अंतर्गत

  1. पुणे: उच्च शिक्षणाची गुणवत्ता वाढवण्यासाठी राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्ष
  2. जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, शब्द, वाक्य jati vachak sangya in hindi, examples
  3. हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar)
  4. अंतर्गत का पर्यायवाची
  5. सर्वनाम : सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण, वाक्य, शब्द


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पुणे: उच्च शिक्षणाची गुणवत्ता वाढवण्यासाठी राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्ष

पुणे : राज्यातील उच्च शिक्षणाची गुणवत्ता वाढवण्यासाठी उच्च व तंत्रशिक्षण विभागाने राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्षाची स्थापना केली आहे. राज्यातील महाविद्यालयांच्या शैक्षणिक लेखापरीक्षणाचा, महाविद्यालयातील अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्षाच्या कामाचा आढावा घेऊन नॅक मूल्यांकन वाढवणे, शैक्षणिक गुणवत्तेसाठी उपाययोजना सुचवण्याचे काम या कक्षाकडून करण्यात येईल. उच्च व तंत्रशिक्षण विभागाने या संदर्भातील शासन निर्णय प्रसिद्ध केला. केंद्र सरकारच्या राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियानाअंतर्गत मार्गदर्शक तत्त्वानुसार शिक्षणात गुणवत्ता राखून सुसूत्रता आणण्यासाठी निरक्षण पद्धत सुलभ करण्यासाठ राज्यात राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्ष २०१६मध्ये स्थापन करण्यात आला होता. मात्र राष्ट्रीय शैक्षणिक धोरण २०२०मध्ये शैक्षणिक गुणवत्तेला प्राधान्य देण्यात आले आहे. त्यामुळे २०१६मध्ये कक्ष स्थापनेबाबतचा शासन निर्णय अधिक्रमिक करून नव्याने राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्षाची स्थापना करण्यात आल्याचे स्पष्ट करण्यात आले. “आता फक्त आठवणीतच…”, शशांक केतकरचा वडिलोपार्जित वाडा पाडला जाणार; म्हणाला, “एका घराऐवजी…” हेही वाचा >>> नव्याने स्थापन केलेल्या राज्यस्तरीय अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्षामध्ये रुसा प्रकल्प संचालक, उच्च शिक्षण संचालक, तंत्रशिक्षण संचालक, मुंहबई विद्यापीठाचे माजी अधिष्ठाता डॉ. विजय जोशी यांच्यासह एकूण नऊ सदस्यांचा समावेश आहे. या कक्षाच्या कार्यकक्षेमध्ये विद्यापीठ आणि महाविद्यालय स्तरावरील अंतर्गत गुणवत्ता हमी कक्षाला शैक्षणिक लेखापरीक्षण, क्षमता विकासाची प्रक्रिया सुरळीत करण्यासाठी मार्गदर्शन, मूल्यांकनाची प्रक्रिया गतिमान करणे, नॅक मूल्यांकनासाठीच्या अडचणींबाबत मार्गदर्शन करणे आदी घटकांचा स...

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, शब्द, वाक्य jati vachak sangya in hindi, examples

विषय-सूचि • • • इसलेखमेंहमसंज्ञाकेभेदजातिवाचकसंज्ञाकेबारेमेंविस्तारसेपढेंगे। (संज्ञाऔरउसकेसभीभेदकेबारेमेंपढनेकेलिएयहाँक्लिककरें– जातिवाचकसंज्ञाकीपरिभाषा (definition of jati vachak sangya in hindi) जोशब्दकिसीव्यक्ति, वस्तुयास्थानकीसंपूर्णजातिकाबोधकरातेहैं, उनशब्दोंको जातिवाचकसंज्ञाकहतेहैं।यानी, जातिवाचकसंज्ञाशब्दोंसेएकजातिकेअंतर्गतआनेवालेसभीव्यक्तियों, वस्तुओंवस्थानोंकाबोधहोताहै। जैसे- वस्तु–मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर, पुस्तक, कार, ट्रकआदि। स्थान–गाँव, स्कूल, शहर, बगीचा, नदीआदि। प्राणी–आदमी, जानवर, पशु, पक्षी, गाय, लड़काआदि। जातिवाचकसंज्ञाकेउदाहरण (examples of jati vachak sangya in hindi) • गाय :गायबोलनेसेपहाड़ी, हरियाणवी, जर्सी, काली, सफ़ेद, देशी, विदेशीआदिसभीगायोंकाबोधआताहै।अतःगायजातिवाचकसंज्ञाशब्दहुआक्योंकिगायजानवरोंकीएकजातिहुई। • लड़का :लड़काबोलनेसेसभीतरहकेवसभीजगहकेलड़कोंकाबोधहोताहैजैसे–रामु, श्यामू, विकास, आकाश, पीटर, मार्टिन, डेनियल, सिध्धू, परमिंदरआदिक्योंकिमनुष्यजातीमेंलड़काएकख़ासअवस्थावालीजातिहुई। • नदी :नदीशब्दकाप्रयोगकरनेपरहमेंविश्वकीसभीनदियोंकाबोधहोताहुई।यहशब्दहमेंकिसीविशेषनदीजैसेगंगाकाबोधनकराकरसभीनदियोंबोधकरारहाहै।इसकेअंतर्गतसभीनदियाँजैसे–गंगा, यमुना, सरयू, कोसीसेलेकरअमेज़ननदीआतीहैं।अतःनदीजातिवाचकसंज्ञाशब्दहुआक्योंकिनदीजलश्रोतोंकीएकजातिहै। • पहाड़ :यहशब्दकिसीएकविशेषपहाड़काबोधनकराकरदुनियाकेसभीपहाड़ोंकाबोधकरारहाहै।अतःपहाड़एकजातिवाचकसंज्ञाशब्दहै। • शहर : यहएकस्थानसूचकजातिवाचकसंज्ञाहै।इसकेअंतर्गततमामशहरआएंगे–दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी,पटना, कानपूर, लखनऊसभी। जातिवाचकसंज्ञाकेकुछअन्यउदाहरण (moreexamples of jati vachak sangya in hindi) • बच्चे खिलौनोंसेखेलरहेहैं...

हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar)

Hindi Grammar Hindi Grammar (हिन्दी व्याकरण): हिन्दी व्याकरण हिन्दी व्याकरण में • वर्ण विचार– इसके अंतर्गत ध्वनि और वर्ण; • शब्द विचार– इसके अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियम; • वाक्य विचार– इसके अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों; • छंद विचार– इसमें साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है। हिंदी व्याकरण से संबंधित विषयों के नोट्स जैसे भाषा, वर्णमाला, संज्ञा, सर्वनाम, संधि, समास, पर्यायवाची, मुहावरे, रस, छंद, अलंकार आदि। Hindi की परीक्षाओं से सम्बंधित Hindi Grammar के महत्वपूर्ण विषयों पर notes निम्न हैं- • भाषा • • व्याकरण और उसके विभाग • • • वाक्य विचार • • सर्वनाम • क्रिया • काल • विशेषण • अव्यय • लिंग • उपसर्ग • संधि • संधि विच्छेद • कारक • प्रत्यय • मुहावरा • समास • वचन • अलंकार • विलोम/विपरीतार्थक शब्द • संख्याएँ • निबन्ध-लेखन • अनेकार्थी शब्द • एकार्थक शब्द • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द • पत्र-लेखन • अनुच्छेद-लेखन • कहानी-लेखन • संवाद-लेखन • तार लेखन • डायरी-लेखन • टिप्पण लेखन • विराम चिह्न • युग्म शब्द • लोकोक्तियाँ • पल्लवन • धातु • संक्षेपण • छन्द • रस • लेखन-कला • दिन और महीने • शब्दार्थ (शब्दों का अर्थ-बोध) • पदबंध • उपवाक्य • शब्दों की अशुद्धियाँ • प्रतिवेदन • तत्सम-तद्भव शब्द • श्रुतिसम/समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द • वाच्य • सारांश • भावार्थ • व्याख्या • आलेखन • • वाक्य-शुद्धि • पाठ-बोधन • शब्द-शक्ति • उच्चारण और वर्तनी • हिंदी का सामान्य ज्ञान • मौखिक अभिव्यक्ति • हिन्दी साहित्य • अनुवाद • विज्ञापन लेखन • शब्द परिवार • निबन्ध • अंतर-सूची • पद परिचय • निपात • ऊनार्थक शब्द • काव्यशास्त्र • पाश्चात्य काव्यशास्त्र • काव्य लक्षण • काव्य-हे...

अंतर्गत का पर्यायवाची

अंतर्गत का पर्यायवाची | Synonyms of Antargat शब्द पर्यायवाची अंतर्गत अंतर्भूत | निहित | अंतर्वर्ती | अंतर्निहित | अंतर्निविष्ट | शरीक | शामिल | सम्मिलित | विवक्षित | सामवेष्टित | संनिविष्ट | मिला हुआ | Antargat Antarbhut | Nihit | Antarvarti | Antarnihit | Antarnivisht | Shareek | Shamil | Sammilit | Vivakshit | Samveshtit | Samnivisht | Mila Hua | इसे भी जानें ⇓ ‘ पर्याय ’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन) ‘पर्याय’ शब्द की व्युत्पत्ति परि उपसर्ग पूर्वक इण् गतौ(परावनुपात्यय इणः, अष्टाध्यायी-3/3/38) धातु में घञ् प्रत्यय लगकर निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है- परितः ईयते गम्यते शब्दार्थः अनेन इति पर्यायः अर्थात् जिसके द्वारा चारो ओर से शब्दार्थ का बोध होता है। ‘ पर्याय ’ शब्द का सामान्य अर्थ 1. समानार्थक शब्द। समान अर्थ को प्रकट करने वाला शब्द। समान अर्थ का वाचक शब्द। समानार्थवाची शब्द। पर्यायवाची 2. परम्परा। क्रम। सिलसिला। अनुक्रम। 3. प्रकार। भेद। तरह। ढंग। 4. प्रणाली। व्यवस्था। 5. सदृश। समान। बराबर। 6. तरीका। प्रक्रिया की प्रणाली। रीति। 7. एक प्रकार का अलंकार(अर्थालंकार) जिसमें एक वस्तु अनेक आश्रय ग्रहण करता है। घुमाफिरा कर कहना। वक्रोक्ति या वाक्प्रपंच से कहने की रीति। 8. अवसर। मौका। 9. द्रव्य(वस्तु) का धर्म। द्रव्य(वस्तु) का अंश। 10. बारी। उत्तराधिकार। उचित या नियमित क्रम। 11. सृष्टि। निर्माण। तैयारी। रचना। ‘ पर्याय ’ शब्द का पर्यायवाची समानार्थी। समार्थी। पर्यायवाची। एकार्थवाची। एकार्थवाचक। एकार्थबोधक। एकार्थी। पर्यायवाचक। ‘ पर्यायवाची ’ शब्द के विपरीतार्थक शब्द विपर्याय। अपर्याय। विपरीतार्थ। विलोम। The word synonym means that it is similar or nearly identical to any ...

सर्वनाम : सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण, वाक्य, शब्द

विषय-सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • सर्वनामकीपरिभाषा: सर्वनामकेउदाहरण: आइयेकुछउदाहरणोंकेद्वारासर्वनामकोविस्तारसेसमझतेहैं।नीचेलिखेवाक्योंकोध्यानपूर्वकदेखे– : • पेड़-पौधेप्रकाश-संश्लेषणकीक्रियाकेदरम्यानऑक्सीजनमुक्तकरतेहैं। • पेड़-पौधेपर्यावरणकोसंतुलितबनायेरखतेहैं। • पेड़-पौधेविभिन्नजीवोंकोआश्रयप्रदानकरतेहैं। • पेड़-पौधेभू-क्षरणकोरोकतेहैं। • पेड़-पोधोसेहमेंफल-फूल, दवाएँ, इमारतीलकड़ीआदिमिलतेहैं। अबइनवाक्योंपरगौरकरें -: • पेड़-पौधेप्रकाश-संश्लेषणकीक्रियाकेदरम्यानऑक्सीजनमुक्तकरतेहैं। • वेपर्यावरणकोसंतुलितबनायेरखतेहैं। • वेविभिन्नजीवोंकोआश्रयप्रदानकरतेहैं। • वेभू-क्षरणकोरोकतेहैं। • उनसेहमेंफल-फूल, दवाएँ, इमारतीलकड़ीआदिमिलतेहैं। आपनेक्यादेखा?प्रथमपांचवाक्योंमेंसंज्ञा‘पेड़-पौधे’दुहराएजानेपरवाक्यभद्देहोगए, जबकिनीचेकेपांचवाक्यसुन्दरहैं।आपनेयहभीदेखाहोगाकी‘वे’और‘उनसे’पदपेड़-पौधेकीऔरसंकेतकरतेहैं।अतःउक्तवाक्योंमें‘वे’और‘उनसे’सर्वनामहैं। मूलतःसर्वनामोंकीसंख्याग्यारहहै– मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, कोईऔरकुछआदि। सर्वनामकेभेद: सर्वनामकेपांचभेदहोतेहैं– • पुरुषवाचकसर्वनाम • निजवाचकसर्वनाम • निश्चयवाचकसर्वनाम • अनिश्चयवाचकसर्वनाम • प्रश्नवाचकसर्वनाम • सम्बन्धवाचकसर्वनाम 1. पुरुषवाचकसर्वनाम जिनसर्वनामशब्दोंकाप्रयोगवक्ताद्वाराखुदकेलिएयादुसरोकेलिएकियाजाताहै, उसेपुरुषवाचकसर्वनामकहतेहैं। जैसे– मैं, हम (वक्ताद्वाराखुदकेलिए), तुमऔरआप (सुननेवालेकेलिए) और यह, वह, ये, वे(किसीऔरकेबारेमेंबातकरनेकेलिए) आदि। पुरुषवाचकसर्वनामकेउदाहरण: नीचेलिखेउदाहरणोंकोदेखें– • मैंफिल्मदेखनाचाहताहूँ। • मैंघरजानाचाहतीहूँ। • आपकहतेहैंतोठीकहीहोगा। • तुमजबतकआयेतबतकवहचलागया। • आजकल आपकहाँरहतेहैं। • वहपढनेमेंबहुततेजहै। • यहव्यक्ति...