84 आसन के नाम चित्र सहित

  1. आसन
  2. योगासन के नाम चित्र सहित ❤️ स्वामी योगा
  3. List Of Yoga Asanas İn Hindi
  4. Hast rekha in hindi हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित हिंदी
  5. ध्यानात्मक आसन के प्रकार ❤️ FIZIKA MIND
  6. Hast rekha in hindi हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित हिंदी
  7. List Of Yoga Asanas İn Hindi
  8. आसन
  9. योगासन के नाम चित्र सहित ❤️ स्वामी योगा
  10. ध्यानात्मक आसन के प्रकार ❤️ FIZIKA MIND


Download: 84 आसन के नाम चित्र सहित
Size: 69.22 MB

आसन

आसन का शाब्दिक अर्थ है - संस्कृत शब्दकोष के अनुसार आसनम् (नपुं.) - आस् (धातु) +ल्युट (प्रत्यय) । जिसके विभिन्न अर्थ हैं जैसे - 1. बैठना, 2. बैठने का आधार, 3. बैठने की विशेष प्रक्रिया, 4. बैठ जाना इत्यादि। पतञ्जलि के योगसूत्र के अनुसार, " स्थिरसुखमासनम् " (अर्थ:- सुखपूर्वक स्थिरता से बैठने का नाम आसन है। या, जो स्थिर भी हो और सुखदायक अर्थात आरामदायक भी हो, वह आसन है। ) इस प्रकार हम निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं कि आसन वह जो आसानी से किए जा सकें तथा हमारे जीवन शैली में विशेष लाभदायक प्रभाव डाले। अनुक्रम • 1 योग का इतिहास • 2 आसनों की संख्या • 3 योगासनों के गुण और लाभ • 4 आसन की शुरुआत से पूर्व • 5 आसन • 5.1 श्वास क्रिया • 5.2 सूर्य नमस्कार • 5.3 पादहस्त आसन • 5.4 शवासन • 5.5 कपाल भाति क्रिया • 5.6 पद्मासन • 6 योगमुद्रा के लाभ अनेक • 7 कम्प्यूटर और योग • 8 स्वामी विवेकानंद का आसन पर मत • 9 प्राणायाम • 10 सन्दर्भ • 11 इन्हें भी देखें • 12 बाहरी कड़ियाँ योग का इतिहास [ ] मुख्य लेख: योग परम्परा और शास्त्रों का विस्तृत इतिहास रहा है। संसार की प्रथम पुस्तक जिस तरह माना जाता है कि योग का जन्म श्री तिरुमलाई कृष्णामचार्य, बीकेएस अयंगर, परमहंस योगानन्द, और आसनों की संख्या [ ] आसनों की संख्या का उल्लेख आसनों की संख्या ग्रन्थ ग्रन्थकर्ता रचनाकाल सन्दर्भ 2 गोरक्ष शतक १०-११वीं शताब्दी इसमें 4 शिव संहिता - १५वीं शताब्दी 4 बैठकर किए जाने वाले आसन वर्णित हैं; आसनों की कुल संख्या 84 बतायी गयी है।; 11 मुद्राएँ 15 हठ योग प्रदीपिका स्वामी १५वीं शताब्दी 15 asanas described, 32 घेरण्ड 1१७वीं शताब्दी Descriptions of 32 seated, backbend, twist, balancing and inverted asanas, 25 mudras 52 हठ रत्नावली ...

योगासन के नाम चित्र सहित ❤️ स्वामी योगा

चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। योग में यम और नियम के बाद आसन का तीसरा स्थान है । आसन का उद्‍येश्य : आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है। योगासनों का सबसे बड़ा गुण यह हैं कि वे सहज साध्य और सर्वसुलभ हैं। योगासन ऐसी व्यायाम पद्धति है जिसमें न तो कुछ विशेष व्यय होता है और न इतनी साधन-सामग्री की आवश्यकता होती है। योगासन अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। आसनों में जहां मांसपेशियों को तानने, सिकोड़ने और ऐंठने वाली क्रियायें करनी पड़ती हैं, वहीं दूसरी ओर साथ-साथ तनाव-खिंचाव दूर करनेवाली क्रियायें भी होती रहती हैं, जिससे शरीर की थकान मिट जाती है और आसनों से व्यय शक्ति वापिस मिल जाती है। शरीर और मन को तरोताजा करने, उनकी खोई हुई शक्ति की पूर्ति कर देने और आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से भी योगासनों का अपना अल जमीन पर पद्मासन लगाकर बैठ जाइए। लेफ्ट पैर को उठाइए और राईट जंघा पर लगाइए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी नाभि के नीचे आ जाए। फिर राईट पैर को उठाइए और लेफ्ट जंघा पर रखिए ताकि दोनों ऐड़ियां नाभि से नीचे एक दूसरे को मिलें। दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जा कर राईट हाथ से लेफ्ट पैर को और लेफ्ट हाथ से राईट पैर को पकड़िए। पेट को अंदर की ओर चिपकाते हुए कमर के ऊपरी भाग को आगे झुकाइए और जमीन पर लगाइए। लाभ :

List Of Yoga Asanas İn Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Jun 21, 2015 — अर्ध चन्द्रासन जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इस आसन में शरीर को अर्ध चन्द्र के … https://www.amarujala.com/photo-gallery/spirituality/yoga/21-types-of-yoga-asana योगासन (Yoga Asanas) – Yoga Asanas in Hindi – योग के प्रमुख आसन और उनके लाभ · 1. अर्धमत्स्येन्द्रासन · 2. बद्ध … https://indianwikipedia.com/yoga-asanas Jun 20, 2018 — 12 योगासन और उनके फायदे | yoga asanas names with pictures and benefits in Hindi · 1.अधोमुखश्वानासन योग (ADHO … Dec 17, 2021 — शुरुवात के लिए 12 आसान योगासन फोटो सहित Best Types of Yoga Asanas Poses for Beginners Hindi (With Picture) PDF … प्रमुख योगासनसंपादित करें ; वज्रासन, वज्रासन, बज्रया आसन ; वीरासन, वीरासन, Hero ; वीरभद्रासन … https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80 Dec 8, 2021 — शुरुआत के लिए आसान योगासन | Easy Yoga Asanas Images With Names in Hindi · 1. सुखासन (Sukhasana Yoga Pose) · 2. https://easylifehindi.com/2021/12/easy-yoga-asanas-images-names-hindi.html यह आसन,अपने नाम के अनुसार ही विश्राम करना है। यह योग सत्र के अंत में एक विराम है, जिसमें … https://www.artofliving.org/in-hi/yoga/yoga-poses 100 योगासन के नाम चित्र सहित एवं लाभ – Yogasan Name in Hindi English · 1. अधोमुख श्वानासन · 2. Jun 21, 2021 — 1.शीर्षासन, 2. सर्वांगासन, 3.पादहस्तासन या उत्तानासन, 4. अर्ध पादहस्तासन, 5. https://hindi.webdunia.com/yoga-articles/types-of-yoga-asanas-121...

Hast rekha in hindi हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित हिंदी

वे सीधे रेखाओं और उन पर पाए जाने वाले चिन्हों के विषय में अध्ययन करने लगते हैं। यह सही तरीका नहीं है क्योंकि रेखाओं का और हाथ के चिन्हों के प्रभाव का मूल्यांकन, हम जिस हाथ का परीक्षण कर रहे हैं, उस हाथ के आकार आदि के आधार पर ही हो सकता है। हाथहाथ का आकार प्रायः शरीर के अन्य अंगों के समान ही होता है। जब हाथ का आकार बड़ा हो, तब उसे बड़ा हाथ कहते हैं। जब छोटा हो तो उसे छोटा हाथ कहते हैं। जब हाथ की लम्बाई मणिबन्ध से उंगली तक अनुपात से ज्यादा लम्बी हो तो उसे लम्बा हाथ कहते हैं। जब हथेली की चौड़ाई अंगूठे के नीचे के अनुपात से अधिक हो, तो उसे चौड़ा। हाथ के उस भाग में जो कलाई से जुड़ा होता है अनेक छोटी-छोटी अस्थियां होती हैं जिन्हें 'कारपियल' कहा जाता है। हाथ में पांच लम्बी और सीधी अस्थियां होती है जिनको 'मेटाकारपल' अस्थियां कहते हैं। यही अस्थियां हमारी हथेली की हाथ में जानने योग्य प्रमुख बातें img करती हैं। इन करभास्थियों के ऊपर चौदह अगुल्यास्थियां भी होती हैं। अंगूठे में दो तथा चारों अंगुलियों में से प्रत्येक में तीन-तीन अंगुल्यास्थियां होती हैं। प्रत्येक अंगुल्यास्थि एक पोरुवे का निर्माण करती है जिस पर्व में नाखून होता है उसे तीसरा पर्व कहते हैं परन्तु हस्तरेखा विज्ञान में जिस पर्व में नाखून होता है उसे प्रथम पर्व और जो हथेली से जुड़ा होता है उसे तीसरा पर्व कहते हैं। करतल उस भाग को कहते हैं जिस पर ग्रहों की सूचना देने वाली रेखाएं होती हैं। हाथ की पीठ की तरफ बाल और नाखून होते हैं उसे कर-पृष्ठ कहा जाता है। यह आमतौर से पुरुषों के हाथ के पीछे होते हैं। हथेली मणिबन्ध से मध्यमा उंगली के नीचे तक फैली होती है। अगर मध्यमा उंगली हथेली के तीन-चौथाई भाग के बराबर हो तो अंगुलियों का आकार सामा...

ध्यानात्मक आसन के प्रकार ❤️ FIZIKA MIND

विभिन्न ग्रंथों में आसन के लक्षण हैं - उच्च स्वास्थ्य की प्राप्ति, शरीर के अंगों की दृढ़ता, प्राणायामादि उत्तरवर्ती साधनक्रमों में सहायता, स्थिरता, सुख दायित्व आदि। पंतजलि ने स्थिरता और सुख को लक्षणों के रूप में माना है। प्रयत्नशैथिल्य और परमात्मा में मन लगाने से इसकी सिद्धि बतलाई गई है। इसके सिद्ध होने पर द्वंद्वों का प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता। किंतु पतंजलि ने आसन के भेदों का उल्लेख नहीं किया। उनके व्याख्याताओं ने अनेक भेदों का उल्लेख (जैसे - पद्मासन, भद्रासन आदि) Read More : आसन about आसन

Hast rekha in hindi हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित हिंदी

वे सीधे रेखाओं और उन पर पाए जाने वाले चिन्हों के विषय में अध्ययन करने लगते हैं। यह सही तरीका नहीं है क्योंकि रेखाओं का और हाथ के चिन्हों के प्रभाव का मूल्यांकन, हम जिस हाथ का परीक्षण कर रहे हैं, उस हाथ के आकार आदि के आधार पर ही हो सकता है। हाथहाथ का आकार प्रायः शरीर के अन्य अंगों के समान ही होता है। जब हाथ का आकार बड़ा हो, तब उसे बड़ा हाथ कहते हैं। जब छोटा हो तो उसे छोटा हाथ कहते हैं। जब हाथ की लम्बाई मणिबन्ध से उंगली तक अनुपात से ज्यादा लम्बी हो तो उसे लम्बा हाथ कहते हैं। जब हथेली की चौड़ाई अंगूठे के नीचे के अनुपात से अधिक हो, तो उसे चौड़ा। हाथ के उस भाग में जो कलाई से जुड़ा होता है अनेक छोटी-छोटी अस्थियां होती हैं जिन्हें 'कारपियल' कहा जाता है। हाथ में पांच लम्बी और सीधी अस्थियां होती है जिनको 'मेटाकारपल' अस्थियां कहते हैं। यही अस्थियां हमारी हथेली की हाथ में जानने योग्य प्रमुख बातें img करती हैं। इन करभास्थियों के ऊपर चौदह अगुल्यास्थियां भी होती हैं। अंगूठे में दो तथा चारों अंगुलियों में से प्रत्येक में तीन-तीन अंगुल्यास्थियां होती हैं। प्रत्येक अंगुल्यास्थि एक पोरुवे का निर्माण करती है जिस पर्व में नाखून होता है उसे तीसरा पर्व कहते हैं परन्तु हस्तरेखा विज्ञान में जिस पर्व में नाखून होता है उसे प्रथम पर्व और जो हथेली से जुड़ा होता है उसे तीसरा पर्व कहते हैं। करतल उस भाग को कहते हैं जिस पर ग्रहों की सूचना देने वाली रेखाएं होती हैं। हाथ की पीठ की तरफ बाल और नाखून होते हैं उसे कर-पृष्ठ कहा जाता है। यह आमतौर से पुरुषों के हाथ के पीछे होते हैं। हथेली मणिबन्ध से मध्यमा उंगली के नीचे तक फैली होती है। अगर मध्यमा उंगली हथेली के तीन-चौथाई भाग के बराबर हो तो अंगुलियों का आकार सामा...

List Of Yoga Asanas İn Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Jun 21, 2015 — अर्ध चन्द्रासन जैसा कि नाम से पता चल रहा है, इस आसन में शरीर को अर्ध चन्द्र के … https://www.amarujala.com/photo-gallery/spirituality/yoga/21-types-of-yoga-asana योगासन (Yoga Asanas) – Yoga Asanas in Hindi – योग के प्रमुख आसन और उनके लाभ · 1. अर्धमत्स्येन्द्रासन · 2. बद्ध … https://indianwikipedia.com/yoga-asanas Jun 20, 2018 — 12 योगासन और उनके फायदे | yoga asanas names with pictures and benefits in Hindi · 1.अधोमुखश्वानासन योग (ADHO … Dec 17, 2021 — शुरुवात के लिए 12 आसान योगासन फोटो सहित Best Types of Yoga Asanas Poses for Beginners Hindi (With Picture) PDF … प्रमुख योगासनसंपादित करें ; वज्रासन, वज्रासन, बज्रया आसन ; वीरासन, वीरासन, Hero ; वीरभद्रासन … https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%82_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9A%E0%A5%80 Dec 8, 2021 — शुरुआत के लिए आसान योगासन | Easy Yoga Asanas Images With Names in Hindi · 1. सुखासन (Sukhasana Yoga Pose) · 2. https://easylifehindi.com/2021/12/easy-yoga-asanas-images-names-hindi.html यह आसन,अपने नाम के अनुसार ही विश्राम करना है। यह योग सत्र के अंत में एक विराम है, जिसमें … https://www.artofliving.org/in-hi/yoga/yoga-poses 100 योगासन के नाम चित्र सहित एवं लाभ – Yogasan Name in Hindi English · 1. अधोमुख श्वानासन · 2. Jun 21, 2021 — 1.शीर्षासन, 2. सर्वांगासन, 3.पादहस्तासन या उत्तानासन, 4. अर्ध पादहस्तासन, 5. https://hindi.webdunia.com/yoga-articles/types-of-yoga-asanas-121...

आसन

आसन का शाब्दिक अर्थ है - संस्कृत शब्दकोष के अनुसार आसनम् (नपुं.) - आस् (धातु) +ल्युट (प्रत्यय) । जिसके विभिन्न अर्थ हैं जैसे - 1. बैठना, 2. बैठने का आधार, 3. बैठने की विशेष प्रक्रिया, 4. बैठ जाना इत्यादि। पतञ्जलि के योगसूत्र के अनुसार, " स्थिरसुखमासनम् " (अर्थ:- सुखपूर्वक स्थिरता से बैठने का नाम आसन है। या, जो स्थिर भी हो और सुखदायक अर्थात आरामदायक भी हो, वह आसन है। ) इस प्रकार हम निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं कि आसन वह जो आसानी से किए जा सकें तथा हमारे जीवन शैली में विशेष लाभदायक प्रभाव डाले। अनुक्रम • 1 योग का इतिहास • 2 आसनों की संख्या • 3 योगासनों के गुण और लाभ • 4 आसन की शुरुआत से पूर्व • 5 आसन • 5.1 श्वास क्रिया • 5.2 सूर्य नमस्कार • 5.3 पादहस्त आसन • 5.4 शवासन • 5.5 कपाल भाति क्रिया • 5.6 पद्मासन • 6 योगमुद्रा के लाभ अनेक • 7 कम्प्यूटर और योग • 8 स्वामी विवेकानंद का आसन पर मत • 9 प्राणायाम • 10 सन्दर्भ • 11 इन्हें भी देखें • 12 बाहरी कड़ियाँ योग का इतिहास [ ] मुख्य लेख: योग परम्परा और शास्त्रों का विस्तृत इतिहास रहा है। संसार की प्रथम पुस्तक जिस तरह माना जाता है कि योग का जन्म श्री तिरुमलाई कृष्णामचार्य, बीकेएस अयंगर, परमहंस योगानन्द, और आसनों की संख्या [ ] आसनों की संख्या का उल्लेख आसनों की संख्या ग्रन्थ ग्रन्थकर्ता रचनाकाल सन्दर्भ 2 गोरक्ष शतक १०-११वीं शताब्दी इसमें 4 शिव संहिता - १५वीं शताब्दी 4 बैठकर किए जाने वाले आसन वर्णित हैं; आसनों की कुल संख्या 84 बतायी गयी है।; 11 मुद्राएँ 15 हठ योग प्रदीपिका स्वामी १५वीं शताब्दी 15 asanas described, 32 घेरण्ड 1१७वीं शताब्दी Descriptions of 32 seated, backbend, twist, balancing and inverted asanas, 25 mudras 52 हठ रत्नावली ...

योगासन के नाम चित्र सहित ❤️ स्वामी योगा

चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के प्रकार को आसन कहते हैं। आसन अनेक प्रकार के माने गए हैं। योग में यम और नियम के बाद आसन का तीसरा स्थान है । आसन का उद्‍येश्य : आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है। शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है। योगासनों का सबसे बड़ा गुण यह हैं कि वे सहज साध्य और सर्वसुलभ हैं। योगासन ऐसी व्यायाम पद्धति है जिसमें न तो कुछ विशेष व्यय होता है और न इतनी साधन-सामग्री की आवश्यकता होती है। योगासन अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। आसनों में जहां मांसपेशियों को तानने, सिकोड़ने और ऐंठने वाली क्रियायें करनी पड़ती हैं, वहीं दूसरी ओर साथ-साथ तनाव-खिंचाव दूर करनेवाली क्रियायें भी होती रहती हैं, जिससे शरीर की थकान मिट जाती है और आसनों से व्यय शक्ति वापिस मिल जाती है। शरीर और मन को तरोताजा करने, उनकी खोई हुई शक्ति की पूर्ति कर देने और आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से भी योगासनों का अपना अल जमीन पर पद्मासन लगाकर बैठ जाइए। लेफ्ट पैर को उठाइए और राईट जंघा पर लगाइए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी नाभि के नीचे आ जाए। फिर राईट पैर को उठाइए और लेफ्ट जंघा पर रखिए ताकि दोनों ऐड़ियां नाभि से नीचे एक दूसरे को मिलें। दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जा कर राईट हाथ से लेफ्ट पैर को और लेफ्ट हाथ से राईट पैर को पकड़िए। पेट को अंदर की ओर चिपकाते हुए कमर के ऊपरी भाग को आगे झुकाइए और जमीन पर लगाइए। लाभ :

ध्यानात्मक आसन के प्रकार ❤️ FIZIKA MIND

विभिन्न ग्रंथों में आसन के लक्षण हैं - उच्च स्वास्थ्य की प्राप्ति, शरीर के अंगों की दृढ़ता, प्राणायामादि उत्तरवर्ती साधनक्रमों में सहायता, स्थिरता, सुख दायित्व आदि। पंतजलि ने स्थिरता और सुख को लक्षणों के रूप में माना है। प्रयत्नशैथिल्य और परमात्मा में मन लगाने से इसकी सिद्धि बतलाई गई है। इसके सिद्ध होने पर द्वंद्वों का प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता। किंतु पतंजलि ने आसन के भेदों का उल्लेख नहीं किया। उनके व्याख्याताओं ने अनेक भेदों का उल्लेख (जैसे - पद्मासन, भद्रासन आदि) Read More : आसन about आसन