Swagatam ka sandhi vichchhed kya hai

  1. स्वागतम में कौन सी संधि है?
  2. महर्षि का संधि विच्छेद
  3. गुरूपदेश (Guroopadesh) का संधि विच्छेद क्या है?
  4. महर्षि (Maharshi) का संधि विच्छेद क्या है?
  5. स्वागत (Svaagat) का संधि विच्छेद क्या है?


Download: Swagatam ka sandhi vichchhed kya hai
Size: 74.3 MB

स्वागतम में कौन सी संधि है?

Explanation : स्वागतम शब्द में यण् संधि है। स्वागतम का शुद्ध संधि विच्छेद है= सु + आगतम। यण् संधि (Yan Sandhi) की परिभाषा अनुसार जब कुछ स्वर आपस में संधि करने पर किसी स्वर में बदलने के बजाय य् र् व् में बदल जाते हैं। ऐसी संधियों को य् के नाम पर यण् संधि कहा गया है, वस्तुत: 'य्' का उच्चारण स्थान एवं प्रयत्य 'इ' 'ई' तथा 'व्' का उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रयत्न 'उ' 'ऊ' के बहुत निकट है। इसी प्रकार 'ऋ' और 'र्' में बहुत समीपता है। इसलिए जब 'इ' 'ई' 'उ' 'ऊ' 'ऋ' के आगे कोई स्वर आता है, तो क्रमश: 'य', 'व', 'र', 'र', में परिवर्तन हो जाते हैं। इस परिवर्तन को यण् संधि कहते हैं; यण् संधि के उदाहरण जैसे— इ+अ = य्–यदि + अपि = यद्यपि और उ+अ = व्–अनु + अय = अन्वय Tags :

महर्षि का संधि विच्छेद

महर्षि का संधि विच्छेद | Sandhi Vichchhed of Maharshi संधि का नाम संधि विच्छेद महर्षि महा+ऋषि Maharshi Mahā+Rishi महर्षि में कौन-सी संधि है ? गुण संधि संधि बनाने का नियम : आ+ऋ = अर् महर्षि में कौन-सी संधि है ? | Type of Sandhi: गुण संधि (Gun Sandhi) [ ‘आ’ के साथ ‘ऋ’ जोड़ने पर ‘अर्’ बनता है | नियमतः जब भी अ या आ के बाद ऋ आए तो दोनों के मिलने से अर् बन जाता है | ] उच्चारण नियम : अ = a जैसे – रमण (Ramana), वर(Vara), धर(Dhara), कर्म(Karma), सम्यक्(Samyak) | आ(aa) = ā जैसे – राम(Rāma), श्याम(shyāma), वाक्(Vāk),धरा(Dharā), धारा(dhārā) कर्मा(Karmā), इच्छा(Ichchhā) | उ = u जैसे – सद्गुण(Sadguna), उत्तम(Uttama), उपरम(Uparama), उक्ति(Ukti), उत्सव(Utsava), गुरु(Guru) | ऊ(oo) = ū जैसे – भूमि(Bhūmi), सूची(sūchī), सूर्योदय(Sūryodaya), ऊर्जा(Ūrjā), ऊष्मा( Ūshmā), गुरू(Gurū) | इ = i जैसे – इंदु(Indu), बिंदु(Bindu), अवनि(Avani), अविचल(Avichala), इत्र(Itra), इतर(Itar), शिव(Shiva) | ई(ee) = ī जैसे – ईप्सा(Īpsa), भीम(Bhīm), एकांगी(Ekangī), चीनी(chīnī), नीति(Nīti), दीक्षा(dīksha), सीता(Sīta) | ⇒संधि के नियमों को अच्छी प्रकार से समझने के लिये ऊपर दिए गए उदाहरणों को जान लेने पर संधि विच्छेद के नियमों को समझने में बहुत आसानी होगी | हिंदी में वर(Var) शब्द और संस्कृत में वर(Vara) शब्द लिखा जाता है | वर शब्द में र हिंदी में केवल R है परन्तु संस्कृत में वर शब्द में र को ra लिखा जाता है | हिंदी में वर(var) के र में अ(a) गुप्त है परन्तु संस्कृत में वर(vara) के र(ra) अ(a) प्रकट है |संधि विच्छेद में महा+उत्सव(Maha+Utsav)= महर्षि समझ में आसानी से आ जाता है परन्तु नर+इंद्र(Nar+Indra) आसानी से समझ में नहीं आ...

गुरूपदेश (Guroopadesh) का संधि विच्छेद क्या है?

गुरूपदेश संधि विच्छेद नीचे दी गई तालिका में गुरूपदेश का संधि विच्छेद (Guroopadesh Sandhi Viched) दिया गया है - संधि विच्छेद गुरूपदेश गुरु + उपदेश Guroopadesh Guru + Upadesh गुरूपदेश में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) गुरूपदेश में " दीर्घ स्वर संधि" संधि है। गुरूपदेश का संधि विच्छेद " गुरु + उपदेश" होता है। तथा इसमें “ दीर्घ स्वर संधि” लागू होती है। यदि आपको गुरूपदेश के संधि विच्छेद में कोई गलती मिली हो तो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं, या फिर एक नया उत्तर लिखे।

महर्षि (Maharshi) का संधि विच्छेद क्या है?

महर्षि संधि विच्छेद नीचे दी गई तालिका में महर्षि का संधि विच्छेद (Maharshi Sandhi Viched) दिया गया है - संधि विच्छेद महर्षि महा + ऋषि Maharshi Maha + Rshi महर्षि में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) महर्षि में " गुण स्वर संधि" संधि है। महर्षि का संधि विच्छेद " महा + ऋषि" होता है। तथा इसमें “ गुण स्वर संधि” लागू होती है। यदि आपको महर्षि के संधि विच्छेद में कोई गलती मिली हो तो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं, या फिर एक नया उत्तर लिखे।

स्वागत (Svaagat) का संधि विच्छेद क्या है?

स्वागत संधि विच्छेद नीचे दी गई तालिका में स्वागत का संधि विच्छेद (Svaagat Sandhi Viched) दिया गया है - संधि विच्छेद स्वागत सु + आगत Svaagat Su + Aagat स्वागत में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) स्वागत में " यण स्वर संधि" संधि है। स्वागत का संधि विच्छेद " सु + आगत" होता है। तथा इसमें “ यण स्वर संधि” लागू होती है। यदि आपको स्वागत के संधि विच्छेद में कोई गलती मिली हो तो तो उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं, या फिर एक नया उत्तर लिखे।