्छा रहित, चेतना के सभी व्यापक आकाश और स्वयं गगन को उनके वस्त्र के रूप में धारण करते हैं. निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं। करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतो हं॥2॥ अर्थ – मैं सर्वोच्च भगवान को दंडवत करता हूं, जो “ओम्” के निराकार स्रोत हैं, सभी का स्व, सभी स्थितियों और अवस्थाओं को पार करते हुए, वाणी, समझ और इंद्रियबोध से परे, विस्मयकारी, लेकिन कृपालु, कैलाश के शासक, मृत्यु के भक्षक, सभी ...

[Lyrics & PDF] श्री विष्णु स्तुति

औषधे चिंतये विष्णुम भोजने च जनार्धनम, शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिम, युद्धे चक्रधरम देवं प्रवासे च त्रिविक्रमं । नारायणं तनु त्यागे श्रीधरं प्रिय संगमे, दुःस्वप्ने स्मर गोविन्दम संकटे मधुसूधनम । कानने नारासिम्हम च पावके जलाशयिनाम, जलमध्ये वराहम च पर्वते रघु नन्दनं, गमने वामनं चैव सर्व कार्येशु माधवं । षोडशैतानी नमानी प्रातरुत्थाय यह पठेत, सर्वपापा विर्निमुक्तो विष्णुलोके महीयते । Shantakaram bhujagashayanam padmanaabham suresham, Vishwaa dharam Gagana Sadrusham Megha Varnam Subhangam. Lakshmi kantam kamalanayanam yogibhir dhyaana gamyam, Vande vishnum bhava bhaya haram sarva lokaika naatham. Aushadam chintayed vishnum bhojanam cha janardhanam, shayane padmanabham cha vivahe cha prajapatim, yuddhe chakradharam devam pravase cha trivikramam. Narayanam thanu thyage sridharam priya sangame, dusswapne smara govindam sankate madhusudhanam. kaanane naarasimham cha pavake jalasayinam, jalamadhye varaham cha parvathe raghunandanam, Gamane Vaamanam Chaiva Sarva Kaaryeshu Madhavam. Shodasaitaani naamani prathuruddhaya yah padeth, sarva paapa vinirmukto vishnu lokai mahiyati. Read more – Shuklambaradharam Vishnum Lyrics PDF in English FAQs

Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics

निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्‌ । करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्‌ ।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्‌ । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा ।। चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्‌ । मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ।। प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्‌ । त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्‌ ।। कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी । चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।। न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्‌ । न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ।। न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम्‌ सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्‌ । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ।। रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति ।। ।। इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ।। • शिव जी का सबसे पॉपुलर भजन • लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा लिरिक्स • Namami Shamishan Nirvan Roopam Lyrics Namami Shamishan-nirvan Rupam, Vibhum Vyapakam Brahma-veda-swaroopa । Nijam Nirgunam Nirvikalpam Niriham, Chidaakaasha Maakaasha-vaasam Bhaje Ham ।। Niraakaara Monkaara-moolam Turiiyam, Giraa Gyanan Gotiita Miisham Giriisham । Karaalam Mahaa-kaala-kaalam Kripaalam, Gunaagaara Samsara Paaram Nato Ham ।। Tushaa Raadri-sankaasha-gauram Gabhiram, Manobhuta-koti Prabha Sri ...