2022 में तीज कब है

  1. Hartalika Teej 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi And Teej Vrat Rules
  2. Kajari Teej 2022 Date Shubh Muhurat Significance And Puja Vidhi
  3. Kajari Teej 2022: अगस्त में कब है कजरी तीज का व्रत, नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
  4. हरतालिका तीज 2022: कब है हरतालिका तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि


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Hartalika Teej 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi And Teej Vrat Rules

Hartalika Teej 2022 Date: देवशयनी एकादशी के चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. इसी बीच सावन महीना भी पड़ता है. हिंदू धर्म में सावन मास का खास महत्व है. दरअसल इस महीने में सावन सोमवार, रक्षा बंधन और सहित कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ते हैं. सावन के बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज (Hartalika Teej 2022) का व्रत रखा जाता है. हरितालिका तीज (Hartalika Teej) सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है. मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. साल 2022 में हरितालिका तीज कब है और इस व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि क्या है, इसके बारे में जानते हैं. हरितालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस बार हरितालिका तीज 30 अगस्त, मंगलवार को पड़ रही है. तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 20 मिनट से हो रही है. वहीं तृतीया तिथि की समाप्ति 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर होगी. उदया तिथि के कारण हरितालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 58 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक है. हरितालिका तीज व्रत पूजा-विधि | Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi हरितालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं. पूजन के लिए भगवान शिव और मां पर्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाई जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं और प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं. साथ ही मां पार्वती को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करती हैं. इसके बाद फल और मिठाइयों का भोग लगाकर भगवान ...

Kajari Teej 2022 Date Shubh Muhurat Significance And Puja Vidhi

Kajari Teej 2022: कजरी तीज का पर्व भाद्रपद यानी भादो कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसे कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में व्यापक स्तर पर मनाया जाता है. इस दिन महिलांए पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसके अलावा कुंवारी कन्याएं भी मनचारे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. कजरी तीज (Kajari Teej) के दिन चंद्रमा को अर्ग्घ देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इस बार कजरी तीज 14 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा. आइए पंचांग के मुताबिक कजरी तीज (Kajari Teej 2022) की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानते हैं. कजरी तीज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त | Kajari Teej 2022 Date Shubh Muhurat कजरी तीज का महत्व | Significance of Kajari Teej कजरी तीज (Kajari Teej) हरियाली तीज और हरितालिका तीज की तरह ही सुहागिन महिलाओं के लिए खास त्योहार माना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस दिन कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती ने अपने कठोर तप से भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्ति किया था. इसलिए इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा की जाती है. वहीं इस दिन चंद्रमा को भी अर्घ्य दिया जाता है. कजरी तीज पूजा विधि | Kajari Teej Puja Vidhi कजरी तीज के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. वहीं कुवांरी कन्याएं अच्छे पति की कामना के लिए व्रत रखती हैं. कजरी तीज की पूजा में सबसे पहले नीमड़ी माता को जल अर्पित किया जाता है. साथ...

Kajari Teej 2022: अगस्त में कब है कजरी तीज का व्रत, नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि

Kajari Teej Pujan Vidhi: सनातन धर्म में हर व्रत और तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. हर नए माह में नए त्योहार और व्रत आते हैं. ऐसे ही भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन कजरी तीज का व्रत किया जाता है. इसे बूढ़ी तीज और सातूढ़ी तीज के नाम से भी जानते हैं. इस दिन सुहागिन महिलाओं के साथ कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं. कजरी तीज के दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, दूसरी ओर कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. शाम के समय चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पारण किया जाता है. आइए जानते हैं कजरी तीज की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में. ये भी पढ़ें- कजरी तीज तिथि और शुभ मुहू्र्त 2022 हिंदू पंचाग के अनुसार कजरी तीज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है. इस बार कजरी तीज 14 अगस्त, रविवार के दिन पड़ रही है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 13 अगस्त, शनिवार रात 12 बजकर 53 मिनट पर शुरू होकर 14 अगस्त, रविवार रात 10 बजकर 35 मिनट तक है. कजरी तीज का महत्व इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं मनचाहे पति की कामना करते हुए व्रत रखती हैं. ऐसी मान्यता है कि शाम के समय कजरी तीज की कथा का पाठ करती हैं, तो जल्द ही भगवान शिव प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. ये भी पढ़ें- कजरी तीज पूजन विधि हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन नीमड़ी माता का पूजन किया जाता है. ये माता पार्वती का ही स्वरूप...

हरतालिका तीज 2022: कब है हरतालिका तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

• • Faith Hindi • हरतालिका तीज 2022: कब है हरतालिका तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि हरतालिका तीज 2022: कब है हरतालिका तीज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि सावन का महीना शुरू होते ही व्रत-त्योहार की बौछार लग जाती है और इसलिए हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है. सावन में रक्षाबंधन से लेकर हरियाली तीज जैसे खास त्योहार मनाए जाते हैं. Hartalika Teej 2022: हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है और तभी सावन का महीना शुरू होता है. सावन के महीने का विशेष महत्व है क्योंकि इसमें कई त्योहार जैसे कि ( Rakshabandhan 2022) रक्षाबंधन, हरतालिका तीज, गुरु पर्व और शिवरात्रि आदि आते हैं. ( Hariyali Teej Fast) सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का काफी खास होता है. इसे हरियाली तीज भी कहा जाता है और इस महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत उपवास करती हैं. आइए जानते हैं इस बार कब है हरतालिका तीज का व्रत. हरतालिका व्रत का महत्व हिंदू धर्म में सु​हागिन महिलाओं के लिए इस व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. ध्यान रखें कि जो महिलाएं एक बार इस व्रत को शुरू करती हैं उन्हें बीच में यह व्रत नहीं छोड़ना चाहिए. यहां तक कि मासिक धर्म के दौरान भी व्रत करना चाहिए. बस ध्यान रखें कि पूजा न करें, लेकिन कथा अवश्य सुनें. ऐसे की जाती है पूजा हरतालिका तीज यानि हरियाली तीज के दिन महिलाएं दिन भी व्रत करती हैं और रात्रि में भी जागरण करती हैं. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले जातक को रात में नहीं सोना चाहिए. इससे पूजा अधूरी रह जाती है. इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं मिट्टी से शिव-...