यण संधि

  1. यण संधि की परिभाषा और उदाहरण Yan Sandhi Ki Paribhasha evam Udaharan
  2. Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 15 Sandhi aur uske Bhed CBSE 2023
  3. Sandhi In Hindi
  4. अयादि संधि की परिभाषा, उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  5. यण संधि की परिभाषा और उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी
  6. Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 15 Sandhi aur uske Bhed CBSE 2023
  7. Sandhi In Hindi
  8. यण संधि की परिभाषा और उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी
  9. अयादि संधि की परिभाषा, उदाहरण सहित पूरी जानकारी
  10. यण संधि की परिभाषा और उदाहरण Yan Sandhi Ki Paribhasha evam Udaharan


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यण संधि की परिभाषा और उदाहरण Yan Sandhi Ki Paribhasha evam Udaharan

Advertisement यण संधि के उदाहरण • अधि + आय = अध्याय(इ + आ = या) इएवंआवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरयाबना देते हैं।अधिऔरआयकाअध्यायबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा। • अनु + एषण = अन्वेषण(उ + ए = व्) उएवंएवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरवबना देते हैं।अनुऔरएषणकाअन्वेषणबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा। Advertisement • अधि + अयन = अध्ययन(इ + अ = य) इएवंअवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरयबना देते हैं।अधिऔरअयनकाअध्ययनबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा। • अनु + इत = अन्वित(उ + इ = वि) इएवंआवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरविबना देते हैं।अनुऔरइतकाअन्वितबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा। Advertisement • इति + आदि = इत्यादि(इ + आ = या ) इएवंआवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरयाबना देते हैं।इतिऔरआदिकाइत्यादिबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संधि के अंतर्गत आएगा। • प्रति + एक = प्रत्येक(इ + ए = ये) इएवंएवह दो स्वर हैं जिनसे मुख्यतः संधि करने पर शब्दों में परिवर्तन आ रहा है। जब शब्दों कि संधि हो रही है तो ये दोनों स्वर मिलकरयेबना देते हैं।प्रतिऔरएककाप्रत्येकबन जाता है। अतः यह उदाहरण यण संध...

Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 15 Sandhi aur uske Bhed CBSE 2023

Class 8 Hindi Grammar Chapter 15 संधि (Sandhi). These contests of Hindi Vyakaran are prepared not only for CBSE Board but the state boards also and updated for session 2023-2024. Students will get here various examples of संधि and Sandhi ke bhed with complete explanation. Examples are prepared for class 8 standard in easy to understand format. Contents are free to use or download without any login or password. सामान्य रूप में संधि का अर्थ ‘मेल’ होता है। व्याकरण में इसका अर्थ दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार होता है। दो वर्णों के निकट आने से उनमें ध्वनि-संबंधी मेल उत्पन्न हो जाता है, इसे ही संधि कहते हैं। जैसे: • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ – यहाँ धर्म के अंत में “अ” और अर्थ के आरंभ में “अ” है। दोनों को मिलाकर “आ” हो गया। “अ” तथा “अ” दोनों वर्ण स्वर है। • परमानंद = परम + आनंद – “परम” और “आनंद” शब्दों से मिलकर “परमानंद” शब्द बना है। ...

Sandhi In Hindi

संधि (Sandhi) संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। जिसका अर्थ होता है ‘मिलना ‘। हमारी हिंदी भाषा में संधि के द्वारा पुरे शब्दों को लिखने की परम्परा नहीं है। लेकिन संस्कृत में संधि के बिना कोई काम नहीं चलता। संस्कृत की व्याकरण की परम्परा बहुत पुरानी है। संस्कृत भाषा को अच्छी तरह जानने के लिए व्याकरण को पढना जरूरी है। शब्द रचना में भी संधियाँ काम करती हैं। जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं। अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग-अलग करके पहले की तरह करना ही संधि विच्छेद कहलाता है। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनती हैं तब जो परिवर्तन होता है , उसे संधि कहते हैं। उदहारण :- हिमालय = हिम + आलय , सत् + आनंद =सदानंद। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि 1. स्वर संधि क्या होती है :- जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। हिंदी में स्वरों की संख्या ग्यारह होती है। बाकी के अक्षर व्यंजन होते हैं। जब दो स्वर मिलते हैं जब उससे जो तीसरा स्वर बनता है उसे स्वर संधि कहते हैं। उदहारण :- विद्या + आलय = विद्यालय। स्वर संधि पांच प्रकार की होती हैं :- (क) दीर्घ संधि (ख) गुण संधि (क) दीर्घ संधि का होती है :- जब ( अ , आ ) के साथ ( अ , आ ) हो तो ‘ आ ‘ बनता है , जब ( इ , ई ) के साथ ( इ , ई ) हो तो ‘ ई ‘ बनता है , जब ( उ , ऊ ) के साथ ( उ , ऊ ) हो तो ‘ ऊ ‘ बनता है। अथार्त सूत्र – अक: सवर्ण – दीर्घ: मतलब अक प्रत्याहार के बाद अगर सवर्ण हो तो दो मिलकर दीर्घ बनते हैं। दूसरे शब्दों में हम कहें तो जब दो सुजातीय स्वर आस – पास आते हैं तब जो स्वर बनता...

अयादि संधि की परिभाषा, उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अयादि संधि स्वर संधि का भेद है , संधि का अर्थ है मेल करना। स्वर संधि के अंतर्गत दो स्वरों के मेल से नए स्वर के रूप में परिवर्तन ही स्वर संधि कहलाता है। इस लेख में आप अयादि संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे इन्हें किस प्रकार बनाया जाता है, इसका अभ्यास करेंगे। अंततः आप अयादि संधि से भलीभांति परिचित होंगे और अपनी परीक्षा की तैयारी करेंगे। अयादि संधि की परिभाषा और उदाहरण ‘ए’ या ‘ऐ’ का किसी भिन्न स्वर से मेल होने पर क्रमशः अय् , आय् हो जाता है। ‘ओ’, ‘औ’ का किसी भिन्न स्वर से मिल होने पर क्रमशः ‘ अव्’, ‘आव्’ हो जाता है जैसे – ए + अ = अय् ने + अन नयन “ शे + अन शयन ऐ + अ = आय् नै + अक नायक “ सै + अक सायक “ गै + अक गायक “ गै + अन गायन ऐ + इ = आयि गै + इका गायिका “ नै + इका नायिका ओ + अ = अव् पो + अन पवन “ भो + अन भवन ओ + इ = अवि भो + इष्य भविष्य “ पो + इत्र पवित्र “ हो + अन हवन औ + इ = आवि नौ + इक नाविक औ + अ = आव् पौ + अन पावन “ पौ + अक पावक औ + उ = आवु भौ + उक भावुक यह भी पढ़ें विशेषण निष्कर्ष उपरोक्त अयादि संधि का विस्तृत रूप से हमने अध्ययन किया और उस में आने वाले परिवर्तन को भी बारीकी से समझा। यह स्वर संधि का एक भेद है जिसमें दो स्वरों के मेल से नए स्वर के रूप में परिवर्तन आता है। आशा है यह लेख आपको पसंद आया है, संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें। Categories Tags

यण संधि की परिभाषा और उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी

यण संधि का संबंध स्वर संधि से है, दो स्वर की मात्राएं के मिलने से नए स्वर की उत्पत्ति इस संधि के अंतर्गत होती है। इस लेख में आप यण संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। यह प्रतियोगी परीक्षा तथा विद्यालय विश्वविद्यालय आदि के लिए कारगर लेख है। संधि किसे कहते हैं? किसी दो के बीच के मेल को संधि कहते हैं। संधि दो शब्द या अक्षर के मिलने के कारण होता है। संधि तीन प्रकार के माने गए हैं, स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। यण संधि की पूरी जानकारी इ ई उ ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य। उ / ऊ का व और ऋ का र हो जाता है जैसे – इ + अ = य अति + अधिक अत्यधिक “ यदि + अपि यद्यपि “ अति + अंत अत्यंत “ गति + अवरोध गत्यवरोध इ + आ = या परि + आवरण पर्यावरण “ इति + आदि इत्यादि “ अति + आचरण अत्याचार “ वि + आप्त व्याप्त “ अभि + आगत अभ्यागत ई + अ = य देवी + अर्पण देव्यर्पण “ सखी + अपराध सख्यपराध ई + आ = या देवी + आगमन देव्यागमन “ देवी + आलय देव्यालय “ सखी + आगम सख्याग्म इ + उ = यु उपरि + उक्त उपर्युक्त “ प्रति + उपकार प्रत्युपकार “ प्रति + उत्तर प्रत्युत्तर “ अभि + उदय अभ्युदय इ + ऊ = यू नि + ऊन न्यून “ वि + ऊह व्यूह ई + उ = यु सखी + उपेक्षा सख्युपेक्षा “ नदी + उद्गम नदयुद्गम ई + ऊ = यू नदी + उर्जा नदयूर्जा “ नदी + उर्मी नदयूर्मी इ + ए = ये प्रति + एक प्रत्येक “ अधि + एषणा अध्येषणा ई + ऐ = यै नदी + ऐश्वर्य नाद्यैश्वर्य “ सखी + ऐश्वर्य सख्यैश्वर्य उ + अ =व अनु + अय अन्वय “ सु + अच्छ स्वच्छ “ सु + अल्प स्वल्प “ मधु + अरि मध्वरि उ + आ = वा सु + आगत स्वागत “ गुरु + आकृति गुर्वाकृति “ गुरु + आदेश गुर्वादेश उ + इ = वि अनु + इति अन्विति “ अनु + इत अन्वित उ + ई = वी अनु + ईक्षण अन्वीक्षण “ अनु + ईक्...

Class 8 Hindi Vyakaran Chapter 15 Sandhi aur uske Bhed CBSE 2023

Class 8 Hindi Grammar Chapter 15 संधि (Sandhi). These contests of Hindi Vyakaran are prepared not only for CBSE Board but the state boards also and updated for session 2023-2024. Students will get here various examples of संधि and Sandhi ke bhed with complete explanation. Examples are prepared for class 8 standard in easy to understand format. Contents are free to use or download without any login or password. सामान्य रूप में संधि का अर्थ ‘मेल’ होता है। व्याकरण में इसका अर्थ दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार होता है। दो वर्णों के निकट आने से उनमें ध्वनि-संबंधी मेल उत्पन्न हो जाता है, इसे ही संधि कहते हैं। जैसे: • धर्म + अर्थ = धर्मार्थ – यहाँ धर्म के अंत में “अ” और अर्थ के आरंभ में “अ” है। दोनों को मिलाकर “आ” हो गया। “अ” तथा “अ” दोनों वर्ण स्वर है। • परमानंद = परम + आनंद – “परम” और “आनंद” शब्दों से मिलकर “परमानंद” शब्द बना है। ...

Sandhi In Hindi

संधि (Sandhi) संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। जिसका अर्थ होता है ‘मिलना ‘। हमारी हिंदी भाषा में संधि के द्वारा पुरे शब्दों को लिखने की परम्परा नहीं है। लेकिन संस्कृत में संधि के बिना कोई काम नहीं चलता। संस्कृत की व्याकरण की परम्परा बहुत पुरानी है। संस्कृत भाषा को अच्छी तरह जानने के लिए व्याकरण को पढना जरूरी है। शब्द रचना में भी संधियाँ काम करती हैं। जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं। अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग-अलग करके पहले की तरह करना ही संधि विच्छेद कहलाता है। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनती हैं तब जो परिवर्तन होता है , उसे संधि कहते हैं। उदहारण :- हिमालय = हिम + आलय , सत् + आनंद =सदानंद। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि 1. स्वर संधि क्या होती है :- जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। हिंदी में स्वरों की संख्या ग्यारह होती है। बाकी के अक्षर व्यंजन होते हैं। जब दो स्वर मिलते हैं जब उससे जो तीसरा स्वर बनता है उसे स्वर संधि कहते हैं। उदहारण :- विद्या + आलय = विद्यालय। स्वर संधि पांच प्रकार की होती हैं :- (क) दीर्घ संधि (ख) गुण संधि (क) दीर्घ संधि का होती है :- जब ( अ , आ ) के साथ ( अ , आ ) हो तो ‘ आ ‘ बनता है , जब ( इ , ई ) के साथ ( इ , ई ) हो तो ‘ ई ‘ बनता है , जब ( उ , ऊ ) के साथ ( उ , ऊ ) हो तो ‘ ऊ ‘ बनता है। अथार्त सूत्र – अक: सवर्ण – दीर्घ: मतलब अक प्रत्याहार के बाद अगर सवर्ण हो तो दो मिलकर दीर्घ बनते हैं। दूसरे शब्दों में हम कहें तो जब दो सुजातीय स्वर आस – पास आते हैं तब जो स्वर बनता...

यण संधि की परिभाषा और उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी

यण संधि का संबंध स्वर संधि से है, दो स्वर की मात्राएं के मिलने से नए स्वर की उत्पत्ति इस संधि के अंतर्गत होती है। इस लेख में आप यण संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। यह प्रतियोगी परीक्षा तथा विद्यालय विश्वविद्यालय आदि के लिए कारगर लेख है। संधि किसे कहते हैं? किसी दो के बीच के मेल को संधि कहते हैं। संधि दो शब्द या अक्षर के मिलने के कारण होता है। संधि तीन प्रकार के माने गए हैं, स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। यण संधि की पूरी जानकारी इ ई उ ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य। उ / ऊ का व और ऋ का र हो जाता है जैसे – इ + अ = य अति + अधिक अत्यधिक “ यदि + अपि यद्यपि “ अति + अंत अत्यंत “ गति + अवरोध गत्यवरोध इ + आ = या परि + आवरण पर्यावरण “ इति + आदि इत्यादि “ अति + आचरण अत्याचार “ वि + आप्त व्याप्त “ अभि + आगत अभ्यागत ई + अ = य देवी + अर्पण देव्यर्पण “ सखी + अपराध सख्यपराध ई + आ = या देवी + आगमन देव्यागमन “ देवी + आलय देव्यालय “ सखी + आगम सख्याग्म इ + उ = यु उपरि + उक्त उपर्युक्त “ प्रति + उपकार प्रत्युपकार “ प्रति + उत्तर प्रत्युत्तर “ अभि + उदय अभ्युदय इ + ऊ = यू नि + ऊन न्यून “ वि + ऊह व्यूह ई + उ = यु सखी + उपेक्षा सख्युपेक्षा “ नदी + उद्गम नदयुद्गम ई + ऊ = यू नदी + उर्जा नदयूर्जा “ नदी + उर्मी नदयूर्मी इ + ए = ये प्रति + एक प्रत्येक “ अधि + एषणा अध्येषणा ई + ऐ = यै नदी + ऐश्वर्य नाद्यैश्वर्य “ सखी + ऐश्वर्य सख्यैश्वर्य उ + अ =व अनु + अय अन्वय “ सु + अच्छ स्वच्छ “ सु + अल्प स्वल्प “ मधु + अरि मध्वरि उ + आ = वा सु + आगत स्वागत “ गुरु + आकृति गुर्वाकृति “ गुरु + आदेश गुर्वादेश उ + इ = वि अनु + इति अन्विति “ अनु + इत अन्वित उ + ई = वी अनु + ईक्षण अन्वीक्षण “ अनु + ईक्...

अयादि संधि की परिभाषा, उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अयादि संधि स्वर संधि का भेद है , संधि का अर्थ है मेल करना। स्वर संधि के अंतर्गत दो स्वरों के मेल से नए स्वर के रूप में परिवर्तन ही स्वर संधि कहलाता है। इस लेख में आप अयादि संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे इन्हें किस प्रकार बनाया जाता है, इसका अभ्यास करेंगे। अंततः आप अयादि संधि से भलीभांति परिचित होंगे और अपनी परीक्षा की तैयारी करेंगे। अयादि संधि की परिभाषा और उदाहरण ‘ए’ या ‘ऐ’ का किसी भिन्न स्वर से मेल होने पर क्रमशः अय् , आय् हो जाता है। ‘ओ’, ‘औ’ का किसी भिन्न स्वर से मिल होने पर क्रमशः ‘ अव्’, ‘आव्’ हो जाता है जैसे – ए + अ = अय् ने + अन नयन “ शे + अन शयन ऐ + अ = आय् नै + अक नायक “ सै + अक सायक “ गै + अक गायक “ गै + अन गायन ऐ + इ = आयि गै + इका गायिका “ नै + इका नायिका ओ + अ = अव् पो + अन पवन “ भो + अन भवन ओ + इ = अवि भो + इष्य भविष्य “ पो + इत्र पवित्र “ हो + अन हवन औ + इ = आवि नौ + इक नाविक औ + अ = आव् पौ + अन पावन “ पौ + अक पावक औ + उ = आवु भौ + उक भावुक यह भी पढ़ें विशेषण निष्कर्ष उपरोक्त अयादि संधि का विस्तृत रूप से हमने अध्ययन किया और उस में आने वाले परिवर्तन को भी बारीकी से समझा। यह स्वर संधि का एक भेद है जिसमें दो स्वरों के मेल से नए स्वर के रूप में परिवर्तन आता है। आशा है यह लेख आपको पसंद आया है, संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें। Categories Tags

यण संधि की परिभाषा और उदाहरण Yan Sandhi Ki Paribhasha evam Udaharan

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