12 रबी उल अव्वल कब है 2022

  1. मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? – ElegantAnswer.com
  2. 2022 में 12 वफात कब है? – Expert
  3. 11. रबी उल आखिर
  4. Rabi Ul Awwal 2022: कब शुरू हो रहा है रबी
  5. 2022 में 12 रवि अव्वल कब है? – Expert
  6. Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 in India Live News Updates: भारत में कल नजर आ सकता है रबी अल
  7. 2022 में 12 वफात कब है? – Expert
  8. 11. रबी उल आखिर
  9. मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? – ElegantAnswer.com
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मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? – ElegantAnswer.com

मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? इसे सुनेंरोकेंक्यों मनाई जाती है ईद मिलादुन्नबी 571 ईसवी, को सऊदी अरब के शहर मक्का में पैगंबर साहब हजरत मुहम्मद (सल्ल) का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। हजरत मुहम्मद (सल्ल) ने ही इस्लाम धर्म को मजबूती के साथ पूरी दुनिया में कायम किया है। 12 वफात किसकी याद में मनाया जाता है? इसे सुनेंरोकेंबारावफात के दिन को सुन्नी समुदाय के मुसलमानों द्वारा मोहम्मद साहब के इंतकाल के कारण शोक के रुप में मनाया जाता है। इस दिन सुन्नीयों द्वारा मोहम्मद साहब के विचारों और मार्गों को याद किया जाता है। मौलीद (मीलादुन नबी) उद्देश्य ह.मुहम्मद की जन्म तिथी अनुष्ठान उपवास, जन उत्सव, धार्मिक गान, कुटुंब और सामाजिक सम्मेलन, घर और गलियों का अलंकरण तिथि 12 रबी अल-अव्वल (सुन्नी इस्लाम), 17 रबी अल-अव्वल (शिया इस्लाम) आवृत्ति वार्शिक बारावफात का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकें’ईद ए मिलाद’ (मीलाद उन-नबी) को बारावफात कहा जाता है. ये अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है पैगम्बर साहब का जन्म दन. इस दिन विशेष धार्मिक पर्वो का आयोजन किया जाता है. ऐसा माना जाता है जो इस दिन पैगम्बर की शिक्षाओं पर चलने का प्रण लेता है उसे मृत्यु पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है. बारावफात क्या तारीख की है? इसे सुनेंरोकेंदुनियाभर, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल यानि 2021 को ये पैगंबर हजरत का जन्मदिन 19 अक्टूबर को पड़ेगा. 12 रबी उल अव्वल कब है 2021? इसे सुनेंरोकेंसारांश – वर्ष 2021 में, भारत में मिलादुन्नबी का त्यौहार 19 अक्टूबर को हुआ था . वर्ष...

2022 में 12 वफात कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • 2022 में 12 वफात कब है? वर्ष 2022 में बारावाफात या मीलाद उन नबी का यह पर्व 9 अक्टूबर, रविवार के दिन मनाया जायेगा। 12 वफात कौन से दिन है? दुनियाभर, खासकर भारत में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है. इस साल यानी 2021 में ईद मिलाद उन नबी पूरे भारत में 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन अथवा जन्म उत्सव को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाया जाता है. 12 रबी उल अव्वल कब है 2021? बारावफात 2021 Date: मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार यह दिन रबी अल-अव्वल महीने के 12वें दिन पड़ता है। मिलादुन्नबी या ईद-ए-मिलाद इस साल 2021 में 19 अक्टूबर को मंगलवार के दिन हैं। 12 वफात का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? बारावफात पर क्या होता है खास? हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व को बारावफात या ईद मिलादुन्नबी कहते हैं. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर मस्जिदों में इबादत करते हैं और जलसा (इस्लामिक सभा) का आयोजन होता है. बारावफात का मतलब क्या है? ‘ईद ए मिलाद’ (मीलाद उन-नबी) को बारावफात कहा जाता है. ये अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है पैगम्बर साहब का जन्म दन. इस दिन विशेष धार्मिक पर्वो का आयोजन किया जाता है. ऐसा माना जाता है जो इस दिन पैगम्बर की शिक्षाओं पर चलने का प्रण लेता है उसे मृत्यु पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है. READ: इंग्लिश में बातें कैसे करना सीखे? बारावफात का मतलब क्या होता है? ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस शब्द का मतलब होता ...

11. रबी उल आखिर

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 1. इस्लामी तारीख मुसलमानों की हिजरते हबशा जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान और ईमान की हिफाजत के लिये मुल्के हबशा चला जाए। वहाँ का बादशाह किसी पर जुल्म नहीं करता, वह एक अच्छा मुल्क है। उस के बाद सहाबा की एक छोटी सी जमात माहे रज्जब सन ५ नबवी में हबशा रवाना हुई। उन में खलीफ-ए-राशिद हजरत उस्मान गनी (र.अ) है और उन की जौज-ए-मुहतरमा और हुजूर (ﷺ) की साहबजादी हज़रत रुकय्या भी थीं। कुफ्फार ने इन लोगों की हिजरत की खबर सुन कर पीछा किया, मगर कुफ्फार के पहुँचने से पहले ही कश्तियाँ जिद्दा की बंदरगाह से निकल चुकी थीं। हबशा पहुँच कर मुसलमान अमन व सुकून से जिन्दगी गुज़ार रहे थे। उनके बाद और लोगों ने भी हिजरत की जिन की तादाद सौ से जाइद थी और उस में हुजूर (ﷺ) के चचाजाद भाई हज़रत जाफर (र.अ) भी थे। इन हजरात ने जो हिजरत की थी.वह सिर्फ अपने जिस्म व जान ही की हिफाजत के लिये नहीं, बल्के असलन अपने दीन व ईमान बचाने और इत्मीनान के साथ अल्लाह की इबादत करने के लिये हिजरत की थी। 📕 2. अल्लाह की कुदरत आतिश फ़िशाँ (लावा, वालकेनो) आतिश फिशाँ वह आग है, जो ज़मीन के अन्दर की धातों को पिघला कर बाहर निकालती है, जब वह बाहर निकलती है, तो बेपनाह जानी माली नुकसान होता है, यही नहीं बल्के चिकना और चटयल मैदान बना देता है। दुनिया के तरक्क्रीयाफ्ता लोग आज तक इसकी रोकथाम के लिये न कोई मशीन, न कोई इंतेज़ाम और न कोई मालूमात खास हासिल कर सके, के कब निकलेगा, कितना निकलेगा, कहाँ से निकलेगा और कब तक निकलेगा। यह कौन है जो जमीन से आग का गोला निकालता है। यकीनन वह अल्लाह ही की जात ...

Rabi Ul Awwal 2022: कब शुरू हो रहा है रबी

Rabi Ul Awwal 2022: कब शुरू हो रहा है रबी-उल-अव्वल माह? जानें इस्लाम धर्म में क्या है इसका महत्व एवं इतिहास? रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा, यानी 29 दिन का होगा यह महीना. यद्यपि अंतिम निर्णय ‘रुएत ए हिलाल’ अथवा चांद दिखने पर निर्भर करेगा. रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा, यानी 29 दिन का होगा यह महीना. यद्यपि अंतिम निर्णय ‘रुएत ए हिलाल’ अथवा चांद दिखने पर निर्भर करेगा. इस्लाम धर्म में इस महीने का खास महत्व बताया जाता है. रबी उल अव्वल वस्तुतः अरबी शब्द है. यहां रबी का आशय वसंत और उल-अव्वल का मतलब प्रथम है. सर्दी (तकलीफ) के बाद वसंत (खुशी) का माह होता है. इस माह को पॉजिटिविटी से भरपूर माह माना जाता है. चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र गणना पर आधारित होता है, इसलिए रबी उल अव्वल महीना किसी भी मौसम में पड़ सकता है. इसका हिंदी वसंत माह से कोई सरोकार नहीं है. बताया जाता है कि अरब देशों में पहली रबी उल अव्वल 2022 वास्तव में 26 सितंबर को है, वहीं दक्षिण एशियाई देशों में रबी उल अव्वल माह इस्लामिक कैलेंडर की पहली तारीख 27 सितंबर को पड़ेगी. यह तारीख चांद दिखने के अनुसार ही अपडेट हो जाता है. रबी उल अव्वल का इतिहास एवं महत्व रबी उल अव्वल महीना इस्लामी दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इसी माह पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन भी मनाया जाता है. मान्यता है कि उनका जन्म रबी उल अव्वल माह में ...

2022 में 12 रवि अव्वल कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 2022 में 12 रवि अव्वल कब है? ईद मिलादुन्नबी क्यों मनाया जाता है त्यौहार का नाम बारावफात या ईद मिलादुन्नबी या 12 रबी उल अव्वल कब है 2022 तारीख 12 रबी अल-अव्वल (सुन्नी इस्लाम), 17 रबी अल-अव्वल (शिया इस्लाम) ईद मिलादुन्नबी कब है 2022 बारावफात या ईद मिलादुन्नबी या 12 रबी उल अव्वल, शुक्रवार के दिन और तारीख 7 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा 12 वफात कौन सी तारीख को है? दुनियाभर, खासकर भारत में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है. इस साल यानी 2021 में ईद मिलाद उन नबी पूरे भारत में 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. 2021 में 12 रबी उल अव्वल कब है? सारांश – वर्ष 2021 में, भारत में मिलादुन्नबी का त्यौहार 19 अक्टूबर को हुआ था . वर्ष 2022 के लिए 27 सितंबर को रबी अल-अव्वल महीने का चाँद देखा जा सकता है. 28 सितंबर 2022 को रबी अल-अव्वल महीने की पहली तारीख हो सकता है. अलबत्ता 12 रबी अल-अव्वल 09 अक्टूबर को हो सकता है. गूगल बताओ 12 रवि अव्वल कब है? इस साल 2021 में ईद मिलाद उन नबी ( bara rabi awal kab hai) या बारावफात 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। बारावफात का मतलब क्या होता है? ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस शब्द का मतलब होता है बारह दिन जिसमें पैगंबर की तबियत खराब होने की वजह से मृत्यु हो गयी थी। लखनऊ के जयनगर तकरोही इंदिरानगर के रहने वाले मौलाना मोहम्मद अनवार हुसैन ने बताया कि ये दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाता है। 12 वफात का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? बारावफात पर क्या होता है खास? हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदि...

Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 in India Live News Updates: भारत में कल नजर आ सकता है रबी अल

Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 In India: रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा, यानी यह महीना 29 दिन का होगा. रबी-उल-अव्वल का चांद आज नजर आ सकता है. यद्यपि अंतिम निर्णय ‘रुएत ए हिलाल’ अथवा चांद दिखने पर निर्भर करेगा. इस्लाम धर्म में इस महीने का खास महत्व बताया जाता है. रबी उल अव्वल वस्तुतः अरबी शब्द है. यहां रबी का आशय वसंत और उल-अव्वल का मतलब प्रथम है. सर्दी (तकलीफ) के बाद वसंत (खुशी) का माह होता है. इस माह को पॉजिटिविटी से भरपूर माह माना जाता है. चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र गणना पर आधारित होता है, इसलिए रबी उल अव्वल महीना किसी भी मौसम में पड़ सकता है. इसका हिंदी वसंत माह से कोई सरोकार नहीं है. बताया जाता है कि अरब देशों में पहली रबी उल अव्वल 2022 वास्तव में 26 सितंबर को है, वहीं दक्षिण एशियाई देशों में रबी उल अव्वल माह इस्लामिक कैलेंडर की पहली तारीख 27 सितंबर को पड़ेगी. यह तारीख चांद दिखने के अनुसार ही अपडेट हो जाता है. रबी उल अव्वल का इतिहास एवं महत्व रबी उल अव्वल महीना इस्लामी दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इसी माह पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन भी मनाया जाता है. मान्यता है कि उनका जन्म रबी उल अव्वल माह में 12वीं तारीख को हुआ था, जिसे ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है. रबी उल अव्वल माह में विशेष नमाज अथवा रोजा रखने आदि का कोई निर्देश नहीं है. अलबत्ता सूरह अंबिया की 21वीं आयत पैगंबर मुहम्मद के जन्म का उल्लेख इस रूप में किया गया है कि, मुहम्मद पैगंबर का जन्म पूरी मानव जाति के लिए एक आशी...

2022 में 12 वफात कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • 2022 में 12 वफात कब है? वर्ष 2022 में बारावाफात या मीलाद उन नबी का यह पर्व 9 अक्टूबर, रविवार के दिन मनाया जायेगा। 12 वफात कौन से दिन है? दुनियाभर, खासकर भारत में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है. इस साल यानी 2021 में ईद मिलाद उन नबी पूरे भारत में 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन अथवा जन्म उत्सव को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाया जाता है. 12 रबी उल अव्वल कब है 2021? बारावफात 2021 Date: मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार यह दिन रबी अल-अव्वल महीने के 12वें दिन पड़ता है। मिलादुन्नबी या ईद-ए-मिलाद इस साल 2021 में 19 अक्टूबर को मंगलवार के दिन हैं। 12 वफात का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? बारावफात पर क्या होता है खास? हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन को पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व को बारावफात या ईद मिलादुन्नबी कहते हैं. इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग रात भर मस्जिदों में इबादत करते हैं और जलसा (इस्लामिक सभा) का आयोजन होता है. बारावफात का मतलब क्या है? ‘ईद ए मिलाद’ (मीलाद उन-नबी) को बारावफात कहा जाता है. ये अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है पैगम्बर साहब का जन्म दन. इस दिन विशेष धार्मिक पर्वो का आयोजन किया जाता है. ऐसा माना जाता है जो इस दिन पैगम्बर की शिक्षाओं पर चलने का प्रण लेता है उसे मृत्यु पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है. READ: हम अपने फोन में रिचार्ज कैसे कर सकते हैं? बारावफात का मतलब क्या होता है? ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। इस शब्द का मत...

11. रबी उल आखिर

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • 1. इस्लामी तारीख मुसलमानों की हिजरते हबशा जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान और ईमान की हिफाजत के लिये मुल्के हबशा चला जाए। वहाँ का बादशाह किसी पर जुल्म नहीं करता, वह एक अच्छा मुल्क है। उस के बाद सहाबा की एक छोटी सी जमात माहे रज्जब सन ५ नबवी में हबशा रवाना हुई। उन में खलीफ-ए-राशिद हजरत उस्मान गनी (र.अ) है और उन की जौज-ए-मुहतरमा और हुजूर (ﷺ) की साहबजादी हज़रत रुकय्या भी थीं। कुफ्फार ने इन लोगों की हिजरत की खबर सुन कर पीछा किया, मगर कुफ्फार के पहुँचने से पहले ही कश्तियाँ जिद्दा की बंदरगाह से निकल चुकी थीं। हबशा पहुँच कर मुसलमान अमन व सुकून से जिन्दगी गुज़ार रहे थे। उनके बाद और लोगों ने भी हिजरत की जिन की तादाद सौ से जाइद थी और उस में हुजूर (ﷺ) के चचाजाद भाई हज़रत जाफर (र.अ) भी थे। इन हजरात ने जो हिजरत की थी.वह सिर्फ अपने जिस्म व जान ही की हिफाजत के लिये नहीं, बल्के असलन अपने दीन व ईमान बचाने और इत्मीनान के साथ अल्लाह की इबादत करने के लिये हिजरत की थी। 📕 2. अल्लाह की कुदरत आतिश फ़िशाँ (लावा, वालकेनो) आतिश फिशाँ वह आग है, जो ज़मीन के अन्दर की धातों को पिघला कर बाहर निकालती है, जब वह बाहर निकलती है, तो बेपनाह जानी माली नुकसान होता है, यही नहीं बल्के चिकना और चटयल मैदान बना देता है। दुनिया के तरक्क्रीयाफ्ता लोग आज तक इसकी रोकथाम के लिये न कोई मशीन, न कोई इंतेज़ाम और न कोई मालूमात खास हासिल कर सके, के कब निकलेगा, कितना निकलेगा, कहाँ से निकलेगा और कब तक निकलेगा। यह कौन है जो जमीन से आग का गोला निकालता है। यकीनन वह अल्लाह ही की जात ...

मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? – ElegantAnswer.com

मिलादुन्नबी क्यों मनाई जाती है? इसे सुनेंरोकेंक्यों मनाई जाती है ईद मिलादुन्नबी 571 ईसवी, को सऊदी अरब के शहर मक्का में पैगंबर साहब हजरत मुहम्मद (सल्ल) का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। हजरत मुहम्मद (सल्ल) ने ही इस्लाम धर्म को मजबूती के साथ पूरी दुनिया में कायम किया है। 12 वफात किसकी याद में मनाया जाता है? इसे सुनेंरोकेंबारावफात के दिन को सुन्नी समुदाय के मुसलमानों द्वारा मोहम्मद साहब के इंतकाल के कारण शोक के रुप में मनाया जाता है। इस दिन सुन्नीयों द्वारा मोहम्मद साहब के विचारों और मार्गों को याद किया जाता है। मौलीद (मीलादुन नबी) उद्देश्य ह.मुहम्मद की जन्म तिथी अनुष्ठान उपवास, जन उत्सव, धार्मिक गान, कुटुंब और सामाजिक सम्मेलन, घर और गलियों का अलंकरण तिथि 12 रबी अल-अव्वल (सुन्नी इस्लाम), 17 रबी अल-अव्वल (शिया इस्लाम) आवृत्ति वार्शिक बारावफात का मतलब क्या है? इसे सुनेंरोकें’ईद ए मिलाद’ (मीलाद उन-नबी) को बारावफात कहा जाता है. ये अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है पैगम्बर साहब का जन्म दन. इस दिन विशेष धार्मिक पर्वो का आयोजन किया जाता है. ऐसा माना जाता है जो इस दिन पैगम्बर की शिक्षाओं पर चलने का प्रण लेता है उसे मृत्यु पश्चात स्वर्ग की प्राप्ति होती है. बारावफात क्या तारीख की है? इसे सुनेंरोकेंदुनियाभर, खासकर भारतीय उपमहाद्वीप में यह दिन बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन को ही ईद मिलाद उन नबी या फिर बारावफात कहा जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक इस साल यानि 2021 को ये पैगंबर हजरत का जन्मदिन 19 अक्टूबर को पड़ेगा. 12 रबी उल अव्वल कब है 2021? इसे सुनेंरोकेंसारांश – वर्ष 2021 में, भारत में मिलादुन्नबी का त्यौहार 19 अक्टूबर को हुआ था . वर्ष...

Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 in India Live News Updates: भारत में कल नजर आ सकता है रबी अल

Rabi Ul Awwal Moon Sighting 2022 In India: रबी उल अव्वल इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. इस्लामी महीना 29 या 30 दिन का होता है. इस वर्ष रबी उल अव्वल का महीना 27 सितंबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा, यानी यह महीना 29 दिन का होगा. रबी-उल-अव्वल का चांद आज नजर आ सकता है. यद्यपि अंतिम निर्णय ‘रुएत ए हिलाल’ अथवा चांद दिखने पर निर्भर करेगा. इस्लाम धर्म में इस महीने का खास महत्व बताया जाता है. रबी उल अव्वल वस्तुतः अरबी शब्द है. यहां रबी का आशय वसंत और उल-अव्वल का मतलब प्रथम है. सर्दी (तकलीफ) के बाद वसंत (खुशी) का माह होता है. इस माह को पॉजिटिविटी से भरपूर माह माना जाता है. चूंकि इस्लामिक कैलेंडर चंद्र गणना पर आधारित होता है, इसलिए रबी उल अव्वल महीना किसी भी मौसम में पड़ सकता है. इसका हिंदी वसंत माह से कोई सरोकार नहीं है. बताया जाता है कि अरब देशों में पहली रबी उल अव्वल 2022 वास्तव में 26 सितंबर को है, वहीं दक्षिण एशियाई देशों में रबी उल अव्वल माह इस्लामिक कैलेंडर की पहली तारीख 27 सितंबर को पड़ेगी. यह तारीख चांद दिखने के अनुसार ही अपडेट हो जाता है. रबी उल अव्वल का इतिहास एवं महत्व रबी उल अव्वल महीना इस्लामी दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इसी माह पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन भी मनाया जाता है. मान्यता है कि उनका जन्म रबी उल अव्वल माह में 12वीं तारीख को हुआ था, जिसे ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है. रबी उल अव्वल माह में विशेष नमाज अथवा रोजा रखने आदि का कोई निर्देश नहीं है. अलबत्ता सूरह अंबिया की 21वीं आयत पैगंबर मुहम्मद के जन्म का उल्लेख इस रूप में किया गया है कि, मुहम्मद पैगंबर का जन्म पूरी मानव जाति के लिए एक आशी...