Paristhitik tantra kise kahate hain

  1. पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? » Paristhitikee Tantra Kya Hai
  2. पारिस्थितिकी तंत्र की अवधारणा, संरचना, विशेषताएं एवं कार्य
  3. पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? परिभाषा, प्रकार, भूमिका।
  4. पारिस्थितिकी तंत्र क्या है?
  5. पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? घटक
  6. पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं ?


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पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? » Paristhitikee Tantra Kya Hai

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पारिस्थितिकी तंत्र की अवधारणा, संरचना, विशेषताएं एवं कार्य

जीवमंडल की स्थिरता के लिए पारिस्थितिक तंत्र जीव मंडल की एक संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है। यह ऊर्जा के लिए पूर्ण रूप से पारिस्थितिक तंत्र सामान्यता प्राकृतिक होते हैं। जैसे वन, समुंद्र, तालाब, झील आदि। परंतु मनुष्य के विभिन्न कार्य से कृत्रिम परिस्थितिक तंत्र भी बना सकते हैं। जैसे:- भूमि, कृषि, पार्क, फुलवारी और क्वेरियन इत्यादि। पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन एक परिस्थितिक तंत्र में निम्नलिखित दो मुख्य घटक होते हैं। • जैविक घटक • अजैविक घटक 1. जैविक घटक जो जीवित है यानी जो सजीव है, उसे पारिस्थितिक तंत्र का जैविक घटक कहते हैं। जैसे:- जंतु, पौधे, मानव एवं सूक्ष्मजीव। जैविक घटक को निम्नलिखित तीन वर्गों में बांटा गया है। • उत्पादक • उपभोक्ता • अपघटनकर्ता (i). उत्पादक हरे पौधे, जैसे शैवाल, घास, पेड़ इत्यादि एकमात्र जीव है जिनमें प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता होती है। एक पारिस्थितिक तंत्र में हरे पौधे की उपस्थिति आवश्यक है क्योंकि यह निम्नलिखित कार्य करते हैं। • यह पारिस्थिति तंत्र में रहने वाले जीवो के प्रकार को निर्धारित करते हैं। • हरे पौधे मिट्टी से प्रमुख तत्व को अवशोषित करते हैं। • यह वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। (ii). उपभोक्ता ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए उत्पादक पर निर्भर रहते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहते हैं। सभी जंतु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं क्योंकि यह स्वयं अपना भोजन नहीं बनाते हैं। उपभोक्ताओं को तीन भागों में बांटा जा सकता है। (a). प्राथमिक उपभोक्ता :- वैसे उपभोक्ता जो पोषण के लिए हरे पौधों पर निर्भर रहते हैं, वह प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। जैसे:- गाय, भैंस, बकरी, हिरण, खरगोश इत्यादि। इन्हे...

पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? परिभाषा, प्रकार, भूमिका।

पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) क्या है? पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) जीवित जीवों का एक समुदाय है जो अपने पर्यावरण के निर्जीव घटकों (हवा, पानी और खनिज मिट्टी जैसी चीजें) के साथ मिलकर एक प्रणाली के रूप में परस्पर क्रिया करता है। इन जैविक और अजैविक घटकों को पोषक चक्र और ऊर्जा प्रवाह के माध्यम से एक साथ जुड़ा हुआ माना जाता है। पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) के अजैविक घटकों और जैविक घटकों के बीच संबंध को ‘होलोकेनोसिस’ कहा जाता है। Table of Contents जैसा कि पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) जीवों के बीच और जीवों और उनके पर्यावरण के बीच बातचीत के नेटवर्क द्वारा परिभाषित किया जाता है। वे किसी भी आकार के हो सकते हैं लेकिन आमतौर पर विशिष्ट, सीमित स्थान शामिल होते हैं। ऊर्जा, पानी, नाइट्रोजन और मिट्टी के खनिज एक पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य आवश्यक अजैविक घटक हैं। पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) से प्रवाहित होने वाली ऊर्जा मुख्य रूप से सूर्य से प्राप्त होती है। यह आम तौर पर प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से सिस्टम में प्रवेश करता है, एक प्रक्रिया जो वातावरण से कार्बन को भी कैप्चर करती है। पौधों और एक दूसरे पर भोजन करके, जानवर प्रणाली के माध्यम से पदार्थ और ऊर्जा की गति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मौजूद पौधे और माइक्रोबियल बायोमास की मात्रा को भी प्रभावित करते हैं। मृत कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर, डीकंपोजर कार्बन को वायुमंडल में वापस छोड़ते हैं और मृत बायोमास में संग्रहीत पोषक तत्वों को वापस एक ऐसे रूप में परिवर्तित करके पोषक चक्रण की सुविधा प्रदान करते हैं जिसे पौधों और अन्य सूक्ष्म जीवों द्वारा आसानी से उपयोग किया जा सकता है। पारिस्थितिकी तंत्र की परिभाषा- पारिस्थितिकी तंत्र में किसी क्...

पारिस्थितिकी तंत्र क्या है?

एक पारिस्थितिकी तंत्र ( Ecosystem) एक भौगोलिक क्षेत्र है जहां पौधे, जानवर और अन्य जीव, साथ ही साथ मौसम और परिदृश्य, जीवन का बुलबुला बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। पारिस्थितिक तंत्र में जैविक या जीवित, भाग, साथ ही अजैविक कारक (abiotic factors), या निर्जीव भाग होते हैं। जैविक कारकों में पौधे, जानवर और अन्य जीव शामिल हैं। Table of Contents कार्यात्मक इकाई (functional unit) है जहां जीवित जीव एक दूसरे और आसपास के पर्यावरण के साथ बातचीत करते हैं। दूसरे शब्दों में, एक पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) जीवों और उनके पर्यावरण के बीच बातचीत की एक श्रृंखला है। “पारिस्थितिकी तंत्र” शब्द पहली बार 1935 में एक अंग्रेजी वनस्पतिशास्त्री ए.जी.टान्सले द्वारा गढ़ा गया था। एक पारिस्थितिकी तंत्र में एक निश्चित क्षेत्र में सभी जीवित चीजें (पौधे, जानवर और जीव) शामिल हैं, जो एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, और उनके निर्जीव वातावरण जैसे की मौसम, पृथ्वी, सूर्य, मिट्टी, जलवायु, वातावरण (weather, earth, sun, soil, climate, atmosphere) के साथ भी। इन्हें भी पढ़ें: इन्हें भी पढ़ें:- पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना | Paristhitiki tantra ki sanrachna किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के दो प्रमुख पहलू , संरचना एवं कार्य होते हैं। पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना से तात्पर्य उसके- (i) जैविक समुदाय का गठन जैसे-इसमें पाई जाने वाली विभिन्न पादप तथा जन्तु जातियां, उनकी संख्या वितरण, जीव भार (Biomass) इत्यादि (ii) अजैविक पदार्थों की मात्रा एवं वितरण जैसे – पोषक पदार्थ (Nutrients), जल आदि तथा (iii) जलवायु सम्बन्धी कारक जैसे-तापक्रम, आर्द्रता, प्रकाश आदि के प्रसार से है। जैविक घटक | jaivik ghatak kya hote hain इस घटक में सभी जीव...

पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? घटक

पारिस्थितिकी तंत्र क्या है? (paristhitik tantra kise kahte hai) paristhitik tantra ka arth ghatak;सबसे 1935 मे टेन्सले नामक वैज्ञानिक ने पारिस्थितिकी तंत्र या इको-सिस्टम शब्द को प्रस्तावित किया था। सोबिशियस ने इकोसिस्टम को बायोसीनोसिस और फोरबिस ने माइक्रोकाॅस्म के नाम से संबोधित किया। जबकि रूसी वैज्ञानिक सूकाचेव ने इसके लिये एक नवीन शब्द जियोबायोसीनोसिस दिया। लेकिन टेन्सले द्वारा दिया गया शब्द पारिस्थितिकी तंत्र या इकोसिस्टम सर्वमान्य, सरल और उपयोगी शब्द है। टान्सले के अनुसार," किसी एकल क्षेत्र मे मिलने वाले सभी जीवधारी तथा वातावरण मिलकर पारिस्थितिकी तंत्र बनाते है।" टान्सले का मानना है कि पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरण के सभी जैविक तथा अजैविक कारकों के अन्तर्सम्बन्धों से निर्मित होता है। उनके अनुसार किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र के दो भाग होते है-- 1. किसी क्षेत्रीय इकाई मे निवास करने वाले जीवधारियों का समूह। 2. उस क्षेत्रीय इकाई का भौतिक पर्यावरण अथवा निवास क्षेत्र। टान्सले का कहना है कि क्षेत्रीय इकाई मे निवास करने वाले जीवधारियों तथा उनके भौतिक पर्यावरण के साथ स्थापित अन्तर्सम्बन्धों से पारिस्थितिकी तंत्र का अस्तित्व कायम रहता है। 1963 मे ओडम नामक वैज्ञानिक ने पारिस्थितिकी तंत्र की परिभाषा इस प्रकार दी, पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी की वह आधारभूत इकाई है, जिसमे जैविक और अजैविक वातावरण एक-दूसरे पर अपना प्रभाव डालते हुये पारस्परिक अनुक्रिया से ऊर्जा और रासायनिक पदार्थों के निरंतर प्रवाह से तंत्र की कार्यात्मक गतिशीलता बनाये रखते है। वस्तुतः वह तंत्र जिसमे जन्तु तथा वनस्पति आपस मे एक-दूसरे से प्रतिक्रिया कर सामंजस्य रखते है, पारिस्थितिकी तंत्र कहलाता है। पारिस्थितिकी तंत्र कई...

पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं ?

• पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते हैं ? • What is ecological system ? पारिस्थितिकी तंत्र ( Ecological system ) जीव तथा उसके बाहरी वातावरण का संबंध परिस्थितिकी कहलाता है अर्थात् सभी जीव अपने जीवन यापन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पूर्णता पर्यावरण पर निर्भर रहते हैं। सभी जैविक तथा अजैविक घटक वातावरण में एक साथ एक तंत्र की भांति कार्य करते हैं इसी को पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं। इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग A.G टेंसिले नामक वैज्ञानिक ने किया था। यह प्रमुख दो प्रकार के घटकों से मिलकर बनता है। 1. अजैविक घटक 2. जैविक घटक 1. अजैविक घटक - यह वे कारक है जो निर्जीव होते हैं इन्हें अजैविक घटक के नाम से जाना जाता है यह कई प्रकार के होते हैं। क) ताप - समस्त जैविक क्रियाएं 0 - 50 °C के मध्य होती है तापमान की इस सीमा के बाहर जैविक क्रियाएं धीमी पड़ जाती हैं अर्थात् ताप का प्रवाह पौधे की शरीर की बनावट ,जैविक क्रियाएं ,प्रजनन आदि को प्रभावित करता है। पौधे में वाष्पोत्सर्जन की क्रिया ताप के बढ़ने से अधिक होने लगती है। ख) प्रकाश - पृथ्वी पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 4% भाग पर्णहरित ( क्लोरोफिल )के द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में उपयोग में लाया जाता है प्रकाश का प्रभाव जीवो में प्रजनन बीज अंकुरण को प्रभावित करता है। ग) वायु - वायु की गति का प्रभाव पौधों के वाष्पोत्सर्जन पर पड़ता है एवं वायु के द्वारा पौधों में परागण की प्रक्रिया भी होती है। घ) मृदा कारक - पौधे भोजन का उत्पादन करने के लिए मिट्टी से जलवा खनिज पदार्थ का उपयोग करते हैं अर्थात् मृदा में विभिन्न प्रकार के खनिज , कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं जिनका उपयोग पौधों के द्वारा किया जाता है। 2. जैविक घटक - यह वे कारक होते ...