पहले नवरात्रि की व्रत कथा

  1. Chaitra Navratri 2022: Must Read This Navratri Vrat Katha
  2. Navratri History and Importance : ये हैं नवरात्रि के पीछे की दो पौराणिक कथाएं, क्या है व्रत का आध्यात्मिक महत्व
  3. श्री दुर्गा नवरात्रि कथा: पहले दिन की देवी हैं मां 'शैलपुत्री', पढ़ें पावन कथा
  4. navratri shardiya navratri october 2021 puja vidhi maa durga navratri vrat katha lyrics
  5. Ashadha Gupt Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का व्रत रखने जा रहे हैं तो जरूर जान लें इसकी पूजा के नियम
  6. Yogini Ekadashi: The Sacred Fasting Story Of Yogini Ekadashi. 2023


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Chaitra Navratri 2022: Must Read This Navratri Vrat Katha

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि पर्व हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस बार इस पर्व की शुरुआत 2 अप्रैल से हुई है। पंचांग अनुसार चैत्र नवरात्र हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दौरान व्रत रख मां अंबे की सच्चे मन से अराधना करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। नवरात्रि व्रत रखने वालों को इस व्रत कथा को पढ़ना जरूरी माना जाता है।

Navratri History and Importance : ये हैं नवरात्रि के पीछे की दो पौराणिक कथाएं, क्या है व्रत का आध्यात्मिक महत्व

डीएनए हिंदी : Navratri History Mythological Story Imortance in Hindi- हर साल दुर्गा मां के भक्त नवरात्रि का त्योहार (Navratri) मनाते हैं, मां के अलग अलग रूपों की पूजा उपासना करते हैं. मां के हर रूप का अलग ही महत्व है, नवरात्रि के व्रत भी रखे जाते हैं. नवरात्रि कैसे और कब शुरू हुई, इसके पीछे क्या पौराणिक कथा है उसके बारे में भी जानते हैं. पौराणिक कथा और इतिहास (Mythological story and History) पहली पौराणिक कथा के अनुसार,महिषासुर नाम का एक राक्षस था जो ब्रह्माजी का बहुत बड़ा भक्त था. उसने अपने तप से ब्रह्माजी को प्रसन्न करके एक वरदान प्राप्त कर लिया था. जिसके तरह उसे कोई देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला कोई मनुष्य मार नहीं सकता था. वरदान प्राप्त करते ही वह बहुत निर्दयी हो गया और तीनों लोकों में आतंक मचाने लगा. उसके आतंक से परेशान होकर देवी देवताओं ने ब्रह्मा,विष्णु,महेश के साथ मिलकर मां शक्ति के रूप में दुर्गा देवी को जन्म दिया. जिसके बाद मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया.तब से इस नौ दिनों को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें- दूसरी पौराण‍िक कथा के अनुसार,भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के साथ होने वाले युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवतीजी की आराधना की थी. रामेश्वरम में उन्होंने नौ दिनों तक माता की पूजा की. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने श्रीराम को लंका में विजय प्राप्ति का आशीर्वाद दिया, दसवें दिन भगवान राम ने लंका नरेश रावण को युद्ध में हराकर उसका वध कर लंका पर विजय प्राप्त की. इस दिन को विजयदशमी के रूप में जाना जाता है. नवरात्रि का महत्व त...

श्री दुर्गा नवरात्रि कथा: पहले दिन की देवी हैं मां 'शैलपुत्री', पढ़ें पावन कथा

मां दुर्गा को सर्वप्रथम शैलपुत्री के रूप में पूजा जाता है। हिमालय के वहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण उनका नामकरण हुआ शैलपुत्री। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने दाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। यही देवी प्रथम दुर्गा हैं। ये ही सती के नाम से भी जानी जाती हैं। उनकी एक मार्मिक कहानी है। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Halharini amavasya 2023 : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। किसानों के लिए यह शुभ दिन है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आषाढ़ में पड़ने वाली इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुआई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं...

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Navratri : नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत आज से हो गई है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दौरान भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि व्रत के दौरान व्रत कथा का पाठ करने का बहुत अधिक महत्व होता है। अगर आप नवरात्रि व्रत कथा का पाठ नहीं कर सकते हैं तो व्रत कथा को सुन लें। इस साल 8 नवरात्रि ही हैं। तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं। 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। 15 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयदशमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। आगे पढ़ें नवरात्रि व्रत कथा... • संपूर्ण देवी कथा धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार बृहस्पति जी ने ब्रह्माजी से सवाल किया कि चैत्र व आश्विन मास के शुक्लपक्ष में नवरात्र का व्रत और उत्सव क्यों किया जाता है? इस व्रत का क्या फल है, इसे किस प्रकार करना उचित है? पहले इस व्रत को किसने किया? बृहस्पतिजी के इस सवाल के जवाब में ब्रह्माजी ने कहा- हे बृहस्पतेय! प्राणियों के हित की इच्छा से तुमने बहुत अच्छा प्रश्न किया है। दरअसल, जो मनुष्य मनोरथ पूर्ण करने वाली दुर्गा, महादेव, सूर्य और नारायण का ध्यान करते हैं, वे मनुष्य धन्य हैं। यह नवरात्र व्रत संपूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला है। इसके करने से पुत्र की कामना वाले को पुत्र, धन की लालसा वाले को धन, विद्या की चाहना वाले को विद्या और सुख की इच्छा वाले को सुख मिलता है। इस व्रत को करने से रोगी मनुष्य का रोग दूर हो जाता है। मनुष्य की संपूर्ण विपत्तियां दूर हो जाती हैं और घर में समृद्धि की वृद्धि होती है, बन्ध्या को पुत्र प्राप्त होता है। समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है और मन ...

Ashadha Gupt Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का व्रत रखने जा रहे हैं तो जरूर जान लें इसकी पूजा के नियम

Ashadha Gupt Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का व्रत रखने जा रहे हैं तो जरूर जान लें इसकी पूजा के नियम यदि आप आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाले गुप्त नवरात्रि का व्रत पहली बार रखने जा रहे हैं तो आपको देवी दुर्गा को शीघ्र प्रसन्न करके मनचाहा वरदान दिलाने वाली पूजा विधि जरूर पता होनी चाहिए. हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. देवी की साधना करने वाले उनके भक्त अपनी अलग-अलग कामना के साथ उनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार यदि देवी दुर्गा की साधना साल में पड़ने वाले चार नवरात्रि में की जाए तो वह शीघ्र ही सफल होती है. देवी पूजा के लिए आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि को बेहद शुभ और मंगल फल प्रदान करने वाला माना गया है, जिसकी शुरुआत इस साल 19 जून से होगी और यह व्रत 28 जून 2023 को पारण के साथ पूर्ण होगा. आइए शक्ति की साधना का शुभ फल दिलाने वाले सरल एवं सनानतनी उपाय एवं नियम को विस्तार से जानते हैं. • हिंदू मान्यता के अनुसार कोई भी साधना शक्ति के बिना संपन्न नहीं हो सकती है. ऐसे में शक्ति का आशीर्वाद पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में यदि आप पूजा करने जा रहे हैं तो आपको यह साधना तन और मन से शुद्ध होने के बाद गुप्त रूप से करना चाहिए. • गुप्त नवरात्रि की साधना करने के लिए साधक को अपने घर में ईशान कोण में एक पवित्र और शांत स्थान चुनना चाहिए ताकि वहां पर किसी भी प्रकार का व्यवधान न आ सके. गुप्त नवरात्रि के 09 दिनों तक देवी के भक्त को पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के पुष्प, मिठाई आदि का प्रयोग करना चाहिए. इसी प्रकार पूजा करने के लिए आसन भी लाल रंग का प्रयोग में लाना चाहिए. यदि लाल रंग का ऊनी आसन ह...

Yogini Ekadashi: The Sacred Fasting Story Of Yogini Ekadashi. 2023

CLOSE #ekadshi #story #dharmalive Yogini Ekadashi : योगिनी एकादशी की पावन व्रत कथा। 2023 | Story | Katha | Ekadashi | Dharma Live आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष को मनाई जाने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है और अगर आप विष्णु भक्त और कृष्ण भक्त हैं तो आप जानते ही होंगे की ये पापों को नष्ट करने वाली एकादशी है। ऐसे में इस एकादशी की खास कथा आज मैं सुनती हूँ आपको इस वीडियो में । मगर उससे पहले हमारे चैनल DHARMA LIVE को LIKE SHARE और SUBSCRIBE करना मत भूलियेगा।