श्वेतार्क का पौधा

  1. धनवान बना देंगे आपको ये 10 चमत्कारिक पौधे
  2. Astrological Solutions: श्वेतार्क गणेश साधना , पूजन एवं महत्व
  3. Shwetark Ganesh: श्वेतार्क गणेश की पूजन विधि महत्त्व और उपाय
  4. अपामार्ग के फायदे
  5. वास्तु दोष निवारक विध्न विनाशक श्वेतार्क का पौधा
  6. Shwetark Ganpati Puja Significance For Money And Prosperity By Expert In Hindi


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धनवान बना देंगे आपको ये 10 चमत्कारिक पौधे

वास्तु शास्त्रियों का मानना है कि मनीप्लांट के पौधे के घर में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है। मनीप्लांट को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण यह है कि इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले। यही नहीं, बल्कि बेल और लता का कारण शुक्र ग्रह को माना गया है। इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है। केले का पेड़ : केले का पेड़ काफी पवित्र माना जाता है और कई धार्मिक कार्यों में इसका प्रयोग किया जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है। केले के पत्तों में प्रसाद बांटा जाता है। माना जाता है कि समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा अच्छी होती है। केला हर मौसम में सरलता से उपलब्ध होने वाला अत्यंत पौष्टिक एवं स्वादिष्ट फल है। केला रोचक, मधुर, शक्तिशाली, वीर्य व मांस बढ़ाने वाला, नेत्रदोष में हितकारी है। पके केले के नियमित सेवन से शरीर पुष्ट होता है। यह कफ, रक्तपित, वात और प्रदर के उपद्रवों को नष्ट करता है। घर की चारदीवारी में केले का वृक्ष लगाना शुभ है। इसे ईशान कोण में लगाना शुभ है। क्योंकि यह बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि वृक्ष है। नारियल का वृक्ष : हिन्दू धर्म में नारियल के बगैर तो कोई मंगल कार्य संपन्न होता ही नहीं। पूजा के दौरान कलश में पानी भरकर उसके ऊपर नारियल रखा जाता है। यह मंगल प्रतीक है। नारियल का प्रसाद भगवान को चढ़ाया जाता है। नारियल के पानी में पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है। इसे पीने से शरीर में किसी भी प्रकार की सुन्नता नहीं रहती। अनजाना भय : शनि, राहु या केतु...

Astrological Solutions: श्वेतार्क गणेश साधना , पूजन एवं महत्व

शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है - ‘‘ जहां कहीं भी यह पौधा अपने आप उग आता है, उसके आस-पास पुराना धन गड़ा होता है। जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी, वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी। इस प्रकार मदार का यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक एवं समृद्धिदाता है। सफेद मदार की जड़ में गणेशजी का वास होता है, कभी-कभी इसकी जड़ गणेशजी की आकृति ले लेती है। इसलिए सफेद मदार की जड़ कहीं से भी प्राप्त करें और उसकी श्रीगणेश की प्रतिमा बनवा लें। उस पर लाल सिंदूर का लेप करके उसे लाल वस्त्र पर स्.थापित करें। यदि जड़ गणेशाकार नहीं है, तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई जा सकती है। शास्त्रों में मदार की स्तुति इस मंत्र से करने का विघान है। गणेशोपासना में साधक लाल वस्त्र, लाल आसन, लाल पुष्प, लाल चंदन, मूंगा अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। नेवैद्य में गुड़ व मूंग के लडडू अर्पित करें।‘‘ ऊँ वक्रतुण्डाय हुम्’’ मंत्र का जप करें। श्रद्धा और भावना से की गई श्वेतार्क की पूजा का प्रभाव थोड़े बहुत समय बाद आप स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने लगेंगे। तंत्र शास्त्र में श्वेतार्क गणपति की पूजा का विधान है। यह आम लक्ष्मी व गणपति की प्रतिमाओं से भिन्न होती है। यह प्रतिमा किसी धातु अथवा पत्थर की नहीं बल्कि जंगल में पाये जाने वाले एक पौधे का श्वेत आक के नाम से जाना जाता है। इसकी जड़ कम से कम 27 वर्ष से ज्यादा पुरानी हो उसमें स्वतः ही गणेशजी की प्रतिमा बन जाती है। यह प्रकृति का एक आश्चर्य ही है। श्वेतक आक की जड़ (मूल) यदि खोदकर निकल दी जाये तो नीचे की जड़ में गणपति जी की प्रतिमा प्राप्त होगी। इस प्रतिमा का नित्य पूजन करने से साधक को धन-धान्य की प्राप्ति होती है। यह प्रतिमा स्वतः सिद्ध होती है। तन्त्र श...

Shwetark Ganesh: श्वेतार्क गणेश की पूजन विधि महत्त्व और उपाय

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अपामार्ग के फायदे

अपामार्ग (apamarga plant) को चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा, चिचड़ा भी बोलते हैं। यह एक बहुत ही साधारण पौधा है। आपने अपने घर के आस-पास, जंगल-झाड़ या अन्य स्थानों पर अपामार्ग का पौधा जरूर देखा होगा, लेकिन शायद इसे नाम से नहीं जानते होंगे। अपामार्ग की पहचान नहीं होने के कारण प्रायः लोग इसे बेकार ही समझते हैं, लेकिन आपका सोचना सही नहीं है। अपामार्ग (लटजीरा) एक जड़ी-बूटी है, और इसके कई औषधीय गुण हैं। कई रोगों के इलाज में अपामार्ग (चिरचिटा) के इस्तेमाल से फायदे (chirchita plant benefits) मिलते हैं। दांतों के रोग, घाव, पाचनतंत्र विकार सहित अनेक बीमारियों में अपामार्ग के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। अपामार्ग (लटजीरा) के गुण को आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, और रोगों को ठीक किया जाता है। अगर आप अपामार्ग (चिरचिटा) के फायदे के बारे में नहीं जानते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह एक ऐसा पौधा (apamarga plant) है जो हर जगह मिल जाता है। आप अपामार्ग से खांसी, मूत्र रोग, चर्म रोग सहित अन्य कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इसलिए आइए जानते हैं कि अपामार्ग (लटजीरा) के कौन-कौन से फायदे आप ले सकते हैं, या इससे क्या नुकसान हो सकता है। Contents • 1 अपामार्ग (चिरचिरा) क्या है? (What is Apamarg in Hindi?) • 2 अन्य भाषाओं में अपामार्ग (चिरचिरा) के नाम (Name of Apamarg in Different Languages) • 3 सफेद अपामार्ग (चिरचिरा) के फायदे और उपयोग (White Apamarg Benefits and Uses in Hindi) • 3.1 दांत के दर्द में अपामार्ग (चिरचिरा) के फायदे (Chirchita Plant Benefits to Treat Dental Pain in Hindi) • 3.2 चर्म रोग में अपामार्ग (चिरचिरा) के औषधीय गुण से फायदा (Apamarga Plant Uses to Tr...

वास्तु दोष निवारक विध्न विनाशक श्वेतार्क का पौधा

वास्तु के दोषों का निवारण करने के लिए श्वेतार्क के पौधे की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे संस्कृत में श्वेतार्क कहते हैं और हिंदी में इसे सफेद आक के नाम से जाना जाता है। इस चमत्कारी आक के पौधे में हरी और नीली पत्तियां होती हैं। इसका फूल आकार में छोटा होता है और इनमें से किसी प्रकार की सुगंध नहीं होती। सफेद आक के पौधों की शाखाएं सफेद होती हैं और फूल भी सफेद होते हैं। यह एक दुर्लभ पौधा है। इसकी जड़ धीरे-धीरे गणपति का रूप ले लेती है। इसलिए इसे श्वेतार्क गणपति कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार श्वेतार्क गणपति जिस घर में होता है, उस घर में सभी वास्तु दोष नष्ट हो जाते हैं। और उस भवन में रहने वाले व्यक्ति को अपार धन सम्पदा प्राप्त होती है। सफेद आक का प्रयोग पूजा में किया जाता है। कहते हैं कि अगर एक बार गणपति जागृत हो जाते हैं तो साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं रहता। सफेद आक की जड़ को बड़े ही ध्यान से निकालना चाहिए। जिससे वह सफेद ना हो। इसके पुष्प से भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह पौधा बड़ा ही चमत्कारी एकाग्रता, स्वास्थ्य और उत्साह को देने वाला है। इसे अपने घर में रखने वाले पर भगवान शिव और भगवान गणेश की विशेष कृपा रहती है। इस पौधे में विशेष औषधीय गुण होते हैं। जिस घर में इसकी जड़ होती है वहां कभी भी निर्धनता नहीं रहती और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। अपने इन अद्भुत गुणों के कारण ही इसे आधुनिक कल्पवृक्ष कहा जाता है। अक्षय तृतीया के शुभ दिन इसे अपने घर, दुकान, ऑफिस फैक्टरी आदि जगह पर लगाइए और अनुभव कीजिए इसके विघ्न विनाशक रिद्धि, सिद्धि दायक रहस्यमय प्रभाव को। आचार्य सचिन सबेसाची (वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषी) 9811322635/ 8459025648

Shwetark Ganpati Puja Significance For Money And Prosperity By Expert In Hindi

हिंदू धर्म में सभी भगवानों की पूजा करने का विधान है। जिसमें से सबसे प्रमुख हैं भगवान श्री गणेश। गणेश जी को प्रथम पूजनीय भी माना जाता है और उनकी सबसे पहले पूजा अर्चना की जाती है। हिन्दुओं में ऐसा माना जाता है कि जो भगवान् गणपति की विधि विधान से पूजा अर्चना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। लेकिन गणेश जी के कई प्रकारों में से एक हैं श्वेतार्क गणेश जी। ऐसा माना जाता है कि श्वेतार्क गणपति की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि तो आती ही है और घर की शांति भी बनी रहती है। दरअसल भगवान गणेश के अनेक रूपों में से एक चमत्कारी रूप है सफेद आंकड़े के गणेश। यही श्वेतार्क गणेश कहलाते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार आंकड़े के गणेशजी की पूजा से धन, सुख-सौभाग्य, ऐश्वर्य और सफलता प्राप्त होती है। यदि श्वेतार्क गणेशजी की प्रतिमा तिजोरी में रखी जाए तो स्थाई लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। घर में रिद्धि-सिद्धि की कृपा बनी रहती है। हर काम में लाभ प्राप्त होता है। आइए अयोध्या के जाने माने पंडित राधे शरण पाण्डेय शास्त्री जी से जानें कि श्वेतार्क गणपति की पूजा करने से क्या लाभ होते हैं और इन्हें घर में रखना किस तरह से आपके जीवन को खुशहाली से भर सकता है। क्या होते हैं श्वेतार्क गणपति पंडित जी बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार श्वेतार्क गणेशजी आंकड़े के पौधे की जड़ में प्रकट होते हैं। आंकड़े को आक का पौधा भी कहा जाता है। इस पौधे के फूलों को शिवलिंग पर भी अर्पित किया जाता है। आंकडे के पौधे की एक दुर्लभ प्रजाति है सफेद आंकड़ा। इसी सफेद आंकड़े की जड़ में श्वेतार्क गणपति की प्रतिकृति निर्मित होती है। इस पौधे की पहचान यह है कि इसके फूल सफेद होते हैं। किसी भी पौधे की ...