15 अगस्त को क्या हुआ था

  1. Independence Day of india: Why was August 15 chosen
  2. What happened in India sixty days before independence on 15 August 1947
  3. 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है इसका कारण क्या है? – ElegantAnswer.com
  4. जाने 15 अगस्त के इतिहास के पन्ने को / 15 August Aaj Ka Itihaas
  5. 15 अगस्त 1947 के दिन क्या हुआ था?


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Independence Day of india: Why was August 15 chosen

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों से आजाद हुआ था, लेकिन राष्ट्रभक्त भारतीयों ने अपना पहला 'स्वतंत्रता दिवस' इससे 17 साल पहले ही मना लिया था. वो 'स्वतंत्रता दिवस' 26 जनवरी 1930 को मनाया गया था. उसका मुख्य मकसद था कि देशवासियों में राष्ट्रवादी भावना का संचार हो और ब्रिटिश सरकार आजादी की मांग को गंभीरता से ले. रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ में लिखा है कि गांधीजी ने सलाह दी थी कि इन बैठकों का वक्त पारंपरिक रूप से ढोल-नगाड़ा पीटकर प्रचारित किया जाए, समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय झंडे को फहराकर की जाए, दिन का बाकी हिस्सा रचनात्मक कामों को करके बिताया जाए, चाहे यह चरखा काटना हो, ‘अछूतों’ की सेवा करना हो, हिंदू-मुसलमानों का मिलन हो या कोई काम करने से इनकार करना हो. उन्होंने कहा कि इसमें हिस्सा लेने वाले लोग यह शपथ लें कि जनवरी 1930 के आखरी रविवार को 'आजादी का दिन' घोषित करने संबंधी प्रस्ताव लाहौर में पास किया गया था, जहां कांग्रेस अपना वार्षिक अधिवेशन कर रही थी. इस दिन को लेकर नेहरू ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, ''हर जगह लोगों की भारी भीड़ बिना किसी आवाज या शोरगुल के शांतिपूर्वक और पूर्णनिष्ठा से आजादी की शपथ ले रही थी. वो दृश्य बहुत ही प्रभावशाली था और उसमें जरूर कोई खास बात थी.'' आजादी के लिए चुना गया 15 अगस्त का दिन 1930 के बाद से हर साल कांग्रेसी मानसिकता वाले भारतीय 26 जनवरी को 'स्वतंत्रता दिवस' के तौर पर मनाने लगे. हालांकि, साल 1947 में जब भारत को आजादी मिलना तय हुई तो अंग्रेजों ने सत्ता ट्रांसफर का दिन 15 अगस्त तय किया. रामचंद्र गुहा ने लिखा है कि इस दिन को वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने चुना था क्योंकि इसी दिन दूसरे वर्ल्ड वॉर में मित्रराष्ट्रों के सामने जापानी से...

What happened in India sixty days before independence on 15 August 1947

नई दिल्ली: क्या आपको पता है कि 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी (Independence Day) के 60 दिन पहले भारत (India) में क्या-क्या हुआ था. कई ऐसी सच्चाई हैं जिनके बारे में हमारी पीढ़ी नहीं जानती है. इसमें भारत-पाकिस्तान का बंटवारा (India-Pakistan Partition), सीमाओं का निर्धारण, दंगे, माउंटबेटन योजना और रियासतों का भारत में विलय होना मुख्य रूप से शामिल है. बता दें कि 1946 में, ब्रिटेन (Britain) की लेबर पार्टी (Labour Party) की सरकार का राजकोष, हाल ही में खत्म हुए द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद खस्ताहाल था. तब उन्हें एहसास हुआ कि न तो उनके पास घर पर जनादेश था और ना ही अंतरराष्ट्रीय समर्थन. इस कारण से वे तेजी से बेचैन होते भारत को नियंत्रित करने के लिए देसी बलों की विश्वसनीयता भी खोते जा रहे थे. कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच विवाद फरवरी 1947 में प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने ये घोषणा की कि ब्रिटिश सरकार जून 1948 से ब्रिटिश भारत को पूरी तरह से सेल्फ-रूल का अधिकार देगी. फिर आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण की तारीख को आगे बढ़ा दिया क्योंकि उन्हें लगा कि कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच लगातार विवाद के कारण अंतरिम सरकार का पतन हो सकता है. ये भी पढ़ें- जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी सालगिरह उन्होंने सत्ता हस्तांतरण की तारीख के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी सालगिरह 15 अगस्त को चुना. ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश भारत को दो राज्यों में विभाजित करने के विचार को 3 जून 1947 को स्वीकार कर लिया. ये भी घोषित किया कि उत्तराधिकारी सरकारों को स्वतंत्र प्रभुत्व दिया जाएगा और उनके पास ब्रिटिश कॉमनवेल्थ से अलग होने का पूरा अधिकार होगा. ये भी पढ़ें- आज...

15 अगस्त क्यों मनाया जाता है इसका कारण क्या है? – ElegantAnswer.com

15 अगस्त क्यों मनाया जाता है इसका कारण क्या है? इसे सुनेंरोकेंलार्ड माउंटबैटन की जिंदगी में 15 अगस्त का दिन बहुत खास था। खास होने की वजह थी 15 अगस्त, 1945 के दिन द्वितीय विश्र्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश के सामने जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण कर दिया था। उस समय ब्रिटिश की सेना में लार्ड माउंटबैटन अलाइड फोर्सेज़ में कमांडर थे। जिसका पूरा श्रेय माउंटबैटन को दिया गया था। 15 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ था? इसे सुनेंरोकेंइसी दिन भारत को अंग्रेजों के शासन से पूरी तरह से आजादी मिल गई थी। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। 15 अगस्त का क्या मतलब है? इसे सुनेंरोकेंभारत का स्वतंत्रता दिवस (अंग्रेज़ी: Independence Day of India, हिंदी:इंडिपेंडेंस डे ऑफ़ इंडिया,संस्कृतम्:”स्वातन्त्र्यदिनोत्सवः”) हर वर्ष १५ अगस्त को मनाया जाता है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाएं? इसे सुनेंरोकेंकुछ युवा जहां इस दिन को सिर्फ छुट्टियों की तरह मनाते हैं और दोस्तों के साथ बाहर जाकर मस्ती करना पसंद करते हैं,वहीं कुछ अपने घर पर रहकर फोन,फेसबुक और ट्वीटर के जरिये अपने दोस्तों को स्वतंत्रता दिवस की बधाइयां देते हैं। भारत में 1947 में क्या हुआ था? इसे सुनेंरोकेंआजादी के पहले वो 60 दिन ब्रिटिश सरकार ने 3 जून 1947 को ब्रिटिश भारत के विभाजन का फैसला लिया. फिर 18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनिय...

जाने 15 अगस्त के इतिहास के पन्ने को / 15 August Aaj Ka Itihaas

15 अगस्त काइतिहास /15 Augus Aaj Ka Itihaas / History Of 15 Augus In Hindi दोस्तों आज जानते हैं" 15 अगस्त का इतिहास " के पन्ने को और बीते हुए कल की कुछ प्रमुख घटनाओं को एक नज़र में.. क्या हुआ था हमारे बीते हुए कल में Wahh.in के द्वारा लिखे गए " 15 August " नामक कालम के जरिये. जाने15 अगस्त के इतिहास के पन्ने को / 15 August Aaj Ka Itihaas दोस्तों यह लेख काफी सावधानी के साथ लिखा हैं लेकिन गलतियाँ हो ही जाती हैं, अगर आप को कोई गलती या हमारी लेखनी में त्रुटिया मिले तो हमें अवगत कराये ताकि उसे सुधाराजा सके. अगर आप के पास कोई भी 15 अगस्त से जुडी घटनाये या कोई भी जानकारी हो तो हमें अवश्य बताये ताकि उसे भी इस कालम में जोड़ सके. आप सभी पाठको का धन्यवाद आप ने इस ब्लॉग को अपना समझा और इसे अपना कीमती समय दिया. पढ़ने के लिए..

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Indian Independence Day 2022: लाल किले में भारत के स्वतंत्रता दिवस 2022 समारोह का थीम 'Freedom Struggle, Ideas, Resolve, Actions & Achievements’' है. प्रधानमंत्री 15 अगस्त, 2022 को राष्ट्र को संबोधित करेंगे. 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत सरकार द्वारा हर एक नागरिक के अन्दर देश प्रेम की भावना का संचय करने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ प्रोग्राम की शुरुआत की है. भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वन्त्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी मिली थी. 15 अगस्त के दिन को सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय और राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है. परन्तु क्या आप जानते हैं कि भारत में आखिर 15 अगस्त को ही क्यों स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं. भारत में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारत की उपमहाद्वीप के सीमा चौकी पर 17वीँ शताब्दी के दौरान कुछ यूरोपियन व्यापारियों द्वारा प्रवेश किया गया था और अंतत: ब्रिटीश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को विशाल सैनिक शक्ति के कारण गुलाम बना लिया. 18वीं शताब्दी तक भारत में अंग्रेजों ने अपना आदिपत्य स्थापित कर लिया था. देखा जाए तो 1857 में ही अंग्रेजों के खिलाफ भारत में स्वतंत्रता क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी. इस विद्रोह को सिपाहीयों का विद्रोह, 1857 का विद्रोह इत्यादि कहा जाता है. इस विद्रोह के द्वारा (1858 का अधिनियम भारत सरकार), भारत को नियंत्रण मुक्त करने का एहसास ब्रिटीश राज को भारतीय स्वतंत्रता सेनानीयों ने दिलाया था. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस अधिवेशन 1929 लाहौर में हुआ था जहां पर भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी. 1930 से 1947 के बीच कई आंदोलन हुए जिनमें से एक है सविनय अव...

15 अगस्त 1947 के दिन क्या हुआ था?

इंडिपेंडेंस डे भारत में 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी से आने के बाद आजाद हो गया। इस दिन देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े सेनानी, स्वतंत्रता के लिए त्याग करने वाले स्वतंत्रता के लिए तपस्या करने वाले और स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले लोगों को विशेष रूप से याद किया जाता है। आज हम जो स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, उस स्वतंत्रता दिवस के पीछे क‌ई पीढ़ियां गुजर गई। आज के समय में हम पूरे देश में धूमधाम से इंडिपेंडेंस डे स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन हमें इसके पीछे का इतिहास जरूर जानना चाहिए कि इस स्वतंत्रता दिवस के पीछे कितने लोगों का बलिदान था? किस तरह से भारत स्वतंत्र हुआ? जिसकी वजह से आज हम इंडिपेंडेंस डे मना रहे हैं। Image: 15 august 1947 ke din kya hua tha बता दें कि मुगलों के बाद 17वीं शताब्दी के दौरान अंग्रेज भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आए और यहां पर उन्होंने शासन स्थापित कर दिया। अंग्रेजों से पहले कहीं सारे पश्चिमी लुटेरे और यूरोपीय देशों ने भारत पर आक्रमण किया और समय-समय पर भारत का खजाना और भारत की संपत्ति लूट कर ले गए। अंग्रेज भी भारत आने के बाद मुगलों की तरह लंबे समय तक शासन किया, जबकि दूसरे आक्रांताओं भारत का खजाना लूट कर वापस चले गए थे लेकिन अंग्रेज यहां पर शासन करते और यहां से खजाना तथा मजदूर ब्रिटेन भेज दिया करते थें। अंग्रेजों ने भारत पर अनेक तरह का जुल्म ढाया और लाखों की संख्या में लोगों का नरसंहार कर दिया था। अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने वालों को काला पानी की सजा और फांसी की सजा दी जाती थी। लेकिन भारत के कोने कोने...