आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे

  1. आदित्य हृदय स्तोत्र
  2. आदित्य हृदय स्तोत्रम
  3. Free आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ 2023
  4. Aditya Hridaya Stotra
  5. कुंजिका स्तोत्र के लाभ
  6. आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ संस्कृत के फायदे हिंदी मै अनुवाद सहित
  7. Aditya Hriday Stotra Pdf Download With Lyrics In Hindi


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आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य-भगवान के लिए एक और महत्वपूर्ण भजन आदित्य हृदय है, जो इस लेख का विषय है। यह एक स्तोत्र, या एक पवित्र भजन है, जो भगवान आदित्य को समर्पित है। सूर्य भगवान के अनेक नाम होते हैं | उनमें से एक है आदित्य | उसकी महीमा और प्रसंसा करनेवाले स्तोत्रों में आदित्य हृदय स्तोत्र एक है| हमारी संस्कृति में अक्सर यह पाया जाता है कि प्रकृति की शक्तियों को देवताओं के रूप में हवा, पानी, पृथ्वी, अग्नि आदि की तरह पूजा जाता है। इन देवताओं में से एक सूर्य है, जो हमारे सूर्य का अधिष्ठाता देवता है, जिसे आदित्य (उनके अदिति के पुत्र होने के कारण) के रूप में भी जाना जाता है, जिन्हें पृथ्वी पर जीवन के निर्वाहक के रूप में पूजा जाता है। आदित्य हृदय कहानि कहा जाता है कि यह स्तोत्र ऋषि अगस्त्य ने राम को सिखाया| जिसका किवदंती इस प्रकार होता है कि: रामायण में राम और रावण के बीच लड़ाई का समय था। रावण को हारने के लिए राम ने रावण के खिलाफ सभी प्रकार के हथियारों को इस्तेमाल किया, लेकिन सब व्यर्थ हो गया । राक्षसों का अधिपति अजेय लगता है। राम, भगवान के अवतार होने पर भी उस समय एक सामान्य इंसान होने के कारण, मानसिक और शारीरिक रूप से थकान से पीड़ित हुआ । वह अपने शत्रु को देखता है, जो युद्ध के लिए तैयार है, और चिंता उसके माथे को पार कर जाती है। इस समय, जैसे ही देवता आकाश से देखते हैं, ऋषि अगस्त्य राम के सामने प्रकट होते हैं और राम को फिर से जीवंत करने और युद्ध के परिणाम को तेज करने के उद्देश्य से, भगवान सूर्य को यह प्रार्थना सिखाते हैं, और जल्द ही गायब हो जाते हैं। राम अगस्त्य से प्रार्थना प्राप्त करते हैं, और इसे पढ़ने पर सक्रिय हो जाते हैं। वह अपना धनुष उठाता है और अंतिम टकराव की तैयारी करता है...

आदित्य हृदय स्तोत्रम

Table of Contents • • • • • • • • • • • सूर्य देव (सूर्य देव) को समर्पित आदित्य हृदय स्तोत्रम ( Aditya Hridaya युद्ध के दिन से पहले, श्री राम ने रातों की नींद और बेचैनी भरे दिन बिताए थे क्योंकि वह अपनी प्यारी पत्नी इसलिए, अपने मन को शांत करने के लिए और युद्ध के मैदान में दुश्मन का सामना करने के लिए आवश्यक मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करने की आवश्यकता पैदा हुई। इसलिए आदित्य हृदय स्तोत्रम का पाठ करने के लिए भगवान राम को ऋषि अगस्त्य ने कहा था। विनियोगः ॐ अस्य आदित्य हृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुपछन्दः, आदित्येहृदयभूतो भगवान ध्यानम् नमस्सवित्रे जगदेक चक्षुसे, जगत्प्रसूति स्थिति नाशहेतवे, त्रयीमयाय त्रिगुणात्म धारिणे, विरिञ्चि ।। अथ आदित्य हृदय स्तोत्रम ।। ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ।।१।। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्या ब्रवीद्रामम् अगस्त्यो भगवान् ऋषिः ।।2।। उधर थककर चिंता करते हुए श्री राम जी रणभूमि में खड़े थे, उतने में रावण भी युद्ध के लिए उनके सामने आ गया। यह देखकर अगस्त्य मुनि श्री राम चंद्र जी के पास गए और इस प्रकार बोले।। राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि ।।3।। आदित्य हृदयं पुण्यं सर्वशत्रु विनाशनम् । जयावहं जपेन्नित्यम् अक्षय्यं परमं शिवम् ।।4।। सभी के हृदय में रमण करने वाले ( बसने वाले ) हे महाबाहो ( लम्बी भुजाओं वाले ) राम ! यह गोपनीय स्तोत्र सुनो। इस स्तोत्र के जप से तुम अवश्य ही शत्रुओं पर विजय पाओगे।। यह आदित्य ह्रदय स्तोत्र परम पवित्र और सभी शत्रुओं का विनाश करने वाला है। इसके जप से सदा ही विजय की प्राप्ति होती है। यह नित्य अक्षय तथा परम कल्याणकार...

Free आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ 2023

Table of Contents • • • • • • • • Free आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ 2023 | Aditya Hridaya Stotra PDF in Hindi आदित्य हृदय स्तोत्र एक प्रसिद्ध वैदिक मन्त्र है, जो सूर्य भगवान की प्रशंसा के लिए प्रयोग किया जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य की शक्ति को संबोधित करता है। इस मन्त्र का पाठ करने से मानव जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इस मन्त्र को पढ़ने से सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त होती है और इससे मनुष्य की आत्मा में ऊर्जा का संचार होता है। pdfwali.com आदित्य हृदय स्तोत्र का महत्व वेदों में बताया गया है। इसे सबसे पहले भगवान राम ने रविवार के दिन सम्पूर्ण किया था। आदित्य हृदय स्तोत्र का अर्थ होता है “ आदित्य के हृदय में अवस्थित होना “। इस स्तोत्र में सूर्य भगवान की महिमा, शक्ति और उसके अनुग्रह का वर्णन है। Note: इस स्तोत्र को ज्ञानवान ऋषि आदित्य ने लिखा था। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से पहले, हमें अपने मन को शुद्ध करना चाहिए। एक स्थिर और शांत मन ज्ञान का स्रोत होता है। हम इस स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण के साथ-साथ ध्यान भी करना चाहिए। इसें भी जरूर देखें:- आदित्य हृदय स्तोत्र के फायदे PDF आदित्य हृदय स्तोत्र के मुख्य फ़ायदे नीचे दिए गए हैं: एकाग्रता में सुधार करता है: आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करने से एकाग्रता और फोकस में सुधार करने में मदद मिल सकती है, जिससे उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि होती है। तनाव दूर करता है: आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करने से तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिल सकती है, जिससे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार होता है। आत्मविश्वास बढ़ाता है: आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जि...

Aditya Hridaya Stotra

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Mark Favorite Aditya Hridaya Stotra hindi mai, Sanskrit mai aur English me diya gaya hai. आदित्य हृदय स्तोत्र हिन्दी, संस्कृत, और इंग्लिश में दिया गया है। Aditya Hridaya Stotra Lyrics Aditya Hrudayam Stotram Lyrics | आदित्य हृदयम स्तोत्रम लिरिक्स (Sanskrit) Aditya Hridaya Stotram । विनियोग । ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुप्छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः । । ऋष्यादिन्यास । ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि । अनुष्टुप्छन्दसे नमः, मुखे। आदित्यहृदयभूतब्रह्मदेवतायै नमः हृदि । ॐ बीजाय नमः, गुह्ये । रश्मिमते शक्तये नमः पादयोः। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः, नाभौ । । करन्यास । इस स्तोत्र के अङ्गन्यास और करन्यास तीन प्रकार से किये जाते हैं। केवल प्रणव से, गायत्री मन्त्र से अथवा ‘रश्मिमते नमः’ इत्यादि छः नाम मन्त्रों से। यहाँ नाम-मन्त्रों से किये जाने वाले न्यास का प्रकार बताया जाता है । ॐ रश्मिमते अङ्गुष्ठाभ्यां नमः । ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः । ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां नमः । ॐ विवस्वते अनामिकाभ्यां नमः । ॐ भास्कराय कनिष्ठिकाभ्यां नमः । ॐ भुवनेश्वराय करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः । । हृदयादि अंगन्यास । ॐ रश्मिमते हृदयाय नमः । ॐ समुद्यते शिरसे स्वाहा । ॐ देवासुरनमस्कृताय शिखायै वषट् । ॐ विवस्वते कवचाय हुम् । ॐ भास्कराय नेत्रत्रयाय वौषट् । ॐ भुवनेश्वराय अस्त्राय फट् । इस प्रकार न्यास करके निम्नाङ्कित मन्त्र से भगवान् सूर्य का ध्यान एवं नमस्कार करना चाहिये । ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। तत्पश्चात्...

कुंजिका स्तोत्र के लाभ

क्या आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के चमत्कारिक लाभ जानना चाहते हैं। क्या आपको पता कि कुंजिका स्तोत्र अपने आप में कितना चमत्कारिक व गूढ रहस्यों से भरा हुआ है तो आइये, आपका स्वागत है। यहाँ हम आपको सभी स्तोत्रों में सर्वश्रेष्ठ स्तोत्र- सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के अद्भुत फायदे के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा सिद्ध कुंजिका स्तोत्र क्या है, कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें, कुंजिका स्तोत्र कौन पढ सकता है इत्यादि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र से जुड़े आपके सभी सवालों का जवाब भी दिया जा रहा है। अतः यदि आप कुंजिका स्तोत्र के लाभ जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढें। यकीन मानिए, इस आर्टिकल को पूरा पढने के बाद आपको कुंजिका स्तोत्र के ऐसे अद्भुत फायदे के बारें में पता चलेगा कि आप आज से ही कुंजिका स्तोत्र पढना शुरु कर देंगे। तो आइये, बिना किसी विलंब के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के इन अद्भुत लाभ के बारें में जानते हैं. Kunjika Stotra Ke Fayde क्या है- कुंजिका स्तोत्र ? Kunjika Stotram सभी मंत्रों का सार ॐकार है। उपनिषदों का सार गीता है। ठीक उसी प्रकार ब्रह्माण्ड में रचे गये सभी स्तोत्रों का सार- कुंजिका स्तोत्र है। आपकी जानकारी के बता दें कि यह दुर्लभ कुंजिका स्तोत्र भगवान शंकर ने मां पार्वती को बताया और बताते समय इसके गुप्त रहस्य भी स्पष्ट किए। भगवान शिव कहते हैं- न मंत्रं नौषधं तत्र न किंचिदपि विद्यते। अर्थात्- हे देवि पार्वति! मैं जिस कुंजिका स्तोत्र के बारे में तुम्हें बता रहा हूँ। वह समस्त ऋषि, मुनि,तपस्वी, देव, दानव, मानव आदि समस्त प्राणियों के लिए अत्यन्त दुर्लभ है। कुंजिका स्तोत्र के समान दूसरा कोई मंत्र नहीं है। न कोई ऐसी औषधि है। यह कुंजिका स्तोत्र सभी मंत्रों का सार है। यदि आप...

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ संस्कृत के फायदे हिंदी मै अनुवाद सहित

Table of Contents • • • • आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत में हिंदी अनुवाद सहित समस्त चराचर जगत के जीवन के आधार भगवान सूर्य की उपासना का एक उत्तम साधन है, आदित्य हृदय स्तोत्र । इस स्तोत्र का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है जहाँ अगस्त्य मुनि ने इसके विषय में भगवान श्रीराम को बताया था। आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव से संबंधित है। इस स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र का उल्लेख रामायण में वाल्मीकि जी द्वारा किया गया है जिसके अनुसार इस स्तोत्र को ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया था।शास्त्रों में इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र में भी आदित्य हृदय स्तोत्र को काफी महत्व दिया गया है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का निवारण होता है। ॥ आदित्य हृदय स्तोत्र ॥ विनियोग – ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुप् छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः। ऋष्यादिन्यास – ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि। अनुष्टुप् छन्दसे नमः, मुखे। आदित्य-हृदयभूत-ब्रह्मदेवतायै नमः, हृदि। ॐ बीजाय नमः, गुह्ये। रश्मिमते शक्तये नमः, पादयोः। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः, नाभौ। करन्यास – इस स्तोत्र के अंगन्यास और करन्यास तीन प्रकार से किये जाते हैं। केवल प्रणव से, गायत्री मन्त्र से अथवा ‘ रश्मिमते नमः ‘ इत्यादि छः नाम मन्त्रों से। यहाँ नाम मन्त्रों से किये जाने वाले न्यास का प्रकार बताया जाता है – ॐ रश्मिमते अङ्गुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां...

Aditya Hriday Stotra Pdf Download With Lyrics In Hindi

Aditya Hriday Stotra भगवान सूर्य के हृदय स्वरूप है ,और भगवान सूर्य का दूसरा नाम आदित्य है इसलिए इसे आदित्य हृदय स्तोत्र कहा जाता है ! Aditya Hriday Stotra संपूर्ण हिंदी में जिसको आप एक कथा के स्वरूप भी आज सुन सकते हो इसके सुनने मात्र से भी आपको आदित्य ह्रदय स्तोत्र के पाठ में जितना ही फल प्राप्त होगा ! और इसको सुनने से कई प्रकार के लाभ भी होते हैं बकवास आदित्य के निर्देश पर इस आदित्य का उद्देश्य अगस्त्य मुनि ने भगवान राम को दिया था ! 4 Download Aditya Hriday Stotra Aditya Hriday Stotra के फायदे इसी के प्रयोग से रामचंद्र जी ने रावण का वध प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त की इसका नित्य पाठ करने से शत्रु शांत हो जाती है , पित्र दोष का निवारण हो जाता है, सूर्य नारायण की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है , स्वास्थ्य अच्छा रहता है, आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है , कोर्ट कचहरी क्षेत्रों में विजय प्राप्त होता है, सरकारी नौकरी या सरकारी कामों में फायदा होता है ,अटके हुए सभी कार्य सफल हो जाते हैं ! इस स्तोत्र के पाठ से सभी पापों का विनाश हो जाता है , यह चिंता और शोक को मिटाने वाला है और आयु को बढ़ाने वाला है ! भगवान सूर्य अपनी अनंत की राह से सुशोभित है यह नित्य उदय होने वाले देवता और असुरों से पूजनीय है ! बस नाम से प्रसिद्ध प्रभा का वितरण करने वाला गण और तंत्र के स्वामी भुनेश्वर है ! Aditya Hriday Stotra श्री रामचंद्र भगवान युद्ध से थक कर विदा करते हुए रणभूमि में खड़े थे ! इतने में रावण की युद्ध के लिए उनके सामने आकर युद्ध के लिए खड़ा हो गया यह देख अगस्त्य मुनि ने भगवान राम के पास जाकर बोले उन्हीं ने कहा है ! सबके हृदय में रमण करनेवाले महा बली राम यह सनातन रमणीय गोपनीय सूत्र सुनो इसके सुनने म...