पक्षी

  1. पक्षी
  2. Owl Was Stuck In A Branch Struggling For Life Man Rescues Video Will Make You Emotional
  3. गरूड़ पक्षी की जानकारी एवं 14 रोचक तथ्य
  4. Satara: फलटणमध्ये आढळला दुर्मीळ जांभळी लिटकुरी पक्षी
  5. Essay on Birds in Hindi
  6. टिटहरी
  7. भारत में पक्षी अभयारण्य
  8. वीजेच्या तारेवर पक्षी कसे झोपतात? झोपल्यावरही ते खाली का पडत नाहीत? यामागचं कारण जाणून तुम्हीही चकित व्हाल
  9. मैना पक्षी की सम्पूर्ण जानकारी एवं रोचक तथ्य


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पक्षी

पक्षी ( Bird) रीढ़धारी जंतुओं का एक वर्ग है, जिसमें एक हज़ार प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पक्षियों की शारीरिक रचना उड़ने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होती है। पक्षी को संक्षेप में 'परयुक्त द्विपाद' कहते हैं। पक्षियों का शरीर कोमल परों से ढका रहता है, लेकिन यह असंवाही होते हैं और शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते। पक्षियों की आगे की टाँगें पंखों में परिवर्तित होकर पक्षियों को उड़ने में मदद करती हैं। इस कारण इन्हें दो टाँग वाले, अर्थात्‌ द्विपाद जंतु कहते हैं। इनकी पिछली टाँगों में से प्रत्येक में चार नखरयुक्त पदांगुलियाँ होती हैं। इनकी टाँगें शल्कों से ढकी रहती हैं और विभिन्न प्रकार के पक्षियों में परिवर्तित होकर चलने, दौड़ने, फुदकने, डालों पर बैठने तथा पानी में तैरने के लिए उपयुक्त होती हैं। शारीरिक रचना विषय सूची • 1 शारीरिक रचना • 2 पक्षियों की उड़ान • 2.1 प्रक्रम • 2.2 विसर्पण • 2.3 वेग • 2.4 उपयोगिता • 2.5 उद्भव • 3 पंख अथवा 'पर' • 3.1 परों की संरचना • 3.1.1 छादनपिच्छ • 3.1.2 कोमलपिच्छ • 3.1.3 रोमपिच्छ • 3.1.4 शूकापिच्छ • 3.1.5 पिच्छक्षेत्र और अपिच्छक्षेत्र • 3.2 प्रीन या तैलग्रंथि • 3.3 पंखों का विकास • 3.3.1 शल्कस्तर • 3.3.2 मैलपीगीय स्तर • 3.4 पंखों का महत्व • 3.5 पंख निर्मोचन • 4 कंकालीय अनुकूलन • 4.1 अस्थियों का हलकापन • 4.2 अस्थियों का संयोजन • 4.3 उड़ने के लिए अन्य अनुकूलताएँ • 4.4 द्विपादीय संचलन के लिए अनुकूलन • 5 पक्षिसाद सावन • 6 खाद्य स्वभाव • 7 घोंसला, अंडरोपण डिंवौषण तथा भ्रूणविकास • 8 आर्थिक महत्व • 9 पक्षियों के अंग एवं उनके तंत्र • 9.1 पेशीतंत्र • 9.2 चोंच • 9.3 जीभ • 9.4 टाँग • 9.5 आहारनाल • 9.6 पाचन तंत्र • 9.7 आमाशय • 9.8 श्वसनतंत्र • 9.9 वायुकोश • ...

Owl Was Stuck In A Branch Struggling For Life Man Rescues Video Will Make You Emotional

कभी-कभी पशु और पक्षी ऐसी मुश्किल में फंस जाते हैं, जहां वे खुद कुछ नहीं कर पाते और ऐसे में उन्हें मनुष्यों की सहायता की जरूरत होती है. और निश्चित रूप से, दुनिया में अभी भी कुछ अच्छे इंसान हैं जो उन जानवरों की मदद करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं. इंटरनेट ऐसे वीडियो का खजाना है और आज हमारे पास एक दिल को छू लेने वाली क्लिप है जिसका अंत आपके दिल को पिघला देगा. यह भी पढ़ें • पड़ोसी ने नाश्ते में ऑफर की ये चीज, तो महिला हो गई फैन बोलीं, आज के समय में नहीं मिलते ऐसे लोग • चिलचिलाती धूप में बेहोश पड़ी तड़प रही थी प्यासी गौरैया, शख्स ने ऐसे बचाई जान, नेकदिल इंसान की तारीफ कर रहे लोग • शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, कैसे-कैसे की जाती है. समझें वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया गया था और इसमें एक शख्स उल्लू को बचाने की कोशिश करता नजर आ रहा है. बेचारे पक्षी का एक पंख बुरी तरह तार में उलझा हुआ था और एक पेड़ की शाखा से खतरनाक तरीके से लटका हुआ था. जैसे ही वीडियो आगे बढ़ता है, एक शख्स धीरे-धीरे डरे हुए उल्लू के पास पहुंचता है और उसे तार से छुड़ाने की कोशिश करता है. वह पक्षी को कपड़े के प्याले जैसी वस्तु पर रखता है और डोरी को थोड़ी सी आग से जला देता है. बेचारा उल्लू धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करता है, जब शख्स डोरी काटता है. देखें Video: Terrified owl was so thankful to the guy who saved his life इस पोस्ट को 2.7 मिलियन से अधिक बार देखा गया और ढेर सारी प्रतिक्रियाएं मिलीं. लोग शख्स को धन्यवाद देना बंद नहीं कर रहे. कई लोगों ने लिखा कि कैसे लोगों को वन क्षेत्रों में गंदगी फैलाने से बचना चाहिए. दीपिका पादुकोण का शानदार एयरपोर्ट लुक, आप ली लें सकते हैं आइडिया

गरूड़ पक्षी की जानकारी एवं 14 रोचक तथ्य

यदि आप सब हिंदी में पक्षियों के नाम जानते हैं। तो आप सब ने गरूड़ पक्षी का नाम भी जरूर सुना होगा। आज हम गरुड़ पक्षी के बारे जानकारी देने वाले हैं जो की बेहद रोचक होंगे। हिंदू धर्म में जितने भी देवी देवता हैं। सभी देवी देवताओं का अपना एक वाहन है। गणेश जी का चूहा, मां दुर्गा का शेर, शिव जी का नंदी गाय, माता सरस्वती के पास सफेद हंस, माता लक्ष्मी के पास उल्लू होता है। वैसे ही गरुड़ पक्षी भी हिंदू धर्म के किसी देवी देवता का ही वाहन है। क्या आप बता सकते हैं कि हिंदू धर्म के कौन से देवी या देवता के पास गरुड़ पक्षी उनके वाहन के रूप में होता है? यदि आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बताना चाहेंगे कि भगवान विष्णु के वाहन के रूप में गरुड़ पक्षी उनके साथ होते हैं। इतना ही नहीं गरुड़ पक्षी को सभी पक्षियों के राजा के रूप में भी जाना जाता है। गरूड़ पक्षी को केवल पक्षी ही नहीं। बल्कि भगवान के रूप में भी कहीं-कहीं पूजा किया जाता है। Contents • • • • • • • गरुड़ पक्षी के बारे में रोचक जानकारी • गरुड़ एक प्रकार का विशालकाय पक्षी है जो की • सभी पक्षियों में गरुड़ को पक्षियों का राजा माना जाता है। • यह एक खतरनाक शिकारी पक्षी है जो की पलक-झपकते ही अपने शिकार को दबोच लेता है। • गरुड़ पक्षी आसमान में हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है और अपनी तेज आँखों से यह इतनी ऊंचाई से भी शिकार को देख सकता है। • इस विशाल पक्षी के पंखो का आकार 7 से 8 फीट तक होती है। • यह पक्षी अपना शिकार खुद करती है और यह गिद्ध की तरह मुर्दाखोर नही है। • कहा जाता है की प्राचीन काल में यह पक्षी इतना शक्तिशाली हुआ करता था की यह अपने चोंच से हाथी को भी उठाकर उड़ सकता था। • ये पक्षी बहुत ही बुद्धिमान और चालाक होते हैं। • गरुड़ पक्षी का उल्लेख क...

Satara: फलटणमध्ये आढळला दुर्मीळ जांभळी लिटकुरी पक्षी

मलटण : फलटणमध्ये प्रथमच दुर्मीळ ब्लॅक-नेपड मोनार्क जातीचा पक्षी आढळून आला आहे. हा पक्षी नेचर अँड वाइल्ड लाईफ वेल्फेअर सोसायटीमधील वन्यजीव अभ्यासक रवींद्र लिपारे, गणेश धुमाळ आणि साकेत अहिवळे यांना पक्षी निरीक्षण करत असताना दिसून आला. ब्लॅक-नेपड मोनार्क किंवा ब्लॅक-नेपड ब्लू फ्लायकॅचर मराठी नाव जांभळी लिटकुरी नावाचा हा पक्षी दक्षिण आणि दक्षिण-पूर्व आशियामध्ये आढळणारा मोनार्क फ्लायकॅचरच्या कुटुंबातील एक सडपातळ आणि चपळ पॅसेरीन पक्षी आहे. नराच्या डोक्याच्या मागील बाजूस विशिष्ट काळा ठिपका असतो आणि एक अरुंद काळी अर्धी कॉलर नेकलेस असते. तर मादी ऑलिव्ह तपकिरी पंख असलेली निस्तेज असते. डोक्यावर काळ्या खुणा नसतात. त्यांच्याकडे एशियन पॅराडाईज फ्लायकॅचर सारखाच कॉल आहे. उष्ण कटिबंधीय वन अधिवासात, जोड्या मिश्र-प्रजातीच्या चारा कळपांमध्ये सामील होऊ शकतात. पिसारा, रंग आणि आकारात लोकसंख्या थोडी वेगळी असते. हा पक्षी फलटणमध्ये प्रथमच आढळून आल्याने पक्षीप्रेमींमध्ये आनंदाचे वातावरण आहे. जांभळी लिटकुरी : हा पक्षी चिमणीच्या आकाराचा असून नर गडद निळ्या रंगाचा, मानेजवळ आणि छातीवर काळा कंठा, मादी फिक्या निळ्या राखाडी रंगाची, पोटाखालील भाग फिकट पांढरा आणि मानेजवळील व छातीवरील काळ्या कंठ्याचा अभाव. याच्या शेपटीचा आकार अर्धवट उघडलेल्या पंख्याप्रमाणे असतो.

Essay on Birds in Hindi

इस पूरे पृथ्वी पर ऐसे बहुत सारे जीव और जातियां हैं जो कि हमारे पर्यावरण और प्राकृतिक सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ा देती है। हमारे प्राकृतिक वातावरण के अंदर बहुत सारे पेड़ पौधे नदी पहाड़ पक्षी और पशु आते हैं। यह सब मिल करके हमारे पूरे पृथ्वी को सुंदर बनाने का कार्य करते हैं। यदि इन सब चीजों में से एक भी चीज हट जाए तो हमारी पूरी पर्यावरण और वातावरण में बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है जो कि आगे चलकर हानिकारक होगा। एक पर्यावरण को स्थिर रखने के लिए इन सब की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। हर चीज का अपना अलग-अलग महत्व है।ऐसे ही हमारे पृथ्वी पर रहने वाले सैकड़ों पक्षी भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पक्षी (Essay on Birds in Hindi) अपनी छोटी-छोटी चीजों से ही पृथ्वी के संतुलन को बनाने में मदद करती है। • • • • पक्षी का स्वरूप:- पक्षी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पाए जाते हैं। दुनिया के प्रत्येक पक्षी के पास दो पैर होते हैं जिनसे वे जमीन पर आसानी से चल सकती हैं और साथ ही उनके पास दो बड़े बड़े पंख होते हैं जिससे वह आकाश की ऊंचाइयों को छू सकती है। पक्षी के पास एक चीज होता है जिससे वह अपना भोजन को निगल सकती है और प्रत्येक जीवो की तरह दो आंखें होती है जिससे वह दुनिया का दर्शन कर सकती है। इस पृथ्वी में लगभग सारे पक्षी यही उरते है परंतु कुछ ऐसी पक्षियाँ है जो केवल जमीन पर चलती है उर नहीं सकती। इन पक्षियों के गणना में पेंगुइन, कीवी, शुतुरमुर्ग आदि आते हैं। परंतु ये पक्षियाँ जमीन पर दौड़ने में ज्यादा माहिर होती हैं और अपने शिकार को वे जमीन से ही पकड़ती हैं। सभी प्रकार के पक्षी अंडा देते हैं परंतु स्तनधारी होने के कारण चमगादर अंडे नहीं देता। पक्षी बहुत रंग-बिरंगे होते हैं और उनके...

टिटहरी

टिटहरी का एक बृहद परिवार है विश्व में। इस बड़े परिवार को अक्सर कई पक्षियों के समूहों में विभाजित किया जाता रहा है। इन समूह आवश्यक रूप से एक ही जाति में शामिल नहीं है, अपितु वे अलग मोनोफाईलेटिक विकासवादी प्रजातियों और सम्मोहों में वर्गीकृत है। • कर्लीयुज जीनस न्यूमेनियस (8 प्रजाति, जो 1-2 हाल ही में विलुप्त) • अपलैंड सैंडपाइपर जीनस बर्ट्रमिया (मोनोटाईपीक) • गोड्विट्स जीनस लिमोसा (4 प्रजाति) • डोविचर्स जीनस लिम्नोड्रोमस (3 प्रजाति) • स्नाईप और वूडकोक्स पीढ़ी और एस्कोलोपैक्स (लगभग 30 प्रजातियों के अलावा कुछ 6 विलुप्त) • फलारोप्स जीनस फलारोप्स (3 प्रजाति) • शंक्स और टट्टलर्स जनेरा, जीनस, एक्टिटिस और त्रिंगा अब काइटोप्ट्रोफोरस तथा हेटरोसेल्स (16 प्रजातियों) भी शामिल है जो • पॉलिनेशियन साइंड्पाईपर जीनस प्रोसीओबेनिया (1 वर्तमान प्रजातियों, 3-5 विलुप्त) • काइलिदृड्स और टर्नस्टोन्स ज्यादातर कई पीढ़ियों में विभाजित किया जा सकता है जो कैलिड्रिस में लगभग 25 प्रजातियों. वर्तमान में स्वीकार अन्य पीढ़ी: एरेनारिया टर्नस्टोन्स -2 के अलावा, अफरिजा, यूरिनोर्हिंचास, लिमिकोला, त्रिंगिट्स और फिलोमेचस हैं। इसी प्रकार दक्षिण • सफ़ेद पूंछ वाली, झूंड में रहने वाली, • धूसर • • • उभरे हुये पंख वाली • उत्तरी इलाके की टिटहरी, जिसे पीविट या हरी प्रवृतियाँ [ ] टिटहरियाँ बाहरी आक्रमण के प्रति निरंतर सजग रहती हैं और ख़तरा भांपते ही शोर मचाती हैं। लाल गलचर्म वाली टिटहरी का शोर सबसे अधिक तेज़ व वेधक होता है। टिटहरियाँ आक्रांता पर झपट पड़ती हैं और विशेष तौर पर घोंसला क़रीब होने पर उनके चारों तरफ उत्तेजित होकर चक्कर लगाती हैं। नवजातों को शिकारियों की नज़र से बचाने के लिए छद्म आवरण में रखा जाता है। किसी भी शिका...

भारत में पक्षी अभयारण्य

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वीजेच्या तारेवर पक्षी कसे झोपतात? झोपल्यावरही ते खाली का पडत नाहीत? यामागचं कारण जाणून तुम्हीही चकित व्हाल

सकाळी सकाळी उठल्यावर वीजेच्या तारांवर किंवा झाडाच्या फांद्यांवर पक्षांचा किलबिलाट सुरु झालेला पाहायला मिळतो. अनेक पक्षी गाढ झोपलेले असतात. पक्षी शांतपणे कसे झोपतात, हे पाण्यासाठी तुम्हाला सकाळी सूर्योदय होण्याआधी उठावे लागेल. मग अशातच सवाल उपस्थित होतो की, हे पक्षी झोपेत असतानाही त्यांचा तोल जाऊ देत नाहीत आणि तारेवरून किंवा झाडाच्या फांदीवरून खाली का पडत नाहीत, यामागे कशाप्रकारचं विज्ञान दडलेलं आहे, याबाबत जाणून घेऊयात सविस्तर माहिती. पक्षी झोपेत असताना खाली का पडत नाहीत? तज्ज्ञ सांगतात की, पक्षी जेव्हा झोपतात तेव्हा ते दोन्ही डोळे बंद करत नाहीत. तर ते एक डोळा उघडा ठेवून झोपतात आणि याच उघड्या डोळ्यामुळे त्यांचा अर्धा मेंदू सक्रिय राहतो. याच सक्रिय मेंदूच्या मदतीने ते तारेवर किंवा फांद्यांवर त्यांचा तोल सांभाळत असतात. म्हणजेच पक्षी पूर्णपणे गाढ झोपत नाहीत. ते नेहमी अर्ध्या झोपेत असतात. तसंच पक्षांच्या पायाची रचना अशा पद्धतीची असते की, ते जिथे कुठे बसतात त्या ठिकाणी ते घट्ट पकड करून ठेवतात. यांचं ठरलं! प्रथमेश लघाटे आणि मुग्धा वैशंपायन यांनी दिली प्रेमाची कबुली, पोस्ट शेअर करत म्हणाले… कोणते पक्षी दोन्ही डोळे उघडे ठेवून झोपतात ? आतापर्यंतच्या सर्वेक्षणातून अशा गोष्टी समोर आल्या आहेत की, जास्तीत जास्त पक्षी झोपताना डोळे बंद ठेवतात. परंतु, घुबड हा एकमेव पक्षी असा आहे, जो डोळे बंद करून झोपतो. परंतु, वैज्ञानिक दृष्टीकोनातून पाहिलं तर, हे सुद्धा तितकचं खरं वाटणार नाही. कारण घुबडाचे एक किंवा दोन नाही तर तीन पंख असतात. एक पंख झोपण्यासाठी, दुसरा पंख डोळ्यांची साफसफाई करण्यासाठी तर तिसरा पंख उडण्यासाठी. त्यामुळे बाहेरचा पंख खाली पडू न देता घुबड त्यांच्या आतील पंखांच्या मदतीने झोपत अस...

मैना पक्षी की सम्पूर्ण जानकारी एवं रोचक तथ्य

1.9 FAQs about myna bird in hindi मैना पक्षी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न मैना पक्षी के रोचक तथ्य • मैना पक्षी का स्वाभाव काफी आक्रामक एवं निडर होता है. कौवा और गिद्ध जैसे चालाक शिकारी पक्षी भी इनसे भिडने से डरते है. • प्राचीन काल में ग्रीस देश में मैना पक्षी को सबसे बेहतरीन एवं कुलीन पालतू पक्षी के रूप में देखा जाता था. • मैना पक्षियों के झुंड में काफी बेहतर तालमेल होता है. अपने झुडं का पेट भरने के लिए आपस में ये खाने पीने के स्रोतों की सूचनाओं का आदान प्रदान भी करते है. • मैना अपने इलाके की सुरक्षा बडीही सख्ती से करते है. ये अपने चुने हुए क्षेत्र के भीतर पाए जानेवाले किसी भी अन्य पक्षियों के अंडे व घोंसलों को नष्ट कर सकते है. • इन पक्षियों का उपयोग कीड़ों से खेतों की सुरक्षा करने के लिए भी किया जाता है. इसी खास वजह से 18 वीं शताब्दी में मैना पक्षियों को पांडिचेरी से मॉरीशस कीड़ों को नियंत्रित करने के उद्देश्य विस्थापित (migrate) किया गया था. • यह पक्षी अपनी एक खूबी के लिए दुनियाभर में मशहूर है. किसी मैना को अगर पिंजरे में या किसी और तरीके से मनुष्य के सानिध्य में रखा जाता है. तो यह इंसानों की भाषा के शब्द बोलना भी आसानी से सीख सकती है. • मैना एक समूह में रहनेवाला पक्षी है. ये अकसर ५ से १० के समूह में रहते है,और अनुकूल जगह पर इनका बडा समूह (बसेरा) ५०० से १००० मैना पक्षियों का भी हो सकते है. • “बाली मैना” नामकी मैना प्रजाति बेहद दुर्लभ होती है. पक्षी विशेषज्ञों अनुसार साल २०१८ में धरतीपर इसकी १०० से भी कम आबादी बची थी. इसकी एक तस्वीर नीचे दी गई है. • क्या आप जानते है? मैना खुदका घोंसला तो बनाती है लेकिन अपने अंडे वह किसी और पक्षी के घोसलें में देती है. • ऑस्ट्रे...