आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत

  1. आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ
  2. [PDF] आदित्य हृदय स्तोत्र
  3. आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ (Aditya Hrudayam Stotram) PDF Hindi – InstaPDF
  4. Know About Aditya Hriday Stotram And How To Recite It
  5. आदित्य हृदय स्तोत्र
  6. आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ संस्कृत के फायदे हिंदी मै अनुवाद सहित


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आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ

Aditya Hridaya Stotra: आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ संस्कृत भाषा मे रचा गया है। जो की सूर्य भगवान के स्तुति का मंत्र है। इस पाठ को करने वाले मनुष्य का जीवन सुख शांती से भर जाता है। यह पाठ हिंदू धर्म के लोगो के लिये बहुत ही चमत्कारी है। मान्यता है की जो भी इस पाठ को रोजाना करता है उसे सूर्य भगवान हर प्रकार की सुख व शांती प्रदान करते है। उसके जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते है। वह आनंदपूर्ण जीवन व्यापन करने लगता है। Aditya Hridaya Stotra in Hindi आज हम इस लेख मे आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ ( Aditya Hridaya Stotra in Hindi) को पढेंगे, साथ ही इस लेख मे हम हिंदू धर्म के अन्य मुख्य पाठोंं/ चालीसा या आरती को जानेंगे। आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ – Aditya Hridaya Stotra ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषि:अनुष्टुप्छन्दः आदित्यह्रदयभूतो भगवान्ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्माविद्यासिद्धौ सर्वत्रजयसिद्धौ च विनियोगः (Aditya Hridaya Stotra ) ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्‌ । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्‌ ॥1॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्‌ । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥2॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम्‌ । येन सर्वानरीन्‌ वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्‌ । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्‌ ॥4॥ सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम्‌ । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम्‌ ॥5॥ रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्‌ । पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्‌ ॥6॥ सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: । एष देवासुरगणांल्लोकान्‌ पाति गभस्तिभि: ॥7॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: । महेन्द्रो धन...

[PDF] आदित्य हृदय स्तोत्र

Aditya Hridaya Stotra PDF: आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ आदित्य हृदय स्तोत्र PDF शेयर करेंगे, जिसे आप निशुल्क डाउनलोड करके इसका पाठ कर सकते है| अगर आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पथ करना चाहते है और उसके लिए इस स्तोत्र को पीडीऍफ़ के फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते है ताकि आप अपने स्मार्टफ़ोन के सहायता से ही इस स्तोत्र का पाठ कर सके तो आप बिलकुल सही पोस्ट पर आये है क्योंकि हम आपके साथ आदित्य हृदय स्तोत्र के सपूर्ण पाठ को पीडीऍफ़ के फॉर्मेट में आपके साथ बिलकुल निशुल्क शेयर करेंगे| Aditya Hridaya Stotra PDF PDF Name आदित्य हृदय स्तोत्र PDF Language संस्कृत, हिंदी No. of Pages 10 PDF Size 0.68 MB Category Religion & Spirituality Quality Excellent आदित्य स्तोत्र, भगवान् सूर्यदेव का एक प्रार्थना है, और सनातन धर्म में ऐसा मान्यता है कि आदित्य स्तोत्र के पाठ से भगवान् सूर्यदेव प्रसन्न होते है| और यह स्तोत्र महर्षि ऋषि अगस्त्य के द्वारा दिया गया है और मान्यताओं के अनुसार यह स्तोत्र राम और रावण के युद्ध से पहले महर्षि ऋषि अगस्त्य के द्वारा सूर्यदेव को सुनाई गयी थी| इस स्तोत्र का नियमित पाठ से मनुष्य के मन से शांति और जीवन में सुख समृधि आता है साथ ही कठिनाई भरी जिंदगी में सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है| इस स्तोत्र में कुल 31 श्लोक है और यह स्तोत्र को संस्कृत भाषा में लिखा गया है लेकिन आज के इस पीडीऍफ़ में इस स्तोत्र को हिंदी अनुवाद के साथ भी दिया गया है ताकि आप स्तोत्र को अच्छे से समझने में सक्षम हो पायें| आदित्य हृदय स्तोत्र अर्थ सहित ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥ 01 उधर श्रीरामचन्द्रजी युद्ध से थककर चिंता करते हुए रणभूमि मे...

आदित्य

आदित्यहृदयम् सूर्य देव की स्तुति के लिए वाल्मीकि रामायण के युद्ध काण्ड मे लिखे मंत्र हैं। जब राम, रावण से युद्ध के लिये रणक्षेत्र में आमने-सामने थे, उस समय अगस्त्य ऋषि ने श्री राम को सूर्य देव की स्तुति करने की सलाह दी। आदित्यहृदयम् में कुल ३० श्लोक हैं तथा इन्हें ६ भागों में बाँटा जा सकता हैं। आज के समय मे, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास के साथ-साथ समस्त कार्यों में सफलता पाने तथा मनोकामना सिद्ध करने मे किया जाता है। आदित्यहृदय स्तोत्र ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥1॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा ॥2॥ राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥ आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥4॥ सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वधैनमुत्तमम् ॥5॥ रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् । पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥6॥ सर्वदेवतामको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः । एष देवासुरगणाँल्लोकान् पाति गभस्तिभिः ॥7॥ एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्रजापतिः । महेन्द्रो धनदः कालो यमः सोमो ह्यपां पतिः ॥8॥ पितरो वसवः साध्या अश्विनौ मरुतो मनुः । वायुर्वन्हिः प्रजाः प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकरः ॥9॥ आदित्यः सविता सूर्यः खगः पूषा गर्भास्तिमान् । सुवर्णसदृशो भानुहिरण्यरेता दिवाकरः ॥10॥ हरिदश्वः सहस्रार्चिः सप्तसप्तिर्मरीचिमान् । तिमिरोन्मथनः शम्भूस्त्ष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥11॥ हिरण्यगर्भः शिशिरस्तपनोऽहरकरो रविः । अग्निगर्भोऽदितेः पुत्रः शंखः शिशिरनाश...

आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ (Aditya Hrudayam Stotram) PDF Hindi – InstaPDF

आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) PDF Hindi आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) Hindi PDF Download Download PDF of आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) in Hindi from the link available below in the article, Hindi आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ (Aditya Hrudayam Stotram) Hindi आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप आदित्य हृदय स्तोत्र संपूर्ण पाठ (Aditya Hrudayam Stotram) हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। The Aditya Hridaya Stotra is named because, according to the great commentator of the Ramayana, Sri Govindaraja, it is ‘The Prayer that pleases the Heart of Lord Aditya’ – Aditya Manah – Prasadakam Ityarthah. आदित्य हृदय स्तोत्र – भगवान सूर्य देव की प्रार्थना है । जो राम और रावण के साथ महायुद्ध से पहले सुनाई गई थी। इस प्रार्थना को महर्षि ऋषि अगस्त्य द्वारा सुनाई गयी थी। यह पूजन तब है जब आपकी राशि (जन्म कुंडली) में सूर्य ग्रहण लगा हो। इस परस्थिति में आपको अच्छे परिणाम के लिए, नियमित रूप से कर्मकाण्ड (पाठ,व्रत हवन आदि) करने होंगे। आदित्य हृदय स्तोत्र मन की शांति, आत्मविश्वास और समृद्धि देता है। इस प्रार्थना के पाठ से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। आदित्य हृदय स्तोत्र पूजा व...

Know About Aditya Hriday Stotram And How To Recite It

जीवन में उन्नति के लिए किया जाता है आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ मान्यता है कि माघ माह में 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का नियमित पाठ करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है. उल्लेखनीय स्तोत्र में राम रक्षा स्तोत्र और शिव तांडव स्तोत्र प्रमुख हैं. आज हम आपको आदित्य हृदय स्त्रोत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पाठ करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त हो सकती है. नई दिल्ली: शास्त्रों में 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार 'आदित्य हृदय स्तोत्र' अगस्त्य ऋषि द्वारा भगवान श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्ति के लिए दिया गया था. बता दें कि, एक संस्कृत शब्द है. इस शब्द का अर्थ है स्तुति. कहते हैं कि स्तोत्र एक प्रार्थना है, जो हम ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए एक लयबद्ध तरीके में प्रस्तुत करते हैं. मान्यता है कि माघ माह में 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का नियमित पाठ करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है. कहते हैं कि 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ करने से लंबी उम्र, नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास तथा सभी कार्यों में सफलता मिलती है. इसके साथ ही हर मनोकामना सिद्ध होती है. माना जाता है कि 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का नित्य पाठ जीवन के अनेक कष्टों का एकमात्र निवारण है. मान्यता है कि अगर आपको अपने किसी विशेष कार्य में सफलता चाहिए और असाध्य रोग से मुक्ति चाहिए, तो आपको आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ करना चाहिए. सूर्य देव (Surya Dev) को जल अर्पित करने के बाद आप इसका पाठ करें तो अच्छा रहता है.आदित्य हृदय स्तोत्र का उल्लेख रामायण में वाल्मीकि जी द्वारा किया गया है, जिसके अनुसार इस स्तोत्र को ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्र...

आदित्य हृदय स्तोत्र

• एक असे स्तोत्र जे पत्रिकेतील ऊर्जा देणारा रवी ग्रह मजबूत करते. • एक असे स्तोत्र जे करिअर सेटल करण्याची ग्यारंटी देते. • एक असे स्तोत्र जे आपल्या पितरांचा आशीर्वाद मिळण्यासाठी मदत करते. • एक असे स्तोत्र जे डोळ्यांची निगा राखून दृष्टीत तेज निर्माण करते. • एक असे स्तोत्र जे आयुष्यात जास्तीत जास्त पॉसिटीव्हिटी देते. • एक असे स्तोत्र जे आयुष्यात कधीही मानहानी करू देत नाही सतत व्यक्तीचा मान सन्मान वाढविते. • एक असे स्तोत्र ज्यात आयुष्याला लढण्याची शक्ती प्राप्त होते. • एक असे स्तोत्र ज्यात आरोग्याच्या तक्रारी असतील तर दूर करण्याची शक्ती आहे. • एक असे स्तोत्र कोर्ट केस मधून सुटका करते. एव्हढ्या गोष्टी जर पत्रिकेत फक्त रवी (सूर्य) मुळे होत असतील जर तो स्ट्रॉंग असेल तर. पण जर तो स्ट्रॉंग नसेल तर वरील सर्व ऍक्टिव्हिटीज साठी व्यक्तीला भरपूर प्रमाणात मेहनत करावी लागते. Table of Contents • • • • • • पत्रिकेतील रवी ची स्थिती • रवी + राहू किंवा रवी + केतू = ग्रहण दोष • रवी ० ते ५ डिग्री किंवा २६ ते ३० डिग्री वर • रवी ६/८/१२ व्या स्थानी • रवी • अमावास्येचा जन्म वरील योगात निश्चित व्यक्तीला रवी पासून चांगली ऊर्जा मिळविण्यास त्रास होत असतो. आणि हे जरी माहित नसेल तरी प्रत्येकाने सूर्या पासून मिळणारे चांगले सिम्टम्स मिळविण्यासाठी ह्या आदित्य हृदय स्तोत्राचे पठण करावेच. आदित्य हृदय स्तोत्र केव्हा करावे कोणत्याही शुक्ल पक्षाच्या रविवार पासून सुरु करून रोज किंवा रविवारी तरी करावे. सूर्य उगवताना ह्याचे पठण लाभप्रद जास्त असते. जरी हे जमले नाही तरी सकाळी १० पर्यंत तरी करावे. कसे करावे प्रथम पूर्व दिशेला आसन घालून बसावे आणि आचमन करावे म्हणजे उजव्या हातात पाणी तीन वेळा घेऊन खालील प्रमाणे म्हणून प्य...

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ संस्कृत के फायदे हिंदी मै अनुवाद सहित

Table of Contents • • • • आदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत में हिंदी अनुवाद सहित समस्त चराचर जगत के जीवन के आधार भगवान सूर्य की उपासना का एक उत्तम साधन है, आदित्य हृदय स्तोत्र । इस स्तोत्र का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में हुआ है जहाँ अगस्त्य मुनि ने इसके विषय में भगवान श्रीराम को बताया था। आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव से संबंधित है। इस स्तोत्र का पाठ सूर्य देव को प्रसन्न व उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता है। आदित्य हृदय स्तोत्र का उल्लेख रामायण में वाल्मीकि जी द्वारा किया गया है जिसके अनुसार इस स्तोत्र को ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया था।शास्त्रों में इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ व लाभकारी बताया गया है। ज्योतिषशास्त्र में भी आदित्य हृदय स्तोत्र को काफी महत्व दिया गया है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से जीवन के अनेक कष्टों का निवारण होता है। ॥ आदित्य हृदय स्तोत्र ॥ विनियोग – ॐ अस्य आदित्यहृदयस्तोत्रस्यागस्त्यऋषिरनुष्टुप् छन्दः, आदित्यहृदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्मविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः। ऋष्यादिन्यास – ॐ अगस्त्यऋषये नमः, शिरसि। अनुष्टुप् छन्दसे नमः, मुखे। आदित्य-हृदयभूत-ब्रह्मदेवतायै नमः, हृदि। ॐ बीजाय नमः, गुह्ये। रश्मिमते शक्तये नमः, पादयोः। ॐ तत्सवितुरित्यादिगायत्रीकीलकाय नमः, नाभौ। करन्यास – इस स्तोत्र के अंगन्यास और करन्यास तीन प्रकार से किये जाते हैं। केवल प्रणव से, गायत्री मन्त्र से अथवा ‘ रश्मिमते नमः ‘ इत्यादि छः नाम मन्त्रों से। यहाँ नाम मन्त्रों से किये जाने वाले न्यास का प्रकार बताया जाता है – ॐ रश्मिमते अङ्गुष्ठाभ्यां नमः। ॐ समुद्यते तर्जनीभ्यां नमः। ॐ देवासुरनमस्कृताय मध्यमाभ्यां...