Rashtriya rajnitik dal kise kehte hain

  1. राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं? Rashtriya Dal Ka Darja Hasil Karne Ke Liye Avashyak Sharten Kya Hai?
  2. राजनीतिक दल किसे कहते हैं
  3. राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ, परिभाषा, महत्व/उपयोगिता
  4. लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है? Loktantra Ke Liye Rajnitik Dal Kyon Avashyak Hai?


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राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं? Rashtriya Dal Ka Darja Hasil Karne Ke Liye Avashyak Sharten Kya Hai?

राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए आवश्यक शर्तें निम्नलिखित हैं : 1. लोकसभा आम चुनाव अथवा राज्य विधानसभा चुनाव में किन्हीं चार अथवा अधिक राज्यों में कुल डाले गए वैध मतों का 6% प्राप्त करना जरूरी होगा। 2. इसके अलावा किसी एक राज्य अथवाराज्यों से विधानसभा की कम से कम 4 सीटें जीतने होंगे अथवा 3. लोकसभा में 2% सीटें हो और येकम से कम तीन विभिन्न राज्यों में हासिल की गई हो। by Rishav Raj

राजनीतिक दल किसे कहते हैं

राजनीतिक दल अथवा राजनैतिक दल एक (Political organisation) है जो में राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने एवं उसे बनाये रखने का प्रयत्न करता है। इसके लिये प्राय: वह की प्रक्रिया में भाग लेता है। राजनीतिक दलों का अपना एक सिद्धान्त या लक्ष्य (विज़न) होता है जो प्राय: लिखित दस्तावेज के रूप में होता है। विभिन्न देशों में राजनीतिक दलों की अलग-अलग स्थिति व व्यवस्था है। कुछ देशों में कोई भी राजनीतिक दल नहीं होता। कहीं एक ही दल सर्वेसर्वा (डॉमिनैन्ट) होता है। कहीं मुख्यतः दो दल होते हैं। किन्तु बहुत से देशों में दो से अधिक दल होते हैं। में राजनैतिक दलों का स्थान केन्द्रीय अवधारणा के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। राजनैतिक दल किसी समाज व्यवस्था में शक्ति के वितरण और सत्ता के आकांक्षी व्यक्तियों एवं समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे परस्पर विरोधी हितों के सारणीकरण, अनुशासन और सामंजस्य का प्रमुख साधन रहे हैं। इस तरह से राजनैतिक दल समाज व्यवस्था के लक्ष्यों, सामाजिक गतिशीलता, सामाजिक परिवर्तनों, परिवर्तनों के अवरोधों और सामाजिक आन्दोलनों से भी सम्बन्धित होते हैं। राजनैतिक दलों का अध्ययन समाजशास्त्री और राजनीतिशास्त्री दोनों करते हैं, लेकिन दोनों के दृष्टिकोणों में पर्याप्त अन्तर है। समाजशास्त्री राजनैतिक दल को सामाजिक समूह मानते हैं जबकि राजनीतिज्ञ राजनीतिक दलों को आधुनिक राज्य में सरकार बनाने की एक प्रमुख संस्था के रूप में देखते हैं।

राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ, परिभाषा, महत्व/उपयोगिता

प्रश्न; राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ एवं महत्व बताइए। अथवा" राजनीतिक सिद्धांत से आप क्या समझते है? राजनीतिक सिद्धांत की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए। अथवा" राजनीतिक सिद्धांत क्या है? राजनीतिक सिद्धांत के लाभों का वर्णन कीजिए। अथवा" राजनीतिक विज्ञान में राजनीतिक सिद्धांत की भूमिका स्पष्ट कीजिए। उत्तर-- राजनीतिक सिद्धांत का अर्थ (rajnitik siddhant kya hia) राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक घटनाओं, तथ्यों और अवलोकन पर आधारित निष्कर्षों के समूह को कहते हैं। ये निष्कर्ष परस्पर सम्बद्ध होते हैं तथा इनके आधार पर वैसे ही तथ्यों या घटनाओं की व्याख्या या पूर्व कथन किया जा सकता हैं। नवीन घटनाओं एवं तथ्यों के सन्दर्भ में उक्त निष्कर्षों एवं उपलब्धियों में सुधार या संशोधन किया जाता हैं। अनुभव पर आधारित तथ्यों की जांच की जा सकती हैं तथा उन्हें दूसरे व्यक्तियों तक संचारित या प्रेषित किया जा सकता हैं। इस तरह राजनीतिक सिद्धांत राजनीति से निष्कर्षों का समूह हैं। राजनीतिक सिद्धांत अंग्रेजी भाषा के शब्द Political Theory का हिंदी रूपांतरण हैं। Theory शब्द की उत्पत्ति यूनायी भाषा के Theoria से हुई हैं, जिसका अर्थ होता हैं-- एक ऐसी मानसिक दृष्टि जो एक वस्तु के अस्तित्व और उसके कारणों को प्रकट करती हैं। कार्ल पाॅपर की के मतानुसार सिद्धांत एक प्रकार का जाल है, जिसमें संसार को समझा जा सकता हैं। ये एक ऐसी मानसिक स्थिति है जो एक वस्तु के अस्तित्व और उसके कारणों को सामने रखती हैं। वर्तमान समय में राजनीति सिद्धान्त शब्दावली का प्रयोग विस्तृत अर्थ में होता है। राजनीति सिद्धान्त, राजनीति के अथवा उसके विषय से जुड़ा एक सिद्धान्त है। यह राजनीति का विज्ञान है, उसका दर्शन है और उसका इतिहास भी है। अपने शाब्दिक रूप में यह दो...

लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है? Loktantra Ke Liye Rajnitik Dal Kyon Avashyak Hai?

राजनीतिक दल (Political Party) लोकतंत्र की आधारशिला हैं। ये उत्तरदायी शासन के परमावश्यक अंग हैं। राजनीतिक दलों के बिना लोकतंत्र की कल्पना नहीं हो सकती। जहाँ राजनीतिक दलों को काम करने की स्वतंत्रता नहीं होती तथा जहाँ एक ही राजनीतिक दल होता है, वहाँ स्वतंत्रता का अभाव होता है। इसीलिए, राजनीतिक दलों को लोकतंत्र का प्राणकहा गया है। प्रातिनिधिक प्रजातंत्र की सफलता राजनीतिक दलों पर ही निर्भर होती है। राजनीतिक दल प्रतिनिधियों के निर्वाचन में भाग लेते हैं। फाइनर के अनुसार, दलों के बिना मतदाता या तो नपुंसक हो जाएँगे या विनाशकारी, जो ऐसी असंभव नीतियों का अनुगमन करेंगे, जिससे राजनीतिक यंत्र ध्वस्त हो जाएगा। राजनीतिक दल मतदाताओं का मार्गदर्शन करते हैं। वस्तुतः, यदि राजनीतिक दल संगठित न हों तो प्रातिनिधिक सरकार का चलना कठिन होगा। संक्षेप में, राजनीतिक दल ही लोकतंत्र को व्यावहारिक रूप देते हैं। लॉर्ड ब्राइस का कथन है, दल अनिवार्य हैं। कोई भी बड़ा स्वतंत्र देश उनके बिना नहीं रह सकता है। राजनीतिक दल लोकतंत्र में शिक्षा के साधन हैं। ये जनता को सार्वजनिक प्रश्नों एवं समस्याओं के प्रति जागरूक रहने की शिक्षा देते हैं। ये जनमत का निर्माण करते हैं। निर्वाचन के समय ये नागरिकों को राजनीतिक साहित्य प्रदान करते हैं, उनमें शासन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करते है और उनके राजनीतिक कर्तव्यों का बोध कराते हैं। भारत में भी लोकतंत्र की स्थापना है। अतः यहाँ राजनीतिक दलों की महत्ता बहुत अधिक है। by AnjaliYadav निम्न कारणों से लोकतंत्र में राजनीतिक दल का होना आवश्यक है: नीतियों को बनाना :बिना राजनीतिक दलों के लोकतंत्र के बारे में कल्पना करना ही असंभव है। क्योंकि अगर दल ना हो, तो सारे उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्...