15 august ko kya kehte hain english mein

  1. जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं? Jalebi in English
  2. लाल किले का इतिहास
  3. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होते हैं?
  4. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होते हैं?
  5. जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं? Jalebi in English
  6. लाल किले का इतिहास


Download: 15 august ko kya kehte hain english mein
Size: 41.22 MB

जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं? Jalebi in English

जलेबी का नाम सुनते ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है और मुंह में मिठास घुल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जलेबी का अविष्कार कहाँ हुआ और इसे इंग्लिश में क्या कहते हैं? जलेबी भारत में सबसे ज्यादा खायी जाने वाली मिठाइयों में से एक है और यदि आपको भी अन्य भारतियों की यही लगता है, कि जलेबी को सर्वप्रथम भारत में ही बनाया गया था तो आप गलत हैं क्योकि यह मध्यकाल में फ़ारसी और तुर्की व्यापारियों के साथ भारत आई थी। जिसे फारसी में ज़ौलबिया कहा जाता था। जलेबी की मिठास भारत के अलावा दक्षिण एशिया के बहुत से देशों में भी फैली हुई है। तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं Jalebi Ko English Mein Kya Kehte Hain? जलेबी कैसे बनती है ? जलेबी को ज्यादातर मैदे के साथ बनाया जाता है। मावे से बनी जलेबी भी स्वादिष्ट लगती है जलेबी बनाने की एक सामान्य विधि जो लगभग हर जगह अपनाई जाती है उसमे मैदे में दही या खमीर (यीस्ट) मिलाया जाता है और इस मिश्रण को एक दिन के लिए रख दिया जाता है जिससे खमीर (यीस्ट) के जीवाणु रासायनिक प्रक्रिया कर सके ओर जलेबी स्वादिष्ट बने। फिर इस मिश्रण को किसी कपडे या बर्तन में डाल अपनी पसंद अनुसार आकार का छेद कर तेल में या घी में तला जाता है। और अंत में इसे शक्कर की चाशनी में डाल दिया जाता है। जलेबी के साथ लोग अपनी पसंद अनुसार अलग अलग व्यंजन को खाते हैं, जैसे पोहा जलेबी या दूध जलेबी। जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं ? Jalebi Ko English Mein Kya Kehte Hain ? Jalebi in English: तो अंत में हम आपको बता देते हैं कि जलेबी को इंग्लिश में Funnel Cake कहा जाता है। अब आप जाइये और अपने नजदीक की दुकान पर जाकर इस स्वादिष्ट मिठाई का आनंद लीजिये ओर जीवन का लुत्फ़ ...

लाल किले का इतिहास

Red Fort History in Hindi भारतकीराजधानीदिल्लीमेंस्थितलालकिला (Lal Kila ) देशकीआन-बानशानऔरदेशकीआजादीकाप्रतीकहै।मुगलकालमेंबनायहऐतिहासकस्मारकविश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलहैऔरभारतकेप्रमुखपर्यटनस्थलोंमेंसेएकहै।लालकिलाकेसौंदर्य, भव्यताऔरआर्कषणकोदेखनेदुनियाकेकोने-कोनेसेलोगआतेहैंऔरइसकीशाहीबनावटऔरअनूठीवास्तुकलाकीप्रशंसाकरतेहैं। यहशाहीकिलामुगलबादशाहोंकानसिर्फराजनीतिककेन्द्रहैबल्कियहऔपचारिककेन्द्रभीहुआकरताथा, जिसपरकरीब 200 सालोंतकमुगलवंशकेशासकोंकाराजरहा।देशकीजंग-ए-आजादीकागवाहरहा लालकिलामुगलकालीनवास्तुकला, सृजनात्मकताऔरसौंदर्यकाअनुपमऔरअनूठाउदाहरणहै। 1648 ईसवीमेंबनेइसभव्यकिलेकेअंदरएकबेहदसुंदरसंग्रहालयभीबनाहुआहै।करीब 250 एकड़जमीनमेंफैलायहभव्यकिलामुगलराजशाहीऔरब्रिटिशर्सकेखिलाफगहरेसंघर्षकीदास्तानबयांकरताहैं।वहींभारतकाराष्ट्रीयगौरवमानेजानावालाइसकिलेकाइतिहासबेहददिलचस्पहै, आइएजानतेहैंलालकिलाकाइतिहास, इसकीशाहीबनावटऔरइससेजुड़ेकोअनसुनेऔररोचकतथ्योंकेबारेमें– भारतकीऐतिहासिकविरासत–लालकिला– Red Fort History In Hindi लालकिलाकाइतिहास– Lal Kila Information in Hindi किलेकानाम लालकिला (Red Fort) निर्माणकीअवधीएवंसाल (Lal Kila Kisne Banaya Tha) 12 मई 1639 – 6 अप्रैल 1648 (8 साल 10 माह 25 दिन) वास्तूकास्थान (Lal Kila Kahan Sthit Hai) पुरानीदिल्ली (भारत) वास्तूनिर्माणकेसमयकाशासक मुगलसम्राटशाहजहान (Mughal Emperor Shahjahan) वास्तुकारएवंप्रमुखनेतृत्वकार(Architect) उस्तादअहमदलाहौरी दिल्लीकालालकिलाकबऔरकिसनेबनवायाऔरइसकाइतिहास– Delhi Ka Lal Kila Kisne Banaya Tha Aur Lal Kila History राजधानीदिल्लीमेंस्थितभारतीयऔर विश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलदुनियाकेइससर्वश्रेष्ठकिलेकेनिर्माणकामकीशुरुआतमुगलसम्राटशाहजहांद्धारा 1638 ईसवीमें...

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होते हैं?

पंचांग के अनुसार एक साल में 12 महीने होते है और इस में एक दिन को एक तिथि कहते है, इस तिथि की अवधि 19 से 24 घंटों तक की हो सकती है। पंचांग में यह भी माना जाता है कि हर माह में तीस दिन होते है और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्र की गति के अनुसार ही की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं के ज्यादा होने या कम होने के अनुसार ही महीने को दो पक्षों में बांटा गया है जिन्हे कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष कहा जाता है। जानिए इनके बारे में विस्तार से। कृष्ण पक्ष पूर्णिमा और अमावस्या के मध्य के भाग को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के अगले ही दिन से ही कृष्ण पक्ष शुरू हो जाता है। कृष्ण पक्ष को किसी भी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माना जाता और ऐसा कहते हैं कि इस पक्ष में या इस दौरान कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो शुभ हो जैसे शादी, मुंडन या घर में कोई भी अन्य विशेष अवसर। इसके पीछे भी कई तर्कों का उल्लेख मिलता है जैसे पूर्णिमा के बाद जब चन्द्रमा घटता है यानी चन्द्रमा की कलाएं कम होती है तो चन्द्रमा की शक्ति यानी बल भी कमजोर होता है। इसके साथ ही चन्द्रमा के आकार में कमी आने से रातें अँधेरी होती है इस कारण से भी इस पक्ष को उतना शुभ नहीं माना जाता जितना शुक्ल पक्ष को मानते है। अगर आप को भी पंचांग में विश्वास है तो किसी भी विशेष काम को कृष्ण पक्ष में करने से नजरअंदाज करें। शुक्ल पक्ष अमावस्या और पूर्णिमा के बीच के अंतराल को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या के बाद के 15 दिन इस पक्ष में आते है। अमावस्या के अगले ही दिन से चन्द्रमा का आकर बढ़ना शुरू हो जाता है या ऐसा कहा जाये कि चन्द्रमा की कलाएं भी बढ़ती है जिससे चन्द्रमा बड़ा होता जाता है और रातें अँधेरी नहीं रहती बल्कि चाँद की रौशनी से चमक...

कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होते हैं?

पंचांग के अनुसार एक साल में 12 महीने होते है और इस में एक दिन को एक तिथि कहते है, इस तिथि की अवधि 19 से 24 घंटों तक की हो सकती है। पंचांग में यह भी माना जाता है कि हर माह में तीस दिन होते है और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्र की गति के अनुसार ही की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं के ज्यादा होने या कम होने के अनुसार ही महीने को दो पक्षों में बांटा गया है जिन्हे कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष कहा जाता है। जानिए इनके बारे में विस्तार से। कृष्ण पक्ष पूर्णिमा और अमावस्या के मध्य के भाग को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के अगले ही दिन से ही कृष्ण पक्ष शुरू हो जाता है। कृष्ण पक्ष को किसी भी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माना जाता और ऐसा कहते हैं कि इस पक्ष में या इस दौरान कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जो शुभ हो जैसे शादी, मुंडन या घर में कोई भी अन्य विशेष अवसर। इसके पीछे भी कई तर्कों का उल्लेख मिलता है जैसे पूर्णिमा के बाद जब चन्द्रमा घटता है यानी चन्द्रमा की कलाएं कम होती है तो चन्द्रमा की शक्ति यानी बल भी कमजोर होता है। इसके साथ ही चन्द्रमा के आकार में कमी आने से रातें अँधेरी होती है इस कारण से भी इस पक्ष को उतना शुभ नहीं माना जाता जितना शुक्ल पक्ष को मानते है। अगर आप को भी पंचांग में विश्वास है तो किसी भी विशेष काम को कृष्ण पक्ष में करने से नजरअंदाज करें। शुक्ल पक्ष अमावस्या और पूर्णिमा के बीच के अंतराल को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या के बाद के 15 दिन इस पक्ष में आते है। अमावस्या के अगले ही दिन से चन्द्रमा का आकर बढ़ना शुरू हो जाता है या ऐसा कहा जाये कि चन्द्रमा की कलाएं भी बढ़ती है जिससे चन्द्रमा बड़ा होता जाता है और रातें अँधेरी नहीं रहती बल्कि चाँद की रौशनी से चमक...

जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं? Jalebi in English

जलेबी का नाम सुनते ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है और मुंह में मिठास घुल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जलेबी का अविष्कार कहाँ हुआ और इसे इंग्लिश में क्या कहते हैं? जलेबी भारत में सबसे ज्यादा खायी जाने वाली मिठाइयों में से एक है और यदि आपको भी अन्य भारतियों की यही लगता है, कि जलेबी को सर्वप्रथम भारत में ही बनाया गया था तो आप गलत हैं क्योकि यह मध्यकाल में फ़ारसी और तुर्की व्यापारियों के साथ भारत आई थी। जिसे फारसी में ज़ौलबिया कहा जाता था। जलेबी की मिठास भारत के अलावा दक्षिण एशिया के बहुत से देशों में भी फैली हुई है। तो आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं Jalebi Ko English Mein Kya Kehte Hain? जलेबी कैसे बनती है ? जलेबी को ज्यादातर मैदे के साथ बनाया जाता है। मावे से बनी जलेबी भी स्वादिष्ट लगती है जलेबी बनाने की एक सामान्य विधि जो लगभग हर जगह अपनाई जाती है उसमे मैदे में दही या खमीर (यीस्ट) मिलाया जाता है और इस मिश्रण को एक दिन के लिए रख दिया जाता है जिससे खमीर (यीस्ट) के जीवाणु रासायनिक प्रक्रिया कर सके ओर जलेबी स्वादिष्ट बने। फिर इस मिश्रण को किसी कपडे या बर्तन में डाल अपनी पसंद अनुसार आकार का छेद कर तेल में या घी में तला जाता है। और अंत में इसे शक्कर की चाशनी में डाल दिया जाता है। जलेबी के साथ लोग अपनी पसंद अनुसार अलग अलग व्यंजन को खाते हैं, जैसे पोहा जलेबी या दूध जलेबी। जलेबी को इंग्लिश में क्या कहते हैं ? Jalebi Ko English Mein Kya Kehte Hain ? Jalebi in English: तो अंत में हम आपको बता देते हैं कि जलेबी को इंग्लिश में Funnel Cake कहा जाता है। अब आप जाइये और अपने नजदीक की दुकान पर जाकर इस स्वादिष्ट मिठाई का आनंद लीजिये ओर जीवन का लुत्फ़ ...

लाल किले का इतिहास

Red Fort History in Hindi भारतकीराजधानीदिल्लीमेंस्थितलालकिला (Lal Kila ) देशकीआन-बानशानऔरदेशकीआजादीकाप्रतीकहै।मुगलकालमेंबनायहऐतिहासकस्मारकविश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलहैऔरभारतकेप्रमुखपर्यटनस्थलोंमेंसेएकहै।लालकिलाकेसौंदर्य, भव्यताऔरआर्कषणकोदेखनेदुनियाकेकोने-कोनेसेलोगआतेहैंऔरइसकीशाहीबनावटऔरअनूठीवास्तुकलाकीप्रशंसाकरतेहैं। यहशाहीकिलामुगलबादशाहोंकानसिर्फराजनीतिककेन्द्रहैबल्कियहऔपचारिककेन्द्रभीहुआकरताथा, जिसपरकरीब 200 सालोंतकमुगलवंशकेशासकोंकाराजरहा।देशकीजंग-ए-आजादीकागवाहरहा लालकिलामुगलकालीनवास्तुकला, सृजनात्मकताऔरसौंदर्यकाअनुपमऔरअनूठाउदाहरणहै। 1648 ईसवीमेंबनेइसभव्यकिलेकेअंदरएकबेहदसुंदरसंग्रहालयभीबनाहुआहै।करीब 250 एकड़जमीनमेंफैलायहभव्यकिलामुगलराजशाहीऔरब्रिटिशर्सकेखिलाफगहरेसंघर्षकीदास्तानबयांकरताहैं।वहींभारतकाराष्ट्रीयगौरवमानेजानावालाइसकिलेकाइतिहासबेहददिलचस्पहै, आइएजानतेहैंलालकिलाकाइतिहास, इसकीशाहीबनावटऔरइससेजुड़ेकोअनसुनेऔररोचकतथ्योंकेबारेमें– भारतकीऐतिहासिकविरासत–लालकिला– Red Fort History In Hindi लालकिलाकाइतिहास– Lal Kila Information in Hindi किलेकानाम लालकिला (Red Fort) निर्माणकीअवधीएवंसाल (Lal Kila Kisne Banaya Tha) 12 मई 1639 – 6 अप्रैल 1648 (8 साल 10 माह 25 दिन) वास्तूकास्थान (Lal Kila Kahan Sthit Hai) पुरानीदिल्ली (भारत) वास्तूनिर्माणकेसमयकाशासक मुगलसम्राटशाहजहान (Mughal Emperor Shahjahan) वास्तुकारएवंप्रमुखनेतृत्वकार(Architect) उस्तादअहमदलाहौरी दिल्लीकालालकिलाकबऔरकिसनेबनवायाऔरइसकाइतिहास– Delhi Ka Lal Kila Kisne Banaya Tha Aur Lal Kila History राजधानीदिल्लीमेंस्थितभारतीयऔर विश्वधरोहरकीलिस्टमेंशामिलदुनियाकेइससर्वश्रेष्ठकिलेकेनिर्माणकामकीशुरुआतमुगलसम्राटशाहजहांद्धारा 1638 ईसवीमें...

Tags: 15 august ko