पैरालिसिस अटैक रिकवरी टाइम

  1. (पैरालिसिस)को ठीक करेंगे यह 16 अचूक घरेलु उपचार
  2. पैरालिसिस किसकी कमी से होता है? – ElegantAnswer.com
  3. Paralysis In Hindi : लकवा (Paralysis) के कारण, लक्षण, इलाज, दवा, परहेज
  4. लकवा(पैरालिसिस)को ठीक करेंगे यह 16 अचूक घरेलु उपचार
  5. पैरालिसिस अटैक क्यों होता है? – ElegantAnswer.com
  6. डिप्रेशन में 61 वर्षीय कर्मचारी, पैरालिसिस का अटैक आया; हॉस्पिटल में भर्ती
  7. पैरालिसिस अटैक और इसके उपचार और प्रबंधन क्या है ?


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(पैरालिसिस)को ठीक करेंगे यह 16 अचूक घरेलु उपचार

((पैरालिसिस)को ठीक करेंगे यह 16 अचूक घरेलु उपचार | पहचान :- लकवा को पैरालिसिस अटैक या स्ट्रोक भी कहते है जिसकी वजह से व्यक्ति चलने फिरने और लकवा ग्रस्त अंग को महसूस कर पाने की ताकत खो देता है। चेहरे (face) पर lakwa होने से मरीज का मुँह आधा टेढ़ा हो जाता है और बोलने पर मुँह से आवाज नहीं निकलती। जब हमारे शरीर का कोई अंग या फिर पूरे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर दे तो उस अवस्था को फालीज, पक्षाघात या फिर लकवा कहते है। अगर (Paralysis)पैरालिसिस अटैक शरीर के एक तरफ के हिस्सा पर हुआ है तो इसे अधरंग कहते है जिसमे शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर देता है। आइये जाने लकवा (पक्षाघात) को दूर करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय| Home Remedies for Paralysis in Hindi उपचार : पहला प्रयोगः लकवे का अटैक होते ही तुरंत तिल का तेल 50 से 100 ग्राम की मात्रा में थोड़ा-सा गर्म करके पी जायें व साथ में लहसुन खायें। लकवे से प्रभावित अंग एवं सिर पर सेंक करना भी अटैक आते ही आरंभ करें व आठ दिन बाद मालिश करें। इसमें उपवास लाभदायक है। प्रभावित अंग पर चार दिन के बासी स्वमूत्र की प्रतिलोम गति से मालिश करने से भी लाभ होता है। दूसरा प्रयोगः पहले दिन लहसुन की पूरी कली पानी के साथ निगलें। फिर रोज 1-1 कली बढ़ाते हुए 21वें दिन 21 कलियाँ निगलें। उसके बाद रोज 1-1 कली घटाते जायें। इस प्रकार करने से लकवा(Lakwa) मिटता है। तीसरा प्रयोगः हरे लहसुन की पत्तियों सहित पूरी डाली का रस निकालकर उसे पानी में मिलाकर पिलाने से बी.पी. के बढ़ने के कारण हुए लकवे में लाभ होता है। अनुभूत प्रयोग : अगर मेरा कोई भाई बहिन पक्षाघात(Lakwa) से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उ...

पैरालिसिस किसकी कमी से होता है? – ElegantAnswer.com

पैरालिसिस किसकी कमी से होता है? इसे सुनेंरोकेंऐसा तब होता है जब शरीर में विटामिन बी-12 और बी कॉम्प्लेक्स की कमी हो जाती है। यह पूरी तरह से जीवनशैली में आए बदलाव का साइड इफेक्ट है। फिलहाल खान-पान में बदलाव इसका कारण माना जा रहा हैं। पैरालिसिस होने का मुख्य कारण क्या है? इसे सुनेंरोकेंपक्षाघात तब लगता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है। पैरालिसिस कितने दिन में ठीक हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंना ही पेशेंट अपना काम खुद करने में समर्थ हो पााएगा, जबकि डॉक्टर्स के मुताबिक, लकवा आने के दो से तीन दिन में पेशेंट में सुधार शुरू हो जाता है, तो छह महीने में रिकवरी आना शुरू होती है। डेढ़ साल में पूरी तरह से रिकवरी आ सकती है। इस पीरियड के बाद रिकवरी आने की संभावना खत्म हो जाती है। लकवा में क्या नहीं खाना चाहिए? लकवा के मरीज़ इन चीज़ों से सख्त करें परहेज़: • मैदा, अरहर, मटर, चना से परहेज करें। • फल और सब्जियों की बात करें तो आलू, टमाटर, नींबू, जामुन, करेला, केला, भिंडी और मूंगफली से दूरी बनाएं। • तेल और घी के अधिक सेवन से परहेज करें। • भारी भोजन जैसे छोले, राजमा, उड़द चना मटर सोयाबीन, बैंगन, कटहल जैसी चीजें बिल्कुल नहीं खाएं। मुंह टेढ़ा कैसे हो जाता है? इसे सुनेंरोकेंलोगों को यह समझना होगा कि सिर्फ मुंह के टेढ़े होने को लकवा नहीं कहा जाता। इस टेढ़ेपन को फेशियल पाल्सी कहते हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि यह टेढ़ापन सिर्फ नस में सूजन के कारण होता है। पैरालिसिस होने पर क्या खाना चाहिए? लकवा के मरीज क्या ...

Paralysis In Hindi : लकवा (Paralysis) के कारण, लक्षण, इलाज, दवा, परहेज

Table of Page Contents • • • • • What is Paralysis : लकवा (Paralysis) क्या है? पैरालिसिस ( पक्षाघात ) जिसे लकवा भी कहा जाता है, एक या अधिक मांसपेशियों में मोटर फ़ंक्शन का नुकसान है। यह स्वास्थ्य स्थिति संबंधित क्षेत्र में एक संवेदी हानि (अर्थात् भावना की हानि) के साथ हो सकती है यदि महत्वपूर्ण संवेदी और मोटर क्षति हो। संक्षेप में, पैरालिसिस शरीर में मांसपेशियों के कार्य के नुकसान को संदर्भित करता है। जैसा कि पहले कहा गया है, क्षति की प्रकृति के आधार पर, लकवा आंशिक या पूर्ण, अस्थायी या स्थायी, या स्थानीय या सामान्यीकृत हो सकता है। सबसे पहले, आइए संक्षेप में लकवा के प्रकार पर चर्चा करें। पैरालिसिस विभिन्न प्रकार का हो सकता है। इसमे शामिल है; पूर्ण पैरालिसिस : जैसा कि नाम से पता चलता है, पूर्ण पैरालिसिस एक स्वास्थ्य स्थिति को संदर्भित करता है जब व्यक्ति अपने शरीर के अंगों को स्थानांतरित या नियंत्रित नहीं कर सकता है। यह उन मांसपेशियों में महसूस करने की क्षमता को खोने का भी परिणाम हो सकता है। आंशिक पैरालिसिस : आंशिक या अपूर्ण पैरालिसिस में, व्यक्ति लकवाग्रस्त शरीर की मांसपेशियों को आंशिक रूप से महसूस कर सकता है या नियंत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार की स्थिति को अक्सर पैरेसिस के रूप में जाना जाता है। स्थानीयकृत पैरालिसिस : स्थानीयकृत पैरालिसिस में, केवल एक विशिष्ट क्षेत्र जैसे चेहरा, पैर या हाथ प्रभावित होते हैं। सामान्यीकृत पैरालिसिस : स्थानीयकृत पैरालिसिस के विपरीत, सामान्यीकृत पक्षाघात में शरीर में एक सामान्य क्षेत्र शामिल होता है और यह वर्गीकृत किया जाता है कि शरीर कितना प्रभावित या क्षतिग्रस्त है। उदाहरण के लिए, इस प्रकार का पक्षाघात मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की चोट के क्षेत...

लकवा(पैरालिसिस)को ठीक करेंगे यह 16 अचूक घरेलु उपचार

पहचान :- लकवा को पैरालिसिस अटैक या स्ट्रोक भी कहते है जिसकी वजह से व्यक्ति चलने फिरने और लकवा ग्रस्त अंग को महसूस कर पाने की ताकत खो देता है। चेहरे (face) पर lakwa होने से मरीज का मुँह आधा टेढ़ा हो जाता है और बोलने पर मुँह से आवाज नहीं निकलती। जब हमारे शरीर का कोई अंग या फिर पूरे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर दे तो उस अवस्था को फालीज, पक्षाघात या फिर लकवा कहते है। अगर (Paralysis)पैरालिसिस अटैक शरीर के एक तरफ के हिस्सा पर हुआ है तो इसे अधरंग कहते है जिसमे शरीर का आधा हिस्सा काम करना बंद कर देता है। आइये जाने लकवा (पक्षाघात) को दूर करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय| Home Remedies for Paralysis in Hindi उपचार : पहला प्रयोगः लकवे का अटैक होते ही तुरंत तिल का तेल 50 से 100 ग्राम की मात्रा में थोड़ा-सा गर्म करके पी जायें व साथ में लहसुन खायें। लकवे से प्रभावित अंग एवं सिर पर सेंक करना भी अटैक आते ही आरंभ करें व आठ दिन बाद मालिश करें। इसमें उपवास लाभदायक है। प्रभावित अंग पर चार दिन के बासी स्वमूत्र की प्रतिलोम गति से मालिश करने से भी लाभ होता है। दूसरा प्रयोगः पहले दिन लहसुन की पूरी कली पानी के साथ निगलें। फिर रोज 1-1 कली बढ़ाते हुए 21वें दिन 21 कलियाँ निगलें। उसके बाद रोज 1-1 कली घटाते जायें। इस प्रकार करने से लकवा(Lakwa) मिटता है। तीसरा प्रयोगः हरे लहसुन की पत्तियों सहित पूरी डाली का रस निकालकर उसे पानी में मिलाकर पिलाने से बी.पी. के बढ़ने के कारण हुए लकवे में लाभ होता है। अनुभूत प्रयोग : अगर मेरा कोई भाई बहिन पक्षाघात(Lakwa) से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अगर शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले...

पैरालिसिस अटैक क्यों होता है? – ElegantAnswer.com

पैरालिसिस अटैक क्यों होता है? इसे सुनेंरोकेंपैरालिसिस के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें न्यूरोलॉजिकल, कोई ऐसी दुर्घटना जिसमें रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई हो और कुछ इंटरनल बायोलॉजिकल डिफॉर्मेशन भी शामिल हैं। इसके अलावा पैरालिसिस के लक्षणों की कई अन्य वजहें भी हो सकती हैं, जैसे रीढ़ की हड्डी में चोट, गोली या चाकू लगना, बिजली के झटके जैसी ही अन्य कोई दुर्घटना। पैरालिसिस कितने दिन में ठीक होता है? इसे सुनेंरोकेंना ही पेशेंट अपना काम खुद करने में समर्थ हो पााएगा, जबकि डॉक्टर्स के मुताबिक, लकवा आने के दो से तीन दिन में पेशेंट में सुधार शुरू हो जाता है, तो छह महीने में रिकवरी आना शुरू होती है। डेढ़ साल में पूरी तरह से रिकवरी आ सकती है। इस पीरियड के बाद रिकवरी आने की संभावना खत्म हो जाती है। • मोनोप्लेजिया (monoplegia)- इसमें शरीर का केवल एक अंग लकवाग्रस्त होता है। • हेमीप्लेजिया (hemiplegia)- इसमें शरीर के एक तरफ का हाथ और पैर लकवाग्रस्त होते हैं • पैराप्लेजिया (paraplegia)- इसमें दोनों पैर और कभी-कभी श्रोणि (पेल्विस) और शरीर के कुछ निचले हिस्सों को लकवा मार जाता है मुंह का लकवा कैसे होता है? इसे सुनेंरोकेंलोगों को यह समझना होगा कि सिर्फ मुंह के टेढ़े होने को लकवा नहीं कहा जाता। इस टेढ़ेपन को फेशियल पाल्सी कहते हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. विजय नाथ मिश्र ने बताया कि यह टेढ़ापन सिर्फ नस में सूजन के कारण होता है। हेमिप्लेजिया क्या है? इसे सुनेंरोकेंहेमिप्लेजिया : हेमिप्लेजिया शरीर के एक तरफ एक हाथ और एक पैर को प्रभावित करता है। हेमिप्लेजिया अक्सर पिंस और सुइयों की सनसनी के साथ शुरू होता है, मांसपेशियों की कमजोरी के लिए प्रगति करता है, और फिर ...

डिप्रेशन में 61 वर्षीय कर्मचारी, पैरालिसिस का अटैक आया; हॉस्पिटल में भर्ती

कर्मचारी शहीर अहमद सिद्धीकी नगर निगम की जल शाखा में टेप असेसर के पद पर पदस्थ हैं। वे 18 मई से सिंधी कॉलोनी स्थित अपैक्स हॉस्पिटल में भर्ती हैं। बेटे सुफियान सिद्दीकी ने बताया, पिता के अंडर में 9 कर्मचारी हैं। जिनका वेतन रोक दिया गया। इस संबंध में ही पिता अपर आयुक्त से मिलने के लिए 11 मई को उनके ऑफिस में गए थे, लेकिन मेडम ने बदसलूकी की थी। इससे पिता डिप्रेशन में रह रहे थे। इसकी 16 मई को कमिश्नर सर से शिकायत भी की थी। इसके दो दिन बाद ही 18 मई को पिताजी को पैरालिसिस का अटैक आ गया और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। बेटा बोला- कार्रवाई हो बेटे सुफियान ने बताया, पिता करीब 40 साल से नगर निगम में कार्यरत है। कभी इस तरह से डिप्रेशन में नहीं रहे। अपर आयुक्त पर कार्रवाई होनी चाहिए। अपर आयुक्त की चुप्पी मामले में अपर आयुक्त बाफना की चुप्पी देखने को मिल रही है। आरोप के बाद जब उनसे संपर्क करना चाहा तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। एसएमएस का भी कोई जवाब नहीं दिया।

पैरालिसिस अटैक और इसके उपचार और प्रबंधन क्या है ?

पैरालिसिस का दौरा, जिसे स्ट्रोक के रूप में भी जाना जाता है, एक चिकित्सा आपात स्थिति है जो तब होती है जब मस्तिष्क के एक निश्चित हिस्से में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इसका परिणाम मस्तिष्क की कोशिकाओं की मृत्यु में होता है, जिससे विभिन्न लक्षण हो सकते हैं, जिनमें लकवा, भाषण की हानि और बिगड़ा हुआ संज्ञान शामिल है। पैरालिसिस अटैक के कारण: पैरालिसिस के हमले का सबसे आम कारण मस्तिष्क में रक्त वाहिका का अवरोध या टूटना है। रुकावट रक्त के थक्के के कारण हो सकती है, जिसे इस्केमिक स्ट्रोक कहा जाता है, या मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण, जिसे रक्तस्रावी स्ट्रोक कहा जाता है। अन्य कारक जो पैरालिसिस के हमले के जोखिम को बढ़ा सकते हैं उनमें उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, मधुमेह, मोटापा और स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास शामिल हैं। पैरालिसिस अटैक के लक्षण: पैरालिसिस के हमले के लक्षण स्थान और मस्तिष्क क्षति की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: · चेहरे, हाथ और पैर सहित शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता। · बोलने में कठिनाई। · दृष्टि की हानि या दोहरी दृष्टि। · चक्कर आना या संतुलन खोना। · बिना किसी ज्ञात कारण के गंभीर सिरदर्द। यदि आप या आपके आस-पास कोई इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहा है, तो तुरंत चिकित्सा ध्यान देना आवश्यक है। जितनी तेजी से उपचार प्राप्त होता है, ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। पैरालिसिस अटैक का इलाज: पैरालिसिस के हमले का उपचार स्ट्रोक के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। इस्केमिक स्ट्रोक के लिए, जो रक्त के थक्के के कारण होता है, सबसे प्रभावी उपचार थ्रोम्बोलिसिस है, जिसमें क्लॉट को घोलने वाली दवा को इंजेक्ट...