2024 में दीपावली कब है

  1. दीपावली कब है 2023
  2. 2024 में दीपावली कब है?
  3. 2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में
  4. दीपावली के 5 दिन 2022 भारत कैलेंडर में तिथि और लक्ष्मी पूजन
  5. Diwali (Deepawali) 2024 in India
  6. Diwali 2023 के छह दिवसीय त्योहारों की तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि जानिए
  7. holi 2024 date: this is holi in 2024, know the auspicious time of holika dahan and its history
  8. Panchang 2023
  9. 2024 में दिवाली कब है New Delhi, India में


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दीपावली कब है 2023

Diwali kab hai 2023, भारत सहित दुनियाभर में दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता हैं। इस दिन हर भारतीय परिवार में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती हैं। हिंदू धर्म में दीपावली का त्यौहार सबसे बड़ा और मुख्य त्यौहार (Diwali kyu manaya jata hai) माना जाता हैं। यह त्यौहार उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक और पूर्व से लेकर पश्चिम भारत तक उसी जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। साथ ही दुनिया के अलग अलग देशों में रहने वाले हिंदू परिवार भी दीपावली का त्यौहार बहुत ही जोश के साथ मनाते हैं। इस बार की दीपावली अर्थात वर्ष 2023 की दीपावली तो और भी ज्यादा खास रहने वाली हैं। वह इसलिए क्योंकि इस बार की दीपावली एक दिन की नही बल्कि दो दिनों की रहने वाली हैं। ऐसे में सभी और इसका जोश पहले से ही देखने को मिल रहा हैं। ऐसे में आज (Diwali kyu banate hain) हम आपको वर्ष 2023 में दीपावली किस दिन पड़ रही हैं, उसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। इसी के साथ आपके मन में यह जानने की इच्छा भी हो रही होगी कि आखिरकार दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं और इस दिन क्या हुआ (Diwali kaise banate hain) था जो हर किसी के मन में इतना जोश रहता हैं। इसी कारण आज हम आपके साथ दीपावली मनाने का कारण भी साँझा करेंगे। अंत में हम आपको बताएँगे कि दीपावली का त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता हैं। तो आइए एक एक करके इन सभी बातों के बारे में विस्तार से चर्चा कर लेते हैं ताकि कोई भी जानकारी अधूरी ना रह जाए। 2.4 प्रश्न: दिवाली में क्या बोला जाता है? दीपावली कब है | 2023 दीपावली कैसे मनाई जाती हैं? दीपावली कथा सबसे पहले हम दीपावली के बारे में कुछ मूलभूत बाते जान लेते हैं। उसके बाद हम इसकी तिथि के बारे में जानेंगे। त...

2024 में दीपावली कब है?

2024 में दीपावली कब है? 2024 में दिवाली 27 अक्टूबर रविवार को है। दीवाली रोशनी का पांच दिवसीय हिंदू त्योहार है, जो उत्तरी गोलार्ध (दक्षिणी गोलार्ध में वसंत) में शरद ऋतु में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म और जैन धर्म में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, और यह पूरे भारत, नेपाल और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में जहां हिंदू और जैन समुदाय रहते हैं, बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। त्योहार दीयों (तेल के दीपक) और मोमबत्तियों के प्रकाश, उपहार देने और धार्मिक अनुष्ठानों के प्रदर्शन द्वारा चिह्नित किया जाता है। दीवाली की सटीक तिथि चंद्र कैलेंडर और स्थान के आधार पर भिन्न हो सकती है।

2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में दिवाली कब है व दिवाली 2023 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...

दीपावली के 5 दिन 2022 भारत कैलेंडर में तिथि और लक्ष्मी पूजन

दिवाली की तारीख भारत कैलेंडर द्वारा निर्धारित की जाती है और हर साल अक्टूबर से नवंबर तक बदलती रहती है। यह भारत के कैलेंडर में 8 वें महीने (कार्तिक के महीने) के 15 वें दिन मनाया जाता है। दिन एक अमावस्या या ‘अमावस्या का दिन’ है। अमावस्या तिथि (वह अवधि जब चंद्रमा 12 डिग्री तक सूर्य के प्रकाश का विरोध करता है) 24 October को सुबह 6:03 से 2022 में 25 October को 2:44 बजे तक है। देवी लक्ष्मी (धन के देवता) की पूजा मुख्य रूप से दिवाली पूजा के दौरान सुख, समृद्धि और प्रसिद्धि के लिए की जाती है। दिल्ली में दिवाली 2022 के लिए, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (लक्ष्मी पूजा करने का सबसे अच्छा समय) 24 October को शाम 6:09 बजे से रात 8:04 बजे तक 1 घंटा 55 मिनट है। दिवाली संस्कृत शब्द दीपावली से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘दीपों की रेखा’। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो एक नए साल का प्रतीक है, और अक्सर इसकी तुलना पश्चिम में क्रिसमस से की जाती है। दिवाली 2022 का उत्सव 5 दिनों तक चलता है • दिवाली दिवस 1: 22 October, 2022 द्वादशी – धनतेरस • दिवाली दिवस 2: 23 October, 2022 त्रयोदशी – छोटी दिवाली • दिवाली दिवस 3: 24 October, 2022 अमावस्या – दीपावली • दिवाली दिवस 4: 25 October, 2022 प्रतिपदा – पड़वा • दिवाली दिवस 5: 26 October, 2022 द्वितीया – भाई दूज दीवाली 2022 मे 5-दिवसीय समारोह का कैलेंडर (2022 में दिवाली कब है) दिवाली समारोह 5 दिनों में होता है, जिसमें प्रत्येक दिन आम तौर पर अलग-अलग अनुष्ठान और परंपराएं होती हैं। नीचे हमने दीवाली के सभी दिनों को उनकी कैलेंडर तिथियों के साथ सूचीबद्ध किया है और प्रत्येक दिन क्या होता है इसका संक्षिप्त विवरण दिया गया है: दीपावली का 5 दिवसीय उत्सव दीपावल...

Diwali (Deepawali) 2024 in India

Diwali (Deepawali) 2024 in India, is popularly known to be the “Festival of Lights” and celebrated on शुक्रवार, 1 नवंबर. This is known to be one of the significant festivals in Hinduism and observed with utter devotion, happiness and excitement. Among the list of Holidays 2024, the festival of Deepawali is observed not only by Hindus but people from other religious sects as well. Let’s move ahead and know interesting details about this festival. Is Diwali (Deepawali) a Public Holiday? Diwali (Deepawali) is observed as a public holiday by general masses, schools, universities, government and private sector offices, local shops and stores in India. The day of Diwali, as per the Hindu Panchang, commonly falls on the Amavasya or New Moon day during the month of Kartik. Mahalaxmi puja carried out on this day must take place during the Pradosh Kaal. Not only in India, this day is observed as a public holiday in several neighbouring and other countries as well. Therefore, business organizations remain closed on this day or follow a reduced time table. Public transport services can get affected on this day Deepawali in India: History & Religious Significance Diwali history holds relevant significance and commemorates the beginning of its observance. Hinduism Diwali commemorates the return of Ayodhya King Lord Ram along with his brother Lakshman and wife Sita after fourteen years of exile and defeating the demon King Ravana. On his return, the people of Ayodhya lit diyas and illumi...

Diwali 2023 के छह दिवसीय त्योहारों की तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि जानिए

हिंदू धार्मिक त्योहारों में दीपावली शायद सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहार में से एक है। रोशनी के इस त्योहार को देश के कई हिस्सों में दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल दीपावली का त्योहार पांच दिन लंबे चलने वाले त्योहारों की एक श्रृंखला का सबसे प्रमुख दिन है। वैसे तो दीपावली के त्योहार की शुरुआत बछ बारस 2023 से हो जाएगी है। दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार में पहले लोगों द्वारा अपने घरों को साफ करके उसमें नवीनता लाई जाती है और उन्हें बेहद सुंदर और रंग बिरंगे रंगों के साथ सजाया जाता है, दियों और झिलमिल रोशनी की झालरें कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष को (कई इलाकों में अश्विन) रोशनी से सराबोर कर देती है। भारत में, दिवाली सबसे प्रतीक्षित त्योहार है जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। यदि आप भी आपके जीवन में किसी तरह के धन संबंधी अड़चनों से परेशान है तो हमारे पंडितों द्वारा कराई जाने वाली महालक्ष्मी पूजा का लाभ लें। आइए इस लेख के माध्यम से जानें कि इस साल दीपावली या दिवाली 2023 कब है, दिवाली कैसे मनाएं, दीपावली का महत्व, दीपावली से जुड़ी मान्यताएं और दीपावली 2023 मुहूर्त। दिन त्यौहार तारीख पहला दिन गोवत्स द्वादशी/वाघ बारस 9 नवंबर 2023 दूसरा दिन धनतेरस/ धनत्रयोदशी/धन्वंतरि त्रयोदशी/यमदीप दान/धन तेरस 10 नवंबर 2023 तीसरा दिन काली चौदस और हनुमान पूजा 11 नवंबर 2023 चौथा दिन पावली, तमिल दीपावली, लक्ष्मी पूजा, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा, काली पूजा, दिवाली स्नान, दीवाली देव पूजा 12 नवंबर 2023 पांचवा दिन 13 नवंबर 2023 छठवां दिन भाई दूज/ यम द्वितीया/ यम दूज 14 नवंबर 2023 दीपावली क्यों मनाई जाती है? प्रकाश का जगमगाता त्योहार, दिवाली जो अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बुराई पर विजय और अ...

holi 2024 date: this is holi in 2024, know the auspicious time of holika dahan and its history

Holi 2024 Date: हिंदू धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व है। होलिका दहन के बाद अगले दिन होली यानी दुल्हेंडी का त्योहार मनाया जाता है। हर साल होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होता है और चैत्र कृष्ण प्रतिपदा के दिन रंगवाली होली मनाई जाती है। होली एक धार्मिक त्योहार है जो पूरी दुनिया में हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। होली को हिंदू कैलेंडर में दिवाली के बाद दूसरा सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। होलिका दहन 2024 शुभ मुहूर्त होलिका दहन की तारीख और दिन 24 मार्च 2024 दिन रविवार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 13 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 27 मिनट तक कुल अवधि 1 घंटा 14 मिनट होली या दुल्हेंडी 2024 25 मार्च 2024 दिन सोमवार होली का इतिहास होली से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद और होलिका की कथा है। पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक दैत्य था। वह खुद को भगवान से भी बड़ा मानता था। वह चाहता था कि सभी लोग केवल उसकी पूजा करें। लेकिन उसका अपना पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। इस कारण दैत्य अपने पुत्र को भगवान की भक्ति से विमुख करना चाहते थे। इसके लिए कई प्रयास किए लेकिन ऐसा हो न सका। लेकिन पुत्र प्रह्लाद प्रभु की भक्ति नहीं छोड़ सका। तब हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र को मारने की कई बार कोशिश की। लेकिन हर बार हरि की कृपा से प्रह्लाद बच गया। इसके बाद हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को मारने के लिए अपनी बहन होलिका की मदद ली। जिसे वरदान था कि आग उसे जला नहीं सकती। लेकिन ऐसा न हो सकता और होलिका अपने सबसे बड़े भतीजे प्रह्लाद को गोद में लेकर आग की चिता पर बैठ गई। उस दौरान प्रह्लाद केवल भगवान विष्णु के स्मरण में लीन था। फलस्वरूप, होलिका आग में ज...

Panchang 2023

दरभंगा. पंडित महासभा में सभी पंचांगकारों द्वारा लिए गए एकमत निर्णय के अनुसार कोजागरा 28 अक्टूबर 2023 को मनाई जाएगी, तो वही धनतेरस 10 नवंबर 2023 और दीपावली 12 नवंबर 2023 को. दुर्गा पूजा की बात करें तो कलश स्थापना 15 अक्टूबर 2023 को होगी. छठ संध्याकालीन अर्घ्य 19 नवंबर और प्रातः कालीन अर्घ्य 20 नवंबर 2023 को होगा. होली 25 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. जिले के बलभद्रपुर स्थित मैथिल महासभा भवन में पंडित सभा के आयोजन में नये वर्ष का पंचांग तय कर लिया गया. बिहार और पूरे देश में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित होने वाले पंचांग का विशेष महत्व है. इसी पंचांग से सभी पंचांगकार अपने पंचांगों की गणना मिलाते हैं और गुणा भाग करते हैं. पंचांग मूल्यांकन के लिए बिहार में जितने भी पंचांगकार हैं, उन सभी के साथ देश के विभिन्न राज्यों से और पड़ोसी देश नेपाल से भी पंचांगकारों को आने का आमंत्रण दिया गया था. कई जगहों से पंचांगकार दरभंगा में पहुंचे और जो नहीं पहुंच सके, फोन पर इस मूल्यांकन का हिस्सा बने. इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित महासभा में आए ज्योतिषाचार्य डॉ.कुणाल कुमार झा ने बताया मिथिला पंचांग का बिहार में बहुत महत्व है इसलिए यहां आयोजित इस महासभा में पंचांग के जानकार कई जगहों से पहुंचे. विद्यापति पंचांग, वैदेही पंचांग, गंगा पुलकित पंचांग, मिथिला पंचांग और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय का अपना पंचांग है, उससे सब मिलान कर अगले साल का पंचांग जारी किया है. इसमें पर्व, त्यौहार, विवाह, मुंडन, उपनयन, गृह आरंभ, गृह प्रवेश इत्यादि पर्वों का निर्णय हुआ. दो तरह से की जाती है पंचांगों की गणना

2024 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में दिवाली कब है व दिवाली 2024 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...