2023 में एकादशी कब है

  1. ekadashi in june 2023 date time puja rituals and significance bml
  2. Devshayani Ekadashi Kab Hai 2023: कब है देवशयनी एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  3. Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी आज; जानिये शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजा विधि, महत्व, पारण करने का समय
  4. Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी है आज? जानें


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ekadashi in june 2023 date time puja rituals and significance bml

एकादशी का अपना धार्मिक महत्व है. एकादशी के इस शुभ दिन पर, भक्त विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होते हैं. वे मंदिरों में जाते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो लोग एकादशी के दिन उपवास करते हैं, उन्हें जीवन में सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है और वे पिछले सभी पापों से भी मुक्त हो सकते हैं और सीधे भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुंठधाम में जा सकते हैं. • सुबह जल्दी उठकर पूजा की रस्में शुरू करने से पहले स्नान करें. • भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. • एक दीया जलाएं, फूल, मिठाई चढ़ाएं और महा मंत्र - "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करके भगवान की पूजा करें. • इस शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. • भक्तों को तुलसी दल अवश्य चढ़ाना चाहिए क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.

Devshayani Ekadashi Kab Hai 2023: कब है देवशयनी एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

यह भी पढ़ें: देवशयनी एकादशी 2023 का शुभ मुहूर्त (Devshayani Ekadashi 2023 Shubh Muhurat) • देवशयनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त आरंभ: 29 जून, सुबह 4 बजकर 51 मिनट • देवशयनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त समापन: 29 जून, सुबह 6 बजकर 38 मिनट देवशयनी एकादशी 2023 की पूजा विधि (Devshayani Ekadashi 2023 Puja Vidhi) • सुबह जल्दी उठकर स्‍नान करें। फिर स्वच्छ वस्‍त्र धारण करें। • भगवान विष्णु का ध्यान करें और उन्हें जलाभिषेक कराएं। • भगवान विष्णु का श्रृंगार करें और नए वस्त्र धारण कराएं। • भगवान विष्णु को चंदन (चंदन के उपाय) लगाएं और नैवेद्य अर्पित करें। • भगवान विष्णु को फल, फूल और अक्षत चढ़ाएं। • भगवन विष्णु को मिष्ठान आदि का भोग लगाएं। • भगवन विष्णु के भोग में तुलसी दल अवश्य डालें। • भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। • भगवान विष्णु का स्तोत्र पाठ भी करें। • भगवान विष्णु की आरती उतारें। • पीपल के पेड़ की भी पूजा करें। • योगिनी एकादशी की व्रत कथा सुनें। • फिर प्रसाद में फल ग्रहण करें। यह भी पढ़ें: देवशयनी एकादशी 2023 का महत्व (Devshayani Ekadashi 2023 Mahatva) • देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने तक सूर्य, चंद्रमा और प्रकृति का तेजस तत्व कम हो जाता है। • ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) के साथ-साथ सभी देवी-देवता पाताल में निवास करते हैं। • धरती को छोड़ पाताल में देवी-देवताओं के जाने की घटना को देवशयन के नाम से जाना जाता है। • इसलिए इस दौरान पड़ने वाली एकादशी देवशयानी कहलाती है। इसके बाद के 4 महीने अशुभ होते हैं। • इन चार महीनों की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। • शास्त्रों के अन्सुआर, इन चार महीनों तक भगवान शिव धरती का संचालना...

Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी आज; जानिये शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजा विधि, महत्व, पारण करने का समय

Yogini Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में 2 एकादशी (Ekadashi) होती हैं और साल में 24. वहीं आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहा जाता है. जो इस साल 14 जून बुधवार को है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी श्रापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु बाद व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है.आइए जानते हैं कि क्यों खास होती है योगिनी एकादशी. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून को रखा जा रहा है. एकादशी तिथि 13 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रही है जिसके समाप्त होने का समय 14 जून सुबह 08 बजकर 48 मिनट है. योगिनी एकादशी पूजा विधि इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर में दीप जलाकर पूजा करें. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें और फूल और तुलसी अर्पित करें. धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें. विष्णु भगवान को भोग लगाएं और ध्यान से भोग प्रसाद में तुलसी ज़रूर मिलाएं. साथ ही इस दिन लक्ष्मी मां की भी पूजा करें. योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Significance) इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत करने का महत्व है. कहा जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 ब्राह्मणों को भोजन कराने मात्र फल मिलता है. यह भी देखें: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पारण करने का समय पारण यानि व्रत खोलने का समय 15 जून सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक है. पारण के दिन द्वादशी तिथि 15 जून 8 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो रही है. यह भी देखें:

Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी है आज? जानें

Yogini Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. हर महीने दो बार एकादशी आती है- पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और कई प्रकार के पापों का नाश होता है. इस बार योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून यानी आज रखा जा रहा है. इस दिन श्री हरि, भगवान शिव के ध्यान, भजन और कीर्तन से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है. योगिनी एकादशी के दिन उपवास रखने और साधना करने से समस्याओं का अंत हो जाता है. योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2023 Shubh Muhurat) योगिनी एकादशी का व्रत बुधवार, 14 जून यानी आज रखा जा रहा है. एकादशी तिथि प्रारंभ 13 जून, मंगलवार यानी कल सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो चुकी है और एकादशी तिथि का समापन 14 जून, बुधवार यानी आज सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर होगा. योगिनी एकादशी का पारण 15 जून को सुबह 05 बजकर 32 मिनट से 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. योगिनी एकादशी पूजन विधि (Yogini Ekadashi Pujan Vidhi) योगिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें. भगवान को फल-फूल अर्पित करें और सच्ची श्रद्धा के साथ उनकी आरती करें. भगवान विष्णु की अनुकंपा से जहां आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा. वहीं माता लक्ष्मी की कृपा से धन के भंडार भरेंगे. आर्थिक मोर्चे पर संपन्नता बढ़ेगी. योगिनी एकादशी व्रत का नियम (Yogini Ekadashi Niyam) योगिनी एकादशी पर स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. फिर पीले कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें. श्रीहरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्प...