2022 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है

  1. कृष्ण जन्माष्टमी 2022: कब और क्यों मनाते है? कथा, महत्व और दही हांडी उत्सव
  2. Janmashtmi 2023: कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त 2023
  3. 2022 में जन्माष्टमी कब है New Delhi, India में
  4. Krishna Janmashtami 2022 : जन्माष्टमी कब है ? शुभ मुहूर्त, महत्त्व और पूजा विधि
  5. Janmashtami 2022: कब है कि कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा का समय और शुभ मुहूर्त, लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग
  6. कृष्ण जन्माष्टमी 2022 कब है? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  7. Krishna Janmashtami 2022: कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


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कृष्ण जन्माष्टमी 2022: कब और क्यों मनाते है? कथा, महत्व और दही हांडी उत्सव

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022: क्यों, और कैसे मनाई जाती है? दही हांडी उत्सव, कहानी और शुभ मुहूर्त Shree Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी हिंदुओं के पवित्र त्यौहारों में से एक है जिसे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यह लोगों के सबसे प्रिय भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन ( Lord Krishna Birthday) का उत्सव है, इसीलिए इसे कृष्ण जयंती या कृष्णा अष्टमी भी कहा जाता है। कृष्ण जयंती या गोकुलाष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी को मनाया जाता है, इसीलिए इसे कृष्ण अष्टमी या कन्हैया आठें भी कहते है। Krishna Janmashtami Information in Hindi विषय सूची • • • • • • • • कृष्ण जन्माष्टमी कब मनायी जाती है? हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है, इस साल 2022 में जन्माष्टमी 18 अगस्त को गुरुवार के दिन है। तो वहीं दही हाण्डी उत्सव शुक्रवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसी दिन श्री कृष्ण की नगरी मथुरा और द्वारका में भी कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami Muhurat) जन्माष्टमी 2022 पर निशीथ पूजा मुहूर्त रात्रि 12:03 बजे से शुरू होकर रात्रि 12:46:42 बजे तक कुल 43 मिनट रहेगा। पारणा मुहूर्त: 18 अगस्त को रात 10:59 बजे के बाद यह भी देखें: कृष्णाष्टमी (Krishna Janmashtami) क्यों मनाते है? भगवान हरि विष्णु के आठवें अवतार के रूप में भूलोक पर अवतरित हुए श्री कृष्ण की जयंती के उपलक्ष पर जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। श्रीकृष्ण ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया और कंस का वध करने के साथ ही उन्होंने पांडवों का मार्गदर्शन कर धर्मयुद्ध में विजय भी दिलवा...

Janmashtmi 2023: कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त 2023

जन्माष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म के सबसे लोकप्रिय एवं प्रमुख भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है जो समूचे विश्व में अपने नटखट और चंचल स्वभाव के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी (Janmashtami) को हर साल देशभर में मनाया जाता है और समस्त कृष्ण भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) को प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा नगरी में दुष्ट राजा कंस के कारागृह में देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में हुआ था। कृष्ण जी का जन्म अर्धरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जन्माष्टमी 2023 की तिथि एवं मुहूर्त जन्माष्टमी व्रत की पूजा विधि • जन्माष्टमी के दिन अष्टमी के व्रत से पूजा और नवमी के पारणा से व्रत की समाप्ति होती है। • श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करने वाले भक्त को व्रत से एक दिन पूर्व अर्थात सप्तमी तिथि पर हल्का एवं सात्विक भोजन करना चाहिए। रात्रि को ब्रह्मचर्य का पालन करें, साथ ही मन और इंद्रियों को नियंत्रण में रखें। • जन्माष्टमी व्रत वाले दिन प्रातःकाल स्नानादि कार्यों से निवृत होकर समस्त देवी-देवताओं को नमस्कार करने के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाना चाहिए। • अब हाथ में जल, फल और फूल लेकर संकल्प करें और मध्यान्ह काल में काले तिल के जल से स्नान या अपने ऊपर छिड़काव करने के बाद कर देवकी जी के लिए "प्रसूतिगृह" का निर्माण करें। • अब इस सूतिका गृह में सुन्दर और कोमल बिछौना बिछाएं तथा उस पर शुभ कलश की स्थापना करें। • इसके पश्चात भगवान श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती माँ देवकी की प्रतिमा य...

2022 में जन्माष्टमी कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में जन्माष्टमी कब है व जन्माष्टमी 2022 की तारीख व मुहूर्त। जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को पैदा हुए। उनके जन्म के समय अर्धरात्रि (आधी रात) थी, चन्द्रमा उदय हो रहा था और उस समय रोहिणी नक्षत्र भी था। इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष कृष्ण जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी का मुहूर्त 1.अष्टमी पहले ही दिन आधी रात को विद्यमान हो तो जन्माष्टमी व्रत पहले दिन किया जाता है। 2.अष्टमी केवल दूसरे ही दिन आधी रात को व्याप्त हो तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 3.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को व्याप्त हो और अर्धरात्रि (आधी रात) में रोहिणी नक्षत्र का योग एक ही दिन हो तो जन्माष्टमी व्रत रोहिणी नक्षत्र से युक्त दिन में किया जाता है। 4.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को विद्यमान हो और दोनों ही दिन अर्धरात्रि (आधी रात) में रोहिणी नक्षत्र व्याप्त रहे तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 5.अष्टमी दोनों दिन आधी रात को व्याप्त हो और अर्धरात्रि (आधी रात) में दोनों दिन रोहिणी नक्षत्र का योग न हो तो जन्माष्टमी व्रत दूसरे दिन किया जाता है। 6.अगर दोनों दिन अष्टमी आधी रात को व्याप्त न करे तो प्रत्येक स्थिति में जन्माष्टमी व्रत दूसरे ही दिन होगा। विशेष: उपरोक्त मुहूर्त स्मार्त मत के अनुसार दिए गए हैं। वैष्णवों के मतानुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अगले दिन मनाई जाएगी। ध्यान रहे कि वैष्णव और स्मार्त सम्प्रदाय मत को मानने वाले लोग इस त्यौहार को अलग-अलग नियमों से मनाते हैं। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार वैष्णव वे ...

Krishna Janmashtami 2022 : जन्माष्टमी कब है ? शुभ मुहूर्त, महत्त्व और पूजा विधि

भारत वर्ष में कृष्ण जन्माष्टमी हर साल हिंदू धर्म अनुयाईयों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है. पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण एक प्रसिद्ध् हिंदू भगवान हैं, जो पृथ्वी पर एक इंसान के रूप में जन्म लेने के साथ-साथ अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए अवतरित हुए थे. हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कृष्ण भगवान विष्णु के 8 वें अवतार थे. भगवान कृष्ण को कई नामों से जाना जाता है जैसे गोविंदा, बालगोपाल, कान्हा, गोपाल, आदि. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण को उनकी विभिन्न भूमिकाओं और शिक्षाओं (जैसे कि भगवद गीता) के लिए प्राचीन काल से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा पूजा जाता है. “हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी (8 वें दिन) को कृष्ण पक्ष में श्रावण के महीने में अंधेरी रात में हुआ था. भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों के लिए इस धरती पर जन्म लिया और शिक्षक, संरक्षक, दार्शनिक, भगवान, प्रेमी, सर्वोच्च शक्ति आदि विभिन्न भूमिकाओं को निभाया. हिंदू लोग भगवान विष्णु की प्रतिमा और कृष्ण के विभिन्न रूपों की प्रतिमा की पूजा करते हैं. उनके हाथ में बांसुरी और सिर पर मोर पंख है. भगवान श्री कृष्ण अपने मनुष्य जन्म के समय रासलीलाओं और अन्य पौराणिक कथाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं”. भारत में प्रतिवर्ष बड़े उत्साह, तैयारी और खुशी के साथ श्री जन्माष्टमी मनाते हैं. श्री कृष्ण भक्त पूरी श्रद्धा, हर्ष और समर्पण के साथ जन्माष्टमी (जिसे सातम आथम, गोकुलाष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती आदि भी कहते हैं) मनाते हैं. यह भाद्रपद माह में आठवें दिन प्रतिवर्ष मनाया जाता है. लोग इस दिन परिवार में समृद्धि के लिए उपवास रखते हैं, पूजा करते ह...

Janmashtami 2022: कब है कि कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा का समय और शुभ मुहूर्त, लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग

• • Faith Hindi • Janmashtami 2022: कब है कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा का समय और शुभ मुहूर्त, लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग Janmashtami 2022: कब है कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा का समय और शुभ मुहूर्त, लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग Janmashtami 2022: इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन मनाई जाएगी. ऐसे में आज से ही इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं, क्योंकि जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल को विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है. Janmashtami 2022: हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. ( Krishna Janmashtami 2022 Date) लेकिन इस बार जन्माष्टमी की डेट को लेकर लोगों के मन में काफी दुविधा है. ( Janmashtami 2022 Shubh Muhurat) क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात को शुरू होगी और 19 अगस्त की रात तक रहेगी. ऐसे में जन्माष्टमी का त्योहार कब मनाया जाए इसे लेकर काफी असमंजस है. कब है जन्माष्टमी 2022 इस साल जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों के बीच काफी मतभेद है क्योंकि अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात को शुरू होगी और कुछ विद्वानों का मत है कि 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनानी चाहिए क्योंकि भगवान कृष्ण का जन्म रात 12 बजे हुआ था. अष्टमी तिथि 19 अगस्त को पूरे दिन रहेगी. ऐसे में कुछ विद्वानों का कहना है कि उदयातिथि के अनुसार 19 अगस्त को ही जन्माष्टमी का व्रत रखना शुभ होगा. यही वजह है कि जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों दिन मनाई जाएगी. लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरुप लड्डू गोपाल का पूजन किया जाता है. इस दिन लड्डू गोपाल को झ...

कृष्ण जन्माष्टमी 2022 कब है? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

2022 में कृष्ण जन्माष्टमी कितनी तारीख को है? Shubh Muhurat और Pooja Vidhi Krishna Janmashtami Date 2022: भगवान विष्णु के 8वें अवतार कृष्ण जी की जयंती को हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है इसीलिए इसे “कृष्णाष्टमी” भी कहते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार 2022 में कृष्णा जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जा रही है, अष्टमी तिथि 18 अगस्त रात 9:21 से शुरू होकर अगले दिन 19 अगस्त रात 10:59 तक रहेगी। विषय सूची • • • • • • श्रीकृष्णा जन्माष्टमी डेट और शुभ मुहूर्त 2022 2022 में जन्माष्टमी 18 अगस्त को गुरुवार के दिन मनाई जा रही है और इस साल वृद्धि योग बन रहा है। जिसे बेहद खास माना जाता है इस दौरान किए जाने वाले कार्यों का परिणाम शुभ होता है। Janmashtami Shubh Mahurat 2022: • अभिजीत मुहूर्त:- 18 अगस्त को दोपहर 12:05 से 12:56 बजे तक। • वृद्धि योग:- 17 अगस्त को दोपहर 08:56 से 18 अगस्त रात 08:41 तक। • धुव्र योग:- 18 अगस्त रात 08:41 से 19 अगस्त रात 08:59 तक। • व्रत पारण का समय:- 19 अगस्त को रात 10:59 मिनट के बाद। यह भी देखें: कृष्णाजी का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि के समय रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इसलिए उनके जन्म उत्सव को रात्रि के समय मनाया जाता है। हालांकि इस बार जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र के बिना मनाई जाएगी। आपको पता हो श्री हरि विष्णु ने धरती पर अवतार इसलिए लिया ताकि वे पृथ्वीलोक को पापियों से मुक्त कर धर्म की स्थापना कर सकें। यह भी देखें: दही हाण्डी उत्सव या गोपालकाला कब है? दही हांडी या गोपालकाला उत्सव इस साल 2022 में 19 अगस्त (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। यह श्रीकृष्ण जी की बाल लीलाओं को दर्शाता है, जब वे बचपन में मा...

Krishna Janmashtami 2022: कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Krishna Janmashtami 2022; History, Significance and Dahi Handi Celebration: कृष्ण जन्माष्टमी हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है. इसे भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के तौर पर मनाया जाता है. हिंदु धर्म की मान्यता के अनुसार कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं. कृ्ष्ण के जन्म को लेकर सबसे अधिक उत्साह वृंदावन और मथुरा में देखने को मिलता है क्योंकि हिंदू मान्यताओं के मुताबिक मथुरा में कृष्ण का जन्म हुआ और वृंदावन में उनका बचपन बीता. इस त्यौहार के साथ गोकुलअष्टमी भी मनाई जाती है. इस साल कब है Janmashtami? जन्माष्टमी हर साल अलग-अलग दिन मनाई जाती है क्योंकि इसका दिन ग्रेगोरेयिन कैलेंडर के हिसाब से नहीं तय होता है. जन्माष्टमी भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2022 में अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 09:20 से शुरू होगा और 19 अगस्त को 10:59 पर समाप्त होगा. जन्माष्टमी कैसे मनाया जाता है? भगवान कृ्ष्ण के भक्तों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी सबसे महत्वपूर्ण दिन है. वे इस दिन व्रत रहते हैं और बुरे लोगों से अपनी रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं. इस मौके पर भक्त अपने घरों को सजाते हैं और भगवान कृष्ण की बालरूप में मूर्ति रखते हैं. भक्त भगवान कृष्ण की जिंदगी की विभिन्न घटनाओं और राधा के प्रति उनके अमर प्यार को दिखाने के लिए अभिनय करते हैं. बालरूप में भगवान कृष्ण की एक मूर्ति को एक झूले में रखा जाता है और परिवार के हर सदस्य उन्हें मक्खन-चीनी देते हैं. भगवान कृष्ण को मक्खन बहुत प्रिय था. भगवान कृष्ण को सभी पकवान ऑफर करने करने के बाद भक्त अपना व्रत खोलते हैं. महाराष्ट्र में होता है दही-हांडी का आयोजन देश भर के भिन्न-भिन्न इलाकों में इसे अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में भक्त दही-हांडी का आयो...