पूर्णिमा व्रत कब है 2023

  1. Vat Savitri Purnima 2023 Date: कब है वट सावित्री पूर्णिमा? बन रहे 3 शुभ योग, नोट करें पूजा मुहूर्त, व्रत से मिलेगा अखंड सौभाग्य
  2. Vaishakh Purnima 2023 Date : Buddh Purnima 2023 : वैशाख पूर्णिमा 2023 व्रत कब है, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व
  3. Jyeshta Purnima 2023 Date Purnima Kab Hai Puja Muhurat 3 4 June 2023 Vat Savitri Purnima Is On This Day
  4. वट सावित्री व्रत 2023 कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, संयोग और सरल पूजा विधि


Download: पूर्णिमा व्रत कब है 2023
Size: 18.65 MB

Vat Savitri Purnima 2023 Date: कब है वट सावित्री पूर्णिमा? बन रहे 3 शुभ योग, नोट करें पूजा मुहूर्त, व्रत से मिलेगा अखंड सौभाग्य

ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 3 जून शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से शुरू हो रही है. इस दिन सुबह से ही शिव योग का निर्माण हो रहा है. वट सावित्री पूर्णिमा व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रखते हैं. वट सावित्री पूर्णिमा व्रत को वट पूर्णिमा भी कहते हैं. यह व्रत महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के राज्यों में रखा जाता है. उत्तर भारत में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत से 15 दिन पूर्व वट सावित्री अमावस्या व्रत रखा जाता है. उस दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है. उत्तर भारत के राज्यों में वट सावित्री अमावस्या का व्रत इस साल 19 मई को था. इस बार वट सावित्री पूर्णिमा पर 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन पूजा पाठ के लिए सुबह और दोपहर में मुहूर्त है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि वट सावित्री पूर्णिमा व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त क्या है? वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2023 तिथि पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 3 जून शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से शुरू हो रही है. यह ति​थि अगले दिन 4 जून रविवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 3 जून शनिवार को रखा जाएगा. इस दिन वट वृक्ष, सावित्री और सत्यवान की पूजा होगी. यह भी पढ़ें: बना अशुभ षडाष्टक योग, शनि-मंगल 4 राशिवालों के जीवन में कर सकते हैं अमंगल, संपत्ति हानि, दुर्घटना, वाद-विवाद की आशंका वट सावित्री पूर्णिमा पर 3 शुभ योग 3 जून को वट सावित्री पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग बने हैं. इस दिन सुबह से ही शिव योग का निर्माण हो रहा है, जो दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. शिव योग तप, साधना के लिए उत्तम माना जाता है. उसके बाद से सिद्धि योग शुरू हो जाएगा. यह...

Vaishakh Purnima 2023 Date : Buddh Purnima 2023 : वैशाख पूर्णिमा 2023 व्रत कब है, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

Vaishakh Purnima 2023 Date : Buddh Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा 2023 का महत्‍व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन भगवान विष्‍णु के नवें अवतार महात्‍मा बुद्ध प्रकए हुए थे। इसलिए इसे बु‍द्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन घर पर सत्‍यनारायण भगवान की कथा करवाने से सुख शांति स्‍थापित होती है और घर से हर प्रकार की बुरी शक्तियां समाप्‍त होती हैं। Vaishakh Purnima 2023 Date : वैशाख पूर्णिमा का शास्‍त्रों में बहुत ही विशेष महत्‍व बताया गया है। इस दिन दान-पुण्‍य और धार्मिक कार्य करने का खास महत्‍व माना जाता है। इस साल 2023 में वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को पड़ रही है। मान्‍यता है कि वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्‍णु के 9 वें अवतार माने जाने वाले महात्‍मा बुद्ध प्रकट हुए थे। इस दिन को बौद्ध धर्म के लोग उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत करने और पितरों के नाम से उनकी पसंद की वस्‍तुएं दान करना बेहद शुभ माना जाता है। वैशाख पुर्णिमा को कुर्म जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसके पीछे मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु के कुर्म अवतार यानी कच्‍छप अवतार भी हुए थे। आइए जानते हैं इस दिन की विशेषता, महत्‍व और मान्‍यताएं। Vaishakh Purnima 2023 Date : वैशाख पूर्णिमा 2023 की तिथि कब से कब तक हिन्दु पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा की तिथि 4 मई, 2023 को मध्‍यरात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर ही लग जाएगी और उसका समापन 5 मई, 2023 को रात में 11 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस प्रकार से उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार इस साल वैशाख पूर्णिमा 5 मई 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन बौद्ध धर्म से जुड़े लोग अपने धार्मिक स्‍थलों पर विशेष आयोजन करते हैं। Vaishak...

Jyeshta Purnima 2023 Date Purnima Kab Hai Puja Muhurat 3 4 June 2023 Vat Savitri Purnima Is On This Day

Jyeshta Purnima 2023 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का दिन पर्व माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा महीने का अंतिम दिन होता है. पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. पूर्णिमा का व्रत धन, समृद्धि, सफलता और संतान दायक माना गया है. कहते हैं इस तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा से वह जल्द प्रसन्न होती है. इस दिन चंद्र अपनी सभी 16 कलाओं के साथ दिखाई देता है, इसलिए पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव दूर होता है. अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है, ज्येष्ठ पूर्णिमा को जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है. भारत के कुछ जगहों पर ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा (Vat Purnima 2023) के रूप में भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व. ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 डेट (Jyeshta Purnima 2023 Date) पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 3 जून 2023 को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 4 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर इसका समापन होगा. • 3 जून 2023, शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि का अधिक समय प्राप्त हो रहा है, ऐसे में इस दिन व्रत रखना शुभ रहेगा, क्योंकि इसी दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा. पंचांग के अनुसार इसी दिन वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाएगा. • वहीं उदयातिथि के अनुसार 4 जून 2023, रविवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान किया जाएगा. इस दिन तीर्थ नदी में स्नान और घाट के किनारे ही दान कर्म करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Jyeshta Purnima 2023 Muhurat) • स्नान समय - सुबह 04.02 - सुबह 04.43 (4 जून 2023) • भगवान सत्यनारायण की पूजा - सुबह 07.07 - सुबह 08.51 (3 जून ...

वट सावित्री व्रत 2023 कब है? जानिए शुभ मुहूर्त, संयोग और सरल पूजा विधि

वर्ष 2023 में दिन शुक्रवार, 19 मई 2023 को वट सावित्री अमावस्या (Vat Savitri Amavasya 2023) है। यह तिथि ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सुहागिन महिलाएं यह व्रत अखंड सौभाग्य पाने के लिए करती है।इस बार वट सावित्री अमावस्या शोभन योग में मनाई जाएगी, जो कि शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ योग माना जाता है। इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। पुराणों के अनुसार पीपल की तरह ही वट या बरगद वृक्ष का भी विशेष महत्व है। वट सावित्री व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ दोनों का खास महत्व माना गया है। वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश इन तीनों देवताओं का वास है। इस व्रत में बरगद वृक्ष के चारों ओर घूमकर सौभाग्यवती स्त्रियां रक्षा सूत्र बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग हों...