आईजीआरएस

  1. DM furious over negligence in disposal of IGRS
  2. समाधान : एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) यूपी
  3. Cooperative department at number one in redressal of IGRS complaints
  4. UP Jansunwai Portal/APP, Complaint Status
  5. IGRS AP 2023: बाजार मूल्य, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate), विलेख विवरण क्या होता है? जानिए
  6. Special adverse entry to BSA for not effective lobbying in court and negligence towards IGRS


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DM furious over negligence in disposal of IGRS

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री की प्राथमिकता से सम्बंधित विकास कार्यक्रम की समीक्षा की और कार्य में लापरवाही बरतने पर केराकत बीडीओ पर भड़क गये। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत पंचायत भवनों में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) संचालित हो जाये। आईजीआरएस के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि मौके का निरीक्षण अवश्य करें, शिकायकर्ता से अवश्य बात करें। किसी भी दशा में डिफॉल्टर न जाने पाएं। केराकत बीडीओ की ओर से आईजीआरएस के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर नाराजगी व्यक्त करते मुख्य विकास अधिकारी साई तेजा सीलम को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। आयुष्मान कार्ड के प्रगति की समीक्षा करते हुए सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह को निर्देश दिया कि रोस्टर के हिसाब गांव में जा जाकर आयुष्मान कार्ड बनवायें। मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत शादियां कराये जाने का निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिया। सभी नोडल अधिकारियों को अमृत सरोवर का निरीक्षण करने के निर्देश दिए और एसडीएम की सहायता से अवैध अतिक्रमण हटवाये जाने का भी निर्देश दिया। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि गोवंश सड़को पर घूमते न दिखे। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रतिदिन जनसुनवाई करे और चौपाल एवं समाधान दिवस पर आने वाली जन शिकायतो का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराये। इस दौरान जिलाधिकारी के द्वारा मेडिकल कालेज सहित जनपद में 50 लाख से अधिक लागत की परियोजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया समय से गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण कराये जाए। बैठक में पीडी जयकेश त्रिपाठी, डीएफओ प्रवीण खरे, जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ गोरख नाथ पटेल, जिला सूचना अधिकारी...

समाधान : एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) यूपी

जनसुनवाई समाधान पोर्टल पर नवीनतम अपडेट दिसंबर 2022: यूपी रेरा ने 2022 में 9,300 से अधिक शिकायतों को हल करने का दावा किया है, उसी वर्ष 6,900 नई शिकायतें दर्ज की गईं। प्राधिकरण त्वरित और संतोषजनक समाधान के साथ सर्वोत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, प्राधिकृत अधिकारियों ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन लगभग 25 मामलों का समाधान किया है। अधिकृत यूपी रेरा अधिकारियों में से एक ने कहा, "मार्च 2022 - 695 के महीने में अधिकतम शिकायतें दर्ज की गई थीं। दिसंबर 2022 में, केवल 320 शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2022 में सबसे कम थीं।" जनसुनवाई समाधान पोर्टल: एक सिंहावलोकन उत्तर प्रदेश के स्टाम्प और पंजीकरण विभाग के पास एक समर्पित पोर्टल है जो लोगों को विभिन्न उपयोगी ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच प्रदान करता है, जैसे दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना, स्टाम्प शुल्क विनिर्देशों, विशेष संपत्तियों के बारे में जानकारी आदि। समाधान के पास उत्तर प्रदेश में एक एकीकृत शिकायत निवारण तंत्र है जो नवीनतम तकनीकों का उपयोग करता है और सुशासन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करता है। इस पोर्टल से कोई भी नागरिक शिकायत कर सकता है और बड़ी आसानी से उस पर कार्रवाई कर सकता है। पोर्टल सभी प्रमुख प्लेटफार्मों से संबंधित शिकायतों को कवर करता है और गुणवत्ता, समय और संतुष्टि के मामले में उठाई गई शिकायतों का पूरी तरह से जवाब देता है। शिकायत दर्ज कराने के अलावा, निवासी आसानी से और पारदर्शी रूप से सरकार/विभागों/कार्यालयों के साथ संवाद भी कर सकते हैं। सभी एजेंसियां एक ही फोरम पर सभी स्रोतों से शिकायतों तक पहुंच, समाधान और ट्रैक करने में सक्षम ह...

Cooperative department at number one in redressal of IGRS complaints

सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने बताया है कि जनसुनवाई शिकायत समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) की शिकायतों के निस्तारण में सहकारिता विभाग पहले पायदान पर आया है। इस सफलता के लिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है। मंत्री ने बुधवार को आईजीआरएस पर आई शिकायतों के निस्तारण को लेकर समीक्षा बैठक की। जिसमें अधिकारियों ने आईजीआरएस से आई शिकायतों तथा उसके निस्तारण की प्रगति से उन्हें अवगत कराया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि सभी शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा के अंदर किया गया है।

UP Jansunwai Portal/APP, Complaint Status

UP Jansunwai Portal | जनसुनवाई आवेदन | जनसुनवाई का निस्तारण कैसे देखें | शिकायत स्थिति यूपी | UP Jansunwai APP उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा UP Jansunwai Portal 2023 की शुरुआत कर दी गयी है। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य के कोई भी नागरिक अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। इस पोर्टल के माध्यम से से सम्बंधित विभाग द्वारा आपकी समस्या का निवारण निर्धारित समय के अनुसार किया जायेगा। यह एक ऑनलाइन पोर्टल है जिसके माध्यम से राज्य का कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत को शासन स्तर पर पंहुचा सकता है। यूपी जनसुनवाई ऑनलाइन पोर्टल पर नागरिको द्वारा दर्ज की गई शिकायतों का सम्बंधित विभाग द्वारा शीघ्र निवारण किया जायेगा। इस लेख में हम आपको उत्तर प्रदेश जनसुनवाई के ऑनलाइन शिकायत,प्रवासी पंजीकरण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Jansunwai – यूपी जनसुनवाई पोर्टल क्या है? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे है, जिससे आम नागरिको को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। परन्तु दुःख की बात है की उत्तर प्रदेश आपराधिक घटनाओ के मामले में देश के अन्य राज्यों से काफी आगे है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिकायत निवारण प्रणाली UP Jansunwai Portal को शुरू किया गया है। एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली की आधिकारिक वेबसाइट (jansunwai.up.nic.in) के द्वारा आप आसानी से किसी भी प्रकार की आपराधिक, अवैध वसूली तथा भष्टाचार से सम्बंधित शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते है। आप इस पोर्टल की सहायता से उन सरकारी कर्मचारी या कर्मचारियों की शिकायत दर्ज करा सकते है जो अपने कर्त...

IGRS AP 2023: बाजार मूल्य, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate), विलेख विवरण क्या होता है? जानिए

संपत्ति पंजीकरण को आसान बनाने के लिए आंध्र प्रदेश में ई मुद्रांकन सुविधा शुरू की गई अप्रैल 2023: आंध्र प्रदेश सरकार ने हाल ही में ई स्टैंपिंग सुविधा शुरू की है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई ई-स्टांपिंग सेवा संपत्ति पंजीकरण को आसान बनाएगी। ई-स्टांपिंग सेवा से नागरिक सीधे स्टांप शुल्क का भुगतान कर सकेंगे। वे संपत्ति के पंजीकरण के लिए दस्तावेज खुद तैयार कर सकेंगे। ई स्टाम्पिंग सुविधा का उपयोग करते हुए, नागरिक स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन की वेबसाइट (https://www.stockholding.com/) पर या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके अपेक्षित स्टांप शुल्क का भुगतान करने में सक्षम होंगे। संपत्ति के मूल्य का पता चलने के बाद नागरिक नकद भुगतान कर सकेंगे। वर्तमान में, एसबीआई, यूनियन बैंक, आंध्र प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर और स्टाम्प विक्रेताओं की 1400 से अधिक शाखाओं में ई स्टाम्पिंग सुविधा उपलब्ध है। आंध्र प्रदेश में शुरू की गई भूमि पंजीकरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली हाल के घटनाक्रम में, आंध्र प्रदेश के पंजीकरण विभाग (IGRS AP) ने राज्य भर में एक ऑनलाइन भूमि पंजीकरण सेवा शुरू की है। राज्य सरकार पूरे राज्य के लिए भूमि पंजीकरण सेवा का विस्तार करेगी। जगन्नाथ भू हक्कू-भू संरक्षण पाठकम (पुनर्सर्वेक्षण और पुनर्वास) कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार ने पुनर्सर्वेक्षण परियोजना के पूरा होने के बाद एक पुख्ता शीर्षक और विलेख पंजीकरण प्रणाली की परिकल्पना की है। नई सार्वजनिक डेटा प्रविष्टि प्रणाली के तहत, नागरिक अपना डेटा IGRS वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं, एक समय स्लॉट प्राप्त कर सकते हैं और SRO कार्यालय में जा सकते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया 20 मिनट में पूरी हो जाएगी। सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शि...

Special adverse entry to BSA for not effective lobbying in court and negligence towards IGRS

लखनऊ। एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) में दर्ज मामलों को गम्भीरता से नहीं लिए जाने तथा कोर्ट केसों में प्रभावी पैरवी नहीं करने के आरोप में प्रदेश के तीन जिलों बलिया, संतकबीरनगर तथघा देवरिया के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को शासन ने विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के आदेश दिए हैं। तीनों जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर मुख्य रूप से आरोप यह है कि लम्बित कोर्ट केसेज से लेकर आईजीआरएस संदर्भों तथा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में घोर लापरवाही बरती गई है। शुक्रवार को देर शाम को शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सम्बन्धित प्रकरण में बलिया के बीएसए मनीराम सिंह, संतकबीर नगर के बीएसए अतुल कुमार तिवारी तथा देवरिया के बीएसए हरीश चन्द्र नाथ को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। मनीराम सिंह के पास केवल आईजीआरएस के ही 26 मामले लम्बित हैं जबकि कोर्ट केस आदि के भी 53 मामले लम्बित है। इसी प्रकार से अतुल कुमार तिवारी के पास 15 आईजीआरएस के एवं कोर्ट केस आदि के 18 प्रकरण लम्बित हैं। वहीं हरीश चन्द्र नाथ की पास आईजीआरएस के 11 तथा कोर्ट केस आदि के 55 मामले लम्बित हैं। इस सम्बन्ध में बीते 2 मई को हुई समीक्षा बैठक में इन तीनो अधिकारियों की लापरवाही के मामले सामने आए जिसे शासन ने गम्भीरता से लेते हुए उन्हें विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के आदेश दिए हैं जिसके परिप्रेक्षय में शुक्रवार की शाम को विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी कर दिए गए।