आदित्य हृदय स्तोत्र hindi

  1. { आदित्य हृदय स्तोत्र अर्थ सहित } Shri Aditya Hridaya Stotra in Hindi Sanskrit
  2. आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी
  3. आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अर्थ
  4. आदित्य हृदय स्तोत्र हिन्दी पुस्तक
  5. Aditya Hridaya Stotra Lyrics in Hindi & English
  6. आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ


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{ आदित्य हृदय स्तोत्र अर्थ सहित } Shri Aditya Hridaya Stotra in Hindi Sanskrit

• विनियोग • ॐ अस्य आदित्य हृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुपछन्दः, आदित्येहृदयभूतो भगवान ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः। • ऋष्यादिन्यास ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि। अनुष्टुपछन्दसे नमः, मुखे। आदित्यहृदयभूतब्रह्मदेवतायै नमः हृदि। ॐ बीजाय नमः, गुह्यो। रश्मिमते शक्तये नमः, पादयो। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः नाभौ। • करन्यास ॐ रश्मिमते अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां नमः। ॐ विवरवते अनामिकाभ्यां नमः। ॐ भास्कराय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। ॐ भुवनेश्वराय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः। • हृदयादि अंगन्यास ॐ रश्मिमते हृदयाय नमः। ॐ समुद्यते शिरसे स्वाहा। ॐ देवासुरनमस्कृताय शिखायै वषट्। ॐ विवस्वते कवचाय हुम्। ॐ भास्कराय नेत्रत्रयाय वौषट्। ॐ भुवनेश्वराय अस्त्राय फट्। इस प्रकार न्यास करके निम्नांकित मंत्र से भगवान सूर्य का ध्यान एवं नमस्कार करना चाहिए- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ Shri Aditya Hridaya Stotra in Hindi Sanskrit With Meaning • आदित्यहृदय स्तोत्र • ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम्।।1।। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा।।2।। उधर श्री रामचन्द्रजी युद्ध से थककर चिन्ता करते हुए रणभूमि में खड़े थे। इतने में रावण भी युद्ध के लिए उनके सामने उपस्थित हो गया। यह देख भगवान अगस्त्य मुनि, जो देवताओं के साथ युद्ध देखने के लिए आये थे, श्रीराम के पास जाकर बोले। • राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम्। येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे।।3।। ‘सबके हृदय...

आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी

आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी – Aditya Hridaya Stotra Hindi आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी – नियमित करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है। आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ (Aditya Hridaya Stotra Hindi) से नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास के साथ-साथ समस्त कार्यों में सफलता मिलती है। हर मनोकामना सिद्ध होती है। सरल शब्दों में कहें तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र हर क्षेत्र में चमत्कारी सफलता देता है। पढ़ें संपूर्ण पाठ… आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी – Aditya Hridaya Stotra Hindi ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥॥ सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम् ॥॥ हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान् । तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥॥ हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: । अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ॥॥ व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: । घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥॥ आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:। कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ॥॥ नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: । तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ॥॥ नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: । ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ॥॥ जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: । नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ॥॥ नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम: । नम: पद्मप्रबोधाय प्रचण्ड...

आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अर्थ

Aditya Hridaya Stotra : वाल्मीकि रामायण के अनुसार आदित्य हृदय स्तोत्र अगस्त्य ऋषि द्वारा श्रीराम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति हेतु दिया गया था. आदित्य हृदय स्तोत्र का नित्य पाठ जीवन के अनेक कष्टों का निवारण भी करताहै |इस स्तोत्र में सूर्य देव की निष्ठापूर्वक उपासना करते हुए उनसे विजयी मार्ग पर ले जाने का अनुरोध है. आदित्य हृदय स्तोत्र सभी प्रकार के शत्रुओं से मुक्ति कराने वाला, सर्व कल्याणकारी और प्रतिष्ठा बढाने वाला अति मंगलकारी विजय स्तोत्र है. Aditya Hridaya Stotra Detail: आदित्य हृदय स्तोत्र आदित्य हृदय स्तोत्र की रचना किसने की? अगस्त्य ऋषि संबंधित भाषा संस्कृत और हिंदी सूत्र ऋष्यादिन्यास ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि। अनुष्टुपछन्दसे नमः, मुखे। आदित्यहृदयभूतब्रह्मदेवतायै नमः हृदि। ॐ बीजाय नमः, गुह्यो। रश्मिमते शक्तये नमः, पादयो। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः नाभौ। करन्यास ॐ रश्मिमते अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐदेवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां नमः। ॐ विवरवते अनामिकाभ्यां नमः। ॐ भास्कराय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। ॐ भुवनेश्वराय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः। हृदयादि अंगन्यास ॐ रश्मिमते हृदयाय नमः। ॐ समुद्यते शिरसे स्वाहा। ॐ देवासुरनमस्कृताय शिखायै वषट्। ॐ विवस्वते कवचाय हुम्। ॐ भास्कराय नेत्रत्रयाय वौषट्। ॐ भुवनेश्वराय अस्त्राय फट्। इस प्रकार न्यास करके निम्नांकित मंत्र से भगवान सूर्य का ध्यान एवं नमस्कार करना चाहिए- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अनुवाद सहित – Aditya Hridaya Stotra पूर्व पिठिता ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌ । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌ ॥1॥ उधर श्री...

आदित्य हृदय स्तोत्र हिन्दी पुस्तक

आदित्य हृदय स्तोत्र हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Aditya Hridaya Stotra Hindi Book इस पुस्तक का नाम है :आदित्य हृदय स्तोत्र | इस पुस्तक के लेखक/संपादक हैं : पंडित सत्येश कुमार मिश्र | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : दीपचंद बुकसेलर नयागंज | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 48 MB है | इस पुस्तक में कुल 45 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "आदित्य हृदय स्तोत्र" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं. Name of the book is : Aditya Hridaya Stotra | This book is authored by : Pandit Satyesh Kumar Mishra | This book is published by : Deepchand Book Seller Nayaganj | PDF file of this book is of size 48 MB approximately. This book has a total of 45 pages. Download link of the book "Aditya Hridaya Stotra" has been given further on this page from where you can download it for free. पुस्तक के संपादक पुस्तक की श्रेणी पुस्तक का साइज कुल पृष्ठ पंडित सत्येश कुमार मिश्र धार्मिक 48 MB 45 पुस्तक से : ॐ रश्मिमते अंगुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां नमः। ॐ विवस्वते अनामिकाभ्यां नमः। ॐ भास्कराय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। ॐ भुवनेश्वराय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः। आप जयस्वरूप विजय और कल्याणके दाता हैं। आपके रथ में हरे रंग के घोड़े जुते रहते हैं। आपको बारंबार नमस्कार है। सहस्रों किरणों से सुशोभित भगवान् सूर्य आपको बारंबार प्रणाम है। आप अदिति के पुत्र होनेके कारण आदित्य नाम से प्रसिद्ध हैं। इस गोपनीय स्तोत्रका नाम 'आदित्यहृदय' है। यह परम पवित्र और व्यक्ति के लिए हितकारी है। इससे सदा विजयकी प्राप्ति होती ह...

Aditya Hridaya Stotra Lyrics in Hindi & English

Table of Contents • • • • • • • Aditya Hridaya Stotra Lyrics in Hindi आदित्यहृदय स्तोत्र ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥1॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा॥2॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्॥4॥ सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वधैनमुत्तमम् ॥5॥ रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् । पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्॥6॥ सर्वदेवतामको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः । एष देवासुरगणाँल्लोकान् पाति गभस्तिभिः ॥7॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्रजापतिः । महेन्द्रो धनदः कालो यमः सोमो ह्यपां पतिः॥8॥ पितरो वसवः साध्या अश्विनौ मरुतो मनुः । वायुर्वन्हिः प्रजाः प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकरः ॥9॥ आदित्यः सविता सूर्यः खगः पूषा गर्भास्तिमान् । सुवर्णसदृशो भानुहिरण्यरेता दिवाकरः॥10॥ हरिदश्वः सहस्रार्चिः सप्तसप्तिर्मरीचिमान् । तिमिरोन्मथनः शम्भूस्त्ष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥11॥ हिरण्यगर्भः शिशिरस्तपनोऽहरकरो रविः । अग्निगर्भोऽदितेः पुत्रः शंखः शिशिरनाशनः॥12॥ व्योमनाथस्तमोभेदी ऋम्यजुःसामपारगः । घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥13॥ आतपी मण्डली मृत्युः पिंगलः सर्वतापनः । कविर्विश्वो महातेजा रक्तः सर्वभवोदभवः॥14॥ नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावनः । तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ॥15॥ नमः पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नमः । ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नमः॥16॥ जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नमः । नमो नमः सहस्रांशो आदित्याय नमो नमः ॥17॥ नम उग्...

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ

nous utilisons les cookies afin de personnaliser le contenu et les publicités, de fournir des fonctionnalités pour les réseaux sociaux et analyser notre traffic. Nous partageons également des informations sur votre usage de notre site avec nos réseaux sociaux, publicitaires et partenaires d'analyse J'ai compris Aditya Hridaya Stotra : आदित्य हृदय स्तोत्र की रचना श्री अगस्त्य ऋषि द्वारा हुई पुराणों के अनुसार जब श्री राम और रावण का युद्ध चल रहा था तो एक समय ऐसा भी आया जब भगवान श्री राम का मन भी व्याकुल हो रहा था क्यूंकि राम सेना लंका युद्ध के दौरान राम सैनानीयों को थकान हो रही थी तब अगस्त्य मुनि ने भगवान श्री राम का मार्गदर्शन करते हुए अगस्त्य ऋषि ने प्रभु श्री राम को सूर्य देव की स्तुति अर्थात आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के लिए प्रेरित किया और उनकी सेना को प्रेरित करने के लिए कहा और तभी आदित्य हृदय स्तोत्र की संरचना भी मानी जाती है | || अथ श्री आदित्य हृदय स्तोत्र प्रारंभ || ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥1॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा ॥2॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥4॥ सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वधैनमुत्तमम् ॥5॥ रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् । पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥6॥ सर्वदेवतामको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः । एष देवासुरगणाँल्लोकान् पाति गभस्तिभिः ॥7॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्...