Viram chinh

  1. Viram chinh(Punctuation Mark)
  2. Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  3. Viram Chinh in Hindi Vyakaran (विराम चिन्ह)
  4. [Viram Chinh]
  5. हिन्दी विराम चिन्ह Viram Chinh in Hindi PDF
  6. Class 7 Hindi Vyakaran Chapter 27 Viram Chinh (For CBSE 2023
  7. पूर्ण विराम चिन्ह (।) तथा इसके प्रयोग
  8. Viram Chinh (विराम चिन्ह) in Hindi
  9. Viram Chinh Online Mock Test
  10. Punctuation Marks in Hindi: Viram Chinh in English


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Viram chinh(Punctuation Mark)

Viram chinh(Punctuation Mark)-(विराम चिह) विराम चिह(Punctuation Mark) की परिभाषा भित्र-भित्र प्रकार के भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग वाक्य के बीच या अंत में किया जाता है, उन्हें 'विराम चिह्न' कहते है। दूसरे शब्दों में- विराम का अर्थ है - 'रुकना' या 'ठहरना' । वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम-चिह्न कहा जाता है। सरल शब्दों में- अपने भावों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए या एक विचार और उसके प्रसंगों को प्रकट करने के लिए हम रुकते हैं। इसी को विराम कहते है। इन्हीं विरामों को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्नों का प्रयोग करते है, उन्हें 'विराम चिह्न' कहते है। यदि विराम-चिह्न का प्रयोग न किया जाए तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। जैसे- (1)रोको मत जाने दो। (2)रोको, मत जाने दो। (3)रोको मत, जाने दो। उपर्युक्त उदाहरणों में पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं होता, जबकि दूसरे और तीसरे वाक्य में अर्थ तो स्पष्ट हो जाता है लेकिन एक-दूसरे का उल्टा अर्थ मिलता है जबकि तीनो वाक्यों में वही शब्द है। दूसरे वाक्य में 'रोको' के बाद अल्पविराम लगाने से रोकने के लिए कहा गया है जबकि तीसरे वाक्य में 'रोको मत' के बाद अल्पविराम लगाने से किसी को न रोक कर जाने के लिए कहा गया हैं। इस प्रकार विराम-चिह्न लगाने से दूसरे और तीसरे वाक्य को पढ़ने में तथा अर्थ स्पष्ट करने में जितनी सुविधा होती है उतनी पहले वाक्य में नहीं होती। अतएव विराम-चिह्नों के विषय में पूरा ज्ञान होना आवश्यक है। विराम चिह्न की आवश्यकता- 'विर...

Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition

बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर करें: हमारे SuccessCDs कक्षा 10 हिंदी कोर्स के साथ! Click here Punctuation Meaning in Hindi Viraam Chinh definition, Types of Punctuation marks, Punctuation marks examples – विराम चिह्न की परिभाषा, विराम चिह्न के भेद और उदाहरण Punctuation marks in Hindi, Viram Chinh ( विराम चिह्न): इस लेख में हम व्याकरण से संबंधित विराम चिह्नों को बारीक में विस्तार से जानेंगे। हिंदी में ही क्या, किसी भी भाषा में विराम चिन्ह अपनी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । विराम चिह्नों की जानकारी सभी के लिए बहुत अधिक आवश्यक होती है क्योंकि यदि आप गलती से विराम चिह्नों का गलत उपयोग कर दें तो या तो आपकी कही हुई बात का अर्थ बदल सकता है या आपकी बात का कोई गलत अर्थ भी समझ सकता है। इसलिए इस लेख में हम विराम चिह्न किसे कहते हैं? विराम चिह्नों की आवश्यकता क्यों होती है? विराम चिह्नों के कितने प्रकार हैं? विराम चिह्नों के कितने भेद होते हैं? विराम चिह्नों का उदाहरणों सहित वर्णन? इन प्रश्नों की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख में दी गई है – • • • • Class 10 Hindi Grammar Lessons विराम चिह्न की परिभाषा विराम का अर्थ है - 'रुकना' या 'ठहरना' । वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है। जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम-चिह्न कहा जाता है। सरल शब्दों में- अपने भावों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए या एक विचार और उसके प्रसंगों को प्रकट करने के लिए हम रुकते हैं। इसी को विराम कहते है। इन्हीं विरामों को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्नों का प्रयोग करत...

Viram Chinh in Hindi Vyakaran (विराम चिन्ह)

विराम चिन्ह ( Viram Chinh in Hindi ) – भाषा के लिखित रूप में विशेष स्थानों पर रुकने का संकेत करने वाले चिन्हों को विराम चिन्ह कहते हैं। विराम का अर्थ है – रुकना या ठहरना जैसे – उसे रोको मत, जाने दो। उसे रोको, मत जाने दो। Topics Covered in Viram Chinh in Hindi • • • • • • • • • • • • • • चिन्ह के भेद विराम चिन्ह ( ।) विस्मयादिबोधक अथवा प्रश्नवाचक वाक्यों के अतिरिक्त सभी वाक्यों के अंत में ‘पूर्ण विराम चिन्ह’ का प्रयोग होता है। जैसे – विद्यालय खुल गया । सूरज पूर्व दिशा से निकलता है । विराम चिन्ह (;) पूर्ण विराम से कुछ कम, अल्पविराम से अधिक देर तक रुकने के लिए ‘अर्धविराम’ ( Aardh Viram Chinh ) का प्रयोग किया जाता है। जैसे – मेहमान आ गए हैं ; वह शीघ्र चले जाएंगे। विराम चिह्न [,] अर्धविराम से कुछ कम देर तक रुकने के लिए ‘अल्पविराम’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे – रेखा , राधा , राहुल और मोहन को बुलाओ। तरुण, इधर आकर बैठो। प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में ‘प्रश्नसूचक चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे – तुम्हारे पिताजी का नाम क्या है ? तुम कहाँ रहते हो ? सूचक चिह्न [!] विभिन्न भावों – आश्चर्य, हर्ष, शौक आदि को प्रकट करने तथा संबोधन के लिए ‘विस्मयसूचक चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे – वाह ! कितना सुंदर चित्र है। राम ! इधर आना। अहिंसा परम धर्म है “ योजक चिन्ह का प्रयोग दो शब्दों को जोड़ने और तुलना करने के लिए किया जाता है। जैसे – आज हम दाल –भात खाएंगे। मैं दिन –रात अपने माता पिता की सेवा करता रहूंगा। ‘निर्देशक चिन्ह’ का प्रयोग कथन, उद्धरण और विवरण के लिए किया जाता है। जैसे – श्री प्रताप ने कहा _ सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग वाक्य के मध्य आए कठिन शब्दों के अर्थ ल...

[Viram Chinh]

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Viram Chinh in Hindi इस लेख में हम हिंदी भाषा के समस्त विराम चिह्नों (Hindi Punctuation Marks) के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे हैं। चिन्हों के नाम के साथ-साथ उनका विस्तृत विवरण भी आपको इस लेख में मिलेगा। अतः सम्पूर्ण लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें और कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके इस लेख के बारे में अपनी राय और सुझाव हमारे साथ साझा अवश्य करें। हिंदी चिन्हों के नाम (Hindi Chinhon Ke Naam) • पूर्ण विराम चिन्ह – Full Stop (।) • अल्प विराम चिन्ह – Comma (,) • अर्द्ध विराम चिन्ह – Semicolon (;) • प्रश्नवाचक चिन्ह – Sign of Interrogation (?) • विस्मयादिबोधक चिन्ह – Sign of Exclamation (!) • उद्धरण चिन्ह – Inverted Comma (”“) • योजक चिन्ह – Hyphen (-) • विवरण चिन्ह – Sign of Vivran Chinh (:—) • हंस पद – Sign of Hans Pad (^) • लाघव चिन्ह – Sign of Laaghav Chinh (°) • तुल्यतासूचक चिन्ह – Sign of Tulytasuchak Suchak Chinh (=) • लोप सूचक चिन्ह – Sign of Lop Suchak Chinh (…) Viram Chinh in Hindi Viram Chinh विराम चिह्न की परिभाषा (Viram Chinh Ki Paribhasha) भाषा के लिखित रूप में विराम या ठहराव को सूचित करने वाले संकेत चिह्नों को विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिह्न का अर्थ ठहराव होता है। हम बातचीत के दौरान अपनी बात कहने के लिए, समझाने के लिए, किसी बात पर विशेष बल देने के लिए या अपनी बात का सम्पूर्ण भाव स्पष्ट करने के लिए कहीं कम या अधिक समय के लिए विराम लेते हैं। भाषा के लिखित रूप में इस विराम को दर्शाने के लिए विभिन्न संकेत चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें विराम चिन्ह कहते हैं। विर...

हिन्दी विराम चिन्ह Viram Chinh in Hindi PDF

वाक्य के सुंदर गठन और भावभिव्यक्ति कइ स्पष्टता के लिए विराम चिन्ह (Viram Chinh) की आवश्यकता और उपयोगिता मानी गई है। विराम चिन्ह किसे कहते है लेखक के भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग वाक्य अथवा वाक्यों में किया जाता है, उन्हें ‘विराम चिन्ह’ कहते है। विराम चिन्ह की परिभाषा विराम चिन्ह का शाब्दिक अर्थ होता है – ठहराव। लेखन मनुष्य के जीवन की एक विशेष मानसिक अवस्था है। लिखते समय लेखक यों ही नही सरपट दोड़ता, बल्कि कही थोड़ी देर के लिए रुकता है, ठहरता है और कभी पूरा विराम लेता है। इसी कारण लेखनकार्य में विराम चिन्हों का प्रयोग करना पड़ता है। यदि इन चिन्हों का उ...

Class 7 Hindi Vyakaran Chapter 27 Viram Chinh (For CBSE 2023

Class 7 Hindi Grammar Chapter 27 विराम चिह्न (Viram Chinh). Learn here how to use Viram Chanh and what the exact way to use Viram Chinh in Class 7 Hindi Vyakaran CBSE and State boards 2023-2024. Explore here about different types of Viram Chinh and its uses with suitable examples and complete explanation. Contents on Tiwari Academy is free to use without any login. विराम-चिह्न विराम का अर्थ है-रुकना, ठहरना या विश्राम करना। बोलते समय बोलने वाले को अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए बीच-बीच में कुछ स्थानों पर रुकना पड़ता है। लिखते समय उन रुकने वाले स्थानों को प्रकट करने के लिए कुछ विशेष चिह्न लगाने पड़ते हैं, उन्हीं चिह्नों को विराम-चिह्न कहते हैं। इसका प्रयोग वाक्य के अंत में होता है। यह चिह्न अन्य किसी भी विराम-चिह्न से अधिक प्रयुक्त होता है। इस विराम-चिह्न के पश्चात् सबसे अधिक देर तक रुकà¤...

पूर्ण विराम चिन्ह (।) तथा इसके प्रयोग

पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग कब किया जाता है. पूर्ण विराम चिन्ह मराठी वाक्य. अल्पविराम चिन्ह के उदाहरण. विराम चिन्ह का प्रयोग क्यों किया जाता है. चिन्हों के नाम. कोष्ठक चिन्ह के उदाहरण पूर्ण विराम चिन्ह (।) इसका अर्थ है, पूरी तरह रुकना या ठहरना। सामान्य दशा में वाक्य या विचार अंतिम दशा में पहुँचकर ठहर जाता है या विचार परिवर्तित होकर नवीन रूप धारण कर लेता है, तब इस चिन्ह का प्रयोग होता है। जैसे-यह गाय है। राम एक अच्छा लड़का है। वह साधु है। सीता सदैव कक्षा में प्रथम आती है। तुम गा रहे हो। उपरोक्त सभी वाक्य स्वतंत्र हैं, उनका एक-दूसरे से कोई सम्बन्ध नहीं है। वे अपने में पूर्ण भी हैं। अतः प्रत्येक वाक्य के पूर्ण होने पर अंत में पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग होता है। (i) कभी-कभी किसी वस्तु या घटना का सजीव वर्णन करते समय वाक्यांशों के अंत में पूर्ण विराम चिन्ह होता है। जैसे- सुन्दर मुखड़ा। कश्मीरी सेब जैसे गाल। मक्खी जैसी मूंछ। सिर के बाल साधारण रूप में। कानों के पास बालों में कुछ सफेदी। बड़ी-बड़ी आँखें। चौड़ा माथा। विशेष – यहाँ व्यक्ति की मुख-मुद्रा का सजीव चित्र कुछ चुने शब्दों तथा वाक्यांशों में खींचा गया है। प्रत्येक वाक्यांश स्वयं में पूर्ण और स्वतंत्र हैं। अत: पूर्ण विराम का प्रयोग उचित है। पूर्ण विराम का प्रयोग पूर्ण विराम के प्रयोग में सावधानी न होने की दशा में कभी-कभी अत्यंत हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पूर्ण विराम चिन्ह किसी वाक्य के पूरा होने पर ही लगाते हैं। यहाँ एक त्रुटिपूर्ण पूर्ण विराम का उदाहरण है। रमेश मेरा छोटा भाई है। तथा वह कक्षा आठ में पढ़ता है। निम्नलिखित उदाहरण में अल्पविराम का चिन्ह लग गया है – दृष्टव्य– उपरोक्त वाक्य में तथा से पहले पूर्ण विराम लग...

Viram Chinh (विराम चिन्ह) in Hindi

Viram Chinh in Hindi (विराम चिन्ह) – विराम का अर्थ है-रुकना या ठहरना। वक्ता अपने भावों व विचारों को व्यक्त करते समय वाक्य के अन्त में या कभी-कभी बीच में ही साँस लेने के लिए रुकता है, इसे ही विराम कहते हैं। इस प्रकार की रुकावट या विराम साँस लेने के अतिरिक्त अर्थ की स्पष्टता के लिए भी आवश्यक है। Learn विराम चिन्ह (Punctuation Mark) – Udaharan (Examples), Paribhasha और प्रकार लिखने में रुकावट या विराम के स्थानों को जिन चिह्नों द्वारा प्रकट किया जाता है, उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं। इनके प्रयोग से वक्ता के अभिप्राय में अधिक स्पष्टता का बोध होता है। इनके अनुचित प्रयोग से अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है; जैसे- “कल रात एक नवयुवक मेरे पास पैरों में मोजे और जूते, सिर पर टोपी, हाथ में छड़ी, मुँह में सिगार और कुत्ता पीछे-पीछे लिए आया”। “कल रात एक नवयुवक मेरे पास, पैरों में मोजे और जूते सिर पर, टोपी हाथ में, छड़ी मुँह में, सिगार और कुत्ता पीछे-पीछे लिए आया।” विराम-चिह्नों के बदलने से वाक्य का अर्थ भी बदल जाता है; जैसे- • उसे रोको मत, जाने दो। • उसे रोको, मत जाने दो। उन्नीसवीं शताब्दी में पूर्वार्द्ध तक हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में विराम-चिह्नों के रूप में एक पाई (।) दो पाई (।।) का प्रयोग होता था। कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना के बाद अंग्रेज़ों के सम्पर्क में आने के कारण उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त तक अंग्रेज़ी के ही बहुत से विराम-चिह्न हिन्दी में आ गए। बीसवीं शताब्दी के आरम्भ से हिन्दी में विरामादि चिह्नों का व्यवस्थित प्रयोग होने लगा और आज हिन्दी व्याकरण में उन्हें पूर्ण मान्यता प्राप्त है। हिन्दी में निम्नलिखित विराम-चिह्नों का प्रयोग होता है- नाम – चिह्नों • पूर्ण विराम-...

Viram Chinh Online Mock Test

Name: Viram Chinh Quiz – 2 Subject: Hindi Grammar ( हिंदी व्याकरण ) Topic: Viram Chinh Quiz Questions: 15 Objective Type Questions Time Limit: No limit Negative marking: No Language: Hindi Important for: State PCS, UPSC, IBPS RRB, Police, TGT / PGT, CTET, UPTET, REET, HTET, MPTET, BA, MA, B ed entrance exam, समूह ग, 8th, 9th, 10th, 11th, 12th, BA, MA आदि | रामचन्द्र शुक्ल का कथन है बैर , क्रोध का अचार या मुरब्बा है सही विराम चिन्हों से युक्त वाक्य इनमें से कौन सा है? • रामचन्द्र शुक्ल का कथन है - “ बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है. “ • रामचंद्र शुक्ल का कथन है “ बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है.” • रामचंद्र शुक्ल का कथन है “ बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है .“ • इसमें से कोई नहीं तुम्हारी निष्ठुरता तुम्हारी निर्लज्जता तुम्हारा अविवेक अन्याय विर्गहणीय है तुम धन्य हो तुम्हें धन्य हो तुम्हें धिक्कार है – इस वाक्य में सही स्थानों पर विराम चिन्ह लगाने से कौन सा वाक्य बनेगा ? • तुम्हारी निष्ठुरता; तुम्हारी निर्लाज्जता, तुम्हारा अविवेक ; अन्याय विर्गहणीय है। तुम धन्य हो, तुम्हें धिक्कार है। • तुम्हारी निष्ठुरता, तुम्हारी निर्लाज्जता, तुम्हारा अविवेक - अन्याय विर्गहणीय है। तुम धन्य हो ! तुम्हें धिक्कार है! • तुम्हारी निष्ठुरता, तुम्हारी निर्लाज्जता; तुम्हारा अविवेक, अन्याय विर्गहणीय है। तुम धन्य हो, तुम्हें धिक्कार है। • इनमें से कोई नहीं ” Dear Aspirants ” Rednotes आपकी तैयारी को आसान बनाने के लिए हर संभव कोशिश करने का पूरा प्रयास करती है। यहाँ पर आप भिन्न भिन्न प्रकार के टेस्ट दे सकते है जो सभी नए परीक्षा पैटर्न पर आधारित होते है। और यह टेस्ट आपकी तैयारी को और सुदृढ़ करने का काम कर...

Punctuation Marks in Hindi: Viram Chinh in English

अंग्रेजी वाक्य को सरलता से समझनेएवंलिखने के लिए, विराम चिह्न का प्रयोग सावधानीपूर्वक समझना अति आवश्यक है. क्योंकि, किसी अंग्रेजी वाक्यके माध्यम से क्या बताया जा रहा है. यह तब तक समझ नहीं आएगा जब तक Viram Chinh in English की जानकारी न हो. विराम चिह्न भिन्न भिन्न प्रकार के भाव और विचारों को स्पष्ट करने के लिए वाक्य के बीच एवं अंत में प्रयोग किया जाता है, जिसे अंग्रेजी वाक्य का ठहराव कहा जाता है, और इसी प्रक्रिया को विराम चिह्न के नाम से जाना जाता है. किसी भी भाषा में Viram Chinh का सर्वाधिक महत्व होता है. क्योंकि किसी सेंटेंस “हैं” बिना विराम चिन्ह का प्रयोग किए वाक्य अर्थ की अस्पष्टता संभव नहीं होती है.इसके प्रयोग से Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Punctuation Definition in Hindi अंग्रेजी या हिंदी लिखते समय समान Viram Chinh in English प्रयोग किया जाता है जिसका शब्दिक अर्थ है “रुकना” या “ठहरना” होता है. अधिकांशतः वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच-बिच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना आवश्यक होता है, जिससे वाक्य का भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो. लेकिन भाषा को लिखते समय ठहराव व्यक्त करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग किया जाता हैं, जिसे विराम-चिह्न और अंग्रेजी में पंक्चुएशन (Punctuation) कहा जाता है. अवश्य पढ़े, Types of Punctuation in Hindi लिखावट के अनुसार वाक्य के भाव को स्पष्ट करने के लिए या किसी विचार और उसके प्रसंगों को प्रकट करने के विभिन्न प्रकार के Viram Chinh in English का प्रयोग किए जाते है. इसका प्रयोग वाक्य में स्पष्टीकरण लाता है जो वाक्य के भाव को व्यक्त करता है. अंग्रेजी वाक्य में निम्न विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है जो इस प्रकार...