2022 की दीपावली कितनी तारीख की है

  1. Diwali Puja 2022
  2. देवउठनी ग्यारस 2022 : महत्व, पूजा विधि और कथा


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Diwali Puja 2022

धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिनों तक मनाई जाने वालीदिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) एक महत्वपूर्ण त्योहार है। लक्ष्मी पूजा, या दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) पूजा, शुभ दिन पर हर भारतीय घर में किए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। यह मुख्यतः शाम को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए पूजा अत्यंत प्रसन्नता और भक्ति के साथ की जाती है। देवी लोगों के जीवन में समृद्धि, धन और शांति भी लाती हैं। यह त्योहार पूरे भारत में बहुत खुशी तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते हैं, खाते हैं व जश्न मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे घर में तेल के दीपक जलाए जाते हैं। दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) और लक्ष्मी दिवाली पूजाविधि (Diwali Puja Vidhi) दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022)में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि देवी लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर हर घर में आती हैं। इसलिए, देवी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन घर की सफाई तथा लाइट की व्यवस्था करना आवश्यक है। दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) के समय, निम्नलिखित अनुष्ठानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए: 1. 2. अपनी पूजा या लिविंग रुम में टेबल या स्टूल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें। 3. चांदी या कांसे का 75% पानी से भरा कलश दानों के बीच में रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें। Get best prices from interior design experts दिवाली पूजा 2022 (D...

देवउठनी ग्यारस 2022 : महत्व, पूजा विधि और कथा

देवउठनी ग्यारस जिसे तुलसी विवाह और प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता हैं. सनातन धर्म में इस दिन का बेहद ही खास महत्व होता हैं. देवउठनी ग्यारस के दिन ही भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार माह के शयन के बाद जागे थे. सनातन धर्म में इस दौरान चार माह तक कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता हैं और देवउठनी ग्यारस के शुभ दिन से ही सभी मांगलिक और धार्मिक कार्य शुरू किये जाते हैं. इस दिन पूरे भारतवर्ष में तुलसी विवाह का भी आयोजन समारोह पूर्वक किया जाता हैं. देवउठनी ग्यारस 2022 तिथि और मुहूर्त समय (Dev Uthani Ekadashi Date and Timings in 2022) Table of Contents • • • • • • 2022 में देवउठनी एकादशी कब है? हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी का त्यौहार मनाया जाता हैं. वर्ष 2022 में देवउठनी ग्यारस और तुलसी विवाह 14 नवंबर रविवार को है. वर्ष 2022 में देव उठानी एकादशी 04 नवंबर 2022 की है, यह एकादशी 3 नवंबर को शाम 7 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 4 नवंबर 2022 की शाम 6 बजकर 08 मिनट पर यह एकादशी समाप्त होगी. हिंदू पंचाग के अनुसार इसका शुभ मुहूर्त और समय कुछ इस प्रकार है- देवउठनी एकादशी ग्यारस पारण मुहूर्त – एकादशी के व्रत को तोड़े जाने को पारण कहते है. एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है, लेकिन यह द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले पूर्ण हो जाना चाहिए. देवउठानी एकादशी 2022 का पारण समय 5 नवंबर को सुबह 6 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय – शाम 5 बजकर 6 मिनट तक देवउठनी ग्यारस पूजा विधि (Dev Uthani Gyaras Puja Vidhi) • दोस्तों इस तिथि को सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व स्नान करना चाह...