पैर टूटने के बाद कितने दिन में चल सकते है

  1. पैर टूट जाने पर कितने दिन बाद ठीक हो जाता है? » Pair Toot Jaane Par Kitne Din Baad Theek Ho Jata Hai
  2. पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है
  3. फ्रैक्चर ट्रीटमेंट के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
  4. रीढ़ की हड्डी में दर्द के क्या कारण हैं, जानें लक्षण और इलाज
  5. पैर की टूटी हड्डी कितने दिन में जुड़ती है, pair ki haddi kitne din mein jud jaati
  6. पैर की हड्डी टूटने के बाद प्लास्टर कितने दिन में काटना चाहिए? » Pair Ki Haddi Tutne Ke Baad Plaster Kitne Din Me Kaatna Chahiye
  7. मांस फटने को हल्‍की चोट समझना बेवकूफी, विशेषज्ञ बोले, किडनी फेल से लेकर सिंड्रोम का खतरा


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पैर टूट जाने पर कितने दिन बाद ठीक हो जाता है? » Pair Toot Jaane Par Kitne Din Baad Theek Ho Jata Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपको बिना पैर टूट जाने पर कितने दिन बाद ठीक हो जाता है इसके लिए पहले तो आप आर्थोपेडिक सर्जन को दिखाएंगे वह पैर टूटने की आप की क्या स्थिति है ऑपरेशन करना पड़ेगा या ऑपरेशन करके प्लेट या रोड डालनी पड़ेगी और कम से कम आपको 1 महीने का तो रेस्ट चाहिए उसके बाद ही आप थोड़ा बहुत चल फिर सकते हैं डॉक्टर के अनुसार तो यह डिपेंड करता है प्लास्टर के ऊपर कितने दिन का प्लास्टर डाक्टर आपको बताता है और उसके बाद आपको फिजियोथैरेपी की आवश्यकता पड़ती है कई बार जो है डेढ़ से 2 महीने आपको लग जाते हैं उसके लिए अच्छा ही रहेगा किसी आप आर्थोपेडिक सर्जन से कल सेट करें और उसी के अनुसार चलें यही बेहतर है हरी aapko bina pair toot jaane par kitne din baad theek ho jata hai iske liye pehle toh aap arthopedik Surgeon ko dikhayenge vaah pair tutne ki aap ki kya sthiti hai operation karna padega ya operation karke plate ya road daalni padegi aur kam se kam aapko 1 mahine ka toh rest chahiye uske baad hi aap thoda bahut chal phir sakte hain doctor ke anusaar toh yah depend karta hai plaster ke upar kitne din ka plaster doctor aapko batata hai aur uske baad aapko physiotherapy ki avashyakta padti hai kai baar jo hai dedh se 2 mahine aapko lag jaate hain uske liye accha hi rahega kisi aap arthopedik Surgeon se kal set kare aur usi ke anusaar chalen yahi behtar hai hari आपको बिना पैर टूट जाने पर कितने दिन बाद ठीक हो जाता है इसके लिए पहले तो आप आर्थोपेडिक सर्ज

पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है

आज हम पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है सटीक जानकारी, गर्भावस्था में कितने दिनों बाद उल्टी आना शुरू होता है, पीरियड्स मिस होने से पूर्व प्रेग्नेंसी के क्या लक्षण दिखाई देते हैं? और पीरियड्स मिस होने पर गर्भावस्था के लक्षण इन्ही सब बातों के बारे में जानकारी देंगे| महिलाओं में पीरियड्स मुख्य रूप से गर्भावस्था के लिए ही प्राकृतिक रूप से कार्य करती है और हर महीने जब तक महिला में गर्भ धारण न हो जाये तब तक यह पीरियड्स की प्रक्रिया निरंतर चलता रहता है| यदि आप महिला है तो आपने जरूर कभी न कभी अपने किसी साथी से पीरियड्स मिस होने और उसके कारन प्रेगनेंसी के बारे में बाते सुनी होगी| महिला में पीरियड्स का साईकल तब बंद हो जाता है जब उनके गर्भाशय के अंडाणु पुरुष के शुक्राणु के साथ मिलकर निषेचित हो जाते है और पीरियड्स मिस होने पर कितने दिनों बाद उल्टी होती है पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है इस प्रश्न का आशय यह है की की यदि महिला का पीरियड मिस हो जाए तो कितने दिनों के बाद पता लगता है की महिला के गर्भाशय में गर्भ धारण हुआ है की नहीं| यदि आप गर्भ निरोधक उपकरणों के साथ सहवास करते है तो इसकी बहुत कम या ना के सामान संभावना रहती है की महिला में गर्भ का धारण हो जाये| यदि आप बिना किसी गर्भ निरोधक उपकरण के सहवास करते है तब महिला गर्भवती हो सकती है और पीरियड्स मिस होने के कितने दिन बाद उल्टी लगती है अथवा कितने दिनों बाद प्रेगनेंसी हो जाता है इसके बारे में भी कुछ संकेतो को समझ कर बताया जा सकता है व पता लगाया जा सकता है| सामान्यतः महिला के गर्भाशय में गर्भ धारण के 4 से 6 सप्ताह के बाद उलटी का लगना प्रारंभ होता है| यदि आपको आपके अगले आने वाले मासिक धर्म के तारीख की जानकार...

फ्रैक्चर ट्रीटमेंट के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

हड्डी के प्रकार और उसकी क्षति के आधार पर, विभिन्न प्रकार के फ्रैक्चर होते हैं, लेकिन यहां 4 प्रकार के फ्रैक्चर हैं जो फ्रैक्चर रोगियों में काफी आम हैं: • स्थिर फ्रैक्चर: हड्डी का नुकसान हड्डी की रेखा को प्रभावित करता है जिससे यह आकार से बाहर हो जाता है लेकिन इसके महत्वपूर्ण स्थान पर होता है। • मिश्रित फ्रैक्चर: इस मामले में, टूटी हुई हड्डी अपने संरेखण से बाहर निकल जाती है और मांसपेशियों से त्वचा की सतह तक बाहर निकल जाती है। घाव से हड्डी भले ही दिखाई न दे, लेकिन इससे त्वचा फट जाती हैं। • अनुप्रस्थ फ्रैक्चर: इस प्रकार का फ्रैक्चर अपने मूल स्थान से विस्थापित नहीं होता बल्कि एक ही स्थान पर एक दूसरे के साथ क्षैतिज रूप से संरेखित हो जाता है। • ओब्लिक फ्रैक्चर: सबसे खतरनाक फ्रैक्चर में से एक, यह हड्डी को इस हद तक तोड़ देता है कि यह सीधे होने के लिए अपनी स्थिरता खो देता है और विभिन्न कोणों पर विस्थापित हो जाता है। फ्रैक्चर का कारण चोट, ट्रॉमा या हड्डियों को कमजोर करने वाली बीमारियां हो सकती हैं। यदि आपके प्रभावित क्षेत्र में दर्द बढ़ जाता है या कार्यक्षमता के नुकसान से गुजरता है, तो यह फ्रैक्चर का संकेत है और इसकी अच्छी तरह से जांच की जानी चाहिए। कुछ फ्रैक्चर का इलाज दवाओं से किया जा सकता है जबकि अन्य को सर्जरी और उपचार की आवश्यकता हो सकती है। फ्रैक्चर की सही स्थिति और इसकी गंभीरता का पता लगाने के लिए डॉक्टर पहले आपको हड्डी का एक्स रे करवाते है। तब आपको एसिटामिनोफेन और इबुप्रोफेन जैसी कुछ काउंटर दवाओं के साथ निर्धारित किया जा सकता है। वे दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। उपचार की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्थिरीकरण वास्तव में महत्वपूर्ण है। उपचार प्रभावित क्षेत्र को स्थिर...

रीढ़ की हड्डी में दर्द के क्या कारण हैं, जानें लक्षण और इलाज

रीढ़ की हड्डी में दर्द (Back pain) आजकल एक आम समस्या है। रीढ़ की हड्डी (पीठ के निचले हिस्से) और सर्वाइकल क्षेत्र (गर्दन) में दर्द आजकल युवाओं से लेकर बुर्जुगों के बीच एक आम समस्या है। यह बहुत ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने की वजह से भी हो सकता है। कमर दर्द के सबसे आम कारण हैं रीढ़ की मांसपेशियों (Muscles) में खिंचाव या मोच आना। इसके अलावा कुछ लोगों को यह दर्द जेनेटिकली भी ट्रांसफर होता है। इसकी वजह से बहुत देर तक एक पॉश्चर में बैठे रहने से भी हड्डी में दर्द बढ़ जाता है। और पढ़ेंः Musculoskeletal Tuberculosis: जानिए क्या है हड्डियों और जोड़ों की टीबी? लम्बर क्षेत्र (Lumbar Region) और सर्वाइकल स्पाइन (Cervical Spine) में दर्द आपके रोजाना के कामों में परेशानी बन सकता है। क्योंकि ये वजन उठाने, चलने और झुकने में मदद करते हैं। रीढ़ की हड्डी (Spinal Bone) में दर्द रीढ़ की हड्डी में दर्द (Back pain) गंभीर समस्या का भी संकेत हो सकता है, जिनमें सर्जरी की जरुरत हो सकती है। इस तरह की समस्याओं में रीढ़ की हड्डी में दर्द v होता है। कई बार यह दर्द हाथ, पैर या रिब केज के चारों ओर तक भी फैल सकता है। तीन तरह की मांसपेशियां रीढ़ को करती हैं सपोर्ट • एक्सटेंसर्स Extensors (पीठ और ग्लूटियल मांसपेशियां) • फ्लेक्सर्स Flexors (पेट और इलिओसोआस मांसपेशियां) • ओब्लिक या रोटेटर्स Oblique or Rotators (किनारे की मांसपेशियां) और पढ़ेंः बुजुर्गों को होती है अधिक समस्या बुजुर्ग लोग आम तौर पर इस समस्या से जूझते हैं। वृद्ध महिलाओं को अक्सर (Back pain) की समस्या बुर्जुगों को अधिक होती है क्योंकि उम्र के साथ उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। और पढ़ें: रीढ़ की हड्डी में दर्द (Back pain) का कारण रीढ़ की हड्डी में ...

पैर की टूटी हड्डी कितने दिन में जुड़ती है, pair ki haddi kitne din mein jud jaati

हमारे पैर की हड्डी टूट जाए तो वह लगभग 5 से 6 महीने में जुड़ती है क्योंकि पैर की पसलियों को भी जुड़ने में टाइम लगता है क्योंकि उनके लिए प्लास्टर नहीं करवा सकते फैक्चर होने पर आपके पैर में 8 से 10 दिन तक सूजन रह सकती है सूजन को ही ठीक होने होने हैं लगभग 10 दिन लग जाते हैं और आप लगातार दर्द से पीड़ित होते हैं सूजन के लिए आप बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं बर्फ की सिकाई से सूजन खत्म हो जाएगी। हमारे पैर में फैक्चर कई कारणों से हो जाता है जिनमें से हमारे दैनिक कार्यों की गतिविधियों के चलते होता है या फिर कोई एक्सीडेंट वगैरा होने से हमारे पैर में फैक्चर हो जाता है फैक्चर दो प्रकार के हो सकते हैं साधारण फैक्चर या फिर गंभीरता से हड्डी फटने वाला फैक्चर इन सब को ठीक करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपके पैर पर प्लास्टर करता है और उसको छोड़ने में लगभग 5 से 6 महीने लग सकते हैं पैर का प्लास्टर कितने दिन का होता है?pair ka plaster kitne din ka hota hai ? पैर में फ्रैक्चर होने के बाद डॉक्टर पहले कच्चा प्लास्टर चढ़ाता है तो 15 दिन के लिए होता है उसके बाद डॉक्टर पैर के फैक्चर की स्थिति देखने के बाद 45 दिन का पक्का प्लास्टर चढ़ाता है उसके बाद आपके पैरों में सूजन को ठीक करने और हड्डी जोड़ने के लिए उपाय भी बताता है। हड्डियां कितनी जल्दी ठीक हो जाती हैं?haddiya kitni jaldi thik ho jati hai ? साधारण रूप से देखा जाए तो एक वयस्क या बच्चे की हड्डी जुडने में लगभग 8 से 10 सप्ताह का समय लग सकता है अगर फैक्चर नॉर्मल है तो 6 सप्ताह में जुड़ जाएगी अगर किसी वृद्ध अवस्था वाले व्यक्ति का फैक्चर है तो उसका फैक्चर में लगभग 15 से 20 सप्ताह लग सकते हैं क्योंकि वह मधुमेह आदि कई बीमारियों से ग्रसित होता है और उसकी हड्डि...

पैर की हड्डी टूटने के बाद प्लास्टर कितने दिन में काटना चाहिए? » Pair Ki Haddi Tutne Ke Baad Plaster Kitne Din Me Kaatna Chahiye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आधे की नमस्कार गुड इवनिंग आपने क्वेश्चन क्या है और आपके द्वारा पूछा गया प्रश्न है पैरों की हड्डी टूटने के बाद प्लास्टर कितने दिन में करना चाहिए कि पैरों की हड्डी कर आपकी और टूटी है तो प्लास्टर कट करने के लिए आप जो है कम से कम 3 महीने का वेट कर सकते हैं तभी आपका जो है पैर केटीएचएल सेट होती aadhe ki namaskar good evening aapne question kya hai aur aapke dwara poocha gaya prashna hai pairon ki haddi tutne ke baad plaster kitne din me karna chahiye ki pairon ki haddi kar aapki aur tuti hai toh plaster cut karne ke liye aap jo hai kam se kam 3 mahine ka wait kar sakte hain tabhi aapka jo hai pair KTHL set hoti आधे की नमस्कार गुड इवनिंग आपने क्वेश्चन क्या है और आपके द्वारा पूछा गया प्रश्न है पैरों की

मांस फटने को हल्‍की चोट समझना बेवकूफी, विशेषज्ञ बोले, किडनी फेल से लेकर सिंड्रोम का खतरा

नई दिल्‍ली. बच्‍चे हों या बड़े, चोट लगना एक आम बात है. यह किसी भी मौसम में किसी भी वक्‍त लग सकती है. हालांकि चोट लगने के बाद लोगों की सबसे पहली चिंता यही होती है कि कहीं हड्डी न टूट गई हो या फ्रैक्‍चर (Fracture) न हो गया हो. ऐसे में खेलते वक्‍त या किसी से टकराने के दौरान चोट लगने पर हड्डी को लेकर ध्‍यान रखा जाता है. इस दौरान आमतौर पर अगर किसी को चोट की जगह पर सूजन, नीलापन या दर्द होता है लेकिन फ्रैक्‍चर नहीं होता तो उसे मांस फटने (Muscle Tear) की बात कहकर और कुछ प्राथमिक इलाज देकर छोड़ दिया जाता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि मांस फटने पर हड्डी टूटने के बराबर ही देखभाल और इलाज की जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो यह आगे चलकर बड़ी बीमारी को जन्‍म दे सकता है. दिल्‍ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल में डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेडिक्‍स में प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार बताते हैं कि आमतौर पर चोट लगने के बाद मांस फटने यानि उस जगह पर सूजन (Swelling) आने, नीला पड़ने या तेज दर्द होने की स्थिति में लोग खुद ही इलाज कर लेते हैं. वे तब तक डॉक्‍टर के पास नहीं आते जब तक उन्‍हें ये न लगे कि हड्डी में कोई ब्रेक आया है या फ्रैक्‍चर हुआ है. ऐसे हालात में होता यह है कि चोट के बाद मांस का फटना कई बार गंभीर रोग का कारण बन जाता है. इस दौरान अगर इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए या लापरवाही कर दी जाए तो उसका नुकसान मरीज को बाद में उठाना पड़ता है. सबसे पहलें जानें क्‍या होता है मांस फटना डॉ. सतीश कहते हैं कि चोट लगने की स्थिति में अगर शरीर की मांसपेशी में ज्‍यादा खिंचाव आ जाता है या उस पर अधिक दवाब पड़ जाता है और उस जगह की ब्‍ल्‍ड वेसेल्‍स भी क्षतिग्रस्‍त हो जाती हैं तो उसे मांस फटना कहा जाता है. कई बा...