विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है

  1. MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर
  2. विधानसभा (vidhan sabha) और विधान परिषद (vidhan parishad) के बीच अंतर
  3. जानें विधान परिषद् कितने राज्यों में हैं, विधानसभा और विधान परिषद् के बीच क्या अंतर है
  4. विधान परिषद
  5. राज्य विधान परिषद क्या है? – ElegantAnswer.com
  6. MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर
  7. विधानसभा (vidhan sabha) और विधान परिषद (vidhan parishad) के बीच अंतर
  8. विधान परिषद
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  10. जानें विधान परिषद् कितने राज्यों में हैं, विधानसभा और विधान परिषद् के बीच क्या अंतर है


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MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर

MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर– उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव हो रहे है। प्रदेश में नौ अप्रैल को विधान परिषद चुनाव के वोट डाले जाएंगे और मतगणना बारह अप्रैल को होनी है। ऐसे में कई लोगो के मन मे ये सवाल है कि विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है? तो आइये जानते है MLA और MLC में अंतर। ये भी पढ़े – पहले जाने, MLA और MLC में बुनियादी अंतर? MLA और MLC में बुनियादी अंतर निम्न है- MLA MLC MLA का पूरा फुलफॉर्म Member of Legislative Assembly होता है। MLC का फुल फॉर्म Member of Legislative Council होता है। MLA यानी विधायक राज्य की विधान सभा का सदस्य होता है। MLC राज्य के विधान परिषद् का सदस्य होता है। MLA चुने जाने के लिए न्यूनत्तम उम्र 25 वर्ष होती है। MLC चुने जाने की न्यूनत्तम उम्र 30 साल होती है। MLA का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है। MLC का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। MLA का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। MLC का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर, इस हैडिंग में पढ़े किन राज्यों में चुने जाते है MLC? देश के सभी राज्यों में जहां विधानसभा है वहां MLA यानी विधायक निर्वाचित होते है जबकि MLC यानी विधान परिषद सदस्य देश के 6 राज्यों में ही निर्वाचित होते है। जिनमें शामिल है उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना। जाने, कैसे चुने जाते है विधानसभा सदस्य (MLA) यानी विधायक? विधानसभा सदस्य का चुनाव सीधे जनता द्वारा होता है। जनता द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधी विधानसभा में अपने क्षेत्र की समस्या उठाते ह...

विधानसभा (vidhan sabha) और विधान परिषद (vidhan parishad) के बीच अंतर

भारत में द्विसदनीय विधायिका केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर मौजूद है। राज्यों में, द्विसदनीय संरचना विधान सभा, विधान परिषद और राज्यपाल की रचना करती है। हालाँकि, यह केवल 5 राज्यों में पाया जा सकता है जबकि बाकी 23 राज्यों में असेंबली विधायिका, यानी विधानसभा और राज्यपाल का पालन होता है। विधान सभा या विधानसभा विधायिका का निचला सदन होता है, जिसकी शक्तियाँ और कार्य केंद्रीय स्तर पर काम करने वाली लोकसभा के बराबर होते हैं। दूसरी ओर, विधान परिषद, यानी विधान परिषद, संसद के राज्य सभा के समानांतर विधायिका के ऊपरी सदन का प्रतिनिधित्व करती है। भारत में विधान सभा और विधान परिषद के बीच उल्लेखनीय अंतर हैं, जिनके बारे में यहाँ विस्तार से चर्चा की गई है। सामग्री: विधान सभा बनाम विधान परिषद • तुलना चार्ट • परिभाषा • मुख्य अंतर • वीडियो • निष्कर्ष तुलना चार्ट तुलना के लिए आधार विधान सभा (विधानसभा) विधान परिषद (विधान परिषद) अर्थ विधान सभा राज्य विधायिका का निचला सदन है, जिसके सदस्य राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों द्वारा चुने जाते हैं। विधान परिषद भारतीय राज्यों का ऊपरी सदन है, जो द्विसदनीय विधायिका का अनुसरण करता है, जिसके सदस्य आंशिक रूप से चुने जाते हैं और आंशिक रूप से नामित होते हैं। तन अस्थायी शरीर स्थायी शरीर चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव सदस्य अधिकतम सदस्य 500 हैं, जबकि न्यूनतम सदस्य 60 हैं। विधानसभा के कुल सदस्यों में से एक तिहाई, लेकिन यह 40 से कम नहीं होना चाहिए। सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 25 साल 30 साल अधिष्ठाता वक्ता अध्यक्ष विधान सभा की परिभाषा विधान सभा, या आमतौर पर विधानसभा के रूप में जाना जाता है राज्य विधानमंडल में लोकप्रिय सदन है जो राज्य...

जानें विधान परिषद् कितने राज्यों में हैं, विधानसभा और विधान परिषद् के बीच क्या अंतर है

भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल (Legislature) का प्रावधान किया गया है। किसी राज्य में एक सदन और किसी में दो का प्रावधान है। केवल सात राज्यों में विधान मंडल और विधान परिषद् दोनों का प्रावधान है। दो सदन वाले विधानमंडल का उच्च सदन विधान परिषद् (Legislative Council) और निम्न सदन विधानसभा (Legislative Assembly) कहलाता है। विधानसभा का गठन वयस्‍क मतदान के आधार पर प्रत्‍यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए जनता के प्रतिनिधियों से होता है। जैसे केंद्र में लोकसभा का महत्त्व राज्यसभा से अधिक है, वैसे ही प्रांत में विधानसभा (Legislative Assembly) का महत्त्व विधान परिषद् से अधिक है। भारतीय संसद को यह अधिकार दिया गया है कि वह विधि-निर्माण करके किसी भी राज्य की विधान परिषद् को समाप्त कर सकती है। अथवा जिस राज्य में विधान परिषद् नहीं है वहाँ उसका निर्माण कर सकती है। सात राज्यों में विधान मंडल और विधान परिषद् दोनों का प्रावधान है, वे राज्य हैं – • आंध्र प्रदेश • बिहार • उत्तर प्रदेश • कर्नाटक • महाराष्ट्र • तेलंगाना • जम्मू और कश्मीर. इसके अलावा असम को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की मंजूरी दे दी है। विधान परिषद् क्या है विधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधान मंडल का अंग है। इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। भारत में राज्‍य के विधान परिषद में राज्‍य के विधान सभा में सदस्‍यों की कुल संख्‍या की एक तिहाई और किसी भी कारणों से 40 सदस्‍य से कम सदस्‍य ...

विधान परिषद

अनुक्रम • 1 व्यवस्था • 1.1 गठन • 1.2 सदस्य कार्यकाल • 1.3 संरचना • 1.4 निर्वाचन • 1.5 योग्यताएँ • 2 प्रस्तावित विधान परिषद • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ व्यवस्था [ ] गठन [ ] • • तत्पश्चात अनुच्छेद • • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही विधान परिषद के गठन की अनुमति मिल जाती है। सदस्य कार्यकाल [ ] इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। एक राज्य के विधान सभा ( संरचना [ ] राज्य की विधान परिषद का आकार राज्य की निर्वाचन [ ] • परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से चुने जाते हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं। • एक तिहाई ( • एक बटा बारह ( • अन्य एक बटा बारह ( • एक बटा छ (1/6) सदस्य योग्यताएँ [ ] एमएलसी बनने हेतु योग्यताएँ: • भारत का नागरिक होना चाहिए। • न्यूनतम • मानसिक रूप से असमर्थ, व दिवालिया नहीं होना चाहिए। • इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र (जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो) की मतदाता सूची में उसका नाम भी होना आवश्यक है। • समान समय में वह संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए। प्रस्तावित विधान परिषद [ ] *वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधायक, 2019 के माध्यम से जम्मू और कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया। इन्हें भी देखें [ ] • • • सन्दर्भ [ ] • ↑ . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • जाँचें |url= मान ( . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 11 July 2015.

राज्य विधान परिषद क्या है? – ElegantAnswer.com

राज्य विधान परिषद क्या है? इसे सुनेंरोकेंविधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतन्त्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमण्डल का अंग है। विधान परिषद का गठन क्यों किया जाता है? इसे सुनेंरोकेंविधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा (Lok Sabha) और (Rajya Sabha) में पास कराना होगा. यहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति (President) के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) की मंजूरी के बाद ही बंगाल में विधान परिषद का गठन होगा. इसे सुनेंरोकेंजैसे, देश की संसद (Parliament) होती है, वैसे ही राज्यों में विधानमंडल (Legislature) होता है. संसद के दो सदनों- राज्य सभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) जैसे ही राज्य विधानमंडल में भी सदन होते हैं- विधानसभा (Legislative Assembly) और विधानपरिषद (Legislative Council). देश के संविधान में इस तरह का प्रावधान है. विधान परिषद की संख्या कितना है? इसे सुनेंरोकेंइसमें 403 निर्वाचित सदस्‍य तथा राज्‍यपाल द्वारा मनोनीत एक आंग्‍ल भारतीय सदस्‍य होते हैं। उ०प्र० विधान परिषद में कुल 100 सदस्‍य हैं। वर्ष 1967 तक एक आंग्‍ल भारतीय सदस्‍य को सम्मिलित करते हुए विधान सभा की कुल सदस्‍य संख्या 431 थी। वर्ष 1967 के पश्चात् विधान सभा की कुल सदस्‍य संख्‍या 426 हो गई। विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंविधान परिषद में एक निश्चित संख्या तक सदस्य होते हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। उदाहरण के तौर पर समझिए यूपी में 403...

MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर

MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर– उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव हो रहे है। प्रदेश में नौ अप्रैल को विधान परिषद चुनाव के वोट डाले जाएंगे और मतगणना बारह अप्रैल को होनी है। ऐसे में कई लोगो के मन मे ये सवाल है कि विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है? तो आइये जानते है MLA और MLC में अंतर। ये भी पढ़े – पहले जाने, MLA और MLC में बुनियादी अंतर? MLA और MLC में बुनियादी अंतर निम्न है- MLA MLC MLA का पूरा फुलफॉर्म Member of Legislative Assembly होता है। MLC का फुल फॉर्म Member of Legislative Council होता है। MLA यानी विधायक राज्य की विधान सभा का सदस्य होता है। MLC राज्य के विधान परिषद् का सदस्य होता है। MLA चुने जाने के लिए न्यूनत्तम उम्र 25 वर्ष होती है। MLC चुने जाने की न्यूनत्तम उम्र 30 साल होती है। MLA का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है। MLC का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। MLA का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। MLC का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। MLA और MLC में क्या अंतर होता है? जाने विधानसभा और विधान परिषद में अंतर, इस हैडिंग में पढ़े किन राज्यों में चुने जाते है MLC? देश के सभी राज्यों में जहां विधानसभा है वहां MLA यानी विधायक निर्वाचित होते है जबकि MLC यानी विधान परिषद सदस्य देश के 6 राज्यों में ही निर्वाचित होते है। जिनमें शामिल है उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना। जाने, कैसे चुने जाते है विधानसभा सदस्य (MLA) यानी विधायक? विधानसभा सदस्य का चुनाव सीधे जनता द्वारा होता है। जनता द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधी विधानसभा में अपने क्षेत्र की समस्या उठाते ह...

विधानसभा (vidhan sabha) और विधान परिषद (vidhan parishad) के बीच अंतर

भारत में द्विसदनीय विधायिका केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर मौजूद है। राज्यों में, द्विसदनीय संरचना विधान सभा, विधान परिषद और राज्यपाल की रचना करती है। हालाँकि, यह केवल 5 राज्यों में पाया जा सकता है जबकि बाकी 23 राज्यों में असेंबली विधायिका, यानी विधानसभा और राज्यपाल का पालन होता है। विधान सभा या विधानसभा विधायिका का निचला सदन होता है, जिसकी शक्तियाँ और कार्य केंद्रीय स्तर पर काम करने वाली लोकसभा के बराबर होते हैं। दूसरी ओर, विधान परिषद, यानी विधान परिषद, संसद के राज्य सभा के समानांतर विधायिका के ऊपरी सदन का प्रतिनिधित्व करती है। भारत में विधान सभा और विधान परिषद के बीच उल्लेखनीय अंतर हैं, जिनके बारे में यहाँ विस्तार से चर्चा की गई है। सामग्री: विधान सभा बनाम विधान परिषद • तुलना चार्ट • परिभाषा • मुख्य अंतर • वीडियो • निष्कर्ष तुलना चार्ट तुलना के लिए आधार विधान सभा (विधानसभा) विधान परिषद (विधान परिषद) अर्थ विधान सभा राज्य विधायिका का निचला सदन है, जिसके सदस्य राज्य के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों द्वारा चुने जाते हैं। विधान परिषद भारतीय राज्यों का ऊपरी सदन है, जो द्विसदनीय विधायिका का अनुसरण करता है, जिसके सदस्य आंशिक रूप से चुने जाते हैं और आंशिक रूप से नामित होते हैं। तन अस्थायी शरीर स्थायी शरीर चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव सदस्य अधिकतम सदस्य 500 हैं, जबकि न्यूनतम सदस्य 60 हैं। विधानसभा के कुल सदस्यों में से एक तिहाई, लेकिन यह 40 से कम नहीं होना चाहिए। सदस्यता के लिए न्यूनतम आयु 25 साल 30 साल अधिष्ठाता वक्ता अध्यक्ष विधान सभा की परिभाषा विधान सभा, या आमतौर पर विधानसभा के रूप में जाना जाता है राज्य विधानमंडल में लोकप्रिय सदन है जो राज्य...

विधान परिषद

अनुक्रम • 1 व्यवस्था • 1.1 गठन • 1.2 सदस्य कार्यकाल • 1.3 संरचना • 1.4 निर्वाचन • 1.5 योग्यताएँ • 2 प्रस्तावित विधान परिषद • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ व्यवस्था [ ] गठन [ ] • • तत्पश्चात अनुच्छेद • • राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही विधान परिषद के गठन की अनुमति मिल जाती है। सदस्य कार्यकाल [ ] इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। एक राज्य के विधान सभा ( संरचना [ ] राज्य की विधान परिषद का आकार राज्य की निर्वाचन [ ] • परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधान सभा के सदस्यों द्वारा ऐसे व्यक्तियों में से चुने जाते हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं। • एक तिहाई ( • एक बटा बारह ( • अन्य एक बटा बारह ( • एक बटा छ (1/6) सदस्य योग्यताएँ [ ] एमएलसी बनने हेतु योग्यताएँ: • भारत का नागरिक होना चाहिए। • न्यूनतम • मानसिक रूप से असमर्थ, व दिवालिया नहीं होना चाहिए। • इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र (जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो) की मतदाता सूची में उसका नाम भी होना आवश्यक है। • समान समय में वह संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए। प्रस्तावित विधान परिषद [ ] *वर्ष 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधायक, 2019 के माध्यम से जम्मू और कश्मीर विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया। इन्हें भी देखें [ ] • • • सन्दर्भ [ ] • ↑ . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • जाँचें |url= मान ( . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2016. • . अभिगमन तिथि 11 July 2015.

राज्य विधान परिषद क्या है? – ElegantAnswer.com

राज्य विधान परिषद क्या है? इसे सुनेंरोकेंविधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतन्त्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधानमण्डल का अंग है। विधान परिषद का गठन क्यों किया जाता है? इसे सुनेंरोकेंविधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा (Lok Sabha) और (Rajya Sabha) में पास कराना होगा. यहां से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति (President) के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) की मंजूरी के बाद ही बंगाल में विधान परिषद का गठन होगा. इसे सुनेंरोकेंजैसे, देश की संसद (Parliament) होती है, वैसे ही राज्यों में विधानमंडल (Legislature) होता है. संसद के दो सदनों- राज्य सभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) जैसे ही राज्य विधानमंडल में भी सदन होते हैं- विधानसभा (Legislative Assembly) और विधानपरिषद (Legislative Council). देश के संविधान में इस तरह का प्रावधान है. विधान परिषद की संख्या कितना है? इसे सुनेंरोकेंइसमें 403 निर्वाचित सदस्‍य तथा राज्‍यपाल द्वारा मनोनीत एक आंग्‍ल भारतीय सदस्‍य होते हैं। उ०प्र० विधान परिषद में कुल 100 सदस्‍य हैं। वर्ष 1967 तक एक आंग्‍ल भारतीय सदस्‍य को सम्मिलित करते हुए विधान सभा की कुल सदस्‍य संख्या 431 थी। वर्ष 1967 के पश्चात् विधान सभा की कुल सदस्‍य संख्‍या 426 हो गई। विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंविधान परिषद में एक निश्चित संख्या तक सदस्य होते हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। उदाहरण के तौर पर समझिए यूपी में 403...

जानें विधान परिषद् कितने राज्यों में हैं, विधानसभा और विधान परिषद् के बीच क्या अंतर है

भारतीय संविधान के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल (Legislature) का प्रावधान किया गया है। किसी राज्य में एक सदन और किसी में दो का प्रावधान है। केवल सात राज्यों में विधान मंडल और विधान परिषद् दोनों का प्रावधान है। दो सदन वाले विधानमंडल का उच्च सदन विधान परिषद् (Legislative Council) और निम्न सदन विधानसभा (Legislative Assembly) कहलाता है। विधानसभा का गठन वयस्‍क मतदान के आधार पर प्रत्‍यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए जनता के प्रतिनिधियों से होता है। जैसे केंद्र में लोकसभा का महत्त्व राज्यसभा से अधिक है, वैसे ही प्रांत में विधानसभा (Legislative Assembly) का महत्त्व विधान परिषद् से अधिक है। भारतीय संसद को यह अधिकार दिया गया है कि वह विधि-निर्माण करके किसी भी राज्य की विधान परिषद् को समाप्त कर सकती है। अथवा जिस राज्य में विधान परिषद् नहीं है वहाँ उसका निर्माण कर सकती है। सात राज्यों में विधान मंडल और विधान परिषद् दोनों का प्रावधान है, वे राज्य हैं – • आंध्र प्रदेश • बिहार • उत्तर प्रदेश • कर्नाटक • महाराष्ट्र • तेलंगाना • जम्मू और कश्मीर. इसके अलावा असम को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की मंजूरी दे दी है। विधान परिषद् क्या है विधान परिषद कुछ भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं। विधान परिषद विधान मंडल का अंग है। इसके सदस्यों का कार्यकाल छह वर्षों का होता है लेकिन प्रत्येक दो साल पर एक तिहाई सदस्य हट जाते हैं। भारत में राज्‍य के विधान परिषद में राज्‍य के विधान सभा में सदस्‍यों की कुल संख्‍या की एक तिहाई और किसी भी कारणों से 40 सदस्‍य से कम सदस्‍य ...